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सोशल मीडिया पर एक बेहूदा ट्रेंड सामने आया है जिसमें महिलाएं पीरियड ब्लड को अपने चेहरे पर लगाकर ग्लो पाने की कोशिश कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका स्किन पर कोई लाभ नहीं है बल्कि यह गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे नकली ट्रेंड से दूर रहें और सुरक्षित स्किन केयर अपनाएं।
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सोशल मीडिया पर एक बेहूदा ट्रेंड सामने आया है जिसमें महिलाएं पीरियड ब्लड को अपने चेहरे पर लगाकर ग्लो पाने की कोशिश कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका स्किन पर कोई लाभ नहीं है बल्कि यह गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे नकली ट्रेंड से दूर रहें और सुरक्षित स्किन केयर अपनाएं।
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- सोशल मीडिया पर एक बेहूदा ट्रेंड सामने आया है जिसमें महिलाएं पीरियड ब्लड को अपने चेहरे पर लगाकर ग्लो पाने की कोशिश कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका स्किन पर कोई लाभ नहीं है बल्कि यह गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे नकली ट्रेंड से दूर रहें और सुरक्षित स्किन केयर अपनाएं।1
- मनोरंजन की दुनिया में आपका स्वागत है हंसते-हंसते कट जाए रस्ते1
- कुख्यात विनय त्यागी की मौत के बाद पुलिस ने बढ़ाया जांच का दायरा।103 बीएनएस की धारा भी जांच में शामिल। हमलावर दोनों आरोपियों ने कहा था लेन-देन के लिए था विवाद, इसलिए मारी थी विनय त्यागी को गोली। पुलिस को आरोपियों की बात पर नहीं भरोसा। गैंगवॉर की दृष्टि से भी हमले की होगी जांच।एसएसपी का दावा नहीं बख्शा जाएगा घटना में शामिल कोई भी आरोपी। बदमाशों की गोलीबारी से घायल विनय त्यागी ने आज सुबह एम्स में तोड़ दिया था दम। (-कुमार दुष्यंत)1
- जय गंगे मैय्या1
- पारिवारिक कलेश बना तनाव की वजह शराब के नशे में एक युवक टावर पर चढ़ गया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही हरिद्वार पुलिस मौके पर पहुँची और सूझबूझ, धैर्य व मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए युवक को सकुशल नीचे उतार रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के बाद युवक की काउंसलिंग कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। समय रहते की गई पुलिस कार्रवाई से बड़ा हादसा टला1
- इंटर कास्ट मैरिज पर सरकार दे रही 2.5 लाख रुपये, डॉ अंबेडकर फाउंडेशन की वेबसाइट ambedkarfoundation.nic.in से जानकारी लेकर सीधे प्रोसेस पूरी की जा सकती है.1
- Post by NI KHIL1
- रिश्ते में सहमति का महत्व अनदेखा नहीं किया जा सकता। यदि पत्नी अपने पति को अश्लील वीडियो देखने के लिए मजबूर करती है या उसकी इच्छा के खिलाफ मानसिक दबाव बनाती है, तो यह सामान्य व्यवहार नहीं माना जा सकता। क़ानून के अनुसार, बिना सहमति के किसी भी व्यक्ति को यौन या अश्लील कंटेंट के लिए मजबूर करना मानसिक उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। किसी भी रिश्ते में सहमति सबसे ज़रूरी है। जब सहमति नहीं होती, तो वह रिश्ता नहीं, बल्कि उत्पीड़न बन जाता है। पति-पत्नी या किसी भी रिश्ते में सहमति और सम्मान की अहमियत को समझना ज़रूरी है।1