लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती पर वर्णिता ने दी श्रृद्धांजलि हमीरपुर। सुमेरपुर कस्बे के वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के तहत भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती मनाकर श्रृद्धांजलि दी गयी। संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि सरदार पटेल भारत के एकीकरण के भगीरथ थे। इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पटेल के लौह प्रयासों के फलस्वरूप भारत का एकीकरण हुआ। 562 देश की रियासतों का भारत में विलय हुआ। फलतः ये लौह पुरुष कहलाये। 1928 के बारदोली संघर्ष में पटेल ने किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से अग्रसारित किया। किसानों का समाधान निकला। महिलाओं ने पटेल को सरदार की उपाधि प्रदान की। ये सही मायने मे देशसेवी थे। ये भारत के उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री बने। कालांतर में सरदार पटेल का 15 दिसम्बर 1950 को निधन हो गया। कार्यक्रम के दौरान अशोक अवस्थी, दिलीप अवस्थी, आयुष शिवहरे, आशीष पान्डेय, सिद्धा, संतोष, सागर, प्रिन्स, महावीर, महावीर प्रजापति, भोलू सिंह, दस्सी, अजय गुप्ता आदि शामिल रहे।
लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती पर वर्णिता ने दी श्रृद्धांजलि हमीरपुर। सुमेरपुर कस्बे के वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के तहत भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती मनाकर श्रृद्धांजलि दी गयी। संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि सरदार पटेल भारत के एकीकरण के भगीरथ थे। इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पटेल के लौह प्रयासों के फलस्वरूप भारत का एकीकरण हुआ। 562 देश की रियासतों का भारत में विलय हुआ। फलतः ये लौह पुरुष कहलाये। 1928 के बारदोली संघर्ष में पटेल ने किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से अग्रसारित किया। किसानों का समाधान निकला। महिलाओं ने पटेल को सरदार की उपाधि प्रदान की। ये सही मायने मे देशसेवी थे। ये भारत के उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री बने। कालांतर में सरदार पटेल का 15 दिसम्बर 1950 को निधन हो गया। कार्यक्रम के दौरान अशोक अवस्थी, दिलीप अवस्थी, आयुष शिवहरे, आशीष पान्डेय, सिद्धा, संतोष, सागर, प्रिन्स, महावीर, महावीर प्रजापति, भोलू सिंह, दस्सी, अजय गुप्ता आदि शामिल रहे।
- रावण दहन राठ हमीरपुर उत्तर प्रदेश1
- लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती पर वर्णिता ने दी श्रृद्धांजलि हमीरपुर। सुमेरपुर कस्बे के वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के तहत भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती मनाकर श्रृद्धांजलि दी गयी। संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि सरदार पटेल भारत के एकीकरण के भगीरथ थे। इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पटेल के लौह प्रयासों के फलस्वरूप भारत का एकीकरण हुआ। 562 देश की रियासतों का भारत में विलय हुआ। फलतः ये लौह पुरुष कहलाये। 1928 के बारदोली संघर्ष में पटेल ने किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से अग्रसारित किया। किसानों का समाधान निकला। महिलाओं ने पटेल को सरदार की उपाधि प्रदान की। ये सही मायने मे देशसेवी थे। ये भारत के उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री बने। कालांतर में सरदार पटेल का 15 दिसम्बर 1950 को निधन हो गया। कार्यक्रम के दौरान अशोक अवस्थी, दिलीप अवस्थी, आयुष शिवहरे, आशीष पान्डेय, सिद्धा, संतोष, सागर, प्रिन्स, महावीर, महावीर प्रजापति, भोलू सिंह, दस्सी, अजय गुप्ता आदि शामिल रहे।1
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