*भगवान की कृपा होने पर हम भगवान को जान सकते हैं: डॉ स्वामी युगल शरण जी* *हनुमानगढ़ जंक्शन*: ब्रज गोपिका सेवा मिशन की ओर से दुर्गा मंदिर के हॉल नंबर एक में चल रहे प्रवचन में स्वामी जी ने बताया कि १. वेद कहता है कि कोई माया से छुटकारा नहीं पा सकता। यह भी बताया गया है कि माया कभी नष्ट नहीं होगी। इसका अर्थ है कि हमको माया से छुटकारा कभी नहीं मिल सकता। यदि माया से छुटकारा नहीं मिल सकता तो हमारा कल्याण कभी नहीं होगा! ऐसा नहीं है। भगवान या जीव कोई भी माया को नष्ट नहीं कर सकता। इसका अभाव नहीं हो सकता, क्योंकि यह नित्य तत्त्व है, लेकिन इससे छुटकारा मिल सकता है। २. भगवान को जानने का उपाय भगवान को जाना जा सकता है, परंतु अपने बल से नहीं। प्रवचन सुनकर नहीं, ग्रंथ पढ़कर नहीं, अपनी बुद्धि से नहीं। गीता, भागवत पाठ करके भी उसे जाना नहीं जा सकता। इसको प्रैक्टिकली करना होगा। कुछ लोग गीता और भागवत का श्लोक कण्ठस्थ करके अपने आपको ज्ञानी समझते हैं। ऐसे ज्ञान से ज्ञानाभिमान आ जाता है और यह भगवान से पृथक् करने वाला महान् बाधक तत्त्व है। किन्तु यदि भगवान किसी सौभाग्यशाली जीव के ऊपर कृपा कर देगा, तो वह जीव भगवान को जान लेगा, देख लेगा, पा लेगा, कृतार्थ हो जाएगा। यदि कृपा नहीं होगी तो वह ब्रह्मा क्यों न हों, सरस्वती-बृहस्पति क्यों न हो, भगवान को नहीं जान सकता। वेद में कहा गया है- तपः प्रभावाद्देवप्रसादाच्च। (श्वेताश्वतरोपनिषद् - ६.२१) अर्थात् साधना तो करनी पड़ेगी। केवल साधना से नहीं होगा, उसके साथ हरि का प्रसाद अर्थात् भगवान की कृपा चाहिए। शंकराचार्य भी कह रहे हैं- भगवान के अनुग्रह से, उनकी कृपा से भगवान की प्राप्ति होगी, यह अपने बल से नहीं हो सकता। ३. क्या भगवान को जानने का अन्य कोई उपाय है? क्या भगवान को जानने का और कोई उपाय है? -जी हाँ! एक उपाय है। यदि वह उपाय कर लें तो फिर भगवान से कृपा की याचना नहीं करनी पड़ेगी। हम लोगों पर माया हावी है न! इस माया को जीत लीजिए, फिर भगवान के सामने हाथ फैलाना नहीं पड़ेगा कि कृपा कर दीजिए। तो माया को जीत लीजिए! ४. माया क्या है ? दैवी ह्येषा गुणमयी मम माया दुरत्यया । मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते ।। (गीता, ७-१४) गीता में श्रीकृष्ण कह रहे हैं कि यह मेरी माया है, यह दुरत्यया है अर्थात् इसे जीतना दुस्कर है। श्रीकृष्ण की दैवी शक्ति माया से पार पाना मुश्किल है। बड़े-बड़े योगीन्द्र, मुनीन्द्र अपनी साधना के बल से माया को जीतने का स्वांग रचते रहे, मर गए, पर माया को जीत नहीं पाए। शंकराचार्य ने भी माया को जीतने के लिए बहुत शक्ति लगायी, पर उसे नहीं जीत पाए। अंत में हार कर श्रीकृष्ण भक्ति की, उनका शरणागति की, तब श्रीकृष्ण की कृपा मिली और माया गई। इसलिए माया से छुटकारा पाने का एक ही उपाय है- भगवान की कृपा । ५. भगवत् कृपा की प्राप्ति कैसे होगी? तद्विज्ञानार्थं स गुरुमेवाभिगच्छेत्समित्पाणिः श्रोत्रियं ब्रह्मनिष्ठम् । (मुण्डकोपनिषद् - २.१.१२) यदि कोई भगवत् प्राप्त संत मिल जाए, तो हमारा काम बन जाएगा। गीता में श्रीकृष्ण ने भी यह कहा- तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया । उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिनः ।। (गीता ४.३४ ) यदि कोई तत्त्वदर्शी मिल जाए, भगवत् प्राप्त संत मिल जाए, तो उनकी शरणागति कर लेनी चाहिए। जिसने स्वयं भगवत् प्राप्ति कर ली, वे भगवत् प्राप्ति करा देंगे। ६. वास्तविक संत की प्राप्ति अनंत जन्मों में जब कभी हमारे शुभ संस्कार का उदय होता है, तो कृपा का द्वार खुलता है। भगवान कृपा करके भगवत् प्राप्त संत से मिलाते हैं। संत ऐसे नहीं मिल जायेंगे! ऐसा प्रैक्टिकल मैन जिसने भगवान को पा लिया, ऐसा संत हरि कृपा से मिलेगा। अति हरि कृपा जाहि पर होई। जिस पर भगवान की विशेष कृपा होती है, उनको वास्तविक संत मिलता है, उनका सत्संग मिलता है। ७. क्या भगवान कर्त्ता है बहुत लोग कहते हैं कि भगवान की इच्छा के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता। इसका अर्थ है कि जो कुछ भी हो रहा है, भगवान की इच्छा से हो रहा है। एक दूसरा वाक्य भी है कि जो जैसा करता है, वैसा भरता है। पहले वाक्य से लगता है कि भगवान हमारे कर्म का कर्ता हैं और दूसरे वाक्य से लगता है कि नहीं, भगवान हमारे कर्म का कर्ता नहीं है, हम स्वयं अपने कर्म के कर्ता हैं। पहली बात कि भगवान की इच्छा के बिना एक पता भी नहीं हिल सकता अर्थात् भगवान की इच्छा से सबकुछ होता है, वे हमारे कर्मों के कर्ता हैं। इसका अर्थ है कि भगवान सबकुछ कर रहे हैं। यदि भगवान सबकुछ कर रहे हैं तो सर्वज्ञ भगवान से तो गलती नहीं कर सकती। यदि वे ही हमारे कर्म के कर्ता हैं, तो फिर हमसे गलत कार्य कैसे होते हैं? हमें तो सबकुछ सही-सही करना चाहिए। हम गलत कैसे करते हैं? यदि भगवान हमारे कर्म के कर्त्ता या गवर्नर है, तो फिर यह विषमता क्यों है? किसी को तुलसीदास, मीराबाई, सूरदास, नानक आदि संत बना रहे हैं और हमको चौरासी लाख योनियों के चक्कर में घुमा रहे हैं । यदि भगवान सबकुछ कर रहे हैं तो सब महापुरुष बन जाते या तो सब दु:ख भोगते । यह विषमता क्यों है ? ९. जो कर्त्ता, वही भोक्ता जो कर्म का कर्ता है, उसको फल भोगना पड़ता है। यदि भगवान हमारे कर्म का कर्ता हैं, तो उसी कर्म का फल उनको भोगना चाहिए। लेकिन क्या होता है ? कर्म के कर्त्ता भगवान हैं और हम फल भोगते हैं। जब भगवान ही कर्म के कर्ता हैं, तो फिर हम अपराधी कैसे होंगे? इससे यह सिद्ध होता है कि भगवान हमारे कर्मों का कर्ता नहीं है। भगवान भी गीता में कह रहे हैं- न मैं किसी से कर्म कराता हूँ, न मैं स्वयं कर्म करता हूँ। जीव अपना कर्म स्वयं करता है, मैं केवल नोट करता हूँ। फिर दोनों बात कैसे सही हुई कि भगवान की इच्छा के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता और जो जैसा करता है, वह वैसा भरता है। । दोनों बातें सही हैं। शास्त्र कहता है कि एक प्रयोजक कर्त्ता और एक प्रयोज्य कर्त्ता है। भगवान मन, बुद्धि, इन्द्रिय को कार्य करने के लिए शक्ति देते हैं। उनकी शक्ति के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता। अर्थात् भगवान की शक्ति के बिना यह मन, बुद्धि, इन्द्रिय कोई कार्य नहीं कर सकता। तो भगवान प्रयोजक कर्त्ता हैं। भगवान से शक्ति मिलने के बाद जीव इसका प्रयोग कैसे करता है, यह उस जीव पर निर्भर करता है, यहाँ जीव अपने कर्म का कर्ता हो गया। क्या भगवान की कृपा का कोई मूल्य है? यदि भगवत्कृपा से ही भगवान मिलते हैं तो फिर भगवान ने अभी तक हमारे ऊपर कृपा क्यों नहीं की है? भगवान तो बिनु हेतु सनेही, अकारण करुण है। वे तुलसीदास, मीरा, सूरदास के ऊपर कृपा कर रहे हैं, तो हमारे ऊपर अभी तक क्यों नहीं किए? क्या भगवान कृपा करने का कोई मूल्य लेते हैं या उन्होंने कोई शर्त रखी है ?
*भगवान की कृपा होने पर हम भगवान को जान सकते हैं: डॉ स्वामी युगल शरण जी* *हनुमानगढ़ जंक्शन*: ब्रज गोपिका सेवा मिशन की ओर से दुर्गा मंदिर के हॉल नंबर एक में चल रहे प्रवचन में स्वामी जी ने बताया कि १. वेद कहता है कि कोई माया से छुटकारा नहीं पा सकता। यह भी बताया गया है कि माया कभी नष्ट नहीं होगी। इसका अर्थ है कि हमको माया से छुटकारा कभी नहीं मिल सकता। यदि माया से छुटकारा नहीं मिल सकता तो हमारा कल्याण कभी नहीं होगा! ऐसा नहीं है। भगवान या जीव कोई भी माया को नष्ट नहीं कर सकता। इसका अभाव नहीं हो सकता, क्योंकि यह नित्य तत्त्व है, लेकिन इससे छुटकारा मिल सकता है। २. भगवान को जानने का उपाय भगवान को जाना जा सकता है, परंतु अपने बल से नहीं। प्रवचन सुनकर नहीं, ग्रंथ पढ़कर नहीं, अपनी बुद्धि से नहीं। गीता, भागवत पाठ करके भी उसे जाना नहीं जा सकता। इसको प्रैक्टिकली करना होगा। कुछ लोग गीता और भागवत का श्लोक कण्ठस्थ करके अपने आपको ज्ञानी समझते हैं। ऐसे ज्ञान से ज्ञानाभिमान आ जाता है और यह भगवान से पृथक् करने वाला महान् बाधक तत्त्व है। किन्तु यदि भगवान किसी सौभाग्यशाली जीव के ऊपर कृपा कर देगा, तो वह जीव भगवान को जान लेगा, देख लेगा, पा लेगा, कृतार्थ हो जाएगा। यदि कृपा नहीं होगी तो वह ब्रह्मा क्यों न हों, सरस्वती-बृहस्पति क्यों न हो, भगवान को नहीं जान सकता। वेद में कहा गया है- तपः प्रभावाद्देवप्रसादाच्च। (श्वेताश्वतरोपनिषद् - ६.२१) अर्थात् साधना तो करनी पड़ेगी। केवल साधना से नहीं होगा, उसके साथ हरि का प्रसाद अर्थात् भगवान की कृपा चाहिए। शंकराचार्य भी कह रहे हैं- भगवान के अनुग्रह से, उनकी कृपा से भगवान की प्राप्ति होगी, यह अपने बल से नहीं हो सकता। ३. क्या भगवान को जानने का अन्य कोई उपाय है? क्या भगवान को जानने का और कोई उपाय है? -जी हाँ! एक उपाय है। यदि वह उपाय कर लें तो फिर भगवान से कृपा की याचना नहीं करनी पड़ेगी। हम लोगों पर माया हावी है न! इस माया को जीत लीजिए, फिर भगवान के सामने हाथ फैलाना नहीं पड़ेगा कि कृपा कर दीजिए। तो माया को जीत लीजिए! ४. माया क्या है ? दैवी ह्येषा गुणमयी मम माया दुरत्यया । मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते ।। (गीता, ७-१४) गीता में श्रीकृष्ण कह रहे हैं कि यह मेरी माया है, यह दुरत्यया है अर्थात् इसे जीतना दुस्कर है। श्रीकृष्ण की दैवी शक्ति माया से पार पाना मुश्किल है। बड़े-बड़े योगीन्द्र, मुनीन्द्र अपनी साधना के बल से माया को जीतने का स्वांग रचते रहे, मर गए, पर माया को जीत नहीं पाए। शंकराचार्य ने भी माया को जीतने के लिए बहुत शक्ति लगायी, पर उसे नहीं जीत पाए। अंत में हार कर श्रीकृष्ण भक्ति की, उनका शरणागति की, तब श्रीकृष्ण की कृपा मिली और माया गई। इसलिए माया से छुटकारा पाने का एक ही उपाय है- भगवान की कृपा । ५. भगवत् कृपा की प्राप्ति कैसे होगी? तद्विज्ञानार्थं स गुरुमेवाभिगच्छेत्समित्पाणिः श्रोत्रियं ब्रह्मनिष्ठम् । (मुण्डकोपनिषद् - २.१.१२) यदि कोई भगवत् प्राप्त संत मिल जाए, तो हमारा काम बन जाएगा। गीता में श्रीकृष्ण ने भी यह कहा- तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया । उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिनः ।। (गीता ४.३४ ) यदि कोई तत्त्वदर्शी मिल जाए, भगवत् प्राप्त संत मिल जाए, तो उनकी शरणागति कर लेनी चाहिए। जिसने स्वयं भगवत् प्राप्ति कर ली, वे भगवत् प्राप्ति करा देंगे। ६. वास्तविक संत की प्राप्ति अनंत जन्मों में जब कभी हमारे शुभ संस्कार का उदय होता है, तो कृपा का द्वार खुलता है। भगवान कृपा करके भगवत् प्राप्त संत से मिलाते हैं। संत ऐसे नहीं मिल जायेंगे! ऐसा प्रैक्टिकल मैन जिसने भगवान को पा लिया, ऐसा संत हरि कृपा से मिलेगा। अति हरि कृपा जाहि पर होई। जिस पर भगवान की विशेष कृपा होती है, उनको वास्तविक संत मिलता है, उनका सत्संग मिलता है। ७. क्या भगवान कर्त्ता है बहुत लोग कहते हैं कि भगवान की इच्छा के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता। इसका अर्थ है कि जो कुछ भी हो रहा है, भगवान की इच्छा से हो रहा है। एक दूसरा वाक्य भी है कि जो जैसा करता है, वैसा भरता है। पहले वाक्य से लगता है कि भगवान हमारे कर्म का कर्ता हैं और दूसरे वाक्य से लगता है कि नहीं, भगवान हमारे कर्म का कर्ता नहीं है, हम स्वयं अपने कर्म के कर्ता हैं। पहली बात कि भगवान की इच्छा के बिना एक पता भी नहीं हिल सकता अर्थात् भगवान की इच्छा से सबकुछ होता है, वे हमारे कर्मों के कर्ता हैं। इसका अर्थ है कि भगवान सबकुछ कर रहे हैं। यदि भगवान सबकुछ कर रहे हैं तो सर्वज्ञ भगवान से तो गलती नहीं कर सकती। यदि वे ही हमारे कर्म के कर्ता हैं, तो फिर हमसे गलत कार्य कैसे होते हैं? हमें तो सबकुछ सही-सही करना चाहिए। हम गलत कैसे करते हैं? यदि भगवान हमारे कर्म के कर्त्ता या गवर्नर है, तो फिर यह विषमता क्यों है? किसी को तुलसीदास, मीराबाई, सूरदास, नानक आदि संत बना रहे हैं और हमको चौरासी लाख योनियों के चक्कर में घुमा रहे हैं । यदि भगवान सबकुछ कर रहे हैं तो सब महापुरुष बन जाते या तो सब दु:ख भोगते । यह विषमता क्यों है ? ९. जो कर्त्ता, वही भोक्ता जो कर्म का कर्ता है, उसको फल भोगना पड़ता है। यदि भगवान हमारे कर्म का कर्ता हैं, तो उसी कर्म का फल उनको भोगना चाहिए। लेकिन क्या होता है ? कर्म के कर्त्ता भगवान हैं और हम फल भोगते हैं। जब भगवान ही कर्म के कर्ता हैं, तो फिर हम अपराधी कैसे होंगे? इससे यह सिद्ध होता है कि भगवान हमारे कर्मों का कर्ता नहीं है। भगवान भी गीता में कह रहे हैं- न मैं किसी से कर्म कराता हूँ, न मैं स्वयं कर्म करता हूँ। जीव अपना कर्म स्वयं करता है, मैं केवल नोट करता हूँ। फिर दोनों बात कैसे सही हुई कि भगवान की इच्छा के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता और जो जैसा करता है, वह वैसा भरता है। । दोनों बातें सही हैं। शास्त्र कहता है कि एक प्रयोजक कर्त्ता और एक प्रयोज्य कर्त्ता है। भगवान मन, बुद्धि, इन्द्रिय को कार्य करने के लिए शक्ति देते हैं। उनकी शक्ति के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता। अर्थात् भगवान की शक्ति के बिना यह मन, बुद्धि, इन्द्रिय कोई कार्य नहीं कर सकता। तो भगवान प्रयोजक कर्त्ता हैं। भगवान से शक्ति मिलने के बाद जीव इसका प्रयोग कैसे करता है, यह उस जीव पर निर्भर करता है, यहाँ जीव अपने कर्म का कर्ता हो गया। क्या भगवान की कृपा का कोई मूल्य है? यदि भगवत्कृपा से ही भगवान मिलते हैं तो फिर भगवान ने अभी तक हमारे ऊपर कृपा क्यों नहीं की है? भगवान तो बिनु हेतु सनेही, अकारण करुण है। वे तुलसीदास, मीरा, सूरदास के ऊपर कृपा कर रहे हैं, तो हमारे ऊपर अभी तक क्यों नहीं किए? क्या भगवान कृपा करने का कोई मूल्य लेते हैं या उन्होंने कोई शर्त रखी है ?
- गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है ना कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता है।1
- https://youtu.be/CUYOPa0MZsM1
- खेजड़ी बचाने उतरा बिश्नोई समाज, 2 फरवरी से आर-पार की लड़ाई1
- #बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर के आदर्शो पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि #एडवोकेट रघबीर रंगा1
- कानपुर के पुलिस वाले कर रहे मासूम जनता पर अत्याचार। मासूम बाप चीखता रहा चिल्लाता रहा आदेश सब बच्चे को लग जायेगा बच्चों को लग जायेगा उत्तर प्रदेश के पुलिस को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का डर नहीं रहा पुलिस वालों को आपको बताते चले कि यह पूरा मामला कानपुर के अकबरपुर थाना क्षेत्र का है।1
- [20/12, 8:55 am] INDIANews 9LIVE Thanesar Kurukshetra : *सुबह की देश राज्यों से बड़ी खबरें* *20- दिसंबर - शनिवार* 👇 *==============================* *1* WHO: पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन का समापन, पीएम मोदी बोले- योग ने विश्व को दिखाया सामंजस्य का मार्ग *2* इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने समिट की सफलता को वैश्विक दृष्टिकोण महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में योग भी शामिल है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का मार्ग दिखाया है *3* पीएम मोदी का आज पश्चिम बंगाल और असम का दौरा, बंगाल में ₹3200 करोड़ के प्रोजेक्ट्स की नींव रखेंगे, असम में एयरपोर्ट टर्मिनल का इनॉगरेशन *4* संसद के शीतकालीन सत्र में 8 बिल पास, कांग्रेस का आरोप- शुरुआत टैगोर के और अंत महात्मा गांधी के अपमान से हुआ *5* तमिलनाडु-गुजरात में एसआईआर के तहत ड्राफ्ट सूची जारी, दोनों राज्यों में हटाए गए डेढ़ करोड़ से अधिक मतदाता *6* राहुल जर्मनी में बोले-RSS के लिए सच्चाई नहीं, शक्ति जरूरी, उनके प्रमुख यह खुले तौर पर कह रहे, यही उनमें और कांग्रेस में अंतर *7* 4.62 करोड़ कैश, 313 किलो चांदी और 6 किलो सोना मिला; डंकी रूट केस में दिल्ली के ट्रैवल एजेंट पर ED का शिकंजा *8* सट्टेबाजी केस में ED का बड़ा ऐक्शन, युवराज-सोनू सूद समेत कई हस्तियों की प्रॉपर्टी जब्त *9* ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है *18* भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे एयरबेस पर होंगे अपाचे हेलिकॉप्टर तैनात, जैसलमेर में हुए 2 युद्धाभ्यास में थे शामिल; एक साथ 256 टारगेट सकते है ट्रैक *11* बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे को एक सरकारी हाउसिंग स्कीम से जुड़े धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में जमानत दे दी और उनकी दो साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया। बुधवार को कोकाटे से मंत्रालयों का प्रभार वापस ले लिया गया था *12* महाराष्ट्र: निकाय चुनाव को लेकर ठाकरे ब्रदर्स अगले सप्ताह करेंगे गठबंधन का एलान; बीएमसी पर अभी भी फंसा है पेच *13* यूपी: सीएम योगी बोले- अखिलेश की माफिया के साथ तस्वीरें, जांच होने दीजिए...दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा *14* कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने एक बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि वे और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस हाई कमांड की सहमति से एक समझौता किया है। शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि दोनों नेता इस आपसी सहमति और आलाकमान के फैसले का पूरी तरह पालन करेंगे। *15* बांग्लादेश में फिर हिंसा भड़की, छात्र नेता का शव पहुंचने के बाद ढाका में आगजनी; दावा- मुख्य आरोपी भारत भागा, बॉर्डर पर भारतीय सेना अलर्ट *16* एपस्टीन सेक्स स्कैंडल में सबसे बड़ा खुलासा, लड़कियों के साथ पूल में नहाते दिखे क्लिंटन, माइकल जैक्सन की भी तस्वीरें; 5 सेट में 3 लाख दस्तावेज जारी *17* U-19 एशिया कप फाइनल में भारत-पाकिस्तान मुकाबला रविवार को, टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में श्रीलंका को हराया; आरोन जॉर्ज-विहान मल्होत्रा की फिफ्टी *18* भारत ने लगातार 8वीं टी-20 सीरीज जीती, साउथ अफ्रीका को 5वें मैच में 30 रन से हराया; तिलक-पंड्या की फिफ्टी; चक्रवर्ती को 4 विकेट *==============================* [20/12, 8:56 am] INDIANews 9Live Delhi : .. *जय श्री राम* *शनिवार, 20 दिसम्बर 2025 के मुख्य समाचार* 🔸बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच हिंदू युवक की बेहरमी से की हत्या, फिर शव को पेड़ से बांधकर जला दिया 🔸'ये अयोध्या नहीं जो बाबरी को कोई हाथ लगा दे', हुमायूं कबीर ने फिर उगला जहर 🔸नोटिस दिखाया, मोबाइल छीने और ले गए लाखों, फर्जी CBI बनकर घर में घुसे बदमाश 🔸वाराणसी कोर्ट ने अमिताभ ठाकुर को न्यायिक हिरासत में भेजा, देवरिया जेल ले गई पुलिस 🔸भाजपा के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन से मिले पीएम मोदी, पार्टी विजन को लेकर की बात 🔸US बैन के जवाब में चीन का मास्टरस्ट्रोक, खुद बनाएगा AI चिप बनाने की सुपर मशीन 🔸हिजाब विवाद, CM नीतीश को महबूबा की बेटी की धमकी: कहा- अगली बार नकाब को हाथ लगाया तो सबक सिखाएंगे, शिकायत दर्ज कराई 🔸संसद के शीतकालीन सत्र में 8 बिल पास: कांग्रेस का आरोप- शुरुआत टैगोर के और अंत महात्मा गांधी के अपमान से हुआ 🔸बांग्लादेश में चीन बना रहा एयरबेस और सबमरीन यार्ड: संसदीय समिति की रिपोर्ट; पड़ोसी देश में चीन-पाकिस्तान की बढ़ती पैठ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा 🔸US: एपस्टीन फाइलें खुलीं... दो दशक के राज से उठा पर्दा, अमेरिकी न्याय विभाग ने शुरू की जारी करने की प्रक्रिया 🔸मदद करने पर केंद्र सरकार देगी इनाम, सड़क हादसे में जान बचाने वाले 'राहवीर' को अब मिलेंगे ₹25 हजार 🔸15 अप्रेल तक ही होंगे राजस्थान में निकाय-पंचायत चुनाव, संयम लोढ़ा की एसएलपी खारिज 🔸डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए रक्षा नीति विधेयक पर हस्ताक्षर किए 🔸युवराज सिंह, सोनू सूद और उर्वशी रौतेला को लगा बड़ा झटका, ED ने जब्त की करोड़ों की संपत्ति 🔸हिजाब विवाद के बाद नुसरत परवीन को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री का ऑफर, 3 लाख सैलरी, सरकारी घर 🔸हरियाणा विधानसभा : विपक्ष का वॉक आउट, औंधे मुंह गिरा अविश्वास प्रस्ताव 🔸प्रधानमंत्री मोदी आज बंगाल जाएंगे, दो नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट की करेंगे शुरुआत 🔸भारत अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में पहुंचा, 11 साल बाद पाकिस्तान से होगा खिताबी मुकाबला 🔹IND vs SA 5th T20I : भारत ने साउथ अफ्रीका को दी बड़ी मात, 30 रनों से हराकर 3-1 से जीती सीरीज *आपका दिन शुभ और मंगलमय हो सुप्रभात*4
- झझु की रोही में किसान के खेत-मकान में चोरी व आगजनी, लाखों का नुकसान कोलायत थाना क्षेत्र के झझु गांव की रोही में एक किसान के साथ बड़ी आपराधिक वारदात सामने आई है। अज्ञात बदमाशों ने खेत में बने मकान को निशाना बनाते हुए पहले कीमती कृषि उपज व घरेलू सामान चोरी किया, उसके बाद मकान में आग लगाकर सबूत मिटाने की कोशिश की। इस घटना में किसान को लाखों रुपये का नुकसान बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार मान्याणा निवासी किसान मांगीलाल जाट शनिवार को अपने खेत में फेरा देने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देखा कि खेत में बने मकान में आग लगी हुई है और मकान आग से क्षतिग्रस्त हो चुका है। जब आग बुझने के बाद मकान के अंदर जांच की गई तो पता चला कि एक कमरे में रखा 4 क्विंटल ग्वार, 5 क्विंटल मोठ, 50 किलो मूंग, 20 किलो तिल, 20 किलो मतीरे के बीज, साथ ही 10 माचे, 10 रजाई और 10 पथने अज्ञात चोर चोरी कर ले गए। पीड़ित किसान का आरोप है कि चोरी के बाद जानबूझकर मकान में आग लगाई गई, ताकि घटना से जुड़े कोई सबूत मौके पर न बचें। सूचना मिलने पर कोलायत पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का मुआयना किया। किसान मांगीलाल जाट की रिपोर्ट पर पुलिस ने आगजनी व चोरी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद क्षेत्र के किसानों में डर और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने पुलिस से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी और खेतों में रात्रि गश्त बढ़ाने की मांग की है।1
- वंशिका शर्मा :जय गंगे मैय्या :4
- Post by Saleem Khan gujjar1