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जय घोषों के साथ हुयी मां की विदाई धूमधाम और परंपरागत तरीके से हुआ महादशहरा पर्व हटा से पुष्पेन्द्र रैकवार कि रिपोर्ट
Pushpendra hatta Press reporter
जय घोषों के साथ हुयी मां की विदाई धूमधाम और परंपरागत तरीके से हुआ महादशहरा पर्व हटा से पुष्पेन्द्र रैकवार कि रिपोर्ट
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- धान की जबरदस्त आवक के बीच नहीं हो रहा परिवहन परिवहन न होने से हो रही तुलाई प्रभावित, मौसम कि करवट से किसान दिख रहे परेशान अजयगढ़:-अजयगढ़ मे चल रहे धान खरीद केंद्रों मे परिवहन न होने से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इन खरीद केंद्रों मे किसानों के द्वारा बुक किये गए स्लॉट के कारण उनकी आवक भरपूर मात्रा मे है पर पहले से तोली गई धान के परिवहन न होने से नई धान केवल रखी हुई है जबकि कुछ जगहों मे तो आने वाली धान को रखने की भी जगह नहीं है। अधिकारियो को इसकी जानकारी होने का बाद भी उनके द्वारा धान के परिवाहन पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।कई खरीद केंद्रों मे हजारों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अजयगढ़ अनर्गत सभी 6 खरीद केंद्रों मे अभी तक लगभग 40 हजार क्विंटल धान खरीद की जा चुकी है जबकि लगभग 13 हजार क्विंटल का ही केवल परिवहन हो सका है ऐसे मे सोचने वाली बात ये है की अगर मौसम करवट लेता है तो खुले मे डली हुई धान के खराब होने का जिम्मेदार कौन होगा??क्या कोई अधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेगा या इसकी जिम्मेदारी उस बेचारे गरीब किसान के ऊपर ही जाएगी????किसानों का कहना है कि समय पर धान उठाव न होने से जहां गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, वहीं भुगतान प्रक्रिया भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। कई किसानों के खातों में अब तक खरीदे गए धान का भुगतान नहीं पहुंच पाया है,जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ रहा है।3
- अजयगढ़: जंगल से सटी कृषि भूमि विवाद में बड़ा कदम, 35 किसानों ने पेश किए दस्तावेज अजयगढ़ (पन्ना), 2025 – वन व्यवस्थापन से जुड़े लंबे विवाद को सुलझाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। ग्राम बीरा और हरसेनी के 35 दावा करने वाले किसानों ने आज वन परिक्षेत्र अजयगढ़ कार्यालय में अपने दस्तावेज जमा कराए और कथन दर्ज कराए। एसडीएम आलोक मार्को के 16 दिसंबर के आदेश का अनुपालन करते हुए किसान सुबह 11 बजे कार्यालय पहुंचे। आदेश में स्पष्ट निर्देश था कि किसान अपनी कृषि भूमि के कब्जे और अधिकार संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करें तथा प्रशासन का सहयोग करें। वन परिक्षेत्र अधिकारी पंकज दुवे ने बताया कि एसडीएम के निर्देश पर किसानों की सुविधा के लिए विशेष न्यायालय लगाया गया। यहां वन अमला, पटवारी सहित पूरी टीम मौजूद रही। सभी किसानों के जंगलों से सटी भूमि के दस्तावेज जांचे गए, कथन लिए गए और पूरी कार्यवाही का प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। यह कदम पन्ना जिले में वन-राजस्व भूमि विवादों के समाधान की दिशा में सकारात्मक पहल माना जा रहा है। किसानों ने प्रशासन के इस सहयोगात्मक रुख की सराहना की है। अब सभी की निगाहें एसडीएम के अगले फैसले पर टिकी हैं, जो जल्द ही इन दावों पर अंतिम निर्णय ले सकते हैं।4
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