Shuru
Apke Nagar Ki App…
रामगढ़ टाउन हॉल में कार्यक्रम किया गया जरूरतमंद लोगों को सामान दिया गया
मुकेश खेरवार
रामगढ़ टाउन हॉल में कार्यक्रम किया गया जरूरतमंद लोगों को सामान दिया गया
More news from Jharkhand and nearby areas
- रामगढ़ टाउन हॉल में कार्यक्रम किया गया जरूरतमंद लोगों को सामान दिया गया2
- गोला DVC चौक और रजरप्पा मोड़ में रोड के किनारे गाड़ी खड़ा ना करे1
- फल बेचने वाला शख्स्नत टेररिस्ट को धोना कई लोगों की बचाई जान शख्स को लगा दो गोली फिर भी हिम्मत नहीं हरा।1
- #BangalChunav#BangalMeinParivartan#BangalBolega#BangalKaMood#BangalPolitics#BangalElection20261
- ब्राउन शुगर के धंधे का विरोध पड़ा भारी, युवक के अपहरण की कोशिश व जानलेवा हमला, इलाके में दहशत डी1
- वोट चोर गद्दी छोड़। रामलीला मैदान दिल्ली1
- तालीम-ए-निसवां कॉन्फ्रेंस में गूंजी लड़कियों की शिक्षा की अहमियत __ मुल्क भर के मशहूर उल्मा-ए-कराम ने कुरआन व सुन्नत की रोशनी में पेश किया पैग़ाम ___ हजारीबाग। हजारीबाग जिला के कटकमसांडी प्रखंड अंतर्गत रोमी पंचायत के अलगडिहा (पबरा रोड) में शनिवार देर रात जामिया गौसिया लिलबनात के उद्घाटन समारोह के मुबारक मौके पर तालीम-ए-निसवां कॉन्फ्रेंस का भव्य और रूहानी आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक कॉन्फ्रेंस में मुल्क भर से तशरीफ़ लाए मशहूर उल्मा-ए-कराम ने शिरकत कर मजहब-ए-इस्लाम में लड़कियों की तालीम की अहमियत पर कुरआन व हदीस की रोशनी में असरदार बयान फरमाए। कॉन्फ्रेंस की सरपरस्ती पीर-ए-तरीकत अल्लामा व मौलाना इमरान रजा खान उर्फ समनानी मियां बरेली ने की, जबकि मंच संचालन हज़रत हसन रजा अतहर बोकारवी ने अपने खूबसूरत इस्लामी अंदाज में किया। सभी वक्ताओं ने अपने खिताब में कहा कि इस्लाम में औरतों की तालीम को बुनियादी अहमियत हासिल है और एक तालीमयाफ्ता बेटी ही एक बेहतर घर, बेहतर समाज और बेहतर मुल्क की बुनियाद रखती है। कॉन्फ्रेंस में बयान फरमाने वालों में मुफ्ती महबूब आलम मिस्बाही, कारी शाहिद अंजुम, कारी महमूद रजा नूरी, हाफिज अहमद शाह नवाज आलम, कारी सादिक रजा, कारी अब्दुल गफ्फार, कारी शमशेर रिजवी, कारी अशफाक हशमति, कारी इकराम, कारी निसार (कोलकाता), शायर-ए-इस्लाम दिलबर शाही, कारी मुबारक हुसैन, कारी आसिफ रजा सादी, कारी अब्दुल गफ्फार हशमति, सदर-ए-जलसा मौलाना गुलाम वारिस हशमति, मौलाना मुमताज नजमी, मौलाना जलालुद्दीन चिश्ती, कारी समसुद्दीन, मौलाना अब्दुल सलाम, मौलाना अब्दुल शकूर सहित कई नामवर उल्मा-ए-कराम शामिल रहे। इस रूहानी और इल्मी कॉन्फ्रेंस का आयोजन जामिया गौसिया लिलबनात एकेडमी के निदेशक नौशाद आलम, मोहम्मद नसीम रजा और उमर नूरानी के सौजन्य से किया गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत कर तालीम-ए-निसवां के पैग़ाम को दिल से कुबूल किया। अंत में मुल्क की तरक्की, अमन-ओ-अमान और कौम की बेहतरी के लिए दुआएं की गईं।4
- सरकार एक लेकिन हरियाणा के तुलना में बिहार के किसानों के साथ बड़ा धोखा क्यों?1