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#protest उन्नाव रेप पीड़िता के समर्थन में विरोध करते प्रगतिशील महिला संगठन के सदस्य: चाहे उन्नाव रेप कांड हो या अरावली का मामला, इन दोनों मामलों ने ज्यूडिशियरी को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है, अरावली पर भी जनता के दबाव में ज्यूडिशियरी को अपना फैसला वापस लेना पड़ा है...
Ahmed Siraj Farooqi
#protest उन्नाव रेप पीड़िता के समर्थन में विरोध करते प्रगतिशील महिला संगठन के सदस्य: चाहे उन्नाव रेप कांड हो या अरावली का मामला, इन दोनों मामलों ने ज्यूडिशियरी को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है, अरावली पर भी जनता के दबाव में ज्यूडिशियरी को अपना फैसला वापस लेना पड़ा है...
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- कोटा, 30दिसम्बर 2025/जे के फैक्ट्री के 4200 मजदूरों का जे के सिंथेटिक की तरफ 28 साल अपनी मेंहनत का बकाया वेतन जो 28 साल का ब्याज जोड़कर 500 करोड़ रुपयों से अधिक बनता है का भुगतान सरकार से करवाने की मांग को लेकऱ जे के सिंथेटिक के सैकड़ो मजदूर अपने परिजनों के साथ सीटू के बैनर तले 18 फ़रवरी 2025 से जे के सिंथेटिक की तीनो मजदूर यूनियनों के महामंत्रियों एवं मजदूर नेता कामरेड हबीब खान, कामरेड उमाशंकर ओर कामरेड नरेंद्रसिंह के सयुक्त नैतृत्व मे कोटा जिला न्यायाधीश के सामने बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरना सरकार के खिलाफ लगाकर बैठे हुए है लगातार धरने को चलते हुए आज 316 दिन बीत चुके है इन 316 दिनों के संघर्ष के बीच 12 जे के मजदूरो का निधन बकाया वेतन नहीं मिलने के सदमे के कारण हो चूका है फिर भी राज्य की तानाशाही सरकार ओर सत्ता मे बैठे स्थानीय जनप्रतिनिधियों को संघर्षरत मजदूरों की पीड़ा नजर नहीं आ रही है इससे साफ नजर आता है राज्य मे कारपोरेट घरानो के लिए काम करने वाली सरकार सत्ता पर काबिज है सरकार के इस मजदूर विरोधी रवैये से मजदूरों मे जनप्रतिनिधियों ओर प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 316 वे दिन धरना स्थल से मिडिया को जानकारी देते हुए कामरेड अली मोहम्मद ने बताया की धरने मे उपस्थित मजदूरों को सम्बोधित करते हुए जे के मजदूर नेता कामरेड हबीब खान, कामरेड उमाशंकर, कामरेड केदारजोशी, कामरेड नरेंद्रसिंह ने सरकार ओर प्रशासन के साथ साथ कोटा के सबसे बड़े नेता जो केंद्र मे सत्ता मे बैठे लोकसभा स्पीकर कहा की जे के मजदूर अपना हक अधिकार प्राप्त करने ओर जे के सिंथेटिक मे 28 साल पहले की गई अपनी मेहनत का बकाया वेतन सरकार से लेने को लेकर सुप्रिम कोर्ट द्वारा दिये आदेश को लागु करवाने के लिए 11 महीनो से जिला कलेक्ट्रेट के सामने आंदोलन कर रहे सरकार ने धरने के दबाव मे फैक्ट्री की जमीन मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान चुकाने की शर्त पर अधिग्रहण भी कर लिया है लेकिन अभी तक मजदूरों को अपना हक नहीं मिला जिसके चलते 18 फ़रवरी से धरने शामिल हो रहे 12 मजदूरों की बकाया वेतन नहीं मिलने के सदमे के कारण मौत हो गई सरकार के तानाशाही रवैये के कारण एक एक करके मजदूरों को मौत हो रही है ओर सरकार फैक्ट्री की हजारों करोड़ो रुपयों की जमीन का भूमाफियाओ के साथ मिलकर बंदर बाट करने की साजिस रच रही है इस साजिस मे सरकार को कभी भी जे के मजदूर ओर सीटू का लाल झण्डा कामयाब नहीं होने देगा जे के फैक्ट्री के 4200 मजदूरों को उनका हक अधिकार ओर बकाया वेतन सरकार से भुगतान करवाकर रहेगा मजदूर नेताओं ने कहा सरकार के प्रति मजदूरों का गुस्सा फुट रहा है लगातार धरने के समर्थन मे आमजनता का जुड़ाव हो रहा है उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा की सरकार से जल्द से जल्द हमारा बकाया वेतन करवाने पर कार्यवाही करे अन्यथा हमें सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन ओर प्रशासन की होंगी। 316 वे दिन धरने उपस्थित मजदूरों की उपस्थिति के बारे जानकारी देते हुए कामरेड महावीर प्रसाद ने बताया की धरने पर यूनियन के रजिस्टर मे 710 मजदूरों ओर सीटू के कार्यकर्ताओ ने अपनी उपस्थिति दर्जकराई जिसमे 350 महिलाए शामिल रही। सीटू मिडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया की बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर धरने मे उपस्थित जे के मजदूरों ओर महिलाओ ने सरकार ओर प्रशासन के द्वारा मजदूर विरोधी रवैया अपनाने के कारण आक्रोश जताते हुए कलेक्ट्रेट के गैट तक सर्किट हॉउस से आक्रोश रैली निकाल कर नारेबाजी करते हुए सरकार से बकाया वेतन का भुगतान करने ओर सुप्रिम कोर्ट का फैसला आने के जिन मजदूरों की मृत्यु हो चुकी है उनके परिजनों को उचित मुआवजा सरकार से दिलवाने की जिला कलेक्टर कोटा से ओर स्थानीय जनप्रतिनिधियों मांग की गई। 316 वे दिन का. सतीश त्रिवेदी, का. मो. मंसूरी, का. कालीचरण सोनी, का. सीताराम,, का. अली मोहम्मद, का. हनुमान सिँह, महिला मजदूर का. राजकुमारी, का. रहीसा बानो आदि ने भी सम्बोधित किया। सभी ने सरकार ओर प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा की ज़ब तक हमारा बकाया वेतन सरकार से भुगतान नही करवा लेगे आंदोलन जारी रहेगा सरकार से सुप्रिम कोर्ट के आदेश की सभी शर्तो को लागुकरवाकर रहेंगे। इस दौरान जिला कलेक्ट्रेट पर धरने मे ओर आक्रोश रैली मे सैकड़ो की संख्या मे महिलाए ओर जे के मजदूर ओर सीटू के कार्यकर्ता मौजूद रहे। धरने का संचालन कामरेड अशोकसिंह ने किया।4
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- साढ़े दस माह और एक दर्जन मजदूरों की मौत: फिर भी नहीं मिला वेतन -28 साल से बकाया भुगतान का कर रहे इंतजार -315वें दिन भी जारी रहा जेके फैक्ट्री के मजदूरों का धरना कोटा। जेके सिंथेटिक्स फैक्ट्री के बंद होने के बाद 28 वर्षों से अधिक समय से बकाया वेतन की मांग को लेकर मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना सोमवार को 315 वें दिन भी जारी रहा। सीटू के बैनर तले 18 फरवरी से जिला कलेक्ट्रेट परिसर में चल रहे इस धरने में मजदूरों का आक्रोश चरम पर है। धरने के दौरान अब तक 12 मजदूरों की असमय मौत हो चुकी है, जिसके लिए मजदूरों ने सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। सीटू के मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि 18 फरवरी 2025 से शुरू हुए इस धरने में शामिल होने वाले मजदूरों में से 12 मजदूरों ने बकाया राशि नहीं मिलने के कारण सदमे में दम तोड़ दिया। सीटू के वरिष्ठ नेता कामरेड योगेश चंद और कामरेड हुकुम चंद सहित इन सभी की मौत की सूचना धरना स्थल पर दी गई। मजदूरों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। मजदूर नेताओं का आरोप है कि यदि सरकार ने समय पर जमीन अधिग्रहण के साथ बकाया वेतन का भुगतान कर दिया होता, तो ये मजदूर आज हमारे बीच होते। राज्य सरकार की तानाशाही नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि मजदूरों की मौत की जिम्मेदार यह सरकार है। 4200 मजदूरों का 500 करोड़ से अधिक बकाया सीटू मीडिया प्रभारी ने बताया कि जेके सिंथेटिक्स फैक्ट्री के करीब 4200 मजदूरों का 28 वर्ष पुराना बकाया वेतन 500 करोड़ रुपए से अधिक है। मजदूर नेता कामरेड उमाशंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड हबीब खान और अन्य ने संयुक्त रूप से सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द बकाया वेतन नहीं चुकाया गया तो मजदूर फैक्ट्री की जमीन पर अपना हक़ कायम करेंगे। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री की जमीन अधिग्रहण के साथ बकाया वेतन का भुगतान होना चाहिए। मजदूरों की मेहनत की राशि पर हमारा हक़ बनता है। नेताओं ने स्पष्ट किया कि बकाया भुगतान होने तक धरना जारी रहेगा। धरने में 700 मजदूरों की उपस्थिति, 300 महिलाएं शामिल धरने में सोमवार को यूनियन रजिस्टर में 700 मजदूरों ने उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें लगभग 300 महिलाएं शामिल रहीं। मजदूरों और सीटू कार्यकर्ताओं में सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। धरने के दौरान सैकड़ों मजदूरों और महिलाओं ने रैली निकालकर विरोध जताया। 315 वें दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित 315 वें दिन धरने को कामरेड उमाशंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड गोपाल शर्मा, कामरेड कालीचरण सोनी, कामरेड सतीश चंद त्रिवेदी, कामरेड हनुमान सिंह, शिशुपाल सिंह आदि ने संबोधित किया। धरने का संचालन कामरेड अशोक सिंह ने किया। मजदूर नेताओं ने दी चेतावनी कामरेड नरेंद्र सिंह और कामरेड उमाशंकर ने कहा कि सरकार फैक्ट्री की जमीन पर नया उद्योग लगाकर मजदूरों का बकाया चुकाए, अन्यथा मजदूर आंदोलन को और उग्र रूप देंगे। उन्होंने सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की।4
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