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शहडोल ब्यौहारी से दुर्गेश कुमार गुप्ता
Durgesh Kumar Gupta
शहडोल ब्यौहारी से दुर्गेश कुमार गुप्ता
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- सीधी जिले के कुसमी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत रौहाल चौराहे पर रविवार दोपहर उस समय हड़कंप मच गया, जब सड़क किनारे एक युवक अचेत अवस्था में पड़ा मिला।1
- मऊगंज जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि एक युवती और महिला कंपोजिट शराब की दुकान से शराब खरीद रही है।1
- मंच पर जैसे ही कलाकार ने हारमोनियम को छुआ, ऐसा लगा मानो वाद्य खुद गाने लगा हो। हर सुर में इतनी गहराई और भाव था कि श्रोता स्तब्ध रह गए और रोंगटे खड़े हो गए। संगीत की इस दुर्लभ प्रस्तुति ने साबित कर दिया कि जब साधना सच्ची हो, तो वाद्य भी जीवंत हो उठते हैं। यह पल सुनने वालों के दिलों में हमेशा गूंजता रहेगा। #Goosebumps #IndianMusic #Harmonium #ClassicalMusic #MusicLovers #ViralReels #SoulfulMusic #DidYouKnow #TrendingNow1
- *शासकीय उचित मूल्य दुकान में खुला भ्रष्टाचार का खेल छह वार्डों के गरीबों से लूट, प्रशासनिक संरक्षण के आरोप* *जिला प्रशासन चुप गरीबों के साथ अन्याय, मंत्री के नाम की धौस* कटनी – विजयराघवगढ़ नगर में संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान गरीबों के हक पर डाका डालने का अड्डा बनती जा रही है। छह वार्डों का राशन वितरण करने वाली इस दुकान में नियम-कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। न दुकान का स्पष्ट पता, न रेट लिस्ट चस्पा और न ही पारदर्शिता। आरोप है कि प्रशासनिक तंत्र की नाक के नीचे या कहें उसकी मूक सहमति से जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि इस कथित अंधेरगर्दी का संचालन एक महिला के नाम पर पंजीकृत दुकान से किया जा रहा है। जबकि व्यवहारिक रूप से संचालन कोई और कर रहा है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि अधिकारियों को खुश करना और गरीबों को लूटना इस दुकान का रिवाज बन चुका है। वर्षों से गरीबों के निवाले पर डाका डाला जा रहा है और जवाबदेही शून्य है।शिकायत के बाद मामले ने तब और गंभीर मोड़ लिया जब आरोप सामने आया कि कुलदीप तिवारी जो स्वयं को दुकान का संचालक बताता है शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा है। आरोप है कि वह *भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व संगठन मंत्री जितेन्द्र लोरियाँ के नाम का दुरुपयोग करते हुए फोन पर बात कराने की धमकी देता है*। जबकि दुकान महिला के नाम पर पंजीकृत है ऐसे में संचालन और जिम्मेदारी को लेकर सवाल और गहरे हो जाते हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि गरीबों का अनाज पचा कर प्रभावशाली लोगों की जेबें भरी जा रही हैं और इसी वजह से लंबे समय से इस भ्रष्टाचार को प्रशासनिक संरक्षण मिलता रहा। यदि सब कुछ ठीक था तो फिर शिकायतों के बाद ही लगातार दो दिनों से अनाज वितरण क्यों शुरू हुआ क्या यह पहली बार है जब नियमों के मुताबिक वितरण किया जा रहा है। यह मामला सिर्फ एक दुकान का नहीं, बल्कि पूरी प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। सवाल साफ हैं बिना रेट लिस्ट और सूचना के दुकान कैसे चल रही थी। किसके संरक्षण में वर्षों तक नियमों का उल्लंघन होता रहा प्रभावशाली नामों की धौंस देकर शिकायत दबाने की कोशिश क्यों अब आवश्यकता है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो स्टॉक रजिस्टर वितरण पर्ची ई-पॉस मशीन और लाभार्थी सूची का भौतिक सत्यापन कराया जाए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो।क्योंकि गरीबों के निवाले पर हाथ डालने वालों के लिए नरमी नहीं सख्ती ही न्याय है।2
- नववर्ष से पहले ढीमरखेड़ा पुलिस का नशे पर ताबड़तोड़ प्रहार सुरक्षा, शांति और कानून-व्यवस्था को लेकर चला सख्त चेकिंग अभियान कटनी। नववर्ष के स्वागत से पहले जिले में नशा, हुड़दंग और अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए ढीमरखेड़ा पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गई है। पुलिस अधीक्षक कटनी श्री अभिनय विश्वकर्मा (IPS) के सख्त निर्देशों पर तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री डॉ. संतोष डेहरिया एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) श्रीमती आकांक्षा चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में नशे के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 🚔 हर संदिग्ध पर पैनी नजर अभियान के तहत बाजार, ढाबे, होटल-रेस्टोरेंट, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक स्थल एवं संवेदनशील क्षेत्रों में सघन चेकिंग की जा रही है। पुलिस टीमें लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं, जिससे असामाजिक तत्वों में हड़कंप मचा हुआ है। 🍺 नशे में वाहन चलाया तो सीधे कार्रवाई नशे की हालत में वाहन चलाने वालों की ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच की जा रही है। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट सहित अन्य वैधानिक धाराओं में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अवैध शराब व मादक पदार्थों के क्रय-विक्रय में लिप्त लोगों पर भी पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। 🗣️ पुलिस की दो टूक अपील ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी श्री अभिषेक चौबे ने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि— नववर्ष का उत्सव शांति, संयम और कानून के दायरे में मनाएं। नशे से दूर रहें और किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनसहयोग से ही सुरक्षित, शांतिपूर्ण और खुशहाल नववर्ष संभव है। ⚠️ संदेश साफ है नशा नहीं—सुरक्षा चाहिए, हुड़दंग नहीं—शांति चाहिए, कानून तोड़ा तो कार्रवाई तय है।4
- अमरपुर में बाघ की दहशत घर पर घुसा बाघ व्यक्ति पर हमला उक्त व्यक्ति को गंभीर हालत7
- ब्यौहारी से दुर्गेश कुमार गुप्ता1
- *बहोरीबंद थाना पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप, वीडियो सामने आने से मचा हड़कंप* *आम आदमी पार्टी जिला अध्यक्ष ने जारी किया वीडियो* कटनी। जिले के बहोरीबंद थाने में पदस्थ उप निरीक्षक पर अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। आरोप है कि थाना परिसर में पक्षकारों को अनावश्यक रूप से बैठाकर उनसे पैसों की मांग की जाती थी। इस मामले में एक वीडियो सामने आने के बाद पूरे पुलिस महकमे में हलचल मच गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उप निरीक्षक संत लाल गोटिया पर ₹5000 और ₹3000 की राशि कई बार वसूले जाने के आरोप लगाए गए हैं। आरोप लगाने वालों का कहना है कि पैसे नहीं देने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। सबसे अहम बात यह है कि एक कथित वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें संबंधित अधिकारी पैसे लेने की बात स्वीकार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, वीडियो की सत्यता की पुष्टि अभी आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है और निष्पक्ष फॉरेंसिक जांच की मांग की जा रही है। स्थानीय स्तर पर यह भी चर्चा है कि वसूली गई रकम थाना प्रभारी तक पहुंचाई जाती थी। यदि यह आरोप सही पाए जाते हैं, तो मामला केवल एक अधिकारी तक सीमित न होकर पूरे थाने में चल रहे कथित वसूली तंत्र की ओर इशारा करता है। इस पूरे मामले को लेकर एडवोकेट अनिल सिंह सेंगर, जिलाध्यक्ष (आप), कटनी ने पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि वायरल वीडियो की कानूनी एवं फॉरेंसिक जांच कराई जाए, दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए तथा पीड़ित पक्षों को सुरक्षा और न्याय प्रदान किया जाए। फिलहाल पुलिस प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि उच्च अधिकारी इस गंभीर आरोपों वाले मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।1
- किसके इशारे पर रातों-रात नेस्तनाबूद हुआ छत्रसाल स्टेडियम का चबूतरा? बिना अनुमति तोड़फोड़, फुटबॉल गोल पोस्ट भी उखाड़े गए — प्रशासन मौन सीधी। सीधी शहर एक बार फिर विकास नहीं, बल्कि नियमों की खुलेआम अनदेखी को लेकर चर्चा में है। कानून और प्रक्रिया को ताक पर रखकर प्रशासनिक लापरवाही का जो नज़ारा छत्रसाल स्टेडियम में देखने को मिला, उसने खिलाड़ियों से लेकर आम नागरिकों तक को हैरान कर दिया है। बीती शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात छत्रसाल स्टेडियम के मेन स्टेज के नीचे बने विशाल चबूतरे को जड़ से खोदकर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया, वहीं फुटबॉल मैदान में लगे गोल पोस्ट भी उखाड़ दिए गए। सुबह जब लोगों को इसकी जानकारी मिली तो स्टेडियम में भारी भीड़ जुट गई और सवालों की बौछार शुरू हो गई। क्रिकेट टूर्नामेंट के नाम पर मनमानी? बताया जा रहा है कि स्टेडियम में एक भव्य क्रिकेट टूर्नामेंट प्रस्तावित है, जिसमें देश-विदेश के खिलाड़ी शामिल होंगे। इस आयोजन से जुड़े कुछ सत्ताधारी भाजपा के राजनीतिक परिवारों पर आरोप है कि मंच के नीचे बना चबूतरा और फुटबॉल के गोल पोस्ट “बाधा” बन रहे थे। आरोप यह भी है कि राजनीतिक प्रभाव के चलते बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के यह तोड़फोड़ कराई गई। 26 जनवरी और दशहरा की तैयारियों पर संकट यह चबूतरा वर्षों से गणतंत्र दिवस, दशहरा और सांस्कृतिक आयोजनों का अहम हिस्सा रहा है। अब जबकि 26 जनवरी में एक माह से भी कम समय बचा है, इस सुविधा को खत्म कर देना सरकारी कार्यक्रमों की तैयारी पर सीधा असर डालने वाला कदम माना जा रहा है। सीएमओ के आदेश के बिना कैसे हुई कार्रवाई? सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर पालिका सीधी की सीएमओ मिनी अग्रवाल का कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ, फिर यह चबूतरा कैसे तोड़ा गया? जब इस संबंध में सीएमओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। राजनीतिक बयान जिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्ञान सिंह चौहान ने इसे गंभीर साजिश बताते हुए कहा— “बिना अनुमति चबूतरा तोड़ना निंदनीय है। प्रशासन को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तत्काल जांच कर दोषियों को उजागर करना चाहिए।” वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष देवकुमार सिंह ने कहा— “हमें अभी इस मामले की जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर ही कुछ कह पाऊंगा।” सबको पता, फिर भी चुप्पी स्टेडियम में हुई इस कार्रवाई को लेकर ऑफ द रिकॉर्ड सब कुछ स्पष्ट होने के बावजूद, प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। खिलाड़ियों में भारी आक्रोश है और सवाल वही है— 👉 किसके इशारे पर तोड़ा गया चबूतरा? 👉 क्या कानून राजनीतिक प्रभाव से छोटा पड़ गया? अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले को रहस्य बनाए रखता है या सच सामने लाता है।1