बच्चों की जान जोखिम में, गिद्धडांड शासकीय प्राथमिक शाला में बदहाल व्यवस्था: मनेंद्रगढ़: एमसीबी जिला-विकासखंड मनेंद्रगढ़ के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्र ग्राम पंचायत तेन्दूडांड के गिद्धडांड में स्थित आदिम जाति कल्याण शासकीय प्राथमिक शाला इन दिनों बदहाल व्यवस्था और प्रशासनिक उदासीनता की मार झेल रहा है। स्कूल की छत इस कदर जर्जर हो चुकी है कि बारिश के मौसम में पानी टपकता है और पूरा कमरा सीपेज से भीग जाता है, जिससे बच्चों के बैठने की भी व्यवस्था नहीं हो पाती। "जान का खतरा बना हुआ है: छत का प्लास्टर गिर चुका है और कुछ हिस्सों में छत टूटकर गिर भी चुका है, जिससे मासूम बच्चों की जान पर हर रोज खतरा मंडराता है। "पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं: स्कूल में नल तो लगे हैं लेकिन वे सिर्फ दिखावे के लिए हैं, क्योंकि उनमें से पानी नहीं आता। ऐसे में बच्चों को पीने के लिए पानी भी बाहर से लाना पड़ता है। "रसोई और शौचालय की हालत बदतर: स्कूल के किचन शेड की हालत बहुत ही दयनीय है, जहां मिड-डे मील बनाने में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शौचालय की स्थिति भी बेहद खराब है, जिससे स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ाता है। "बिजली और पंखे भी नहीं: स्कूल के कक्षों में पंखे तक नहीं लगे हैं। एक समाजसेवी द्वारा एक पंखा दान स्वरूप लगाया गया है, लेकिन वह भी अपर्याप्त है। "जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की चुप्पी: स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग की चुप्पी इस गंभीर स्थिति को और चिंताजनक बना रही है। ग्रामीणों और अभिभावकों ने जल्द से जल्द स्कूल की मरम्मत व मूलभूत सुविधाओं की मांग की है। " क्या बच्चों को ऐसा ही भविष्य देंगे हम? शिक्षा का मंदिर अगर खुद ही गिरने की कगार पर हो, तो बच्चों के सपनों का क्या होगा?
बच्चों की जान जोखिम में, गिद्धडांड शासकीय प्राथमिक शाला में बदहाल व्यवस्था: मनेंद्रगढ़: एमसीबी जिला-विकासखंड मनेंद्रगढ़ के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्र ग्राम पंचायत तेन्दूडांड के गिद्धडांड में स्थित आदिम जाति कल्याण शासकीय प्राथमिक शाला इन दिनों बदहाल व्यवस्था और प्रशासनिक उदासीनता की मार झेल रहा है। स्कूल की छत इस कदर जर्जर हो चुकी है कि बारिश के मौसम में पानी टपकता है और पूरा कमरा सीपेज से भीग जाता है, जिससे बच्चों के बैठने की भी व्यवस्था नहीं हो पाती। "जान का खतरा बना हुआ है: छत का प्लास्टर गिर चुका है और कुछ हिस्सों में छत टूटकर गिर भी चुका है, जिससे मासूम बच्चों की जान पर हर रोज खतरा मंडराता है। "पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं: स्कूल में नल तो लगे हैं लेकिन वे सिर्फ दिखावे के लिए हैं, क्योंकि उनमें से पानी नहीं आता। ऐसे में बच्चों को पीने के लिए पानी भी बाहर से लाना पड़ता है। "रसोई और शौचालय की हालत बदतर: स्कूल के किचन शेड की हालत बहुत ही दयनीय है, जहां मिड-डे मील बनाने में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शौचालय की स्थिति भी बेहद खराब है, जिससे स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ाता है। "बिजली और पंखे भी नहीं: स्कूल के कक्षों में पंखे तक नहीं लगे हैं। एक समाजसेवी द्वारा एक पंखा दान स्वरूप लगाया गया है, लेकिन वह भी अपर्याप्त है। "जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की चुप्पी: स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग की चुप्पी इस गंभीर स्थिति को और चिंताजनक बना रही है। ग्रामीणों और अभिभावकों ने जल्द से जल्द स्कूल की मरम्मत व मूलभूत सुविधाओं की मांग की है। " क्या बच्चों को ऐसा ही भविष्य देंगे हम? शिक्षा का मंदिर अगर खुद ही गिरने की कगार पर हो, तो बच्चों के सपनों का क्या होगा?
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- Post by Durgesh Kumar Gupta1
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- Post by SAURABH AGRAHARI1
- दबंग सचिव की गुंडागर्दी सरकारी जमीन पर कब्जा कर ग्रामीणों को दी जान से मारने की धमकी उमरिया/ जिले के मानपुर तहसील अंतर्गत ग्राम बड़छड़ में एक पंचायत सचिव की दबंगई और भ्रष्टाचार का रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। अपनी शक्ति और पद के मद में चूर ग्राम पंचायत भरौली के सचिव रमेश्वर तिवारी पर ग्रामीणों ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने और विरोध करने पर ग्रामीणों को लाठी-डंडों से डराने-धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। सरकारी जमीन पर बन रहा निजी किला ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर को सौंपे गए शिकायती पत्र के अनुसार, खसरा नंबर 2200/1 की सरकारी भूमि पर सचिव ने नवंबर 2025 से ही अपनी गिद्ध दृष्टि जमा ली थी। ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन का उपयोग गांव के लोग पिछले 50 वर्षों से खेती-किसानी के लिए कर रहे थे, वहां अब सचिव ने अवैध रूप से मकान निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। यह केवल जमीन का विवाद नहीं है, बल्कि एक सरकारी लोक सेवक द्वारा अपने पद का सरेआम दुरुपयोग है। सचिव ने न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं, बल्कि ग्रामीणों के पुश्तैनी अधिकारों का भी हनन किया है। खेत में आए तो मार दिए जाओगे इस मामले में जब गरीब ग्रामीणों ने अपनी रोजी-रोटी और हक के लिए आवाज उठाई, तो उन्हें न्याय के बजाय धमकियां मिलीं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सचिव और उनके गुर्गे लाठी-डंडे लेकर लोगों को खेतों में जाने से रोकते हैं। महिलाओं और किसानों को सरेआम अपमानित किया जा रहा है और उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे परिवार को रामेश्वर तिवारी से जान का खतरा है। क्या सो रहा है प्रशासन? ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। शिकायती पत्र पर गांव के दर्जनों लोगों शीला बाई कोल, उमा बाई, शकुन कोल, आदि के हस्ताक्षर इस बात का प्रमाण हैं कि पूरा गांव इस अन्याय के खिलाफ खड़ा है। ग्रामीणों की मांग है कि सचिव द्वारा किए गए अवैध कब्जे को तत्काल बुलडोजर चलाकर ढहाया जाए। सरकारी पद का दुरुपयोग करने के आरोप में सचिव पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे निर्भय होकर अपने खेतों में जा सकें। यह मामला प्रदेश प्रशासन की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है। यदि रक्षक ही भक्षक बन जाएगा, तो आम जनता कहां जाएगी, ग्राम बड़छड़ के निवासी अब कलेक्टर के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।1
- उड़ना चौक में कांग्रेस के कार्यकर्ता ले लूंगा मनीषा ने आने का समय दिए थे 12:00 बजे का आने में देरी हुई 2:00 बजे पहुंचे वहां पर कांग्रेस कार्यकर्ता और कोई नहीं थे तीन से चार लोग थे उससे ज्यादा पुलिस बल मौजूद थे 40 से 50 पुलिस धरना प्रदर्शन भारी चूक हुई कांग्रेस से4
- शिकार समझकर सामने लगे हिरण के पोस्टर पर मगरमच्छ टूट पड़ा। पूरी ताकत लगाने के बाद भी जब उसे समझ आया कि यह असली शिकार नहीं बल्कि सिर्फ एक पोस्टर है, तब तक देर हो चुकी थी। न शिकार मिला, न इज़्ज़त बची। इस मज़ेदार पल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग बेचारे मगरमच्छ के लिए हंसते-हंसते तरस भी खा रहे हैं। #ViralVideo #FunnyReels #Wildlife #Crocodile #PosterFail #FunnyMoment #InternetLaughs1
- शहडोल ब्यौहारी से दुर्गेश कुमार गुप्ता की रिपोर्ट1
- सुशासन सप्ताह अंतर्गत सिलतरा मे आयोजित "प्रशासन गांव की ओर" कार्यक्रम में शामिल हुए बिल्हा विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक शुक्रवार की रात 8.30 बजे बिल्हा विधायक धरम लाल कौशिक जी के निज सचिव द्वारा जारी किये गए प्रेस विज्ञप्ति से मिली जानकारी अनुसार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने सुशासन सप्ताह अंतर्गत 19-25 दिसम्बर, 2025 तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी अभियान “प्रशासन गाँव की ओर” कार्यक्रम के पहले दिन बिल्हा विधानसभा के जनपद पंचायत बिल्हा अंतर्गत जोन सिलतरा में आयोजित कर्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने इस दौरान ग्रामीणजनों से आत्मीय संवाद कर उनकी आवश्यकताओं, समस्याओं एवं सुझावों को गंभीरता से सुना गया। कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों का अन्नप्रासन संस्कार संपन्न कराया, स्वयं सहायता समूह की सशक्त बहनों को आर्थिक सहयोग स्वरूप चेक प्रदान किए तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को उनके अधिकार व सामग्री ससम्मान वितरित की। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि “प्रशासन गाँव की ओर” केवल एक नारा नहीं है, बल्कि प्रभावी शासन को ग्रामीण लोगों के करीब लाने के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी प्रयास है। प्रशासन गांव की ओर अभियान का मुख्य उद्देश्य जन शिकायतों का प्रभावी निवारण, सेवा वितरण आवेदनों का समय पर निपटान, सुशासन की कार्य प्रणालियों का दस्तावेजीकरण है। उन्होंने कहा कि सुशासन का अर्थ है सीधे जनता के बीच जाकर उनकी वास्तविक स्थिति को समझना और त्वरित समाधान देना। प्रशासनिक व्यवस्था तभी सफल मानी जाती है जब अंतिम व्यक्ति की बात सीधे शासन तक पहुँचे। हमारी सरकार ‘विष्णु के सुशासन’ की भावना के अनुरूप अब शासन केवल नीतियों तक सीमित नहीं, बल्कि सीधे जनता तक पहुँचकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहा है जहाँ प्रशासन स्वयं गाँव की चौखट पर उपस्थित है। यही संवेदनशीलता, पारदर्शिता और जनसेवा के प्रति समर्पण हमारी सरकार की पहचान है। श्री कौशिक ने कहा कि ग्रामीणों से पीएम आवास योजना योजना, महतारी वंदन योजना, धान के बोनस, आयुष्मान योजना के में ग्रामीणों से जानकारी लेते हुए उनकी समस्याओं के बारे में पूछा और उनका तत्काल समाधान भी किया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, भाजपा कार्यकर्ता, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।1
- केतार: बलिगढ़़ पंचायत कि बुजुर्ग महिला का दो वर्ष से पेंशन मिलना हुआ बंद, लगा रहीं है कार्यालय का चक्कर1