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वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई पार्क में हुआ पौधारोपण पेड़ पौधों के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान कर उनकी देखभाल व सुरक्षा की जिम्मेदारी आसपास के लोगों को सौंपी गई रिपोर्ट हिमांशु दुबे स्थान औरैया समाजसेवी संगठन एक विचित्र पहल सेवा समिति रजि. औरैया द्वारा पर्यावरण संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए सार्वजनिक स्थानों व धार्मिक स्थलों पर जीवनधारा पौधारोपण अभियान निरंतर चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत आज दिनांक 24 अगस्त-2025 दिन रविवार को प्रातः 7 बजे समिति के अध्यक्ष राजीव पोरवाल (रानू) के नेतृत्व में संस्था द्वारा वर्ष-2022 में गोद लिए गए आवास विकास कॉलोनी स्थित वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई पार्क में पौधारोपण अभियान चलाया गया, कार्यक्रम संयोजक संजय अग्रवाल को बनाया गया, उनकी देखरेख में बोतल पाम, हरसिंगार, गुड़हल, बेलपत्री, चितवन, पकड़िया, अशोक आदि के पौधों का पौधारोपण किया गया, पौधों के देखभाल की जिम्मेदारी पार्क के आसपास निवास कर रहे लोगों को सौंपी गई, पौधारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत समिति के संस्थापक आनन्द नाथ गुप्ता एडवोकेट ने मौजूद लोगों को पेड़ पौधों के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की व उन्होंने बताया कि सम व विषम परिस्थितियों में पेड़ पौधे हमें धैर्य के साथ सदैव मुस्कुराने की प्रेरणा देते हैं। अभिभावकों व गुरुजनों को आगे आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के साथ मानव जीवन में पेड़ पौधों के महत्व के व उनके अमूल्य योगदान से संबंधित जानकारी देनी चाहिए, ताकि पेड़ पौधों की उपयोगिता को समझकर पर्यावरण के प्रति सजग रहते हुए अपना यथासंभव योगदान दें, जिससे उनका जीवन निरोग-स्वस्थ व प्रसन्नचित्त रह सके। संस्थापक ने बताया कि 5100 पौधों के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 3945 पौधों का पौधारोपण व लोगों के मनपसंद पौधों का वितरण किया गया, जबकि पौधारोपण व वितरण अभियान अनवरत जारी हैं। *उन्होंने बताया कि समिति द्वारा शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में "स्वदेशी अपनाओ-देश बचाओ" जन-जागरूकता अभियान शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।* अभियान में प्रमुख रूप से राम आसरे गुप्ता, संतोष कुशवाहा, अनूप बिश्नोई, संजय पोरवाल, देवेंद्र आर्य, अध्यक्ष राजीव पोरवाल (रानू), हिमांशु दुवे, रामनरेश यादव, सतीश कुमार व संस्थापक आनन्द नाथ गुप्ता एडवोकेट आदि पर्यावरण प्रेमी मौजूद रहे।

on 24 August
user_HIMANSHU DUBEY
HIMANSHU DUBEY
मेरा कर फोटो स्टूडियो का भी है Auraiya, Uttar Pradesh•
on 24 August

वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई पार्क में हुआ पौधारोपण पेड़ पौधों के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान कर उनकी देखभाल व सुरक्षा की जिम्मेदारी आसपास के लोगों को सौंपी गई रिपोर्ट हिमांशु दुबे

स्थान औरैया

समाजसेवी संगठन एक विचित्र पहल सेवा समिति रजि. औरैया द्वारा पर्यावरण संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए सार्वजनिक स्थानों व धार्मिक स्थलों पर जीवनधारा पौधारोपण अभियान निरंतर चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत आज दिनांक 24 अगस्त-2025 दिन रविवार को प्रातः 7 बजे समिति के अध्यक्ष राजीव पोरवाल (रानू) के नेतृत्व में संस्था द्वारा वर्ष-2022 में गोद लिए गए आवास विकास कॉलोनी स्थित वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई पार्क में पौधारोपण अभियान चलाया गया, कार्यक्रम संयोजक संजय अग्रवाल को बनाया गया, उनकी देखरेख में बोतल पाम, हरसिंगार, गुड़हल, बेलपत्री, चितवन, पकड़िया, अशोक आदि के पौधों का पौधारोपण किया गया, पौधों के देखभाल की जिम्मेदारी पार्क के आसपास निवास कर रहे लोगों को सौंपी गई, पौधारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत समिति के संस्थापक आनन्द नाथ गुप्ता एडवोकेट ने मौजूद लोगों को पेड़ पौधों के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की व उन्होंने बताया कि सम व विषम परिस्थितियों

में पेड़ पौधे हमें धैर्य के साथ सदैव मुस्कुराने की प्रेरणा देते हैं। अभिभावकों व गुरुजनों को आगे आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के साथ मानव जीवन में पेड़ पौधों के महत्व के व उनके अमूल्य योगदान से संबंधित जानकारी देनी चाहिए, ताकि पेड़ पौधों की उपयोगिता को समझकर पर्यावरण के प्रति सजग रहते हुए अपना यथासंभव योगदान दें, जिससे उनका जीवन निरोग-स्वस्थ व प्रसन्नचित्त रह सके। संस्थापक ने बताया कि 5100 पौधों के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 3945 पौधों का पौधारोपण व लोगों के मनपसंद पौधों का वितरण किया गया, जबकि पौधारोपण व वितरण अभियान अनवरत जारी हैं। *उन्होंने बताया कि समिति द्वारा शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में "स्वदेशी अपनाओ-देश बचाओ" जन-जागरूकता अभियान शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।* अभियान में प्रमुख रूप से राम आसरे गुप्ता, संतोष कुशवाहा, अनूप बिश्नोई, संजय पोरवाल, देवेंद्र आर्य, अध्यक्ष राजीव पोरवाल (रानू), हिमांशु दुवे, रामनरेश यादव, सतीश कुमार व संस्थापक आनन्द नाथ गुप्ता एडवोकेट आदि पर्यावरण प्रेमी मौजूद रहे।

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  • नगर पालिका परिषद औरैया की एक और लापरवाही महिलाएं जा रही है खुले में शौच महिला पिंक शौचालय बंद किए हुए हैं #SwachhSurvekshan2025 #swachhBharat #NarendraModi #nppAuraiya 14/12/2025
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    नगर पालिका परिषद औरैया की एक और लापरवाही महिलाएं जा रही है खुले में शौच महिला पिंक शौचालय बंद किए हुए हैं
#SwachhSurvekshan2025
#swachhBharat
#NarendraModi
#nppAuraiya 14/12/2025
    user_मेरा औरैया
    मेरा औरैया
    Social worker Auraiya, Uttar Pradesh•
    19 hrs ago
  • 14 दिसंबर दिन रविवार प्राथमिक विद्यालय कृपालपुर झींझक कानपुर देहात में पल्स पोलियो अभियान का आयोजन किया जाना था बच्चे और सीमा देवी मंजू देवी संस्कार और सारे लोग समय पर आ गए लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कोई भी नहीं आया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पता करने पर मालूम हुआ की कोई भी आशा ही नहीं आई है
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    14 दिसंबर दिन रविवार प्राथमिक विद्यालय कृपालपुर झींझक कानपुर देहात में पल्स पोलियो अभियान का आयोजन किया जाना था बच्चे और सीमा देवी मंजू देवी संस्कार और सारे लोग समय पर आ गए लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कोई भी नहीं आया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पता करने पर मालूम हुआ की कोई भी आशा ही नहीं आई है
    KS
    Kuldeep Sarma
    Derapur, Kanpur Dehat•
    20 hrs ago
  • 107 साल की उम्र में गेंदारानी को अनोखी विदाई, कोंच में शोक नहीं—सम्मान और उत्सव की शव यात्रा जालौन के कोंच नगर में रविवार दोपहर एक ऐसी शव यात्रा निकली, जिसने हर किसी का ध्यान खींच लिया। 107 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहने वाली बुजुर्ग महिला गेंदारानी की अंतिम यात्रा परंपरागत शोक के बजाय सम्मान, कृतज्ञता और उत्सव के भाव के साथ निकाली गई। परिजनों के अनुसार, गेंदारानी ने लंबा, सादा और सुखद जीवन जिया। परिवार की कई पीढ़ियों को स्नेह, संस्कार और मार्गदर्शन देने वाली गेंदारानी के प्रति आभार जताते हुए परिजनों ने तय किया कि उनकी विदाई आँसुओं से नहीं, बल्कि मुस्कान और सम्मान के साथ होगी। इसी सोच के साथ अंतिम यात्रा को “विदाई उत्सव” का रूप दिया गया। शव यात्रा में परिजन और नगरवासी शांत भाव से शामिल हुए। वातावरण में ग़म की जगह संतोष और श्रद्धा दिखाई दी—मानो एक पूर्ण जीवन की सार्थक पूर्णाहुति हो रही हो। स्थानीय लोगों ने इसे जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और बुजुर्गों के सम्मान की मिसाल बताया। कोंच नगर में निकली यह अनोखी अंतिम यात्रा न सिर्फ चर्चा का विषय बनी, बल्कि यह संदेश भी दे गई कि दीर्घायु और सुसंपन्न जीवन की विदाई सम्मान और कृतज्ञता के साथ भी की जा सकती है।
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    107 साल की उम्र में गेंदारानी को अनोखी विदाई, कोंच में शोक नहीं—सम्मान और उत्सव की शव यात्रा
जालौन के कोंच नगर में रविवार दोपहर एक ऐसी शव यात्रा निकली, जिसने हर किसी का ध्यान खींच लिया। 107 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहने वाली बुजुर्ग महिला गेंदारानी की अंतिम यात्रा परंपरागत शोक के बजाय सम्मान, कृतज्ञता और उत्सव के भाव के साथ निकाली गई।
परिजनों के अनुसार, गेंदारानी ने लंबा, सादा और सुखद जीवन जिया। परिवार की कई पीढ़ियों को स्नेह, संस्कार और मार्गदर्शन देने वाली गेंदारानी के प्रति आभार जताते हुए परिजनों ने तय किया कि उनकी विदाई आँसुओं से नहीं, बल्कि मुस्कान और सम्मान के साथ होगी। इसी सोच के साथ अंतिम यात्रा को “विदाई उत्सव” का रूप दिया गया।
शव यात्रा में परिजन और नगरवासी शांत भाव से शामिल हुए। वातावरण में ग़म की जगह संतोष और श्रद्धा दिखाई दी—मानो एक पूर्ण जीवन की सार्थक पूर्णाहुति हो रही हो। स्थानीय लोगों ने इसे जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और बुजुर्गों के सम्मान की मिसाल बताया।
कोंच नगर में निकली यह अनोखी अंतिम यात्रा न सिर्फ चर्चा का विषय बनी, बल्कि यह संदेश भी दे गई कि दीर्घायु और सुसंपन्न जीवन की विदाई सम्मान और कृतज्ञता के साथ भी की जा सकती है।
    user_Bheem rajawat 9628800458
    Bheem rajawat 9628800458
    Journalist Jalaun, Uttar Pradesh•
    15 hrs ago
  • मनुष्य का शरीर मोक्ष का कारण धाम भगवान की करुणा से मनुष्य जीवन मिलता है यह बात असलनापुर गांव में चल रहे विष्णु महायज्ञ एवं श्री मदभागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक ज्योतिर्मयानन्द महाराज महामन्डलेश्वर अखंड परमधाम हरिद्वार ने कही बाद में उन्होंने गजेन्द्र मोक्ष, वामन व राजा बलि प्रसंग एवं भगवान श्रीकृष्ण की जन्म लीला का व्यख्यान करते हुये बताया कि राजा बलि को यह अभिमान था कि उसके बराबर सामर्थ्य इस संसार में कोई नहीं है। भगवान ने राजा बलि का अभिमान चूर करने के लिए वामन का रूप धारण किया और भीक्षा मांगने राजा बलि के पास पहुंच गए।
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    मनुष्य का शरीर मोक्ष का कारण धाम भगवान की करुणा से मनुष्य जीवन मिलता है यह बात असलनापुर गांव में चल रहे विष्णु महायज्ञ एवं श्री मदभागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक ज्योतिर्मयानन्द महाराज महामन्डलेश्वर अखंड परमधाम हरिद्वार ने  कही बाद में उन्होंने गजेन्द्र मोक्ष, वामन व राजा बलि प्रसंग एवं भगवान श्रीकृष्ण की जन्म लीला का व्यख्यान करते हुये बताया कि राजा बलि को यह अभिमान था कि उसके बराबर सामर्थ्य इस संसार में कोई नहीं है। भगवान ने राजा बलि का अभिमान चूर करने के लिए वामन का रूप धारण किया और भीक्षा मांगने राजा बलि के पास पहुंच गए।
    SU
    कुमार पंकज
    Journalist Kanpur Dehat, Uttar Pradesh•
    16 hrs ago
  • Post by Rahul kumar
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    Post by Rahul kumar
    user_Rahul kumar
    Rahul kumar
    Student Accommodation Centre Orai, Jalaun•
    1 hr ago
  • एक्सप्रेस में आज बेशुमार भीड़, यात्रियों को भारी परेशानी आज गोमती एक्सप्रेस में अत्यधिक भीड़ देखने को मिली। सामान्य डिब्बों के साथ-साथ आरक्षित कोचों में भी यात्रियों की संख्या क्षमता से कहीं अधिक रही। कई यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ी, यात्रियों के अनुसार छुट्टियों/आकस्मिक यात्रा मांग और सीमित वैकल्पिक ट्रेनों के कारण भीड़ बढ़ी। रेलवे प्रशासन से अतिरिक्त कोच लगाने और भीड़ प्रबंधन के प्रभावी इंतज़ाम की मांग की जा रही है। > सलाह: यात्री यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति जांचें और संभव हो तो आरक्षण के साथ ही यात्रा करें।
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    एक्सप्रेस में आज बेशुमार भीड़, यात्रियों को भारी परेशानी
आज गोमती एक्सप्रेस में अत्यधिक भीड़ देखने को मिली। सामान्य डिब्बों के साथ-साथ आरक्षित कोचों में भी यात्रियों की संख्या क्षमता से कहीं अधिक रही। कई यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ी, 
यात्रियों के अनुसार छुट्टियों/आकस्मिक यात्रा मांग और सीमित वैकल्पिक ट्रेनों के कारण भीड़ बढ़ी। रेलवे प्रशासन से अतिरिक्त कोच लगाने और भीड़ प्रबंधन के प्रभावी इंतज़ाम की मांग की जा रही है।
> सलाह: यात्री यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति जांचें और संभव हो तो आरक्षण के साथ ही यात्रा करें।
    user_SHIVPAL SINGH
    SHIVPAL SINGH
    Newspaper publisher Orai, Jalaun•
    8 hrs ago
  • पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है. क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं। जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है। जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं। यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें। अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं। पूरा मामला विस्तार से जानें पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया। घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है। जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
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    पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है.
क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है?
पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं।
जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है।
जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं।
यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें।
अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं।
पूरा मामला विस्तार से जानें
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया।
घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान
जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है।
जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
    user_Misty Helping Foundation
    Misty Helping Foundation
    Etawah, Uttar Pradesh•
    9 hrs ago
  • ग्रामीण शिक्षा उत्थान एवं मानव सेवा समिति मंगलपुर के द्वारा पिछले 22 वर्षों से गरीब, बेसहारा , लाचार ,लोगों को सर्दी से बचाने के लिए शिक्षकों के द्वारा आओ हमसब मिलकर करें मदद मुहिम चलाई जा रही है ,उसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए आज संदलपुर औऱ झींझक ब्लॉक के सुरासी ,बरी ,नवाबपुर ,मनकापुर ,कुदौली ,मड़ौली ,सबलपुर ,घुष्ठी गढ़िया ,डिलवल ,जगदीशपुर , भावसिंह का पुरवा ,चक्केपुरवा , भन्देमऊ,मंगलपुर ,जौरवा ,लौवा, शाहपुर ,लाड़पुर ,भूठा ,सतौरा , कटरा आदि 21 गांवों के 187 जरूरतमंदों का चयन करके उनको निशुल्क कंबल और गर्म कपड़ों का वितरण किया गया ।
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    ग्रामीण शिक्षा उत्थान एवं मानव सेवा समिति मंगलपुर के द्वारा पिछले 22 वर्षों से गरीब, बेसहारा , लाचार ,लोगों को सर्दी से बचाने के लिए  शिक्षकों के द्वारा आओ हमसब मिलकर करें मदद  मुहिम चलाई जा रही है ,उसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए आज संदलपुर औऱ झींझक  ब्लॉक के सुरासी ,बरी ,नवाबपुर ,मनकापुर ,कुदौली ,मड़ौली ,सबलपुर ,घुष्ठी गढ़िया ,डिलवल ,जगदीशपुर , भावसिंह का पुरवा ,चक्केपुरवा ,
भन्देमऊ,मंगलपुर ,जौरवा ,लौवा, शाहपुर ,लाड़पुर ,भूठा ,सतौरा , कटरा आदि 21  गांवों  के 187  जरूरतमंदों का चयन करके उनको निशुल्क कंबल और गर्म कपड़ों का वितरण किया गया ।
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    कुमार पंकज
    Journalist Kanpur Dehat, Uttar Pradesh•
    16 hrs ago
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