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bagdumi lakadgarja gaw nayadih maslia zila dumka jharkhand rajy+bihar jay bholenath
Khagesh kumar
bagdumi lakadgarja gaw nayadih maslia zila dumka jharkhand rajy+bihar jay bholenath
More news from Dhanbad and nearby areas
- झरिया के मातृ सदन में एक प्रसव के बाद महिला की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। मृतका की पहचान सोनाली कुमारी सेन (35) के रूप में हुई है, जो झरिया के खास परघा की रहने वाली थी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर कृष्ण अग्रवाल के इलाज के बावजूद महिला की जान नहीं बचाई जा सकी। परिजनों ने मीडिया को बताया कि सोनाली कुमारी सेन को दर्द होने के शनिवार की सुबह मातृ सदन में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी की बात कही थी, लेकिन प्रसव के बाद महिला की जान चली गई। इस घटना से परिजनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी। मौके पर पहुंची झरिया पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। मृतका के पति रामकुमार मोदक ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतका की दो बेटियां हैं, साक्षी कुमारी (8) और गोलू कुमारी (5)। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और आगे की कार्रवाई कर रही है। वह मृतका के परिजन और अस्पताल के प्रबंधक के द्वारा शनिवार की मध्य रात्रि 1:30 बजे तक वार्ता चला रहा, वहीं मृतका के देवर ने क्या कुछ कहा चलिए आपको सुनाते हैं झरिया से नयन मोदक की रिपोर्ट4
- अब कूड़ा कचरा चुनने वालों को बच्चों को ही सजा मिल रहे हैं मैनपुरी/थाना कोतवाली क्षेत्र के देवी रोड से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां दुर्गा मंदिर के नजदीक एक व्यक्ति कूड़ा बीनने वाले दो नाबालिक बच्चों के साथ बर्बरता करता नजर आ रहा है, सूत्रों के अनुसार युवक ने दोनों बच्चों को सर्दी में नंगा करके मुर्गा बनाया और उनसे जमीन में नाक रगड़वाई, पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, वीडियो वायरल होने के बाद लोग आरोपी पर कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं1
- जय बाबा बैद्यनाथ 🙏 #Toyota ने भारतीय ऑटोमोटिव बाजार में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, जिसमें देश में अपने संचालन के बारे में कई दिलचस्प और कम ज्ञात तथ्यों हैं: 1. भारत में अर्ली एंट्री: टोयोटा ने 1997 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया टोयोटा क्वालिस, उस समय एक लोकप्रिय एमपीवी (मल्टी-पर्पज वाहन) के लॉन्च के साथ। यह भारत में महत्वपूर्ण उपस्थिति स्थापित करने वाले पहले विदेशी वाहन निर्माताओं में से एक था। 2. किर्लोस्कर के साथ संयुक्त उद्यम: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन और किर्लोस्कर समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम है। यह साझेदारी 1997 में शुरू हुई थी, और तब से कंपनी भारतीय ऑटोमोटिव मार्केट में एक प्रमुख खिलाड़ी रही है। 3. स्थानीय विनिर्माण सुविधाएं: भारत में टोयोटा के विनिर्माण संयंत्र बिदादी, कर्नाटक में और तमिलनाडु में दूसरे संयंत्र में स्थित हैं। ये संयंत्र उन्नत प्रौद्योगिकी से सुसज्जित हैं और एक महत्वपूर्ण स्थानीय सामग्री है, जो "मेक इन इंडिया" पहल के लिए टोयोटा की प्रतिबद्धता में योगदान देता है। 4. टोयोटा का ग्लोबल आर एंड डी हब: टोयोटा ने बेंगलुरु में अपना ग्लोबल बिजनेस सर्विसेज (जीबीएस) केंद्र स्थापित किया, जो टोयोटा की वैश्विक अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए प्रमुख हब में से एक है। यह केंद्र आईटी और इंजीनियरिंग समाधान सहित ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है। 5. हाइब्रिड प्रौद्योगिकी नेता: टोयोटा दुनिया की पहली बड़े पैमाने पर उत्पादित हाइब्रिड कार टोयोटा प्रियस की शुरूआत के साथ हाइब्रिड प्रौद्योगिकी में अग्रणी थी। भारत में, टोयोटा ने 2013 में टोयोटा कैमरी हाइब्रिड के साथ अपनी हाइब्रिड तकनीक पेश की, जिससे भारतीय बाजार में हाइब्रिड वाहनों को अधिक सुलभ बनाया गया। 6. हाइब्रिड वाहनों का उत्पादन करने वाला पहला भारतीय संयंत्र: बिदाड़ी में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर संयंत्र भारत में स्थानीय रूप से हाइब्रिड वाहनों का निर्माण करने वाला पहला भारतीय संयंत्र था। इस कदम से लागत कम करने और भारतीय बाजार में हाइब्रिड प्रौद्योगिकी की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिली। 7. स्थिरता के लिए टोयोटा की प्रतिबद्धता: टोयोटा इंडिया का स्थिरता और पर्यावरण की पहलों पर एक मजबूत फोकस है। कंपनी ने विभिन्न इको-फ्रेंडली पीआर में निवेश किया है1
- मनरेगा को कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण गरीबों को रोजगार का कानूनी अधिकार देने और पलायन रोकने के लिए लाया, जिसने करोड़ों परिवारों को सम्मानजनक आजीविका दी। मोदी सरकार ने बीते वर्षों में मनरेगा को कमजोर किया और अब इसके पूरे ढांचे को बदलकर गरीबों के हितों पर हमला किया है। डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व और श्रीमती सोनिया गांधी जी के देखरेख में बने मनरेगा को बर्बाद करने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस और उसके कार्यकर्ता पूरी ताकत से संघर्ष करेंगे।1
- केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री जीतन राम मांझी का खुले मंच पर चुनावी बयान # फिर ऊ टर्न #hilights नितिश कुमार फैन्स एसोसिएशन Election Commission of India1
- विदाई समारोह में अपराधियों से गिफ्ट लेने का आरोप, तत्कालीन विक्रम थाना अध्यक्ष पर गिरी गाज #BiharPolice #ViralNews #VikramThana #PoliceAction #BreakingNews1
- क्या हुआ था निलेश हंसदा के साथ और क्यों नहीं मिला न्याय?” आदिवासी सरकार होने के बावजूद आज आदिवासी समाज इतना बेहाल क्यों है? इस वीडियो में हम बात करेंगे निलेश हंसदा के मामले की— 👉 आखिर उनके साथ क्या हुआ? 👉 जांच और न्याय की प्रक्रिया कहाँ और क्यों फेल हुई? 👉 आदिवासी हितों की बात करने वाली सरकार में ही आदिवासी सुरक्षित क्यों नहीं? यह वीडियो सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल है। अगर आप भी सच जानना चाहते हैं और चुप्पी को तोड़ना चाहते हैं, तो यह वीडियो अंत तक ज़रूर देखें। ✊ न्याय की मांग, सवाल सिस्टम से 📢 आवाज़ उठाइए, वीडियो शेयर कीजिए #NileshHansda #आदिवासी_न्याय #TribalJustice #AdivasiRights #SystemFailure #JusticeForNilesh #Jharkhand #TribalVoice1
- *आरपीएफ रांची द्वारा नवजात शिशु को सुरक्षित बचाया गया* कमांडेंट श्री पवन कुमार के निर्देशानुसार आरपीएफ रांची द्वारा ड्यूटी के दौरान सतर्कता बरती जा रही है। इसी क्रम में दिनांक 20.12.2025 को जांच के दौरान आरपीएफ पोस्ट रांची में ड्यूटी पर तैनात शिफ्ट अधिकारी एएसआई अरुण कुमार एवं महिला कांस्टेबल राखी कुमारी द्वारा रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर जीआरपी/रांची के समीप ओवरब्रिज के नीचे एक लगभग 03 माह के नवजात शिशु बालक को लावारिस अवस्था में पाया गया। घटना की सूचना तत्काल जीआरपी/रांची को दी गई। महिला कांस्टेबल राखी कुमारी द्वारा शिशु को सुरक्षित रूप से जीआरपी/रांची लाया गया तथा उसे सुरक्षित अभिरक्षा में रखा गया। इसके पश्चात आसपास मौजूद यात्रियों से पूछताछ की गई, किंतु कोई भी व्यक्ति शिशु के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सका। आगे की जांच के क्रम में स्टेशन परिसर के सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया गया, जिसमें एक अज्ञात पुरुष व्यक्ति शिशु को लेकर जाते हुए दिखाई दिया। हालांकि, फुटेज में शिशु को रखने का सटीक स्थान स्पष्ट नहीं था तथा उक्त व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित नहीं हो सकी। इसके आधार पर रेलवे स्टेशन परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में व्यापक खोजबीन की गई, लेकिन संबंधित व्यक्ति का पता नहीं चल सका। सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूर्ण करने के उपरांत शिशु बालक को जीआरपी/रांची की उपस्थिति में चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी), रांची को सुरक्षित रूप से सुपुर्द कर दिया गया।1