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#रक्तदान_महादान_इससे_बड़ा_ना_कोई_दूजा_दान PVM 🩸🩸🩸 8 वर्षीय #थैलेसिमिया पीड़ित बच्चा अबू सूफियान (🅾️-)सा. पदमा के लिए PVM BLOOD DONORS CLUB के रक्तवीर राजा विश्वकर्मा पिता महेश विश्वकर्मा सा. पेलावल दक्षिणी ने किया रक्तदान। उल्लेखनीय है कि यह #दुर्लभ #ग्रुप O Negative ब्लड बैंक में उपलब्ध ना होने के कारण बच्चे की मां का कल PVM को कॉल आया कि मदद करें। PVM द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए कल से ही कई रक्तवीरों को इसकी जानकारी दी गई। सभों द्वारा प्रयास भी किया गया अपरिहार्य कारणों से दो O negative डोनर रक्तदान नहीं कर पाए। आज प्रातः 11 बजे राजा विश्वकर्मा बाबू ने रक्तदान कर इंसानियत का सटीक परिचय दिए। ज्ञात हो कि कल राजा बाबू से संपर्क नहीं हो पाया था,आज उनको जानकारी मिलते ही ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान किए। PVM की ओर से #रक्तवीर राजा विश्वकर्मा बाबू के जज्बे को दिल की गहराईयों से SALUTE. यही जज्बा गर सभी युवकों में आ जाए तो किसी भी थैलेसिमिक पीड़ित बच्चों एवं उनके परिजनों को दिक्कत का सामना कतई नहीं करना पड़ेगा। इस पुनित कार्य में मंच के उपाध्यक्ष सुधीर ठाकुर एवं उप सचिव इंजमामुल हक भारती ने अपनी उपस्तिथि ब्लड बैंक में दर्ज कराई जो सराहनीय है। #DonateBloodSaveLife #blooddonation #BeALifeSaver #pvmblooddonorsclub #रक्तदान

on 15 October
user_M.Haque Bharti
M.Haque Bharti
Social worker Hazaribagh•
on 15 October
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#रक्तदान_महादान_इससे_बड़ा_ना_कोई_दूजा_दान PVM 🩸🩸🩸 8 वर्षीय #थैलेसिमिया पीड़ित बच्चा अबू सूफियान (🅾️-)सा. पदमा के लिए PVM BLOOD DONORS CLUB के रक्तवीर राजा विश्वकर्मा पिता महेश विश्वकर्मा सा. पेलावल दक्षिणी ने किया रक्तदान। उल्लेखनीय है कि यह #दुर्लभ #ग्रुप O Negative ब्लड बैंक में उपलब्ध ना होने के कारण बच्चे की मां

का कल PVM को कॉल आया कि मदद करें। PVM द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए कल से ही कई रक्तवीरों को इसकी जानकारी दी गई। सभों द्वारा प्रयास भी किया गया अपरिहार्य कारणों से दो O negative डोनर रक्तदान नहीं कर पाए। आज प्रातः 11 बजे राजा विश्वकर्मा बाबू ने रक्तदान

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कर इंसानियत का सटीक परिचय दिए। ज्ञात हो कि कल राजा बाबू से संपर्क नहीं हो पाया था,आज उनको जानकारी मिलते ही ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान किए। PVM की ओर से #रक्तवीर राजा विश्वकर्मा बाबू के जज्बे को दिल की गहराईयों से SALUTE. यही जज्बा गर सभी युवकों में आ

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जाए तो किसी भी थैलेसिमिक पीड़ित बच्चों एवं उनके परिजनों को दिक्कत का सामना कतई नहीं करना पड़ेगा। इस पुनित कार्य में मंच के उपाध्यक्ष सुधीर ठाकुर एवं उप सचिव इंजमामुल हक भारती ने अपनी उपस्तिथि ब्लड बैंक में दर्ज कराई जो सराहनीय है। #DonateBloodSaveLife #blooddonation #BeALifeSaver #pvmblooddonorsclub #रक्तदान

More news from Hazaribagh and nearby areas
  • मुख्यमंत्री लघु कुटीर बोर्ड के तहत 25 दिवसीय सोहराई पेंटिंग प्रशिक्षण का शुभारंभ
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    मुख्यमंत्री लघु कुटीर बोर्ड के तहत 25 दिवसीय सोहराई पेंटिंग प्रशिक्षण का शुभारंभ
    user_झारखण्ड न्यूज हजारीबाग खबर वही जो दिखाएं सच्चाई
    झारखण्ड न्यूज हजारीबाग खबर वही जो दिखाएं सच्चाई
    Hazaribagh•
    20 hrs ago
  • *रांची रेलवे स्टेशन पर मिला तीन माह का नवजात — आरपीएफ ने दिखाई मानवता, बचाई मासूम की जान* राजधानी रांची रेलवे स्टेशन पर मानवीय संवेदनशीलता का एक प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला। शनिवार देर रात रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने कड़ाके की ठंड में एक तीन माह के नवजात शिशु को सुरक्षित बरामद किया। बच्चे को किसी ने स्टेशन परिसर में ओवरब्रिज के नीचे लावारिस हालत में छोड़ दिया था। आरपीएफ की सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई से उस मासूम की जान बच गई। आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर लगातार सुरक्षा और निगरानी बढ़ाई गई है। इसी दौरान एएसआई अरुण कुमार और महिला कांस्टेबल राखी कुमारी प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर गश्त कर रहे थे, जब उन्होंने एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी। जांच करने पर ओवरब्रिज के नीचे एक तीन माह का बालक ठंड में लिपटा हुआ मिला। तुरंत महिला पुलिसकर्मी राखी कुमारी ने शिशु को गोद में उठाया और उसे जीआरपी पोस्ट लाया गया, जहां प्राथमिक जांच और सुरक्षा के सभी इंतज़ाम किए गए। शिशु की पहचान नहीं हो सकी आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने यात्रियों और आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन शिशु के परिजनों का कोई
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    *रांची रेलवे स्टेशन पर मिला तीन माह का नवजात — आरपीएफ ने दिखाई मानवता, बचाई मासूम की जान*
राजधानी रांची रेलवे स्टेशन पर मानवीय संवेदनशीलता का एक प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला। शनिवार देर रात रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने कड़ाके की ठंड में एक तीन माह के नवजात शिशु को सुरक्षित बरामद किया। बच्चे को किसी ने स्टेशन परिसर में ओवरब्रिज के नीचे लावारिस हालत में छोड़ दिया था।
आरपीएफ की सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई से उस मासूम की जान बच गई।
आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर लगातार सुरक्षा और निगरानी बढ़ाई गई है।
इसी दौरान एएसआई अरुण कुमार और महिला कांस्टेबल राखी कुमारी प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर गश्त कर रहे थे, जब उन्होंने एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी।
जांच करने पर ओवरब्रिज के नीचे एक तीन माह का बालक ठंड में लिपटा हुआ मिला। तुरंत महिला पुलिसकर्मी राखी कुमारी ने शिशु को गोद में उठाया और उसे जीआरपी पोस्ट लाया गया, जहां प्राथमिक जांच और सुरक्षा के सभी इंतज़ाम किए गए।
शिशु की पहचान नहीं हो सकी
आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने यात्रियों और आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन शिशु के परिजनों का कोई
    user_Chandan Pathak
    Chandan Pathak
    Latehar•
    19 hrs ago
  • जब अपनो में अपना..
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    जब अपनो में अपना..
    user_JANATA 1 NEWS
    JANATA 1 NEWS
    Media company Koderma•
    19 hrs ago
  • भीड इतने बेकाबू हो गए एक्ट्रेस निधि अग्रवाल....?
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    भीड इतने बेकाबू हो गए एक्ट्रेस निधि अग्रवाल....?
    user_Sudesh Kumar
    Sudesh Kumar
    Farmer Ramgarh•
    15 hrs ago
  • Post by Pato Devi makhari Sama pachrukhi
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    Post by Pato Devi makhari Sama pachrukhi
    user_Pato Devi makhari Sama pachrukhi
    Pato Devi makhari Sama pachrukhi
    Nawada•
    18 hrs ago
  • Hossiyar ho Jaye Dosto apna Email Aur password Secure Kare please 🙏 bache Froud hone SE . dhanywad
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    Hossiyar ho Jaye Dosto apna Email Aur password Secure Kare please 🙏 bache Froud hone SE . dhanywad
    user_Mohammad Sohrab Ansari
    Mohammad Sohrab Ansari
    Voice of people Nawada•
    8 hrs ago
  • अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही समीरा खान पहुंची नवादा *मॉडर्न इंग्लिश स्कूल कुंती नगर के छात्राओं को किया संबोधित* *साइकिल से 37 देशों की यात्रा कर, संघर्ष की मिसाल बनी समीरा - डॉ अनुज* नवादा लाइव नेटवर्क। दुनिया के 37 देशों की साइकिल से यात्रा करने वाली साइकिलिस्ट और माउंट एवरेस्ट सहित 11 ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने का प्रयास करने वाली अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही समीरा खान सोमवार को नवादा पहुंची। इस दौरान समीरा ने शहर के कुंती नगर स्थित मॉडर्न इंग्लिश स्कूल पहुंचकर छात्राओं को संबोधित किया। इस मौके पर विद्यालय के निदेशक डॉ अनुज सिंह की अगुवाई में समीरा खान का जोरदार स्वागत किया गया। जहां विद्यालय पहुंचने पर छात्राओं के द्वारा विधिवत तिलक चंदन लगाकर स्वागत किया गया,उसके बाद विद्यालय के निदेशक डॉ अनुज सिंह ने पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया। मौके पर उपस्थित डॉ अनुज सिंह ने कहा कि समीरा खान आज साइकिलिंग के माध्यम से बालिका सशक्तिकरण की अलख जगा रही हैं. वे महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों की यात्रा कर चुकी हैं और वे सरकारी व निजी विद्यालयों में जाकर छात्राओं को बड़े सपने देखने, आत्मनिर्भर बनने और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित कर रही हैं। आज समीरा खान संघर्ष की मिसाल बन चुकी है। समीरा की कहानी आज हर किसी के लिए प्रेरणास्रोत है। महज 9 साल में मां के खोने और वर्ष 2015 में पिता के निधन के बाद भी समीरा ने हार नहीं मानी।टूटने के बजाय उन्होंने ठान लिया कि वे कुछ ऐसा करेंगी, जिसे दुनिया याद रखे।मां-बाप को खोने के बाद समीरा वर्ष 2018 में साइकिल से ‘मिशन माउंट एवरेस्ट’ के संकल्प के साथ घर से निकल पड़ीं। वहीं समीरा खान ने छात्राओं को कहा कि आप खुद को एक लड़़की नहीं इंसान माने तभी आप आगे कुछ भी कर सकती है। ज़ब आप लड़की मानोगे तो बहुत सारे रोक लगेंगे। यह नहीं करों, वह नहीं करो। जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा अपनी सोच ऊंची रखें। आसपास के लोग क्या बोलते हैं, इसको लेकर निराश ना हो, आगे बढ़ाने के लिए अपने माता-पिता को हमेशा विश्वास में रखें, क्योंकि, आपको आगे बढ़ाने में उनका सबसे बड़ा सहयोग मिलता है ।समीरा खान ने इस मौके पर छात्राओं को अपने जीवन संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि बचपन में ही उनके माता-पिता खो गए थे ।इसके बावजूद भी उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में खुद को तैयार किया और सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उनका लक्ष्य माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना और अपनी यात्राओं और अनुभव पर एक किताब भी लिखना है। उसने बताया कि अब तक वह 11 पहाड़ों पर चढ़ने का प्रयास कर चुकी है और इस दौरान सात चोटियों पर चढ़ने में सफलता अर्जित की है। इसमें 6859 मीटर ऊंची अमा डबलाम चोटी भी शामिल है।इसके साथ ही वह साइकिल से अब तक दुनिया के 37 देशों की यात्रा कर चुकी है। मौके पर विद्यालय के वरिष्ठ खेल शिक्षक व राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अलखदेव प्रसाद, विद्यालय के क्रिकेट कोच राकेश रंजन, कल्पना कुमारी, नीतीश कुमार के साथ-साथ विद्यालय के सभी शिक्षकों की‌ गरिमापूर्ण उपस्थिति रही।
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    अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही समीरा खान पहुंची नवादा
*मॉडर्न इंग्लिश स्कूल कुंती नगर के छात्राओं को किया संबोधित*
*साइकिल से 37 देशों की यात्रा कर, संघर्ष की मिसाल बनी समीरा - डॉ अनुज* 
नवादा लाइव नेटवर्क।
दुनिया के 37 देशों की साइकिल से यात्रा करने वाली साइकिलिस्ट और माउंट एवरेस्ट सहित 11 ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने का प्रयास करने वाली अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही समीरा खान सोमवार को नवादा पहुंची। इस दौरान समीरा ने शहर के कुंती नगर स्थित मॉडर्न इंग्लिश स्कूल पहुंचकर छात्राओं को संबोधित किया। इस मौके पर विद्यालय के निदेशक डॉ अनुज सिंह की अगुवाई में समीरा खान का जोरदार स्वागत किया गया। जहां विद्यालय पहुंचने पर छात्राओं के द्वारा विधिवत तिलक चंदन लगाकर स्वागत किया गया,उसके बाद विद्यालय के निदेशक डॉ अनुज सिंह ने पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया।
मौके पर उपस्थित डॉ अनुज सिंह ने कहा कि समीरा खान आज साइकिलिंग के माध्यम से बालिका सशक्तिकरण की अलख जगा रही हैं. वे महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों की यात्रा कर चुकी हैं और वे सरकारी व निजी विद्यालयों में जाकर छात्राओं को बड़े सपने देखने, आत्मनिर्भर बनने और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
आज समीरा खान संघर्ष की मिसाल बन चुकी है। समीरा की कहानी आज हर किसी के लिए प्रेरणास्रोत है। महज 9 साल में मां के खोने और वर्ष 2015 में पिता के निधन के बाद भी समीरा ने हार नहीं मानी।टूटने के बजाय उन्होंने ठान लिया कि वे कुछ ऐसा करेंगी, जिसे दुनिया याद रखे।मां-बाप को खोने के बाद समीरा वर्ष 2018 में साइकिल से ‘मिशन माउंट एवरेस्ट’ के संकल्प के साथ घर से निकल पड़ीं। 
वहीं समीरा खान ने छात्राओं को कहा कि आप खुद को एक लड़़की नहीं इंसान माने तभी आप आगे कुछ भी कर सकती है। ज़ब आप लड़की मानोगे तो बहुत सारे रोक लगेंगे। यह नहीं करों, वह नहीं करो। जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा अपनी सोच ऊंची रखें। आसपास के लोग क्या बोलते हैं, इसको लेकर निराश ना हो, आगे बढ़ाने के लिए अपने माता-पिता को हमेशा विश्वास में रखें, क्योंकि, आपको आगे बढ़ाने में उनका सबसे बड़ा सहयोग मिलता है 
।समीरा खान ने इस मौके पर छात्राओं को अपने जीवन संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि बचपन में ही उनके माता-पिता खो गए थे ।इसके बावजूद भी उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में खुद को तैयार किया और सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उनका लक्ष्य माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना और अपनी यात्राओं और अनुभव पर एक किताब भी लिखना है। 
उसने बताया कि अब तक वह 11 पहाड़ों पर चढ़ने का प्रयास कर चुकी है और इस दौरान सात चोटियों पर चढ़ने में सफलता अर्जित की है। इसमें 6859 मीटर ऊंची अमा डबलाम चोटी भी शामिल है।इसके साथ ही वह साइकिल से अब तक दुनिया के 37 देशों की यात्रा कर चुकी है। मौके पर विद्यालय के वरिष्ठ खेल शिक्षक व राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अलखदेव प्रसाद, विद्यालय के क्रिकेट कोच राकेश रंजन, कल्पना कुमारी, नीतीश कुमार के साथ-साथ विद्यालय के सभी शिक्षकों की‌ गरिमापूर्ण उपस्थिति रही।
    user_Varunendra kumar (Nawada Live)
    Varunendra kumar (Nawada Live)
    Journalist Nawada•
    9 hrs ago
  • बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों के आरोप, अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ी ढाका/नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर कथित अत्याचार और हमलों को लेकर एक बार फिर चिंता गहराती जा रही है। विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ समय से देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू समुदाय के घरों, मंदिरों और संपत्तियों को निशाना बनाए जाने के आरोप सामने आए हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, कुछ इलाकों में धार्मिक आयोजनों के दौरान तनाव की स्थिति बनी, जिसके बाद हिंसा, तोड़फोड़ और डराने-धमकाने की घटनाएं होने का दावा किया गया। प्रभावित परिवारों का कहना है कि वे असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं और कई लोग पलायन पर भी विचार कर रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों ने इन घटनाओं को गंभीर बताते हुए बांग्लादेश सरकार से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, बांग्लादेश सरकार का कहना है कि वह सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जहां भी कानून-व्यवस्था भंग हुई है, वहां कार्रवाई की जा रही है। भारत सहित कई देशों में इन घटनाओं को लेकर चिंता जताई गई है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाली किसी भी घटना से पूरे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है। फिलहाल, सच्चाई तक पहुंचने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग तेज हो रही है, ताकि दोषियों को सजा मिले और बांग्लादेश में सभी समुदायों के बीच विश्वास बहाल हो सके।
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    बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों के आरोप, अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ी
ढाका/नई दिल्ली।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर कथित अत्याचार और हमलों को लेकर एक बार फिर चिंता गहराती जा रही है। विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ समय से देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू समुदाय के घरों, मंदिरों और संपत्तियों को निशाना बनाए जाने के आरोप सामने आए हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक, कुछ इलाकों में धार्मिक आयोजनों के दौरान तनाव की स्थिति बनी, जिसके बाद हिंसा, तोड़फोड़ और डराने-धमकाने की घटनाएं होने का दावा किया गया। प्रभावित परिवारों का कहना है कि वे असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं और कई लोग पलायन पर भी विचार कर रहे हैं।
मानवाधिकार संगठनों ने इन घटनाओं को गंभीर बताते हुए बांग्लादेश सरकार से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, बांग्लादेश सरकार का कहना है कि वह सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जहां भी कानून-व्यवस्था भंग हुई है, वहां कार्रवाई की जा रही है।
भारत सहित कई देशों में इन घटनाओं को लेकर चिंता जताई गई है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाली किसी भी घटना से पूरे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है।
फिलहाल, सच्चाई तक पहुंचने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग तेज हो रही है, ताकि दोषियों को सजा मिले और बांग्लादेश में सभी समुदायों के बीच विश्वास बहाल हो सके।
    user_भास्कर न्यूज़ औरंगाबाद बिहार
    भास्कर न्यूज़ औरंगाबाद बिहार
    Journalist Aurangabad•
    14 hrs ago
  • बिहार के स्कूल में टीचर और रसोइया कर्मी के बीच जबरदस्त झोंटा झोंटी, क्या हो गया है हमारे देश को??
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    बिहार के स्कूल में टीचर और रसोइया कर्मी के बीच जबरदस्त झोंटा झोंटी, क्या हो गया है हमारे देश को??
    user_कुमारवाणी
    कुमारवाणी
    Local Politician Aurangabad•
    20 hrs ago
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