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on 3 August
RN
Ravi Nayak
Auraiya, Uttar Pradesh•
on 3 August
32d42fdf-3455-4a33-bfd3-88e3df5d5a86

  • RR
    Rakishan Ram Kishan Bhati
    Auraiya, Uttar Pradesh
    🙏
    on 3 August
More news from Uttar Pradesh and nearby areas
  • ग्रामीण शिक्षा उत्थान एवं मानव सेवा समिति मंगलपुर के द्वारा पिछले 22 वर्षों से गरीब, बेसहारा , लाचार ,लोगों को सर्दी से बचाने के लिए शिक्षकों के द्वारा आओ हमसब मिलकर करें मदद मुहिम चलाई जा रही है ,उसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए आज संदलपुर औऱ झींझक ब्लॉक के सुरासी ,बरी ,नवाबपुर ,मनकापुर ,कुदौली ,मड़ौली ,सबलपुर ,घुष्ठी गढ़िया ,डिलवल ,जगदीशपुर , भावसिंह का पुरवा ,चक्केपुरवा , भन्देमऊ,मंगलपुर ,जौरवा ,लौवा, शाहपुर ,लाड़पुर ,भूठा ,सतौरा , कटरा आदि 21 गांवों के 187 जरूरतमंदों का चयन करके उनको निशुल्क कंबल और गर्म कपड़ों का वितरण किया गया ।
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    ग्रामीण शिक्षा उत्थान एवं मानव सेवा समिति मंगलपुर के द्वारा पिछले 22 वर्षों से गरीब, बेसहारा , लाचार ,लोगों को सर्दी से बचाने के लिए  शिक्षकों के द्वारा आओ हमसब मिलकर करें मदद  मुहिम चलाई जा रही है ,उसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए आज संदलपुर औऱ झींझक  ब्लॉक के सुरासी ,बरी ,नवाबपुर ,मनकापुर ,कुदौली ,मड़ौली ,सबलपुर ,घुष्ठी गढ़िया ,डिलवल ,जगदीशपुर , भावसिंह का पुरवा ,चक्केपुरवा ,
भन्देमऊ,मंगलपुर ,जौरवा ,लौवा, शाहपुर ,लाड़पुर ,भूठा ,सतौरा , कटरा आदि 21  गांवों  के 187  जरूरतमंदों का चयन करके उनको निशुल्क कंबल और गर्म कपड़ों का वितरण किया गया ।
    SU
    कुमार पंकज
    Journalist Kanpur Dehat, Uttar Pradesh•
    20 hrs ago
  • पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है. क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं। जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है। जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं। यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें। अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं। पूरा मामला विस्तार से जानें पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया। घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है। जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
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    पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है.
क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है?
पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं।
जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है।
जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं।
यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें।
अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं।
पूरा मामला विस्तार से जानें
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया।
घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान
जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है।
जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
    user_Misty Helping Foundation
    Misty Helping Foundation
    Etawah, Uttar Pradesh•
    14 hrs ago
  • सरकारी प्रचार बैनरों से ढके ट्रैफिक पोल, नियमों पर सवाल उरई (जालौन)। शहर में इन दिनों सरकारी प्रचार बैनरों की भरमार इस कदर दिखाई दे रही है कि यातायात व्यवस्था से जुड़े ट्रैफिक पोल और संकेतक तक ढक गए हैं। कालपी रोड सहित प्रमुख मार्गों पर लगे ट्रैफिक संकेत कई स्थानों पर स्पष्ट नहीं रह गए हैं, जिससे सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इसी प्रकार कोई मीडिया हाउस या विपक्षी दल बिना अनुमति के होर्डिंग लगाए, तो प्रशासन तत्काल कार्रवाई करता है, लेकिन सरकारी प्रचार सामग्री के मामले में नियमों की अनदेखी की जा रही है। नागरिकों का यह भी आरोप है कि एक ओर यातायात नियमों के उल्लंघन पर दोपहिया वाहनों के चालान किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर नियमों के विरुद्ध लगाए गए बैनर–पोस्टरों पर प्रशासन की नजर नहीं जाती। इससे दोहरे मापदंड का संदेश जनता के बीच जा रहा है। जनता का कहना है कि शहर की जनता सब देख रही है और यह भी समझ रही है कि केवल पोस्टर-बैनरों से जनसमर्थन नहीं मिलता। सड़क सुरक्षा से जुड़े संकेतों को ढकना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि आमजन के लिए जोखिम भी पैदा करता है।
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    सरकारी प्रचार बैनरों से ढके ट्रैफिक पोल, नियमों पर सवाल
उरई (जालौन)।
शहर में इन दिनों सरकारी प्रचार बैनरों की भरमार इस कदर दिखाई दे रही है कि यातायात व्यवस्था से जुड़े ट्रैफिक पोल और संकेतक तक ढक गए हैं। कालपी रोड सहित प्रमुख मार्गों पर लगे ट्रैफिक संकेत कई स्थानों पर स्पष्ट नहीं रह गए हैं, जिससे सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इसी प्रकार कोई मीडिया हाउस या विपक्षी दल बिना अनुमति के होर्डिंग लगाए, तो प्रशासन तत्काल कार्रवाई करता है, लेकिन सरकारी प्रचार सामग्री के मामले में नियमों की अनदेखी की जा रही है।
नागरिकों का यह भी आरोप है कि एक ओर यातायात नियमों के उल्लंघन पर दोपहिया वाहनों के चालान किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर नियमों के विरुद्ध लगाए गए बैनर–पोस्टरों पर प्रशासन की नजर नहीं जाती। इससे दोहरे मापदंड का संदेश जनता के बीच जा रहा है।
जनता का कहना है कि शहर की जनता सब देख रही है और यह भी समझ रही है कि केवल पोस्टर-बैनरों से जनसमर्थन नहीं मिलता। सड़क सुरक्षा से जुड़े संकेतों को ढकना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि आमजन के लिए जोखिम भी पैदा करता है।
    user_SHIVPAL SINGH
    SHIVPAL SINGH
    Newspaper publisher Orai, Jalaun•
    14 hrs ago
  • इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी पंडाल में प्रेस क्लब इटावा के तत्वावधान में पत्रकार सम्मेलन व सम्मान समारोह का कार्यक्रम मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सदर विधायिका श्री मती सरिता भदौरिया व विशिष्ट अतिथि एस एस पी इटावा श्री ब्रृजेश कुमार श्रीवास्तव का प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, महामंत्री श्री विशुन यादव, वरिष्ठ पत्रकार गौरव डूडेजा बीरेश मिश्रा, संजय सक्सेना, सन्तोष पाठक ने मंच पर आकर शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर तथा जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व जनपद के कई वरिष्ठ अधिकारियों व शिक्षा विदो का सम्मान किया गया। सम्मान करने वालों प्रमुख भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा दोस्त, बृजेश शुक्ला, रमेश यादव, अखिल सक्सेना, नीलकमल, मनोज दीक्षित, सुघर सिंह यादव, कुश चतुर्वेदी, रजत सिंह, अमित तिवारी, निहाल, उवेश चौधरी, प्रेरणा जुबैरी, रज्जन सिंह, बबलू यादव, महेश कुशवाहा, वी वी सिंह, प्रेम सिंह व रवि कुमार, राजीव शर्मा ने सम्मान किया। इस कार्यक्रम का संचालन विशुन यादव ने किया। रजत यादव पत्रकार नव भारत संवाद इटावा
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    इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी पंडाल में प्रेस क्लब इटावा के तत्वावधान में पत्रकार सम्मेलन व सम्मान समारोह का कार्यक्रम मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सदर विधायिका श्री मती सरिता भदौरिया व विशिष्ट अतिथि एस एस पी इटावा श्री ब्रृजेश कुमार श्रीवास्तव का प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, महामंत्री श्री विशुन यादव, वरिष्ठ पत्रकार गौरव डूडेजा बीरेश मिश्रा, संजय सक्सेना, सन्तोष पाठक ने मंच पर आकर शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर तथा जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व जनपद के कई वरिष्ठ अधिकारियों व शिक्षा विदो का सम्मान किया गया। सम्मान करने वालों प्रमुख भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा दोस्त, बृजेश शुक्ला, रमेश यादव, अखिल सक्सेना, नीलकमल, मनोज दीक्षित, सुघर सिंह यादव, कुश चतुर्वेदी, रजत सिंह, अमित तिवारी, निहाल, उवेश चौधरी, प्रेरणा जुबैरी, रज्जन सिंह, बबलू यादव, महेश कुशवाहा, वी वी सिंह, प्रेम सिंह व रवि कुमार, राजीव शर्मा ने सम्मान किया। इस कार्यक्रम का संचालन विशुन यादव ने किया।
रजत यादव पत्रकार 
नव भारत संवाद इटावा
    user_नव भारत संवाद
    नव भारत संवाद
    Journalist Etawah, Uttar Pradesh•
    22 hrs ago
  • इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी पंडाल में प्रेस क्लब इटावा के तत्वावधान में पत्रकार सम्मेलन व सम्मान समारोह का कार्यक्रम मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सदर विधायिका श्री मती सरिता भदौरिया व विशिष्ट अतिथि एस एस पी इटावा श्री ब्रृजेश कुमार श्रीवास्तव का प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, महामंत्री श्री विशुन यादव, वरिष्ठ पत्रकार गौरव डूडेजा बीरेश मिश्रा, संजय सक्सेना, सन्तोष पाठक ने मंच पर आकर शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर तथा जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व जनपद के कई वरिष्ठ अधिकारियों व शिक्षा विदो का सम्मान किया गया। सम्मान करने वालों प्रमुख भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा दोस्त, बृजेश शुक्ला, रमेश यादव, अखिल सक्सेना, नीलकमल, मनोज दीक्षित, सुघर सिंह यादव, कुश चतुर्वेदी, रजत सिंह, अमित तिवारी, निहाल, उवेश चौधरी, प्रेरणा जुबैरी, रज्जन सिंह, बबलू यादव, महेश कुशवाहा, वी वी सिंह, प्रेम सिंह व रवि कुमार, राजीव शर्मा ने सम्मान किया। इस कार्यक्रम का संचालन विशुन यादव ने किया। रमेश यादव पत्रकार नव भारत टाइम्स इटावा
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    इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी पंडाल में प्रेस क्लब इटावा के तत्वावधान में पत्रकार सम्मेलन व सम्मान समारोह का कार्यक्रम मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सदर विधायिका श्री मती सरिता भदौरिया व विशिष्ट अतिथि एस एस पी इटावा श्री ब्रृजेश कुमार श्रीवास्तव का प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, महामंत्री श्री विशुन यादव, वरिष्ठ पत्रकार गौरव डूडेजा बीरेश मिश्रा, संजय सक्सेना, सन्तोष पाठक ने मंच पर आकर शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर तथा जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व जनपद के कई वरिष्ठ अधिकारियों व शिक्षा विदो का सम्मान किया गया। सम्मान करने वालों प्रमुख भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा दोस्त, बृजेश शुक्ला, रमेश यादव, अखिल सक्सेना, नीलकमल, मनोज दीक्षित, सुघर सिंह यादव, कुश चतुर्वेदी, रजत सिंह, अमित तिवारी, निहाल, उवेश चौधरी, प्रेरणा जुबैरी, रज्जन सिंह, बबलू यादव, महेश कुशवाहा, वी वी सिंह, प्रेम सिंह व रवि कुमार, राजीव शर्मा ने सम्मान किया। इस कार्यक्रम का संचालन विशुन यादव ने किया।
रमेश यादव पत्रकार 
नव भारत टाइम्स इटावा
    user_रमेश यादव पत्रकार
    रमेश यादव पत्रकार
    Journalist Etawah, Uttar Pradesh•
    23 hrs ago
  • झांसी में शादीशुदा गर्लफ्रेंड की लाश अस्पताल में छोड़कर बॉयफ्रेंड भाग गया। दोनों के बीच 3 साल से अफेयर था। महिला दो दिन पहले बॉयफ्रेंड के साथ रहने उसके घर पहुंच गई थी। शनिवार सुबह बॉयफ्रेंड ने गर्लफ्रेंड के बेटे को फोन किया। कहा- तुम्हारी मां ने जहर खा लिया है। मैं उन्हें अस्पताल लेकर जा रहा हूं। बेटा घरवालों के साथ आनन-फानन में CHC अस्पताल पहुंचा। देखा तो उसकी मां की मौत हो चुकी थी। बॉयफ्रेंड वहां नहीं था। महिला नीलम कुशवाहा के बेटे ने आरोप लगाया कि बॉयफ्रेंड रवि ने जहर खिलाकर मां की हत्या की। बेटे ने उसके खिलाफ देर शाम थाने में तहरीर दी। पूरा मामला चिरगांव के भरतपुरा गांव का है।
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    झांसी में शादीशुदा गर्लफ्रेंड की लाश अस्पताल में छोड़कर बॉयफ्रेंड भाग गया। दोनों के बीच 3 साल से अफेयर था। महिला दो दिन पहले बॉयफ्रेंड के साथ रहने उसके घर पहुंच गई थी। शनिवार सुबह बॉयफ्रेंड ने गर्लफ्रेंड के बेटे को फोन किया। कहा- तुम्हारी मां ने जहर खा लिया है। मैं उन्हें अस्पताल लेकर जा रहा हूं।
बेटा घरवालों के साथ आनन-फानन में CHC अस्पताल पहुंचा। देखा तो उसकी मां की मौत हो चुकी थी। बॉयफ्रेंड वहां नहीं था। महिला नीलम कुशवाहा के बेटे ने आरोप लगाया कि बॉयफ्रेंड रवि ने जहर खिलाकर मां की हत्या की। बेटे ने उसके खिलाफ देर शाम थाने में तहरीर दी। पूरा मामला चिरगांव के भरतपुरा गांव का है।
    user_Yogita Jain
    Yogita Jain
    Konch, Jalaun•
    3 hrs ago
  • 107 साल की उम्र में गेंदारानी को अनोखी विदाई, कोंच में शोक नहीं—सम्मान और उत्सव की शव यात्रा जालौन के कोंच नगर में रविवार दोपहर एक ऐसी शव यात्रा निकली, जिसने हर किसी का ध्यान खींच लिया। 107 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहने वाली बुजुर्ग महिला गेंदारानी की अंतिम यात्रा परंपरागत शोक के बजाय सम्मान, कृतज्ञता और उत्सव के भाव के साथ निकाली गई। परिजनों के अनुसार, गेंदारानी ने लंबा, सादा और सुखद जीवन जिया। परिवार की कई पीढ़ियों को स्नेह, संस्कार और मार्गदर्शन देने वाली गेंदारानी के प्रति आभार जताते हुए परिजनों ने तय किया कि उनकी विदाई आँसुओं से नहीं, बल्कि मुस्कान और सम्मान के साथ होगी। इसी सोच के साथ अंतिम यात्रा को “विदाई उत्सव” का रूप दिया गया। शव यात्रा में परिजन और नगरवासी शांत भाव से शामिल हुए। वातावरण में ग़म की जगह संतोष और श्रद्धा दिखाई दी—मानो एक पूर्ण जीवन की सार्थक पूर्णाहुति हो रही हो। स्थानीय लोगों ने इसे जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और बुजुर्गों के सम्मान की मिसाल बताया। कोंच नगर में निकली यह अनोखी अंतिम यात्रा न सिर्फ चर्चा का विषय बनी, बल्कि यह संदेश भी दे गई कि दीर्घायु और सुसंपन्न जीवन की विदाई सम्मान और कृतज्ञता के साथ भी की जा सकती है।
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    107 साल की उम्र में गेंदारानी को अनोखी विदाई, कोंच में शोक नहीं—सम्मान और उत्सव की शव यात्रा
जालौन के कोंच नगर में रविवार दोपहर एक ऐसी शव यात्रा निकली, जिसने हर किसी का ध्यान खींच लिया। 107 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहने वाली बुजुर्ग महिला गेंदारानी की अंतिम यात्रा परंपरागत शोक के बजाय सम्मान, कृतज्ञता और उत्सव के भाव के साथ निकाली गई।
परिजनों के अनुसार, गेंदारानी ने लंबा, सादा और सुखद जीवन जिया। परिवार की कई पीढ़ियों को स्नेह, संस्कार और मार्गदर्शन देने वाली गेंदारानी के प्रति आभार जताते हुए परिजनों ने तय किया कि उनकी विदाई आँसुओं से नहीं, बल्कि मुस्कान और सम्मान के साथ होगी। इसी सोच के साथ अंतिम यात्रा को “विदाई उत्सव” का रूप दिया गया।
शव यात्रा में परिजन और नगरवासी शांत भाव से शामिल हुए। वातावरण में ग़म की जगह संतोष और श्रद्धा दिखाई दी—मानो एक पूर्ण जीवन की सार्थक पूर्णाहुति हो रही हो। स्थानीय लोगों ने इसे जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और बुजुर्गों के सम्मान की मिसाल बताया।
कोंच नगर में निकली यह अनोखी अंतिम यात्रा न सिर्फ चर्चा का विषय बनी, बल्कि यह संदेश भी दे गई कि दीर्घायु और सुसंपन्न जीवन की विदाई सम्मान और कृतज्ञता के साथ भी की जा सकती है।
    user_Bheem rajawat 9628800458
    Bheem rajawat 9628800458
    Journalist Jalaun, Uttar Pradesh•
    19 hrs ago
  • हेयरसैलून मैटेरियल स्टोर, नगर पालिका रोड घाटमपुर, 9235546395, 8707433329 https://www.facebook.com/share/r/16UcyLa2e3/
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    हेयरसैलून मैटेरियल स्टोर, नगर पालिका रोड घाटमपुर, 9235546395, 8707433329
https://www.facebook.com/share/r/16UcyLa2e3/
    user_Vipin patrkaar G.t.m
    Vipin patrkaar G.t.m
    Journalist Kanpur Nagar, Uttar Pradesh•
    2 hrs ago
  • फूप थाना पुलिस ने सोशल मीडिया स्ट्राग्राम पर फर्जी आईडी बनाकर लड़की को परेशान करने वाले युवक को तकनीकी सहायता से पकड़ा भेजा जेल*
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    फूप थाना पुलिस ने सोशल मीडिया स्ट्राग्राम पर फर्जी आईडी बनाकर लड़की को परेशान करने वाले युवक को तकनीकी सहायता से पकड़ा भेजा जेल*
    user_Dinesh soni
    Dinesh soni
    Journalist Bhind Nagar, Madhya Pradesh•
    21 hrs ago
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