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MDU University में बुलेट प्रूफ स्कॉर्पियो लेकर हमला करने पहुंचे बदमाशों को छात्रों ने दौड़ाया। '''"" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "'''' कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आए थे। MDU में एक छात्र पर सरेआम गोलिया चलाने के मामले में गए थे जेल। जमानत पर बाहर आते ही फिर से हमला करने आए थे। लेकिन भीड़ भाड़ के कारण वारदात नहीं कर पाए। भागने के चक्कर में शिक्षकों व छात्रों की कई गाड़ियों को भी टक्कर मारी। इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।
Sushil Choudhary
MDU University में बुलेट प्रूफ स्कॉर्पियो लेकर हमला करने पहुंचे बदमाशों को छात्रों ने दौड़ाया। '''"" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "'''' कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आए थे। MDU में एक छात्र पर सरेआम गोलिया चलाने के मामले में गए थे जेल। जमानत पर बाहर आते ही फिर से हमला करने आए थे। लेकिन भीड़ भाड़ के कारण वारदात नहीं कर पाए। भागने के चक्कर में शिक्षकों व छात्रों की कई गाड़ियों को भी टक्कर मारी। इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।
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- MDU University में बुलेट प्रूफ स्कॉर्पियो लेकर हमला करने पहुंचे बदमाशों को छात्रों ने दौड़ाया। '''"" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "'''' कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आए थे। MDU में एक छात्र पर सरेआम गोलिया चलाने के मामले में गए थे जेल। जमानत पर बाहर आते ही फिर से हमला करने आए थे। लेकिन भीड़ भाड़ के कारण वारदात नहीं कर पाए। भागने के चक्कर में शिक्षकों व छात्रों की कई गाड़ियों को भी टक्कर मारी। इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।1
- 🚌वहान धीरे चलाए....!!🔐फतेहाबाद न्यूज...🚨1
- ICOP Journalist Janata ki Awaaz Vishal Sharma Journalist ✍️ जनहित में जारी जागरूकता ही ज्ञान है जागरूक नागरिक बनिए हमारे सोशल मीडिया पेजों से जुड़िए और रोज नई से नहीं जानकारी आपको दी जाएगी Thrombophob (थ्रोम्बोफोब) है। यह मुख्य रूप से मरहम (ointment) या जेल के रूप में आती है। यहाँ इस दवा के बारे में मुख्य जानकारी दी गई है: यह क्या है? थ्रोम्बोफोब एक 'एंटी-थ्रोंबोटिक' (खून के थक्के रोकने वाली) दवा है। इसमें मुख्य रूप से Heparin (हेपरिन) और Benzyl Nicotinate (बेंज़िल निकोटिनेट) जैसे तत्व होते हैं। इसका उपयोग कब किया जाता है? डॉक्टर आमतौर पर इसे निम्नलिखित स्थितियों में लगाने की सलाह देते हैं: * सतही नस की सूजन (Phlebitis): नसों में सूजन या दर्द होने पर। * खून के थक्के (Blood Clots): त्वचा के ठीक नीचे छोटी नसों में बने थक्कों को घोलने के लिए। * नील पड़ना (Bruising): चोट लगने के बाद त्वचा के नीचे जमा हुए खून और नीले निशान को ठीक करने के लिए। * इंजेक्शन के बाद की सूजन: कई बार इंजेक्शन या ड्रिप (IV) लगने वाली जगह पर गांठ या सूजन हो जाती है, उसे कम करने के लिए। इस्तेमाल करने का तरीका * प्रभावित हिस्से पर इसे हल्के हाथों से लगाना चाहिए। इसे बहुत जोर से रगड़ना नहीं चाहिए। * आमतौर पर दिन में 2 से 3 बार या डॉक्टर के निर्देशानुसार लगाया जाता है। जरूरी सावधानियां * खुले घाव: इसे कभी भी खुले घाव, कटी हुई त्वचा या बहते हुए खून वाली जगह पर न लगाएं। * आंख और मुंह: इसे आंखों, नाक या मुंह के संपर्क में आने से बचाएं। * एलर्जी: यदि इसे लगाने के बाद खुजली, ज्यादा जलन या दाने निकलें, तो तुरंत धो लें और डॉक्टर को बताएं। महत्वपूर्ण नोट: यह जानकारी केवल आपकी मदद के लिए है। कृपया इस दवा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह जरूर लें, क्योंकि वे आपकी स्थिति देखकर सही डोज बता पाएंगे।1
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