*देश के निर्यात में यूपी की हिस्सेदारी बढ़ाएगी नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30* *नई निर्यात प्रोत्साहन नीति प्रदेश का निर्यात 50 बिलियन तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी* *निर्यातकों को 16 लाख की जगह 25 लाख रूपए प्रति वर्ष वित्तीय सहायता का किया गया प्राविधान* *निर्यातकों को निर्यात पर किए गए व्यय की 75 प्रतिशत धनराशि या अधिकतम 25 लाख रूपये प्रति वर्ष प्रदान की जाएगी* *औद्योगिक विकास मंत्री ने प्रस्तावित नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2050-30 की समीक्षा की* देश के निर्यात में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़ाने के साथ ही उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 लागू किए जाने की तैयारी है। जिसकी उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने पिकअप भवन सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की नई निर्यात प्रोत्साहन नीति देश के निर्यात में प्रदेश की हिस्सेदारी को न सिर्फ बढ़ाएगी बल्कि प्रदेश का निर्यात 50 बिलियन तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी। बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार, संयुक्त निर्यात आयुक्त पवन अग्रवाल एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। समीक्षा बैठक में मंत्री नन्दी ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए निर्यातकों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन दिया जाए। नई निर्यात नीति में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है। नई निर्यात नीति में निर्यातकों को प्रदान की जाने वाली सब्सिडी के ऑनलाइन ट्रैकिंग की भी व्यवस्था की गई है। इंजीनियरिंग गुड्स एंड टेक्सटाइल, ग्लास व सिरेमिक उत्पाद, काष्ठ उत्पाद, स्पोर्ट्स गुड्स, सेवा क्षेत्र, शिक्षा व पर्यटन, आईटी व आईटीईएस, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल्स, लॉजिस्टिक पर फोकस करने के साथ ही रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास को भी नई निर्यात प्रोत्साहन नीति में वरीयता दी गई है। मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आर्थिक परिवर्तन की दिशा में अग्रसर है, जो एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने और भारत के निकट भविष्य में पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मंत्री नन्दी ने कहा कि नई निर्यात नीति उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक मान्यता प्राप्त निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए रोडमैप साबित होगी। समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान समय में निपर्यातकों को विपणन विकास सहायता योजना, वायुयान भाड़ा युक्तिकरण योजना और गेटवे पोर्ट तक मालभाड़े पर अनुदान योजना का लाभ दिया जा रहा है। नई निर्यात प्रोत्साहन नीति में तीन नई सहायता योजनाओं ई-कॉमर्स ऑनबोर्डिंग सहायता योजना, छोटे निर्यातकों के लिए निर्यात प्रदर्शन आधारित पुरस्कार योजना तथा निर्यात क्रेडिट इंश्योरेंस सहायता योजना का प्रस्ताव है। प्रदेश के निर्यातकों में पारस्परिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, विपणन सामर्थ्य के विकास, प्रमुख वैश्विक बाजारों एवं उनकी मांग के विषय में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से संचालित विपणन विकास सहायता योजनान्तर्गत वर्तमान में निर्यातकों को प्रदान की जा रही 16 लाख रूपए की वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 25 लाख रूपए प्रति वर्ष प्रति निर्यातक किए जाने का प्राविधान किया गया है। इसके अन्तर्गत विदेशी मेले में प्रतिभाग पर वर्तमान में प्रदान की जा रही धनराशि 3 लाख को बढ़ाकर साढ़े चार लाख कर दिया गया है। साथ ही निर्यात संबंधी सर्टीफिकेशन्स प्राप्त किये जाने पर निर्यातक इकाई द्वारा किये गये व्यय की 75 प्रतिशत धनराशि निर्यातकों को प्रदान की जायेगी। इस श्रेणी के अन्तर्गत विपणन विकास सहायता योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष में एक निर्यातक इकाई को अनुमन्य कुल वित्तीय सहायता धनराशि 25 लाख रूपए की सीमा तक सहायता हेतु दावा प्रस्तुत किया जा सकता है। गेटवेपोर्ट तक निर्यात हेतु भेजे गये माल के भाड़े पर अनुदान योजना के अन्तर्गत निर्यातकों को प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता को दोगुना कर दी गई है। छोटे निर्यातकों को एल.सी. एल. शिपमेंट्स के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। पूर्व में योजनान्तर्गत केवल फुल कंटेनर हेतु ही सहायता प्रदान की जा रही थी। ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात प्रोत्साहन हेतु ई-कॉमर्स ऑनबोर्डिंग सहायता योजना अन्तर्गत प्रथम वर्ष के लिए ग्लोबल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग शुल्क पर 75 प्रतिशत अधिकतम रू० 3 लाख प्रतिवर्ष प्रति निर्यातक इकाई सहायता प्रदान की जायेगी। प्रदेश के निर्यातकों को प्रोत्साहित किये जाने हेतु निर्यातक इकाईयों को उनके निर्यात कारोबार में वृद्धि के आधार पर पुरस्कृत किया जायेगा। वर्ष दर वर्ष निर्यात वृद्धि पर 1 प्रतिशत अधिकतम रू 20 लाख, का पुरस्कार प्रदान करने के साथ-साथ निर्यातकों के लिए निर्यात क्रेडिट इंश्योरंश तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए छोटे निर्यातकों द्वारा ई.सी.जी.सी को सालाना भुगतान की गयी प्रीमियम धनराशि का 50 तथा अन्य लघु एवं मध्यम निर्यातक इकईयों को 30 प्रतिशत की सहायता प्रदान की जायेगी।
*देश के निर्यात में यूपी की हिस्सेदारी बढ़ाएगी नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30* *नई निर्यात प्रोत्साहन नीति प्रदेश का निर्यात 50 बिलियन तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी* *निर्यातकों को 16 लाख की जगह 25 लाख रूपए प्रति वर्ष वित्तीय सहायता का किया गया प्राविधान* *निर्यातकों को निर्यात पर किए गए व्यय की 75 प्रतिशत धनराशि या अधिकतम 25 लाख रूपये प्रति वर्ष प्रदान की जाएगी* *औद्योगिक विकास मंत्री ने प्रस्तावित नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2050-30 की समीक्षा की* देश के निर्यात में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़ाने के साथ ही उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 लागू किए जाने की तैयारी है। जिसकी उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने पिकअप भवन सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की नई निर्यात प्रोत्साहन नीति देश के निर्यात में प्रदेश की हिस्सेदारी को न सिर्फ बढ़ाएगी बल्कि प्रदेश का निर्यात 50 बिलियन तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी। बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार, संयुक्त निर्यात आयुक्त पवन अग्रवाल एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। समीक्षा बैठक में मंत्री नन्दी ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए निर्यातकों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन दिया जाए। नई निर्यात नीति में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है। नई निर्यात नीति में निर्यातकों को प्रदान की जाने वाली सब्सिडी के ऑनलाइन ट्रैकिंग
की भी व्यवस्था की गई है। इंजीनियरिंग गुड्स एंड टेक्सटाइल, ग्लास व सिरेमिक उत्पाद, काष्ठ उत्पाद, स्पोर्ट्स गुड्स, सेवा क्षेत्र, शिक्षा व पर्यटन, आईटी व आईटीईएस, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल्स, लॉजिस्टिक पर फोकस करने के साथ ही रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास को भी नई निर्यात प्रोत्साहन नीति में वरीयता दी गई है। मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आर्थिक परिवर्तन की दिशा में अग्रसर है, जो एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने और भारत के निकट भविष्य में पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मंत्री नन्दी ने कहा कि नई निर्यात नीति उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक मान्यता प्राप्त निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए रोडमैप साबित होगी। समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान समय में निपर्यातकों को विपणन विकास सहायता योजना, वायुयान भाड़ा युक्तिकरण योजना और गेटवे पोर्ट तक मालभाड़े पर अनुदान योजना का लाभ दिया जा रहा है। नई निर्यात प्रोत्साहन नीति में तीन नई सहायता योजनाओं ई-कॉमर्स ऑनबोर्डिंग सहायता योजना, छोटे निर्यातकों के लिए निर्यात प्रदर्शन आधारित पुरस्कार योजना तथा निर्यात क्रेडिट इंश्योरेंस सहायता योजना का प्रस्ताव है। प्रदेश के निर्यातकों में पारस्परिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, विपणन सामर्थ्य के विकास, प्रमुख वैश्विक बाजारों एवं उनकी मांग के विषय में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से संचालित विपणन विकास सहायता योजनान्तर्गत वर्तमान में निर्यातकों को प्रदान की जा रही 16 लाख रूपए की वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 25 लाख रूपए प्रति वर्ष प्रति निर्यातक किए जाने का प्राविधान किया गया है। इसके
अन्तर्गत विदेशी मेले में प्रतिभाग पर वर्तमान में प्रदान की जा रही धनराशि 3 लाख को बढ़ाकर साढ़े चार लाख कर दिया गया है। साथ ही निर्यात संबंधी सर्टीफिकेशन्स प्राप्त किये जाने पर निर्यातक इकाई द्वारा किये गये व्यय की 75 प्रतिशत धनराशि निर्यातकों को प्रदान की जायेगी। इस श्रेणी के अन्तर्गत विपणन विकास सहायता योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष में एक निर्यातक इकाई को अनुमन्य कुल वित्तीय सहायता धनराशि 25 लाख रूपए की सीमा तक सहायता हेतु दावा प्रस्तुत किया जा सकता है। गेटवेपोर्ट तक निर्यात हेतु भेजे गये माल के भाड़े पर अनुदान योजना के अन्तर्गत निर्यातकों को प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता को दोगुना कर दी गई है। छोटे निर्यातकों को एल.सी. एल. शिपमेंट्स के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। पूर्व में योजनान्तर्गत केवल फुल कंटेनर हेतु ही सहायता प्रदान की जा रही थी। ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात प्रोत्साहन हेतु ई-कॉमर्स ऑनबोर्डिंग सहायता योजना अन्तर्गत प्रथम वर्ष के लिए ग्लोबल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग शुल्क पर 75 प्रतिशत अधिकतम रू० 3 लाख प्रतिवर्ष प्रति निर्यातक इकाई सहायता प्रदान की जायेगी। प्रदेश के निर्यातकों को प्रोत्साहित किये जाने हेतु निर्यातक इकाईयों को उनके निर्यात कारोबार में वृद्धि के आधार पर पुरस्कृत किया जायेगा। वर्ष दर वर्ष निर्यात वृद्धि पर 1 प्रतिशत अधिकतम रू 20 लाख, का पुरस्कार प्रदान करने के साथ-साथ निर्यातकों के लिए निर्यात क्रेडिट इंश्योरंश तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए छोटे निर्यातकों द्वारा ई.सी.जी.सी को सालाना भुगतान की गयी प्रीमियम धनराशि का 50 तथा अन्य लघु एवं मध्यम निर्यातक इकईयों को 30 प्रतिशत की सहायता प्रदान की जायेगी।
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- *करेली थाना क्षेत्र के लाल कॉलोनी में जहां ठेकेदारों द्वारा काम लगाया गया था आज सुबह वहा चोरों ने चोरी की घटना को अंजाम दिया घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है वहीं चोरी का सामान मनोहर दास की बगिया डी कॉलोनी में कबड्डी की दुकान से बरामद हुआ है वहीं मौके में पहुंची करेली पुलिस ने बरामद समान और कबाड़ की दुकान के मालिक को हिरासत में लिया है वही और भी कई चोरी की घटना का यहां से खुलासा हो सकता है*1
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- शादी का झांसा देकर युवक ने ठगे पैसे, शिकायत लेकर थाना पहुंची महिला! स्वतंत्र प्रभात प्रयागराज : जनपद में पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के सल्लाहपुर गांव के रहने वाला एक युवक द्वारा गाजियाबाद की महिला को शादी के झांसे में लेकर पैसे की ठगी करने का मामला सामने आ रहा है। मामले का राज तब खुला जब महिला गाजियाबाद से पूरामुफ्ती थाना में शिकायत लेकर पहुंच गई। पीड़ित महिला ने थाना में शिकायती पत्र देते हुए पुलिस को बताया कि सल्लाहपुर गांव का रहने वाला एक युवक गाजियाबाद में उसके रूम के बग़ल में किराए पर रहता था। जिससे उसे प्रेम जाल में फंसा लिया। जिसके बाद शादी का झांसा देकर सालों तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। जब पीड़ित ने शादी करने की बात कही तो उक्त बहाने बनाकर टाल देता दिया और पैसों की मांग करने लगा। पैसे मिलने पर वहां से झूठ बोलकर अपने गांव चला आया। जहां पर दूसरी लड़की से शादी कर लिया। आरोप है कि शिकायत के बाद पुलिस ने अभी तक उसका मामला दर्ज नहीं किया है। आरोपी पक्ष द्वारा उसे शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है। पीड़िता अपने बच्चे के साथ रेलवे स्टेशन पर रहकर न्याय के लिए पुलिस थाने का चक्कर काट रही है। मिली जानकारी के अनुसार मीनू (परिवर्तित) नाम निवासिनी गोविंदपुरम थाना मधुबन गाजियाबाद ने मंगलवार को थाना पूरामुफ्ती आरोपी के विरुद्ध प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उसके रूम के बगल में रहने वाला एक युवक जो अकबरपुर सल्लाहपुर थाना पूरामुफ्ती कमिश्नरेट प्रयागराज का निवासी है किराये पर रहता था। युवक ने पीड़िता को शादी करने का झांसा देकर प्रेम जाल मे फंसा लिया। जिसके बाद सालों तक प्रार्थिनी के साथ शारिरिक संबंध बनाता रहा। जब पीड़िता शादी करने को कहती तो उसकी मांग भरकर कल परसों में टाल देता। इसी बीच पीड़िता का गर्भ धारण हो गया तो उक्त व्यक्ति ने कहा कि कुछ पैसों का इंतजाम करो तो हम लोग शादी करले। जिससे बच्चे की अच्छे से देखभाल हो सके। पीड़िता उक्त की बातों पर भरोसा करके तीन लाख रुपए पेटियम और नगद पैसे अपने पिता से लाकर उसे दिया। पैसे लेने के कुछ दिन बाद युवक ने कहा कि मेरे घर में कोई बिमार है मैं प्रयागराज जा रहा हूं। जल्दी वापस आकर तुमसे शादी करुंगा। इसी बीच उसका बच्चा भी जन्म ले चुका था। उक्त व्यक्ति पीड़िता से चालबाजी करके प्रयागराज आया और किसी दूसरी लड़की से शादी कर ली। जब पीड़िता को इस बात की खबर हुई तो वह अपने बच्चे के साथ उसके घर सल्लाहपुर आई जहां पर उक्त व्यक्ति ने उसे पहचानने और शादी करने से इन्कार दिया। महिला का आरोप है कि दिनांक 8 अप्रैल 2025 को उक्त व्यक्ति और उसके चार पांच अज्ञात साथियों द्वारा गाली गलौज करते हुए उसे मारा पीटा गया। साथ ही धमकी दी गई है कि दोबारा मेरे घर पर आई तो जान से मार कर फेंक देंगे। पीड़िता अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ इधर उधर परेशान हो रही है। उक्त व्यक्ति ने उसके साथ जालसाजी करके उसका शारीरिक और मानसिक शोषण किया है। उसके पैसे भी गबन कर लिए है। पीड़िता का आरोप है थाना में शिकायत के बाद उसका मामला दर्ज नहीं किया गया है जिससे वह बेहद परेशान हैं। उसने मामले में पुलिस आयुक्त का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराकर कार्यवाही कराने की मांग किया है।1