साढ़े दस माह और एक दर्जन मजदूरों की मौत: फिर भी नहीं मिला वेतन -28 साल से बकाया भुगतान का कर रहे इंतजार -315वें दिन भी जारी रहा जेके फैक्ट्री के मजदूरों का धरना कोटा। जेके सिंथेटिक्स फैक्ट्री के बंद होने के बाद 28 वर्षों से अधिक समय से बकाया वेतन की मांग को लेकर मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना सोमवार को 315 वें दिन भी जारी रहा। सीटू के बैनर तले 18 फरवरी से जिला कलेक्ट्रेट परिसर में चल रहे इस धरने में मजदूरों का आक्रोश चरम पर है। धरने के दौरान अब तक 12 मजदूरों की असमय मौत हो चुकी है, जिसके लिए मजदूरों ने सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। सीटू के मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि 18 फरवरी 2025 से शुरू हुए इस धरने में शामिल होने वाले मजदूरों में से 12 मजदूरों ने बकाया राशि नहीं मिलने के कारण सदमे में दम तोड़ दिया। सीटू के वरिष्ठ नेता कामरेड योगेश चंद और कामरेड हुकुम चंद सहित इन सभी की मौत की सूचना धरना स्थल पर दी गई। मजदूरों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। मजदूर नेताओं का आरोप है कि यदि सरकार ने समय पर जमीन अधिग्रहण के साथ बकाया वेतन का भुगतान कर दिया होता, तो ये मजदूर आज हमारे बीच होते। राज्य सरकार की तानाशाही नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि मजदूरों की मौत की जिम्मेदार यह सरकार है। 4200 मजदूरों का 500 करोड़ से अधिक बकाया सीटू मीडिया प्रभारी ने बताया कि जेके सिंथेटिक्स फैक्ट्री के करीब 4200 मजदूरों का 28 वर्ष पुराना बकाया वेतन 500 करोड़ रुपए से अधिक है। मजदूर नेता कामरेड उमाशंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड हबीब खान और अन्य ने संयुक्त रूप से सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द बकाया वेतन नहीं चुकाया गया तो मजदूर फैक्ट्री की जमीन पर अपना हक़ कायम करेंगे। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री की जमीन अधिग्रहण के साथ बकाया वेतन का भुगतान होना चाहिए। मजदूरों की मेहनत की राशि पर हमारा हक़ बनता है। नेताओं ने स्पष्ट किया कि बकाया भुगतान होने तक धरना जारी रहेगा। धरने में 700 मजदूरों की उपस्थिति, 300 महिलाएं शामिल धरने में सोमवार को यूनियन रजिस्टर में 700 मजदूरों ने उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें लगभग 300 महिलाएं शामिल रहीं। मजदूरों और सीटू कार्यकर्ताओं में सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। धरने के दौरान सैकड़ों मजदूरों और महिलाओं ने रैली निकालकर विरोध जताया। 315 वें दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित 315 वें दिन धरने को कामरेड उमाशंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड गोपाल शर्मा, कामरेड कालीचरण सोनी, कामरेड सतीश चंद त्रिवेदी, कामरेड हनुमान सिंह, शिशुपाल सिंह आदि ने संबोधित किया। धरने का संचालन कामरेड अशोक सिंह ने किया। मजदूर नेताओं ने दी चेतावनी कामरेड नरेंद्र सिंह और कामरेड उमाशंकर ने कहा कि सरकार फैक्ट्री की जमीन पर नया उद्योग लगाकर मजदूरों का बकाया चुकाए, अन्यथा मजदूर आंदोलन को और उग्र रूप देंगे। उन्होंने सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की।
साढ़े दस माह और एक दर्जन मजदूरों की मौत: फिर भी नहीं मिला वेतन -28 साल से बकाया भुगतान का कर रहे इंतजार -315वें दिन भी जारी रहा जेके फैक्ट्री के मजदूरों का धरना कोटा। जेके सिंथेटिक्स फैक्ट्री के बंद होने के बाद 28 वर्षों से अधिक समय से बकाया वेतन की मांग को लेकर मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना सोमवार को 315 वें दिन भी जारी रहा। सीटू के बैनर तले 18 फरवरी से जिला कलेक्ट्रेट परिसर में चल रहे इस धरने में मजदूरों का आक्रोश चरम पर है। धरने के दौरान अब तक 12 मजदूरों की असमय मौत हो चुकी है, जिसके लिए मजदूरों ने सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। सीटू के मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि
18 फरवरी 2025 से शुरू हुए इस धरने में शामिल होने वाले मजदूरों में से 12 मजदूरों ने बकाया राशि नहीं मिलने के कारण सदमे में दम तोड़ दिया। सीटू के वरिष्ठ नेता कामरेड योगेश चंद और कामरेड हुकुम चंद सहित इन सभी की मौत की सूचना धरना स्थल पर दी गई। मजदूरों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। मजदूर नेताओं का आरोप है कि यदि सरकार ने समय पर जमीन अधिग्रहण के साथ बकाया वेतन का भुगतान कर दिया होता, तो ये मजदूर आज हमारे बीच होते। राज्य सरकार की तानाशाही नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि मजदूरों की मौत की जिम्मेदार यह सरकार है। 4200 मजदूरों का 500 करोड़ से अधिक बकाया सीटू मीडिया
प्रभारी ने बताया कि जेके सिंथेटिक्स फैक्ट्री के करीब 4200 मजदूरों का 28 वर्ष पुराना बकाया वेतन 500 करोड़ रुपए से अधिक है। मजदूर नेता कामरेड उमाशंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड हबीब खान और अन्य ने संयुक्त रूप से सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द बकाया वेतन नहीं चुकाया गया तो मजदूर फैक्ट्री की जमीन पर अपना हक़ कायम करेंगे। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री की जमीन अधिग्रहण के साथ बकाया वेतन का भुगतान होना चाहिए। मजदूरों की मेहनत की राशि पर हमारा हक़ बनता है। नेताओं ने स्पष्ट किया कि बकाया भुगतान होने तक धरना जारी रहेगा। धरने में 700 मजदूरों की उपस्थिति, 300 महिलाएं शामिल धरने में सोमवार को यूनियन रजिस्टर में 700 मजदूरों ने उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें
लगभग 300 महिलाएं शामिल रहीं। मजदूरों और सीटू कार्यकर्ताओं में सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। धरने के दौरान सैकड़ों मजदूरों और महिलाओं ने रैली निकालकर विरोध जताया। 315 वें दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित 315 वें दिन धरने को कामरेड उमाशंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड गोपाल शर्मा, कामरेड कालीचरण सोनी, कामरेड सतीश चंद त्रिवेदी, कामरेड हनुमान सिंह, शिशुपाल सिंह आदि ने संबोधित किया। धरने का संचालन कामरेड अशोक सिंह ने किया। मजदूर नेताओं ने दी चेतावनी कामरेड नरेंद्र सिंह और कामरेड उमाशंकर ने कहा कि सरकार फैक्ट्री की जमीन पर नया उद्योग लगाकर मजदूरों का बकाया चुकाए, अन्यथा मजदूर आंदोलन को और उग्र रूप देंगे। उन्होंने सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की।
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- देवरी ओपन क्रिकेट प्रतियोगिता में भाल ढाबा टीम ने जीता फाइनल मैच और आरआर इलेवन टीम रही उप विजेता, प्रथम विजेता टीम को ₹100000 द्वितीय विजेता टीम को ₹51000 का दिया पुरस्कार शाहाबाद उपखंड के देवरी कस्बे के बीलखेड़ा डांग रोड़ पर स्थित शहीद भगत सिंह खेल मैदान पर सोमवार को देवरी प्रीमियर लीग डीपीएल सीजन _6 में सोमवार को खेले गए फाइनल मैच में हजारों की संख्या में दर्शक मैदान पर देर शाम तक डटे रहे। वहीं दर्शकों ने जमकर फाइनल मुकावले का आनंद लिया। कार्यक्रम के मुख्य भाजपा बारा झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह विशिष्ठ अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार आयोजक समिति के संरक्षक ब्रजपाल सिंह सिकरवार, अध्यक्ष राकेश भाल कोषाध्यक्ष आशु एवं रिंकू गुप्ता ने बताया कि सोमवार को पहला मैच अशोक नगर और भाल ढाबा के मध्य खेला गया जिसमें अशोक नगर टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 ओवरों में 93 रन बनाए जबकि लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भाल ढाबा टीम ने 6 ओवरों में ही जीत दर्ज कर ली। दूसरा मैच भाल ढाबा और शाहाबाद टीम के मध्य खेला गया जिसमें शाहाबाद टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 99 रन बनाए जबकि लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भाल ढाबा टीम ने महज 8 ओवरों में ही जीत दर्ज कर ली। वही फाइनल मुकाबला आरआर टीम और भाल ढाबा टीम के मध्य खेला गया। मैच से पहले दोनों टीमों के खिलाड़ियों से आज के मुख्य अतिथि सांसद दुष्यंत सिंह विशिष्ठ अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार ने खिलाड़ियों से परिचय लिया एवं राष्ट्र गान के साथ फाइनल मैच की शुरुआत हुई जिसमें जिसमें भाल ढाबा टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 10 ओवरों में 102 रनों का लक्ष्य रखा वहीं लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आरआर टीम 10 ओवरों में 97 रनों पर ढेर हो गई जिससे भाल ढाबा टीम फाइनल विजेता रही वहीं भाल ढाबा टीम फाइनल विजेता को एक लाख रुपए नकद राशि एवं ट्रॉफी वहीं उप विजेता रही आरआर इलेवन टीम को पचास हजार रुपए नकद एवं ट्रॉफी और वहीं टूर्नामेंट के मेन ऑफ द सीरीज पवन बघेल को स्पोर्ट्स साइकिल एवं ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। वहीं दोनों ही टीमों में अलग अलग राज्यों से जाने माने खिलाड़ी देवरी खेल मैदान पर दर्शकों को देखने मिले जिससे हजारों की संख्या में दर्शक अपनी निगाह मैदान पर टिकाए रहे।4
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