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Raebareli salethu news
Pradeep Tiwari
Raebareli salethu news
More news from Fatehpur and nearby areas
- Post by Vinod Shrivastava1
- हरचंदपुर के विकास पर ख़ास बात चीत मे बेबाक बोले विकास पुरुष राकेश सिंह जनता की हर समस्या का समाधान ही है मेरा लक्ष्य1
- Post by Bablu singh Raftaar media4
- रीवा जिले के चोरहटा थाना क्षेत्र अंतर्गत अमलकी गांव से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि शादी से इनकार किए जाने से आहत एक युवती ने आत्मघाती कदम उठा लिया। जानकारी के अनुसार हरदी गांव, थाना गुड़ निवासी युवक संदीप कोल बीते तीन वर्षों से युवती के साथ प्रेम संबंध में था और उससे शादी का भरोसा देता रहा। लेकिन बाद में युवक द्वारा शादी से इनकार किए जाने के बाद युवती गहरे मानसिक तनाव में चली गई। परिजनों के मुताबिक युवती ने घटना से दो दिन पहले अपने पिता को पूरी बात बताई थी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और मामले के सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच की जा रही है।1
- पंजाब रामपुरा फूल बठिंडा1
- Post by Jagram1
- Post by Vinod Shrivastava1
- रायबरेली रेल कोच में बड़ा हादसा क्रेन की चपेट में आने से मजदूर की मौत।1
- सरकारी तालाब पर कब्जे का खेल: लेखपाल की निष्क्रियता से फल-फूल रहे भूमाफिया, प्रशासनिक संरक्षण के गंभीर आरोप सिराथू तहसील क्षेत्र के ग्राम करेटी में सरकारी तालाब की भूमि पर चल रहा अवैध कब्जे का खेल अब प्रशासनिक व्यवस्था की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। गाटा संख्या 265, जो राजस्व अभिलेखों में स्पष्ट रूप से सरकारी जलमग्न (तालाब) भूमि दर्ज है, उस पर दबंग भूमाफियाओं द्वारा खुलेआम कब्जा किया जा रहा है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से जिम्मेदार लेखपाल की भूमिका अब तक पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि सतीश पुत्र रामभवन द्वारा तालाब की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। इस संबंध में लेखपाल और कानूनगो को बार-बार अवगत कराया गया, बावजूद इसके न तो मौके पर कोई सख्त कार्रवाई हुई और न ही कब्जा रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए। इससे ग्रामीणों के बीच यह चर्चा आम हो चली है कि क्या राजस्व अमले की चुप्पी भूमाफियाओं को परोक्ष संरक्षण दे रही है? स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला केवल जमीन कब्जाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी संपत्ति की लूट, पर्यावरण के विनाश और ग्रामीण भविष्य के साथ खिलवाड़ है। तालाब को पाटे जाने से गांव की जल निकासी व्यवस्था चरमरा गई है और आने वाले समय में गंभीर जल संकट की आशंका गहरा गई है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि लेखपाल की भूमिका की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा भूमाफियाओं के साथ-साथ लापरवाह अथवा संदिग्ध भूमिका निभाने वाले अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए। लोगों का साफ कहना है कि यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला प्रशासनिक संरक्षण का जीता-जागता उदाहरण बन जाएगा। अब सवाल प्रशासन के सामने सीधा और तीखा है— सरकारी तालाब बचेगा या लेखपाल की खामोशी में भूमाफियाओं का कब्जा स्थायी रूप ले लेगा?1