शादी क़े 6 माह बाद रिश्तो में पड़ी दरार तो गेस्ट हॉउस में हुई पंचायत.. यहाँ भिड़ गए दोनों पक्ष viralvideo UP क़े कन्नौज में शादी के महज छह महीने बाद रिश्तों में आई दरार ने एक गेस्ट हाउस को रणभूमि बना दिया। शाहजहांपुर निवासी प्रशांत और इटावा की शिवानी के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों ने छिबरामऊ के एक गेस्ट हाउस में महापंचायत बुलाई थी। लेकिन समझौते की कोशिशें उस वक्त धरी रह गई... जब कहासुनी क़े बाद माहौल बिगड़ गया और दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। 🔍 ₹20 लाख की मांग बनी विवाद की जड़... शिवानी ने प्रशांत पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पंचायत में जेवर वापसी और ₹20 लाख इलूमिनी की मांग को लेकर बातचीत चल रही थी। इसी दौरान कहासुनी बढ़ी और एक पक्ष ने जूता चला दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। हंगामे में शिवानी घायल हो गईं। अन्य लोगों को भी चोटें आईं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें दोनों पक्षों को एक-दूसरे पर हमला करते देखा जा सकता है। छिबरामऊ पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। घायलों का मेडिकल परीक्षण कराया गया है।
शादी क़े 6 माह बाद रिश्तो में पड़ी दरार तो गेस्ट हॉउस में हुई पंचायत.. यहाँ भिड़ गए दोनों पक्ष viralvideo UP क़े कन्नौज में शादी के महज छह महीने बाद रिश्तों में आई दरार ने एक गेस्ट हाउस को रणभूमि बना दिया। शाहजहांपुर निवासी प्रशांत और इटावा की शिवानी के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों ने छिबरामऊ के एक गेस्ट हाउस में महापंचायत बुलाई थी। लेकिन समझौते की कोशिशें उस वक्त धरी रह गई... जब कहासुनी क़े बाद माहौल बिगड़ गया और दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। 🔍 ₹20 लाख की मांग बनी विवाद की जड़... शिवानी ने प्रशांत पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पंचायत में जेवर वापसी और ₹20 लाख इलूमिनी की मांग को लेकर बातचीत चल रही थी। इसी दौरान कहासुनी बढ़ी और एक पक्ष ने जूता चला दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। हंगामे में शिवानी घायल हो गईं। अन्य लोगों को भी चोटें आईं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें दोनों पक्षों को एक-दूसरे पर हमला करते देखा जा सकता है। छिबरामऊ पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। घायलों का मेडिकल परीक्षण कराया गया है।
- User9396Kekri, Ajmer🙏on 8 August
- Vishvinder BaghelAjmer, Rajasthan💣on 7 August
- Vijay RanaRajasthan🙏on 5 August
- Vijay RanaRajasthan😤on 5 August
- पूजाAjmer, Rajasthan😤on 5 August
- पूजाAjmer, Rajasthan😤on 5 August
- User10877Ajmer, Rajasthan💣on 4 August
- Ajmer news aapka bhai banaa rahega ke ke bahar black mein daru bik rahi hai kya bolate bhai log khabar dete rahenge machaenge1
- पुष्कर विधायक कैबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत ने की प्रेस वार्ता1
- मेड़ता बनेगा किसान राजनीति का केंद्र, सीएम–केंद्रीय मंत्री देंगे बड़ी सौगात1
- अरावली जंगलों ओर बीकानेर क्षेत्र में पेड़ कटाई कारण और प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स आईरा न्यूज बीकानेर इकबाल खान, राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला के जंगलों को काटने का मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से जुड़ा है, जहां 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को 'अरावली' की परिभाषा से बाहर कर दिया गया। यह तकनीकी व्याख्या खनन और विकास परियोजनाओं का रास्ता खोल रही, जिससे पर्यावरणीय संरक्षण कमजोर हो रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला रेगिस्तान के विस्तार को बढ़ावा देगा, लेकिन सरकारें आर्थिक विकास के नाम पर आगे बढ़ रही। *कटाई के प्रमुख कारण* खनन की अनुमति: सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट पर आधारित 100 मीटर ऊंचाई की सीमा स्वीकार की, जिससे अरावली के 90% हिस्से (कम ऊंचाई वाले) में खनन, निर्माण और भूमि अधिग्रहण संभव हो गया। यह 23 साल पुराने संरक्षण आदेश को कमजोर करता है, जहां खनन माफिया सक्रिय हो सकते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स: सौर ऊर्जा कंपनियां भूमि हासिल करने के लिए पेड़ काट रही, खासकर बीकानेर और जोधपुर जैसे जिलों में। सरकार का लक्ष्य 2030 तक सौर क्षमता बढ़ाना है, लेकिन पर्यावरणीय ऑडिट की कमी से जंगल प्रभावित। विकास और बुनियादी ढांचा: सड़कें, सब-स्टेशन और हाइड्रो-सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि साफ की जा रही, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के बजाय पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रही। वहां लगने वाले प्रोजेक्ट्स सौर ऊर्जा प्लांट्स: बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर में बड़े सोलर फार्म्स, जहां खेजड़ी जैसे पेड़ काटे जा रहे। सरकार ने 9 सोलर-हाइड्रो प्रोजेक्ट्स मंजूर किए, जो 500,000 से अधिक पेड़ों को प्रभावित करेंगे। खनन और निर्माण: कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पत्थर खदानें, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे हरियाणा-राजस्थान सीमा पर। अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के बावजूद, खनन को प्राथमिकता मिल रही। अन्य विकास सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित क्षेत्रों में बफर जोन के बाहर सड़कें और सब-स्टेशन, जो दिल्ली-एनसीआर की ऊर्जा जरूरतें पूरी करेंगे, लेकिन रेगिस्तान विस्तार का खतरा बढ़ा रहा। पर्यावरण कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील कर धरना प्रदर्शन कर है।कि कटाई रोककर सख्त नियम लागू हों, वरना जल संकट और प्रदूषण गंभीर हो जाएगा।1
- Post by Awana Cab1
- भारतीय मजदूर संघ की 26 दिसंबर की राज्य स्तरीय रैली को लेकर जोधपुर में पोस्टर विमोचन जोधपुर5
- Manish Yadav MLA teh Shahpura happy Birthday ji 🙏🙏 #ManishYadav #PravinVyas #Vikasjiprofessor #sarvSamaj1
- जयपुर घूमने आए पर्यटक हो रहे हैं परेशान 🚕 करियर (Carrier) को लेकर लगातार बढ़ रही सख्ती से अब पर्यटक भी परेशान नजर आ रहे हैं। एक कस्टमर ने खुद अपनी आपबीती साझा की, जिसमें बताया कि कैसे टैक्सी में करियर होने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। 📹 पूरी सच्चाई जानने के लिए वीडियो जरूर देखें 👉 और जुड़ें रहिए हमारे साथ Just Jaipur Live 🗣️ आपकी आवाज़, आपकी बात — हम उठाएंगे सही मुद्दा #JaipurTourism #TouristProblem #TaxiDriverIssue #CarrierControversy #JustJaipurLive1