यह काली माँ और वेंकटेश भगवान का मंदिर हमारे गांव बिशुनपुर कला चंदौली की एक अद्वितीय धरोहर है जो गाँव के लोगों के लिए भक्ति और शांति का प्रमुख स्थल है। यह मंदिर तालाब के किनारे स्थित है, जिससे इसकी सुंदरता और भी अधिक बढ़ जाती है। तालाब का शांत जल और मंदिर का दिव्य वातावरण यहां आने वाले हर भक्त को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। मंदिर का सुंदरता अद्वितीय है,अक्सर यहां पर कीर्तन भंडारे और उत्सवों का आयोजन होता रहता है , यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का भी केंद्र है। यहाँ के शांत और पवित्र वातावरण में समय बिताना हर किसी के मन को सुकून और शांति प्रदान करता है। काली माँ का मंदिर गाँववालों के बीच अत्यधिक श्रद्धा का केंद्र है। माँ काली को शक्ति और संरक्षण की देवी माना जाता है, गांव के सभी मांगलिक और पारिवारिक कार्यक्रम मां के संरक्षण और आशीर्वाद से ही शुरू होते हैं। साथ में वेंकटेश भगवान का मंदिर, हमारे साधु जी के अद्वितीय समर्पण और आस्था का प्रतीक है। साधु जी का यह सपना था कि वे वेंकटेश भगवान का एक भव्य मंदिर बनवाएं, जहां गाँव के लोग शांति और भक्ति का अनुभव कर सकें। साधु जी ने इस सपने को साकार करने के लिए अपनी समस्त ऊर्जा और संसाधनों को लगा दिया। उन्होंने गाँव के हर एक परिवार से मालवीय जी की तरह सहायता की अपील की और धीरे-धीरे सभी के सहयोग से मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ हुआ। साधु जी की दृढ़ इच्छाशक्ति और भगवान में उनकी अटूट आस्था ने इस कार्य को सफल बनाया। मंदिर के निर्माण के दौरान, साधु जी ने हर छोटी-बड़ी बात का स्वयं ध्यान रखा। मंदिर का शिल्प, मूर्तियों की स्थापना, और धार्मिक अनुष्ठानों की व्यवस्था। उन्होंने सुनिश्चित किया कि मंदिर का हर कोना भक्तों के लिए प्रेरणा और शांति का स्रोत बने। अंततः, साधु जी के अथक प्रयासों से वेंकटेश भगवान का यह भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ। आज यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह साधु जी के समर्पण और श्रद्धा की एक जीवंत कहानी भी है। गाँव के लोग इस मंदिर में आकर साधु जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और वेंकटेश भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं। जय मां काली, जय श्री वेंकटेश भगवान, जय श्री साधुजी डॉ विभव प्रकाश सिंह
यह काली माँ और वेंकटेश भगवान का मंदिर हमारे गांव बिशुनपुर कला चंदौली की एक अद्वितीय धरोहर है जो गाँव के लोगों के लिए भक्ति और शांति का प्रमुख स्थल है। यह मंदिर तालाब के किनारे स्थित है, जिससे इसकी सुंदरता और भी अधिक बढ़ जाती है। तालाब का शांत जल और मंदिर का दिव्य वातावरण यहां आने वाले हर भक्त को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। मंदिर का सुंदरता अद्वितीय है,अक्सर यहां पर कीर्तन भंडारे और उत्सवों का आयोजन होता रहता है , यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का भी केंद्र है। यहाँ के शांत और पवित्र वातावरण में समय बिताना हर किसी के मन को सुकून और शांति प्रदान करता है। काली माँ का मंदिर गाँववालों के बीच अत्यधिक श्रद्धा का केंद्र है। माँ काली को शक्ति और संरक्षण की देवी माना जाता है, गांव के सभी मांगलिक और पारिवारिक कार्यक्रम मां के संरक्षण और आशीर्वाद से ही शुरू होते हैं। साथ में वेंकटेश भगवान का मंदिर, हमारे साधु जी के अद्वितीय समर्पण और आस्था का प्रतीक है। साधु जी का यह सपना था कि वे वेंकटेश भगवान का एक भव्य मंदिर बनवाएं, जहां गाँव के लोग शांति और भक्ति का अनुभव कर सकें। साधु जी ने इस सपने को साकार करने के लिए अपनी समस्त ऊर्जा और संसाधनों को लगा दिया। उन्होंने गाँव के हर एक परिवार से मालवीय जी की तरह सहायता की अपील की और धीरे-धीरे सभी के सहयोग से मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ हुआ। साधु जी की दृढ़ इच्छाशक्ति और भगवान में उनकी अटूट आस्था ने इस कार्य को सफल बनाया। मंदिर के निर्माण के दौरान, साधु जी ने हर छोटी-बड़ी बात का स्वयं ध्यान रखा। मंदिर का शिल्प, मूर्तियों की स्थापना, और धार्मिक अनुष्ठानों की व्यवस्था। उन्होंने सुनिश्चित किया कि मंदिर का हर कोना भक्तों के लिए प्रेरणा और शांति का स्रोत बने। अंततः, साधु जी के अथक प्रयासों से वेंकटेश भगवान का यह भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ। आज यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह साधु जी के समर्पण और श्रद्धा की एक जीवंत कहानी भी है। गाँव के लोग इस मंदिर में आकर साधु जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और वेंकटेश भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं। जय मां काली, जय श्री वेंकटेश भगवान, जय श्री साधुजी डॉ विभव प्रकाश सिंह
- यह काली माँ और वेंकटेश भगवान का मंदिर हमारे गांव बिशुनपुर कला चंदौली की एक अद्वितीय धरोहर है जो गाँव के लोगों के लिए भक्ति और शांति का प्रमुख स्थल है। यह मंदिर तालाब के किनारे स्थित है, जिससे इसकी सुंदरता और भी अधिक बढ़ जाती है। तालाब का शांत जल और मंदिर का दिव्य वातावरण यहां आने वाले हर भक्त को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। मंदिर का सुंदरता अद्वितीय है,अक्सर यहां पर कीर्तन भंडारे और उत्सवों का आयोजन होता रहता है , यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का भी केंद्र है। यहाँ के शांत और पवित्र वातावरण में समय बिताना हर किसी के मन को सुकून और शांति प्रदान करता है। काली माँ का मंदिर गाँववालों के बीच अत्यधिक श्रद्धा का केंद्र है। माँ काली को शक्ति और संरक्षण की देवी माना जाता है, गांव के सभी मांगलिक और पारिवारिक कार्यक्रम मां के संरक्षण और आशीर्वाद से ही शुरू होते हैं। साथ में वेंकटेश भगवान का मंदिर, हमारे साधु जी के अद्वितीय समर्पण और आस्था का प्रतीक है। साधु जी का यह सपना था कि वे वेंकटेश भगवान का एक भव्य मंदिर बनवाएं, जहां गाँव के लोग शांति और भक्ति का अनुभव कर सकें। साधु जी ने इस सपने को साकार करने के लिए अपनी समस्त ऊर्जा और संसाधनों को लगा दिया। उन्होंने गाँव के हर एक परिवार से मालवीय जी की तरह सहायता की अपील की और धीरे-धीरे सभी के सहयोग से मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ हुआ। साधु जी की दृढ़ इच्छाशक्ति और भगवान में उनकी अटूट आस्था ने इस कार्य को सफल बनाया। मंदिर के निर्माण के दौरान, साधु जी ने हर छोटी-बड़ी बात का स्वयं ध्यान रखा। मंदिर का शिल्प, मूर्तियों की स्थापना, और धार्मिक अनुष्ठानों की व्यवस्था। उन्होंने सुनिश्चित किया कि मंदिर का हर कोना भक्तों के लिए प्रेरणा और शांति का स्रोत बने। अंततः, साधु जी के अथक प्रयासों से वेंकटेश भगवान का यह भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ। आज यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह साधु जी के समर्पण और श्रद्धा की एक जीवंत कहानी भी है। गाँव के लोग इस मंदिर में आकर साधु जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और वेंकटेश भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं। जय मां काली, जय श्री वेंकटेश भगवान, जय श्री साधुजी डॉ विभव प्रकाश सिंह1
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- गौतस्करों पर बड़ी कार्यवाही जशपुर पुलिस ने सुबह 4 ऑपरेशन शंखनाद चलाया1
- जशपुर एसपी शशिमोहन सिंह ने सुशासन की परिकल्पना को साकार करते हुए जशपुर में असल पुलिसिंग को चरितार्थ करते हुए लंबे अरसे से हो रही गौ तस्करी,पशु तस्करी पर पूर्णतः लगाम लगा दिया गया है।दरअसल यह एसपी साहब की इच्छा शक्ति है दृढ़ संकल्प है जिसके कारण उन्होंने जशपुर के कुख्यात गांव साईं टांगर टोली में छापा मारते हुए बड़ी कार्यवाही की है।आज आपरेशन शंखनाद के माध्यम से उन्होंने ऐलान किया है कि तस्करी की इस समस्या को जड़ से उखाड़ फेकेंगे,न केवल वाहनों को राजसात किया जाएगा बल्कि जितने भी लोग ऐसे मामलों में फरार हैं उन्हें गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जाएगा।गांव के लोगों से बात करते हुए उन्होंने साफ दो टूक शब्दों में कह दिया "लगभग ढाई हजार की जनसंख्या वाले गांव में महज 200 लोगों के कारण पूरा गांव बदनाम है।अब भी समय है सच का साथ दें वरना तैयार रहें।1
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