Shuru
Apke Nagar Ki App…
कुमारसैन: व्यापार मंडल की बैठक, समास्याओं को लेकर एसडीम को सौंपा ज्ञापन।
Shiv Kumar
कुमारसैन: व्यापार मंडल की बैठक, समास्याओं को लेकर एसडीम को सौंपा ज्ञापन।
More news from Kumarsain and nearby areas
- मेले में जाने के लिए देखो अंश की मस्केबाजी || luckysapuvlogs1
- Kotgarh Valley1
- Laahna vivah geet singer besru devi Music Girdhari Khanna Galani Kumarsain Shimla 172024. Mob 7018317031
- कुमारसैन: व्यापार मंडल की बैठक, समास्याओं को लेकर एसडीम को सौंपा ज्ञापन।1
- ठियोग कुमारसैन के विधायक कुलदीप राठौर की पत्रकारवार्ता1
- मनाली लेह नेशनल हाईवे 3 रायसन से मनाली के बीच वन वे ट्रैफिक बहाल-तोरुल एस रवीश कहा-बागीपुल और समेज में लापता 11 लोगों को ढूंढने के लिए चल रहा सर्च ऑपरेशन मलाणा में फंसे 1 दर्जन टूरिस्टों को द लिटिल रेविल रेस्क्यू टीम रेस्क्यू के लिए हुई रवाना कल पैदल रेस्क्यू किया जाएगा निरमंड उपमंडल में 20 पुल क्षतिग्रस्त ग्रामीणों को कनेक्टिविटी के लिए मशीनरी कर रही कार्य1
- रामपुर व आनी के क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा से अथाह नुकसान:- डॉ. राजीव बिंदल हैप्पी हिमाचल न्यूज ब्यूरो शिमला, 03 अगस्त। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा की रामपुर व आनी के क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा से अथाह नुकसान हुआ है। समेज गांव का भयावह दृश्य जब हमने देखा तो दुख की सीमा न रही। एक हरा-भरा गांव जिसमें 22 मकान थे, सभी 22 मकान अर्द्धरात्रि में 12ः00 बजे के बाद तुफानी गति से जो पानी, पत्थर, मलवा, बड़े-बड़े पेड़ बहते हुए आए और सभी मकानो को एक साथ अपने साथ बहाकर ले गए। हड़बड़ाहट में कुछ लोग दौड़ भागकर इधर-उधर अपनी जान बचा पाए परन्तु 36 जाने अभी भी लापता हैं। परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि उनके सुरक्षित होने की कोई संभावनाएं दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती। तीन बालिकाएं ऐसी जो वाॅलीबाॅल में नेशनल खेलने वाली थी, लापता हैं। गांव का स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक भवन, पावर हाऊस सब समाप्त हो गए। ऐसी भयावह त्रासदी कल्पना से परे है। बिंदल ने कहा की रामपुर क्षेत्र के गानवी पहुंचने पर पाया कि मध्य रात्रि में बड़े-बड़े पेड़ों के साथ हजारो टन मलवा गानवी खड्ड में आ गया और 6 पक्के मकान जो बहुत सुन्दर बने हुए थे, वो शत-प्रतिशत मलवे के साथ बह गए और उनका नामो निशान भी नहीं बचा। जहां ये मकान बने थे, वहां अब बड़ी-बड़ी चट्टाने हैं और कल्पना भी नहीं की जा सकती कि यहां कभी मकान भी रहे होंगे। गनीमत रही कि गानवी पावर प्रोजेक्ट में बार-बार सायरन बजाया और सभी लोग घर छोड़कर पहाड़ी पर भाग गए और सभी जाने बच गई। एक परिवार जिसमें बेटी की शादी की तैयारियां चल रही थी, खुशियों का माहौल था, इस घटना से सब कुछ मिनटो में तबाह हो गया। शादी के लिए खरीदा गया सारा साजो-सामान, सोना, चांदी, कपड़े इत्यादि सब पानी के साथ बह गए। निरमंड होते हुए जब हम बागी पहुंचे तो वहां की तबाही का मंजर भी दिल दहलाने वाला है। वहां भी अर्द्धरात्रि में उसी प्रकार लकडि़यां, पत्थर, मिट्टी, मलवा आया और 8 मकान जमींदोज हो गए और कुछ भी शेष नहीं रहा। प्रभु कृपा से यहां पर भी कोई जानी नुकसान नहीं हुआ क्योंकि लोगों को फोन के माध्यम से सूचना मिल गई थी और लोग घरों से निकल गए। इस प्रकार समेज में, गानवी में, बागी में, केदस में सब जगह जो तबाही हुई है वह श्रीखंड पर्वत पर किसी एक स्थान पर बादल फटने से हुई। वहां से सारा पानी अलग-अलग नालों में निकला और क्योंकि पानी बहुत ऊँचाई से आया था इसलिए उसका वेग बहुत तेज था जिसके कारण अत्यधिक नुकसान हुआ1
- 31 जुलाई को 3 जगह हुए हादसों में अब तक 6 शव बरामद 47 अभी भी लापता, 60 आशियाने उजड़े, 655 करोड़ के नुकसान का अनुमान : ओंकार शिमला । 31 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी कल्लू और शिमला में तीन जगहों पर बादल फटने से भयंकर तबाही हुई है. सभी प्रभावित इलाकों में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सभी जगह से अब तक 6 शव अब बरामद किए गए हैं वहीं 47 लोग अभी भी लापता है. रामपुर के समेज में सबसे बड़ा हादसा पेश आया जहां लगभग पूरा गांव बह गया है यहां 301 जवान रेस्क्यू में जुटे हैं मगर अब तक 33 लोग लापता है और 1 भी व्यक्ति का रेस्क्यू नहीं हो पाया है. इन हादसों में 60 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं साथ ही दर्जनों पशु शेड, दुकानें और स्कूल भी ध्वस्त हो गए हैं. राज्य आपदा प्रबंधन के सदस्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि 31 जुलाई की रात हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी शिमला और कुल्लू में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है. उन्होंने कहा कि निरमंड तहसील में करीब रात 2:30 बजे और समेज में सुबह 4:45 पर बादल फट गया जिसके बाद यहां पर जान और माल का नुकसान हुआ है. ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि इन हादसों में अब तक 6 शव बरामद कीए गए है जिसमें चार मंडी ज़िला में और दो कुल्लू ज़िला से प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे हादसे में 60 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. वहीं 35 घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है. इसके अलावा बादल फटने से 45 पशु शेड, 10 दुकानें, 4 स्कूल और एक स्वास्थ्य केंद्र भी तबाह हो गया है. ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान शिमला ज़िला में रामपुर के समेज में हुआ है. यहां एक ही परिवार के 16 लोग बह गए अभी तक 33 लोग लापता है. ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि यहां पर NDRF, SDRF, CISF, होमगार्ड के लगभग 300 जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि हादसे के स्थान से लेकर आगे बैराज तक लोगों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. मगर अभी तक एक भी व्यक्ति का सुराग नहीं मिला है. ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि मानसून में अब तक 144 मौतें रिकॉर्ड की गई हैं. जिसमें से 77 मौतें केवल बरसाती हादसों की वजह से हुई हैं. उन्होंने बताया कि अब तक मानसून में 655 करोड़ का अनुमानित नुकसान प्रदेश को हुआ है. ओमकार जं बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है समझ में सबसे ज्यादा टीम डिपोट की गई है. इसमें NDRF, SDRF, CISF, होमगार्ड की जवान और स्थानीय प्रशासन रिसर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा हुआ है.1