छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी विवेकानंद सभागार में नवनियुक्त सिविल जज हेतु आयोजित प्रारंभिक प्रशिक्षण के प्रथम चरण के समापन शत्र का हुआ समापन आज शुक्रवार की रात 8.16 मिनट पर पी आर ओ द्वारा जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति से मिली जानकारी अनुसार आज छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी, बिलासपुर के विवेकानंद सभागार में नव नियुक्त सिविल जज (कनिष्ठ वर्ग) हेतु आयोजित प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम चरण के समापन सत्र का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम माननीय मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी, श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा के गरिमामय नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। यह प्रशिक्षण 30 जून 2025 से प्रारंभ होकर 26 सितम्बर 2025 को सम्पन्न हुआ। माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने प्रभावशाली संबोधन में अपने अमूल्य विचार प्रशिक्षु न्यायाधीशों के साथ साझा किए। उन्होंने न्यायिक कार्यप्रणाली में निष्ठा, संवेदनशीलता एवं संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता के महत्व को रेखांकित किया और युवा न्यायाधीशों को विनम्रता एवं करुणा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए सदैव विधि के विद्यार्थी बने रहने का आह्वान किया। माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने कहा कि नागरिकों के लिए न्याय प्राप्ति का पहला संपर्क बिंदु न्यायपालिका में प्रवेश स्तर पर न्यायाधीश होते हैं। पक्षकारो की न्यायपालिका के प्रति धारणा प्रायः न्यायालय में न्यायाधीशों के आचरण से निर्मित होती है। अतः शिष्टाचार, समयनिष्ठा और करुणा को उनके न्यायिक चरित्र का अभिन्न अंग बनना चाहिए। संवेदनशीलता और दृढ़ता का संतुलन ही एक सच्चे न्यायाधीश की पहचान है। स्मरण रखें, न्यायाधीशों का पहनावा केवल एक वस्त्र नहीं है; यह समाज द्वारा न्यायाधीशो पर जताए गए विश्वास का प्रतीक है। अंत में माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने आशा व्यक्त की कि न्यायाधीश अपने पूरे कार्यकाल में विधि के विद्यार्थी बने रहें, क्योंकि विधि निरंतर परिवर्तनशील है। विनम्रता और सीखना आपका मार्गदर्शन करे, नैतिकता और निष्पक्षता न्यायाधीशों का आधार बने तथा संविधान के प्रति समर्पण न्यायाधीशों को प्रेरित करता रहे। इस अवसर पर माननीय श्रीमती न्यायमूर्ति रजनी दुबे, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। नव नियुक्त सिविल जजों के लिए तीन माह का यह प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें आधारभूत ज्ञान, व्यावहारिक कौशल एवं न्यायिक दृष्टिकोण से सुसज्जित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में वैधानिक एवं प्रक्रम संबंधी विधियों, न्यायालयों में तकनीक के उपयोग, नैतिकता एवं समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता जैसे विविध विषयों को सम्मिलित किया गया। साथ ही, प्रभावी न्यायालय प्रबंधन एवं वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों पर विशेष बल दिया गया। यह कार्यक्रम उनके प्रशिक्षण के प्रथम चरण की समाप्ति का प्रतीक है, जिसके उपरांत अधिकारीगण अपने-अपने पदस्थापनों पर नवीन ऊर्जा, प्रतिबद्धता एवं न्याय के प्रति समर्पण के साथ कार्यभार ग्रहण करेंगे। कार्यक्रम में प्रभारी रजिस्ट्रार जनरल एवं उच्च न्यायालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। स्वागत उद्बोधन छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक द्वारा तथा आभार प्रदर्शन अतिरिक्त निदेशक द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने माननीय मुख्य न्यायाधीश, माननीय न्यायाधीश एवं सभी विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति हेतु कृतज्ञता व्यक्त की।
छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी विवेकानंद सभागार में नवनियुक्त सिविल जज हेतु आयोजित प्रारंभिक प्रशिक्षण के प्रथम चरण के समापन शत्र का हुआ समापन आज शुक्रवार की रात 8.16 मिनट पर पी आर ओ द्वारा जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति से मिली जानकारी अनुसार आज छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी, बिलासपुर के विवेकानंद सभागार में नव नियुक्त सिविल जज (कनिष्ठ वर्ग) हेतु आयोजित प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम चरण के समापन सत्र का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम माननीय मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी, श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा के गरिमामय नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। यह प्रशिक्षण 30 जून 2025 से प्रारंभ होकर 26 सितम्बर 2025 को सम्पन्न हुआ। माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने प्रभावशाली संबोधन में अपने अमूल्य विचार प्रशिक्षु न्यायाधीशों के साथ साझा किए। उन्होंने न्यायिक कार्यप्रणाली में निष्ठा, संवेदनशीलता एवं संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता के महत्व को रेखांकित किया और युवा न्यायाधीशों को विनम्रता एवं करुणा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए सदैव विधि के विद्यार्थी बने रहने का आह्वान किया। माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने कहा कि नागरिकों के लिए न्याय प्राप्ति का पहला संपर्क बिंदु न्यायपालिका में प्रवेश स्तर पर न्यायाधीश होते हैं। पक्षकारो की न्यायपालिका के प्रति धारणा प्रायः न्यायालय में न्यायाधीशों के आचरण से निर्मित होती है। अतः शिष्टाचार, समयनिष्ठा और करुणा को उनके न्यायिक चरित्र का अभिन्न अंग बनना चाहिए। संवेदनशीलता और दृढ़ता का संतुलन ही एक सच्चे न्यायाधीश की पहचान है। स्मरण रखें, न्यायाधीशों का पहनावा केवल एक वस्त्र नहीं है; यह समाज द्वारा न्यायाधीशो पर जताए गए विश्वास का प्रतीक है। अंत में माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने आशा व्यक्त की कि न्यायाधीश अपने पूरे कार्यकाल में विधि के विद्यार्थी बने रहें, क्योंकि विधि निरंतर परिवर्तनशील है। विनम्रता और सीखना आपका मार्गदर्शन करे, नैतिकता और निष्पक्षता न्यायाधीशों का आधार बने तथा संविधान के प्रति समर्पण न्यायाधीशों को प्रेरित करता रहे। इस अवसर पर माननीय श्रीमती न्यायमूर्ति रजनी दुबे, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। नव नियुक्त सिविल जजों के लिए तीन माह का यह प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें आधारभूत ज्ञान, व्यावहारिक कौशल एवं न्यायिक दृष्टिकोण से सुसज्जित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में वैधानिक एवं प्रक्रम संबंधी विधियों, न्यायालयों में तकनीक के उपयोग, नैतिकता एवं समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता जैसे विविध विषयों को सम्मिलित किया गया। साथ ही, प्रभावी न्यायालय प्रबंधन एवं वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों पर विशेष बल दिया गया। यह कार्यक्रम उनके प्रशिक्षण के प्रथम चरण की समाप्ति का प्रतीक है, जिसके उपरांत अधिकारीगण अपने-अपने पदस्थापनों पर नवीन ऊर्जा, प्रतिबद्धता एवं न्याय के प्रति समर्पण के साथ कार्यभार ग्रहण करेंगे। कार्यक्रम में प्रभारी रजिस्ट्रार जनरल एवं उच्च न्यायालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। स्वागत उद्बोधन छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक द्वारा तथा आभार प्रदर्शन अतिरिक्त निदेशक द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने माननीय मुख्य न्यायाधीश, माननीय न्यायाधीश एवं सभी विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति हेतु कृतज्ञता व्यक्त की।
- सैदा धान खरीदी केंद्र मे सुगम और पारदर्शी धान खरीदी व्यवस्था से किसानों को मिला बड़ा लाभ आज रविवार की साम 5 बजे पी आर ओ द्वारा जारी किये गए प्रेस विज्ञप्ति से मिली जानकारी अनुसार बिलासपुर, 14 दिसम्बर 2025/जिले में इस वर्ष धान खरीदी व्यवस्था पूरी तरह सुचारू, पारदर्शी और किसान-हितैषी साबित हो रही है। टोकन तुंहर हाथ ऐप के माध्यम से किसानों को घर बैठे ही आसानी से टोकन प्राप्त हो रहे हैं, जिससे खरीदी केंद्रों में अनावश्यक भीड़, भागदौड़ और प्रतीक्षा जैसी समस्याएँ लगभग समाप्त हो गई हैं। साथ ही बारदाना उपलब्धता, तौल, भंडारण और भुगतान की सभी प्रक्रियाएँ इस बार पहले से अधिक सुव्यवस्थित और समयबद्ध की गई हैं। सैदा धान खरीदी केंद्र पहुँचे चिचिरदा के किसान रामसाय साहू ने बताया कि वे 1 एकड़ भूमि में खेती करते हैं और इस वर्ष उनकी पैदावार अच्छी रही। उन्होंने मोबाइल से ही टोकन कटवाया और 19 क्विंटल 60 किलो धान लेकर केंद्र पहुँचे। उन्होंने कहा कि तौल प्रक्रिया पूरी तरह आसान रही और धान बिकते ही वे चिंतामुक्त हो गए। वहीं मेण्ड्रा निवासी किसान विष्णुप्रसाद वर्मा 50 क्विंटल धान लेकर केंद्र पहुँचे। उन्होंने बताया कि खरीदी केंद्र में किसानों के लिए सभी सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हैं। उन्हें मिल रहा समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल उनकी आमदनी में बढ़ोतरी कर रहा है। श्री वर्मा कहते हैं कि सरकार की पारदर्शी और व्यवस्थित खरीदी व्यवस्था ने उनके सपनों को साकार करने में मदद की है। रचना1
- 🎤 बहरीन के सिंगर फ्लिप्पेराची, जिनकी अलग पहचान वाली आवाज़ कभी चर्चा में रही थी, एक बार फिर सुर्खियों में लौट आए हैं। वजह बना फिल्म ‘धुरंधर’ का एक सीन, जिसमें अक्षय खन्ना की दमदार मौजूदगी के साथ उनका म्यूज़िक फिर से लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। via @flipperachay #Dhurandhar #AkshayeKhanna #Flipperachi #ViralMusic #MusicComeback #IndianCinema #ViralReels #TrendingMusic #InstagramTrends #MovieBuzz1
- बिकाऊ जमीन है सम्पर्क 92382100141
- Post by Pradeep Maheshwari2
- जांजगीर चांपा महा आरती क्रम भगवती मानव कल्याण संगठन जीवन के हर समस्याओं का समाधान लोग पाते हैं लाखों करोड़ों लोगों ने 1 घंटे की आरती से जीवन घर समस्याओं का निवारण पाया है आप भी पाना चाहते हैं अवश्य सम्मिलित हूं बीमा तालाब महीने का दूसरा रविवार जय गुरुवर जय माता की 🙏🙏1
- ब्रेकिंग न्यूज़: बालोद जिले में अवैध पैथोलॉजी लैब का संचालन, मरीजों का स्वास्थ्य खतरे में ग्राम पंचायत मोखा, ब्लॉक - गुण्डरदेही, जिला बालोद में स्थित मौली पैथोलॉजी लैब के खिलाफ बड़ी खबर सामने आई है। यह लैब बिना रजिस्ट्रेशन और सीजीएलटी नंबर के अवैध रूप से चल रही है, जो मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। लैब के मालिक ने बताया कि उन्होंने सीएमएचओ को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया है, लेकिन एक साल से अधिक समय हो गया है और अभी तक रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिला है। लैब में विभिन्न प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं, जिनमें लिवर टेस्ट, टाइफाइड, किडनी टेस्ट, बलगम, सीबीसी, वीर्य, मल-मूत्र, मलेरिया, और थायराइड शामिल हैं। यह मामला चिंताजनक है क्योंकि बिना योग्यता और रजिस्ट्रेशन के पैथोलॉजी लैब चलाना मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और अवैध पैथोलॉजी लैब को बंद करना चाहिए। *लोकेशन: ग्राम पंचायत मोखा, ब्लॉक - गुण्डरदेही, जिला बालोद* *आवश्यक कार्रवाई के लिए अनुरोध* स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध है कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई करें और अवैध पैथोलॉजी लैब को बंद करें। मरीजों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है। *क्या है मामला?* - मौली पैथोलॉजी लैब बिना रजिस्ट्रेशन और सीजीएलटी नंबर के अवैध रूप से चल रही है। - सैंपल लेने वाले के पास CgLT नंबर नहीं है फिर भी सैंपल निकल रहा है। - जब मीडिया वाले क्वेश्चन करते हैं तो बदतमीजी से बात करते हैं और मारने पीटने का धमकी देते हैं न्यूज कवरेज करने नहीं देते मीडिया से दूर व्यवहार से बात करते हैं।1
- एक ब्राम्हण क्या कहा संत रामपाल जी महाराज जी के बारे मे1
- दगोरी पावर प्लांट से निकाले गए मजदूरों की बहाली को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना करेगी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन- बैठक मे लिया गया निर्णय आज रविवार की शाम 6:28 पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिला संयोजक अनिल कुमार पाली जी से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर। बिल्हा ब्लॉक के दगोरी गांव में स्थित नोवा पावर प्लांट से बिना कारण निकाले गए मजदूरों को पुनः काम पर रखने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के सेनानियों और गांव के युवाओं के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किये जाने की सूचना आज दगौरी मे रविवार की साम 5 बजे हुवे बैठक दी गई। संगठन का कहना है कि मजदूरों को अचानक काम से निकालना न केवल अमानवीय है बल्कि श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन भी है। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के जिला संयोजक अनिल कुमार पाली ने आज बैठक कर बताया कि लंबे समय से पावर प्लांट में कार्यरत मजदूरों को बिना पूर्व सूचना और बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बाहर कर दिया गया, जिससे उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। संगठन ने प्रबंधन से तत्काल मजदूरों को वापस काम पर रखने की मांग की है। जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जिला अध्यक्ष शैलू ठाकुर ने कहा कि धरना प्रदर्शन के माध्यम से जिला प्रशासन और श्रम विभाग का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकर्षित किया जाएगा। यदि मजदूरों की मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने स्पष्ट किया है कि वह मजदूरों के हक और सम्मान की लड़ाई सड़क से लेकर प्रशासनिक स्तर तक पूरी मजबूती से लड़ेगी, जिसके लिए गांव के लोगों के साथ मिल कर बहुत जल्द एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जायेगा, जिसमे प्रदेश भर से छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के पदाधिकारी सेनानी एकत्रित होंगे।1