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दुर्गम क्षेत्रों में अब नहीं बंद होंगे छोटे विद्यालय! उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के दुर्गम एवं विशेष भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में स्थित वे विद्यालय, जिनमें छात्र संख्या 50 से कम है, उन्हें भी पूर्ण रूप से संचालित रखा जाएगा। मंत्री जी ने कहा कि शिक्षा का अधिकार प्रत्येक बच्चे का है, चाहे वह कितने भी दूरस्थ या जनसंख्या में अल्प क्षेत्र में क्यों न रहता हो। सरकार का लक्ष्य है कि शिक्षा की पहुँच हर अंतिम बच्चे तक सुनिश्चित हो और किसी भी परिस्थिति में विद्यालय बंद नहीं होंगे। यह निर्णय दुर्गम क्षेत्रों के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
SAMAJ TAK
दुर्गम क्षेत्रों में अब नहीं बंद होंगे छोटे विद्यालय! उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के दुर्गम एवं विशेष भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में स्थित वे विद्यालय, जिनमें छात्र संख्या 50 से कम है, उन्हें भी पूर्ण रूप से संचालित रखा जाएगा। मंत्री जी ने कहा कि शिक्षा का अधिकार प्रत्येक बच्चे का है, चाहे वह कितने भी दूरस्थ या जनसंख्या में अल्प क्षेत्र में क्यों न रहता हो। सरकार का लक्ष्य है कि शिक्षा की पहुँच हर अंतिम बच्चे तक सुनिश्चित हो और किसी भी परिस्थिति में विद्यालय बंद नहीं होंगे। यह निर्णय दुर्गम क्षेत्रों के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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- दबंग के आगे बेबस सिस्टम सार्वजनिक रास्ता चढ़ा कब्जे की भेंट सरकार के बुलडोज़र पर सवाल—क्या कार्रवाई सिर्फ़ कमज़ोरों और धर्म विशेष तक सीमित है? जनापुर गांव में सार्वजनिक रास्ते पर हुआ अवैध कब्जा अब सिर्फ एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई नीति पर बड़ा सवाल बन चुका है। वर्ष 2018 से लगातार दी जा रही शिकायतों के बावजूद गांव के दबंग द्वारा किए गए पक्के अवैध निर्माण पर आज तक कोई बुलडोज़र नहीं चला। दबंग ने सार्वजनिक रास्ते को खुलेआम कब्जे में लेकर उसे निजी जागीर बना लिया, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना रहा । यही वजह है कि अब यह मामला सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बहुचर्चित “बुलडोज़र एक्शन” पर सवाल उठा रहा है। ग्रामीणों का सवाल साफ है— क्या बुलडोज़र सिर्फ़ कमज़ोरों, गरीबों और धर्म विशेष के लोगों के लिए ही है? क्या रसूखदार और दबंग कानून से ऊपर हैं? यह रास्ता दर्जनों परिवारों के लिए जीवनरेखा था। किसानों के खेत इसी रास्ते से जुड़े थे, स्कूली बच्चे इसी से आते-जाते थे। रास्ता बंद होने से खेती प्रभावित हुई, बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ी, लेकिन अफसरों की फाइलें वर्षों से धूल फांक रही हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध कब्जे की जानकारी प्रशासन को समय-समय पर दी गई। अधिकारी मौके पर पहुंचे, निरीक्षण भी किया गया, मगर कार्रवाई सिर्फ काग़ज़ों तक सीमित रही। इससे यह आशंका और गहरी होती जा रही है कि दबंग को सत्ता और सिस्टम का संरक्षण प्राप्त है। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जब ग्रामीणों ने कब्जे का विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। सवाल उठता है कि जब आम आदमी बोले तो मुकदमे, और जब दबंग कब्जा करे तो खामोशी—यह कैसा कानून का राज है? अगर सरकार ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर सच में अमल करती है, तो फिर 2018 से चले आ रहे इस अवैध कब्जे पर अब तक बुलडोज़र क्यों नहीं चला? क्या कानून की धार रसूख के आगे कुंद हो जाती है? सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि यदि रास्ता बंद होने के कारण किसी दिन कोई बड़ा हादसा होता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा—स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन या प्रदेश सरकार? ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि सार्वजनिक रास्ते को तत्काल अतिक्रमण मुक्त कराया जाए और दोषियों के साथ-साथ उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो, जिन्होंने वर्षों तक आंखें मूंदे रखीं। अब सवाल सिर्फ जनापुर का नहीं है, सवाल यह है कि उत्तर प्रदेश में बुलडोज़र न्याय समान है या चयनित? अब देखना यह है कि सरकार इस सवाल का जवाब कार्रवाई से देती है या चुप्पी से।2
- ब्रेकिंग अमेठी | जन समस्या चार माह से सड़क पर पड़े बिजली के खंभे, बांस के सहारे दौड़ रही लाइन, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा अमेठी। तहसील तिलोई क्षेत्र के विकास खण्ड सिंहपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कुकहा रामपुर में बिजली विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। गांव में बारिश और आंधी के दौरान टूटे बिजली के खंभे करीब चार महीने से सड़क पर पड़े हैं, लेकिन आज तक न तो उनकी मरम्मत हुई और न ही नए खंभे लगाए गए। ग्रामीणों का कहना है कि खंभे गिरने के बाद बिजली विभाग के कर्मचारी मौके पर आए थे और एक सप्ताह में काम पूरा करने का आश्वासन देकर चले गए, मगर चार महीने बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। स्थिति यह है कि गांव में बिजली आपूर्ति बांस के सहारे कराई जा रही है। लाइन महज करीब छह फीट की ऊंचाई पर लटक रही है, जिससे राहगीरों और ग्रामीणों की जान हर वक्त खतरे में बनी हुई है। सिर पर घास, पैरा या कोई सामान लेकर निकलना लगभग नामुमकिन हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि जब भी बिजली विभाग से संपर्क किया जाता है तो हर बार एक ही जवाब मिलता है—“अभी खंभा उपलब्ध नहीं है।” जबकि इसी लाइन से सहदेव सिंह, सर्वोदय आदर्श इंटर कॉलेज, हौसिला मौर्य, वेदप्रकाश सिंह, राघव सिंह, पंचायत भवन, राम कृपाल पासी, धीरज मौर्य, संजय मौर्य और वेदप्रकाश मौर्य समेत कई उपभोक्ताओं को बिजली दी जा रही है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों से जल्द से जल्द नए खंभे लगवाने और सुरक्षित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराने की मांग की है, ताकि किसी बड़े हादसे से पहले इस गंभीर समस्या का समाधान हो सके। @UPPCL @UPPowerCorp @UP_EnergyDept @PowerDeptUP @MD_UPPCL @AmethiAdministration @DM_Amethi1
- 😱(*ब्रेकिंग न्यूज़ खखरेरु*) अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न होने पर पुत्री को मार डालने का लगाया आरोप पुलिस से न्याय की लगाई गुहार खखरेरू फतेहपुर (*संवाददाता राजेन्द्र कुमार की खास रिपोर्ट*)👈। TS news ससुरालियों द्वारा अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न होने पर पिता ने पुत्री को मारने का आरोप लगाते हुए में पुलिस को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है प्राप्त जानकारी के अनुसार किशनपुर चिरईगांव निवासी सजीवन पुत्र पहारु ने पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि मेरी पुत्री लक्ष्मी का विवाह 18 अप्रैल 2025 को नगर पंचायत खखरेरू के वार्ड नंबर 4 जोधासिंह नगर सलवन के मनीष पुत्र कैलाश के साथ हिंदू रीति रिवाज के अनुसार किया था दहेज में अपनी हैसियत के अनुसार सारा सामान कूलर, वाशिंग मशीन, अलमारी, फ्रिज, डबल बेड , अपाचे मोटर साइकिल एवं दो सोने की अंगूठियां दिया था किन्तु शादी के कुछ दिन बाद ससुराली जनों द्वारा अतिरिक्त दहेज सोने की चैन, झुमका व आटा चक्की की मांग की जाने लगी मांग न पूरी होने पर मनीष पुत्र कैलाश सास भगिया ससुर कैलाश देवर राजेश द्वारा मेरी पुत्री को गाली गलौज करते हुए मार पीट कर मानसिक एवं शारीरिक उत्पीड़न किया जाने लगा मेरी पुत्री हर समय आप बीती हम लोगों से बताती रही किंतु हम लोग उसका घर गृहस्थी बचाने के उद्देश्य से समझा बुझा देते थे 21 दिसंबर की रात्रि मेरी पुत्री फोन करके बताई कि मेरे ससुराली जन मेरे साथ गाली गलौज व मार पीट कर जान से मारने की धमकीं दे रहे हैं उसके बाद मेरी पुत्री का बात करते हुए देख फोन छीन लिए और उसी रात घर वाले सारे लोग मिलकर उसको दबाकर पट्टे से गला घोट दिया और वही बेड पर लिटा दिया मौके पर वहां किसी प्रकार का फंदा नहीं था न किसी के सामने खोला गया था।1
- पूर्व विधायक राकेश प्रताप सिंह जी का संकल्प सेवा ही है उनके जीवन का मात्र एक लक्ष्य2
- यूपी – जिला फतेहपुर में बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने हथौड़े–ईंटों से मजार तोड़ी। पुलिस ने बजरंगदल के प्रखंड संयोजक नरेंद्र हिंदू को कस्टडी में लिया।1
- Post by Vinod Shrivastava1
- बसावनपुर गांव में विकास के प्रति हमने एक वीडियो बनाया और उसमें आज तक कोई विधायक सांसद ग्राम प्रधान पंचायत सदस्य और जो कभी कहा गया कि विकास के प्रतीक तो 78 साल हो गया देश को आजादी मिले हमेशा जनगणना होता है बच्चों के प्रतीक जनसंख्या के प्रतीक मगर विकास के प्रतीक जनगणना नहीं हुआ है1
- सुंदरपुर गांव में भीषण आग, घर की पूरी गृहस्थी खाक, एक युवक 60% झुलसा अमेठी कोतवाली क्षेत्र के सुंदरपुर गांव में मंगलवार को अचानक आग लगने से एक परिवार की पूरी गृहस्थी जलकर राख हो गई। आग इतनी तेजी से फैली कि घर में रखा अनाज, कपड़े, बिस्तर और अन्य जरूरी सामान कुछ ही देर में स्वाहा हो गया। आग की चपेट में आकर राम सजीवन पुत्र राजा राम गुप्ता गंभीर रूप से झुलस गया। परिजनों के मुताबिक राम सजीवन लगभग 60 प्रतिशत तक जल गया है। ग्रामीणों ने किसी तरह आग पर काबू पाने की कोशिश की और घायल युवक को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। आग लगने के कारणों का अभी स्पष्ट पता नहीं चल सका है। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन को भी अवगत कराया गया है। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से मदद और मुआवजे की मांग की है। अमेठी से बृजेश मिश्रा की रिपोर्ट1