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सौ मीटर का मापदंड भ्रामक, अरावली से जुड़ी हर पहाड़ी संरक्षण की हकदार : कपिल भट्ट संवाददाता - संतोष व्यास डूंगरपुर। जिला कांग्रेस पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ डूंगरपुर की ओर से अरावली पर्वतमाला क्षेत्र में बढ़ते अवैध खनन, भूमि उपयोग परिवर्तन और पर्यावरणीय क्षरण के विरोध में माननीय राज्यपाल के नाम उपखण्ड अधिकारी सागवाड़ा को ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष कपिल भट्ट ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हालिया निर्णय से अरावली पर्वतमाला और उससे जुड़ी स्थानीय भू-आकृतियाँ गंभीर खतरे में आ गई हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सौ मीटर या उससे अधिक ऊँचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली मानने संबंधी शपथ पत्र के आधार पर पारित निर्णय से विशेषकर दक्षिणी राजस्थान में अवैध खनन, कॉलोनीकरण और भूमि उपयोग परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा। भट्ट ने कहा कि एफएसआई की वैज्ञानिक रिपोर्ट और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के विपरीत इस निर्णय से ज़मीनी स्तर पर बेहद चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने तर्क दिया कि किसी भी प्राकृतिक संरचना की उत्पत्ति शून्य से होती है, न कि सीधे सौ मीटर से, ऐसे में यह कहना कि सौ मीटर से नीचे की पहाड़ियाँ अरावली का हिस्सा नहीं हैं, पूरी तरह अवैज्ञानिक और हास्यास्पद है। उन्होंने बताया कि अरावली पर्वतमाला राजस्थान की जल सुरक्षा, भूजल पुनर्भरण, वन संपदा और पर्यावरणीय संतुलन की रीढ़ है। इसका विनाश संविधान के अनुच्छेद 48ए, 51ए(जी) तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की भावना के भी विरुद्ध है। यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए तो आने वाली पीढ़ियों को गंभीर जल और पर्यावरण संकट का सामना करना पड़ेगा। कपिल भट्ट ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकार पुनः विशेषज्ञ समिति गठित कर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित सौ मीटर के मापदंड को समाप्त करे तथा अरावली श्रृंखला से जुड़ी प्रत्येक छोटी-बड़ी पहाड़ी को अरावली का हिस्सा मानते हुए उसके खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए। साथ ही अवैध खनन में शामिल व्यक्तियों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर पर्यावरणीय क्षति की वसूली की जाए। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष रूपशंकर त्रिवेदी ने कहा कि अरावली क्षेत्र में हो रही गतिविधियाँ सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के स्पष्ट रूप से विपरीत हैं। राज्य सरकार को तत्काल अवैध खनन और भूमि उपयोग परिवर्तन पर रोक लगाकर न्यायालय के निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित करनी चाहिए। अंत में कांग्रेस पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ ने स्पष्ट किया कि अरावली का संरक्षण केवल पर्यावरण का विषय नहीं, बल्कि जन-जीवन और राज्य के भविष्य से जुड़ा गंभीर प्रश्न है, जिस पर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर कैलाश रोत, चंद्रशेखर सिंघवी, मनोहर कोटेड, कल्पेश रावल, चंद्रप्रकाश सारगिया, यूनुस पिंजारा, इस्माइल बिल्ला, फारुख लखारा, रविशंकर भट्ट, गोविन्द डांगी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे।

3 hrs ago
user_Santosh vyas
Santosh vyas
Newspaper advertising department डूंगरपुर, डूंगरपुर, राजस्थान•
3 hrs ago

सौ मीटर का मापदंड भ्रामक, अरावली से जुड़ी हर पहाड़ी संरक्षण की हकदार : कपिल भट्ट संवाददाता - संतोष व्यास डूंगरपुर। जिला कांग्रेस पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ डूंगरपुर की ओर से अरावली पर्वतमाला क्षेत्र में बढ़ते अवैध खनन, भूमि उपयोग परिवर्तन और पर्यावरणीय क्षरण के विरोध में माननीय राज्यपाल के नाम उपखण्ड अधिकारी सागवाड़ा को ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष कपिल भट्ट ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हालिया निर्णय से अरावली पर्वतमाला और उससे जुड़ी स्थानीय भू-आकृतियाँ गंभीर खतरे में आ गई हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सौ मीटर या उससे अधिक ऊँचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली मानने संबंधी शपथ पत्र के आधार पर पारित निर्णय से विशेषकर दक्षिणी राजस्थान में अवैध खनन, कॉलोनीकरण और भूमि उपयोग परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा। भट्ट ने कहा कि एफएसआई की वैज्ञानिक रिपोर्ट और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के विपरीत इस निर्णय से ज़मीनी स्तर पर बेहद चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने तर्क दिया कि किसी भी प्राकृतिक संरचना की उत्पत्ति शून्य से होती है, न कि सीधे सौ मीटर से, ऐसे में यह कहना कि सौ मीटर से नीचे की पहाड़ियाँ अरावली का हिस्सा नहीं हैं, पूरी तरह अवैज्ञानिक और हास्यास्पद है। उन्होंने बताया कि अरावली पर्वतमाला राजस्थान की जल सुरक्षा, भूजल पुनर्भरण, वन संपदा और पर्यावरणीय संतुलन की रीढ़ है। इसका विनाश संविधान के अनुच्छेद 48ए, 51ए(जी) तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की भावना के भी विरुद्ध है। यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए तो आने वाली पीढ़ियों को गंभीर जल और पर्यावरण संकट का सामना करना पड़ेगा। कपिल भट्ट ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकार पुनः विशेषज्ञ समिति गठित कर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित सौ मीटर के मापदंड को समाप्त करे तथा अरावली श्रृंखला से जुड़ी प्रत्येक छोटी-बड़ी पहाड़ी को अरावली का हिस्सा मानते हुए उसके खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए। साथ ही अवैध खनन में शामिल व्यक्तियों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर पर्यावरणीय क्षति की वसूली की जाए। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष रूपशंकर त्रिवेदी ने कहा कि अरावली क्षेत्र में हो रही गतिविधियाँ सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के स्पष्ट रूप से विपरीत हैं। राज्य सरकार को तत्काल अवैध खनन और भूमि उपयोग परिवर्तन पर रोक लगाकर न्यायालय के निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित करनी चाहिए। अंत में कांग्रेस पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ ने स्पष्ट किया कि अरावली का संरक्षण केवल पर्यावरण का विषय नहीं, बल्कि जन-जीवन और राज्य के भविष्य से जुड़ा गंभीर प्रश्न है, जिस पर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर कैलाश रोत, चंद्रशेखर सिंघवी, मनोहर कोटेड, कल्पेश रावल, चंद्रप्रकाश सारगिया, यूनुस पिंजारा, इस्माइल बिल्ला, फारुख लखारा, रविशंकर भट्ट, गोविन्द डांगी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे।

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  • संवाददाता - संतोष व्यास डूंगरपुर। जिला कांग्रेस पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ डूंगरपुर की ओर से अरावली पर्वतमाला क्षेत्र में बढ़ते अवैध खनन, भूमि उपयोग परिवर्तन और पर्यावरणीय क्षरण के विरोध में माननीय राज्यपाल के नाम उपखण्ड अधिकारी सागवाड़ा को ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष कपिल भट्ट ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हालिया निर्णय से अरावली पर्वतमाला और उससे जुड़ी स्थानीय भू-आकृतियाँ गंभीर खतरे में आ गई हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सौ मीटर या उससे अधिक ऊँचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली मानने संबंधी शपथ पत्र के आधार पर पारित निर्णय से विशेषकर दक्षिणी राजस्थान में अवैध खनन, कॉलोनीकरण और भूमि उपयोग परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा। भट्ट ने कहा कि एफएसआई की वैज्ञानिक रिपोर्ट और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के विपरीत इस निर्णय से ज़मीनी स्तर पर बेहद चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने तर्क दिया कि किसी भी प्राकृतिक संरचना की उत्पत्ति शून्य से होती है, न कि सीधे सौ मीटर से, ऐसे में यह कहना कि सौ मीटर से नीचे की पहाड़ियाँ अरावली का हिस्सा नहीं हैं, पूरी तरह अवैज्ञानिक और हास्यास्पद है। उन्होंने बताया कि अरावली पर्वतमाला राजस्थान की जल सुरक्षा, भूजल पुनर्भरण, वन संपदा और पर्यावरणीय संतुलन की रीढ़ है। इसका विनाश संविधान के अनुच्छेद 48ए, 51ए(जी) तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की भावना के भी विरुद्ध है। यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए तो आने वाली पीढ़ियों को गंभीर जल और पर्यावरण संकट का सामना करना पड़ेगा। कपिल भट्ट ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकार पुनः विशेषज्ञ समिति गठित कर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित सौ मीटर के मापदंड को समाप्त करे तथा अरावली श्रृंखला से जुड़ी प्रत्येक छोटी-बड़ी पहाड़ी को अरावली का हिस्सा मानते हुए उसके खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए। साथ ही अवैध खनन में शामिल व्यक्तियों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर पर्यावरणीय क्षति की वसूली की जाए। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष रूपशंकर त्रिवेदी ने कहा कि अरावली क्षेत्र में हो रही गतिविधियाँ सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के स्पष्ट रूप से विपरीत हैं। राज्य सरकार को तत्काल अवैध खनन और भूमि उपयोग परिवर्तन पर रोक लगाकर न्यायालय के निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित करनी चाहिए। अंत में कांग्रेस पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ ने स्पष्ट किया कि अरावली का संरक्षण केवल पर्यावरण का विषय नहीं, बल्कि जन-जीवन और राज्य के भविष्य से जुड़ा गंभीर प्रश्न है, जिस पर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर कैलाश रोत, चंद्रशेखर सिंघवी, मनोहर कोटेड, कल्पेश रावल, चंद्रप्रकाश सारगिया, यूनुस पिंजारा, इस्माइल बिल्ला, फारुख लखारा, रविशंकर भट्ट, गोविन्द डांगी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे।
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    संवाददाता - संतोष व्यास
डूंगरपुर। जिला कांग्रेस पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ डूंगरपुर की ओर से अरावली पर्वतमाला क्षेत्र में बढ़ते अवैध खनन, भूमि उपयोग परिवर्तन और पर्यावरणीय क्षरण के विरोध में माननीय राज्यपाल के नाम उपखण्ड अधिकारी सागवाड़ा को ज्ञापन सौंपा गया।
इस मौके पर पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष कपिल भट्ट ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हालिया निर्णय से अरावली पर्वतमाला और उससे जुड़ी स्थानीय भू-आकृतियाँ गंभीर खतरे में आ गई हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सौ मीटर या उससे अधिक ऊँचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली मानने संबंधी शपथ पत्र के आधार पर पारित निर्णय से विशेषकर दक्षिणी राजस्थान में अवैध खनन, कॉलोनीकरण और भूमि उपयोग परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा।
भट्ट ने कहा कि एफएसआई की वैज्ञानिक रिपोर्ट और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के विपरीत इस निर्णय से ज़मीनी स्तर पर बेहद चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने तर्क दिया कि किसी भी प्राकृतिक संरचना की उत्पत्ति शून्य से होती है, न कि सीधे सौ मीटर से, ऐसे में यह कहना कि सौ मीटर से नीचे की पहाड़ियाँ अरावली का हिस्सा नहीं हैं, पूरी तरह अवैज्ञानिक और हास्यास्पद है।
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    user_Santosh vyas
    Santosh vyas
    Newspaper advertising department डूंगरपुर, डूंगरपुर, राजस्थान•
    3 hrs ago
  • ad आपकी अपनी दुकान इस दुकान के प्रोपराइटर राकेश जी जगदाले लगभग इसी व्यवसाय में 20 25 वर्ष हो गए हैं जाना पहचाना नाम में
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    ad आपकी अपनी दुकान इस दुकान के प्रोपराइटर राकेश जी जगदाले लगभग इसी व्यवसाय में 20  25 वर्ष हो गए हैं जाना पहचाना नाम में
    user_Reporter
    Reporter
    Journalist प्रतापगढ़, प्रतापगढ़, राजस्थान•
    5 hrs ago
  • रतलाम जिले का कैंप बार भारतीय अंतरराष्ट्रीय स्तर की भारतीय सुरक्षा कंपनी नियुक्ति दिनांक 24-12-2025 जनपद पंचायत पिपलोदा 1 दिन का कैंप रखा गया है भारत सरकार द्वारा सिविल डिफेंस के तट रजिस्ट्रेशन किया जाएगा दिए गए नंबर पर संपर्क करें Mo 9009168079
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    रतलाम जिले का कैंप बार भारतीय अंतरराष्ट्रीय स्तर की भारतीय सुरक्षा कंपनी नियुक्ति दिनांक 24-12-2025 जनपद पंचायत पिपलोदा 1 दिन का कैंप रखा गया है भारत सरकार द्वारा सिविल डिफेंस के तट रजिस्ट्रेशन किया जाएगा दिए गए नंबर पर संपर्क करें 
Mo 9009168079
    user_Narayan Singh Bharti Adhikari RTA NEEMUCH
    Narayan Singh Bharti Adhikari RTA NEEMUCH
    Security Guard पिपलौदा•
    1 hr ago
  • सिरोही जिले के रेवदर के पूर्व विधायक जगसीराम कोली के कृषि कुएं पर जुए सट्टे के खिलाफ पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई के बाद पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कंसे तंज
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    सिरोही जिले के रेवदर के पूर्व विधायक जगसीराम कोली के कृषि कुएं पर जुए सट्टे के खिलाफ पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई के बाद पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कंसे तंज
    user_SIROHI TODAY NEWS
    SIROHI TODAY NEWS
    Journalist पिंडवाड़ा, सिरोही, राजस्थान•
    7 hrs ago
  • नंदलाल पुरबिया न्यू द्वारकेश न्यूज़ चैनल नांदोली राजसमंद राजस्थान द्वारा जनहित में प्रसारित
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    नंदलाल पुरबिया न्यू द्वारकेश न्यूज़ चैनल नांदोली राजसमंद राजस्थान द्वारा जनहित में प्रसारित
    user_फोटोग्राफर नंदलाल पुरबिया नांदोली राजसमंद राजस्थान
    फोटोग्राफर नंदलाल पुरबिया नांदोली राजसमंद राजस्थान
    Photographer राजसमंद, राजसमंद, राजस्थान•
    3 hrs ago
  • मंगल कामनाओं के साथ शुभ रात्रि 🙏💙
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    मंगल कामनाओं के साथ शुभ रात्रि 🙏💙
    user_Madhav lal Bairwa
    Madhav lal Bairwa
    Artist कपासन, चित्तौड़गढ़, राजस्थान•
    21 hrs ago
  • Post by Sandip Bagri
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    Post by Sandip Bagri
    user_Sandip Bagri
    Sandip Bagri
    मंदसौर, मंदसौर, मध्य प्रदेश•
    22 hrs ago
  • संवाददाता - संतोष व्यास डूंगरपुर। राज्य सरकार के वर्तमान कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने तथा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से राज्यभर में 11 दिसंबर से 25 दिसंबर 2025 तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को परिवहन विभाग द्वारा जिला प्रशासन, पुलिस विभाग एवं एनएचएआई के सहयोग से राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोगा मोड़–बिछीवाड़ा के पास एक भीषण सड़क दुर्घटना की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। जिला परिवहन अधिकारी मनीष माथुर ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान दो वाहनों की आमने-सामने टक्कर दर्शाई गई, जिसमें कई लोगों के घायल होने की स्थिति बनाई गई। सूचना मिलते ही प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए एनएचएआई, चिकित्सा विभाग की 108 एंबुलेंस एवं अग्निशमन दल को मौके पर भेजा। मौके पर बिछीवाड़ा एसडीएम शाहिन अंजुम, थाना प्रभारी कैलाश सोनी, परिवहन निरीक्षक अभिषेक शर्मा, सुरेंद्र सिंह चौहान तथा एनएचएआई से अन्ना दुराई प्रोजेक्ट मैनेजर चौधरी उपस्थित रहे। सभी संबंधित अधिकारियों ने आपात स्थिति प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आवश्यक कार्रवाई की और मॉक ड्रिल को सफलतापूर्वक संपन्न कराया। एंबुलेंस एवं मेडिकल टीम द्वारा घायलों की त्वरित जांच कर उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया तथा एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया। साथ ही घायलों का विवरण एवं दुर्घटनाग्रस्त वाहनों की स्थिति का रिकॉर्ड संबंधित विभागों द्वारा तैयार किया गया। इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपात स्थिति में प्रशासन के सभी संबंधित विभागों की तैयारी का आकलन करना तथा वास्तविक परिस्थितियों में त्वरित और समन्वित कार्यवाही सुनिश्चित करना था। इसी क्रम में एनआईसी विभाग के राकेश चौसिया द्वारा आई-रेड एवं ई-डार पोर्टल पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के सभी थानों एवं परिवहन विभाग के कार्मिकों को दुर्घटना की जानकारी, घायलों का विवरण तथा अन्य आवश्यक सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई। एक अन्य कार्यक्रम के अंतर्गत परिवहन निरीक्षक अभिषेक शर्मा ने वाहन चालकों के लिए लेन ड्राइविंग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें चालकों को अपनी निर्धारित लेन में वाहन चलाने तथा लेन अनुशासन के महत्व के बारे में विस्तार से समझाया गया।
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    संवाददाता - संतोष व्यास
डूंगरपुर। राज्य सरकार के वर्तमान कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने तथा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से राज्यभर में 11 दिसंबर से 25 दिसंबर 2025 तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को परिवहन विभाग द्वारा जिला प्रशासन, पुलिस विभाग एवं एनएचएआई के सहयोग से राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोगा मोड़–बिछीवाड़ा के पास एक भीषण सड़क दुर्घटना की मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
जिला परिवहन अधिकारी मनीष माथुर ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान दो वाहनों की आमने-सामने टक्कर दर्शाई गई, जिसमें कई लोगों के घायल होने की स्थिति बनाई गई। सूचना मिलते ही प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए एनएचएआई, चिकित्सा विभाग की 108 एंबुलेंस एवं अग्निशमन दल को मौके पर भेजा। मौके पर बिछीवाड़ा एसडीएम शाहिन अंजुम, थाना प्रभारी कैलाश सोनी, परिवहन निरीक्षक अभिषेक शर्मा, सुरेंद्र सिंह चौहान तथा एनएचएआई से अन्ना दुराई प्रोजेक्ट मैनेजर चौधरी उपस्थित रहे। सभी संबंधित अधिकारियों ने आपात स्थिति प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आवश्यक कार्रवाई की और मॉक ड्रिल को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।
एंबुलेंस एवं मेडिकल टीम द्वारा घायलों की त्वरित जांच कर उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया तथा एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया। साथ ही घायलों का विवरण एवं दुर्घटनाग्रस्त वाहनों की स्थिति का रिकॉर्ड संबंधित विभागों द्वारा तैयार किया गया।
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपात स्थिति में प्रशासन के सभी संबंधित विभागों की तैयारी का आकलन करना तथा वास्तविक परिस्थितियों में त्वरित और समन्वित कार्यवाही सुनिश्चित करना था।
इसी क्रम में एनआईसी विभाग के राकेश चौसिया द्वारा आई-रेड एवं ई-डार पोर्टल पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के सभी थानों एवं परिवहन विभाग के कार्मिकों को दुर्घटना की जानकारी, घायलों का विवरण तथा अन्य आवश्यक सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
एक अन्य कार्यक्रम के अंतर्गत परिवहन निरीक्षक अभिषेक शर्मा ने वाहन चालकों के लिए लेन ड्राइविंग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें चालकों को अपनी निर्धारित लेन में वाहन चलाने तथा लेन अनुशासन के महत्व के बारे में विस्तार से समझाया गया।
    user_Santosh vyas
    Santosh vyas
    Newspaper advertising department डूंगरपुर, डूंगरपुर, राजस्थान•
    21 hrs ago
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