*धर्मजयगढ़ भारतमाला परियोजना में प्रशासन की सख्ती* अधिग्रहित भूमि से अवैध निर्माण हटाने बुलडोज़र कार्रवाई, किसानों में नाराज़गी उद्घोष समय जिला ब्यूरो शाहनवाज खान धरमजयगढ़। 31/08/25 भारतमाला परियोजना के लिए अधिग्रहण हेतु प्रस्तावित भूमि पर बने अवैध निर्माणों को हटाने की अंतिम तिथि 28 अगस्त निर्धारित थी। निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बावजूद निर्माण न हटाए जाने पर प्रशासन ने 29 अगस्त की सुबह बुलडोज़र चलाकर कार्रवाई शुरू कर दी। प्रशासनिक दल ने मौके पर पहुँचकर कई शेड और अस्थायी ढाँचों को ध्वस्त किया। अचानक हुई इस कार्रवाई से गाँव में हड़कंप मच गया। किसानों की आजीविका पर असर कार्रवाई से सबसे अधिक प्रभावित वे किसान हुए हैं, जिन्होंने वर्षों पहले शेड बनाकर मुर्गी पालन और छोटे व्यवसाय शुरू किए थे। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने मेहनत और पूंजी लगाकर अपनी आजीविका का साधन तैयार किया था, लेकिन अब सब कुछ उजड़ गया है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनके रोजगार पर गहरी चोट की है। प्रशासन का पक्ष प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि प्रभावित पक्षों को पहले ही नोटिस देकर पर्याप्त समय दिया गया था ताकि वे स्वयं निर्माण हटा सकें। लेकिन समयसीमा समाप्त होने तक अवैध निर्माण न हटाए जाने पर मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ी। गाँव में चर्चा का माहौल इस कार्रवाई के बाद मेडरमार गाँव में अफरा-तफरी का माहौल है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना और ग्रामीणों की आजीविका के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। फिलहाल प्रशासन अवैध निर्माणों को हटाने की प्रक्रिया जारी रखे हुए है।
*धर्मजयगढ़ भारतमाला परियोजना में प्रशासन की सख्ती* अधिग्रहित भूमि से अवैध निर्माण हटाने बुलडोज़र कार्रवाई, किसानों में नाराज़गी उद्घोष समय जिला ब्यूरो शाहनवाज खान धरमजयगढ़। 31/08/25 भारतमाला परियोजना के लिए अधिग्रहण हेतु प्रस्तावित भूमि पर बने अवैध निर्माणों को हटाने की अंतिम तिथि 28 अगस्त निर्धारित थी। निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बावजूद निर्माण न हटाए जाने पर प्रशासन ने 29 अगस्त की
सुबह बुलडोज़र चलाकर कार्रवाई शुरू कर दी। प्रशासनिक दल ने मौके पर पहुँचकर कई शेड और अस्थायी ढाँचों को ध्वस्त किया। अचानक हुई इस कार्रवाई से गाँव में हड़कंप मच गया। किसानों की आजीविका पर असर कार्रवाई से सबसे अधिक प्रभावित वे किसान हुए हैं, जिन्होंने वर्षों पहले शेड बनाकर मुर्गी पालन और छोटे व्यवसाय शुरू किए थे। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने
मेहनत और पूंजी लगाकर अपनी आजीविका का साधन तैयार किया था, लेकिन अब सब कुछ उजड़ गया है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनके रोजगार पर गहरी चोट की है। प्रशासन का पक्ष प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि प्रभावित पक्षों को पहले ही नोटिस देकर पर्याप्त समय दिया गया था ताकि वे स्वयं निर्माण हटा सकें। लेकिन समयसीमा
समाप्त होने तक अवैध निर्माण न हटाए जाने पर मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ी। गाँव में चर्चा का माहौल इस कार्रवाई के बाद मेडरमार गाँव में अफरा-तफरी का माहौल है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना और ग्रामीणों की आजीविका के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। फिलहाल प्रशासन अवैध निर्माणों को हटाने की प्रक्रिया जारी रखे हुए है।
- दगोरी पावर प्लांट से निकाले गए मजदूरों की बहाली को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना करेगी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन- बैठक मे लिया गया निर्णय आज रविवार की शाम 6:28 पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिला संयोजक अनिल कुमार पाली जी से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर। बिल्हा ब्लॉक के दगोरी गांव में स्थित नोवा पावर प्लांट से बिना कारण निकाले गए मजदूरों को पुनः काम पर रखने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के सेनानियों और गांव के युवाओं के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किये जाने की सूचना आज दगौरी मे रविवार की साम 5 बजे हुवे बैठक दी गई। संगठन का कहना है कि मजदूरों को अचानक काम से निकालना न केवल अमानवीय है बल्कि श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन भी है। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के जिला संयोजक अनिल कुमार पाली ने आज बैठक कर बताया कि लंबे समय से पावर प्लांट में कार्यरत मजदूरों को बिना पूर्व सूचना और बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बाहर कर दिया गया, जिससे उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। संगठन ने प्रबंधन से तत्काल मजदूरों को वापस काम पर रखने की मांग की है। जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जिला अध्यक्ष शैलू ठाकुर ने कहा कि धरना प्रदर्शन के माध्यम से जिला प्रशासन और श्रम विभाग का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकर्षित किया जाएगा। यदि मजदूरों की मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने स्पष्ट किया है कि वह मजदूरों के हक और सम्मान की लड़ाई सड़क से लेकर प्रशासनिक स्तर तक पूरी मजबूती से लड़ेगी, जिसके लिए गांव के लोगों के साथ मिल कर बहुत जल्द एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जायेगा, जिसमे प्रदेश भर से छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के पदाधिकारी सेनानी एकत्रित होंगे।1
- एक ब्राम्हण क्या कहा संत रामपाल जी महाराज जी के बारे मे1
- Post by Pradeep Maheshwari2
- गुमला। जय श्रीराम के जयकारे से गूंजता रहा शहर, विहिप और बजरंग दल के द्वारा निकाली गई भव्य शौर्य यात्रा2
- बिकाऊ जमीन है सम्पर्क 92382100141
- सिसई : *सोगड़ा कुधादामर में पुआल की गांज में लगी आग की चपेट में आने एस्बेस्टस का घर धू धू कर जलकर राख हो गया; घर में रखे सभी सामान जलकर हुआ राख* *ग्रामीणों के सहयोग से आग को बुझाया गया* सिसई (गुमला)। प्रखण्ड क्षेत्र के पंडरिया पंचायत अंतर्गत सोगड़ा कुधादामार गांव में पुआल की गांज में आग लगने से चपेट में आकर एस्बेस्टस घर भी जलकर राख हो गया। जिससे घर में रखे सभी सामान जल गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुधादामर निवासी समेश्वर साहु, पिता स्व हानू साहु का घर के पास रखे पुआल की गांज पर आग लग गया और एस्बेस्टस से बने घर भी जल गया। पीड़ित ने बताया कि गांव का ही एक छोटे बच्चे ने आग लगाया था जिस समय पुआल में आग लगा उस समय परिवार के सभी लोग घर पर नहीं थे। आग लगने से नया दरवाजा बनाने के लिए रखे चार दरवाजा का पल्ला, ठंडियां, चौखट जलकर राख हो गया साथ ही घर में रह रहे कुत्ता के चार बच्चे भी जल गए। सूचना मिलने के बाद आग बुझाने के लिए आ रही अग्नि शमन की गाड़ी रास्ता नहीं होने के कारण महुआटोली में फंस गई। उसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से पानी मशीन के द्वारा आग को बुझाया गया। घटना की सूचना मिलने पर अंचलाधिकारी अशोक बड़ाइक और पंडरिया पंचायत के पंचायत सचिव गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार को हर सम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया।1
- ग्राम मुरु में 29 वर्षीय विवाहिता ने अज्ञात कारणों से घर में फांसी लगाकर की आत्महत्या हिर्री पुलिस मामले की जांच में जुटी आज रविवार की सुबह 11:00 बजे हिर्री पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतक/ मृतिका का नाम - नीता पटेल पति टीकाराम पटेल उम्र 29 साल साकिन मुरू थाना हिरीं जिला बिलासपुर सूचक पति टीकाराम पटेल पिता मोतीलाल पटेल उम्र 30 साल साकिन मुरू थाना हिरीं जिला बिलासपुर का हमराह कुंवर लाल पटेल पिता सहसराम पटेल उम्र 52 साल एवं ग्राम कोटवार हरिदास मानिकपुरी साकिनान मुरू थाना हिरीं का शनिवार की साम 5 बजे थाना उपस्थित आकर मौखिक मर्ग इंटीमेशन चाक कराया कि इसकी शादी सन 2015 में सामाजिक रीति रिवाज से ग्राम तुरकाडीह निवासी नीता पटेल के साथ हुआ था दोनों के दाम्पत्य जीवन से दो बच्चे लव पटेल 09 साल एवं पवन कुमार पटेल 07 साल का है सूचक शनिवार दिनांक 13/12/2025 को दोपहर करीबन 01 बजे किराना दुकान का सामान लेने चकरभाठा मार्केट गया था पत्नी नीता पटेल घर में थी सूचक करीबन 03.00 बजे सामान लेकर घर वापस आया और अपने रूम का दरवाजा को खोलकर देखा, नहीं खुला तो पीछे आकर खिडकी में लगे परदा को हटाकर देखा तो सूचक की पत्नी फांसी के फंदे पर लटके दिख रही थी उसके बाद सामने की दरवाजा को धक्का मारकर खोलकर अंदर जाकर देखा तो रोशनदान के ग्रील में लाल गुलाबी रंग के साड़ी के किनारे को फाड़ कर रस्सी नुमा फंदा बना कर फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली थी मृतिका की तबीयत कुछ दिनो से खराब थी जिसका ईलाज चल रहा था मेरी पत्नी नीता पटेल के द्वारा साडी का फंदा बनाकर कमरा के रोशनदान में फांसी लगाकर आत्महत्या करने से मृत्यु होना प्रतीत होता है कि सूचक की सूचना पर मर्ग क्रमांक 51/2025 धारा 194 बी एन एस एस कायम कर मर्ग पंचनामा कार्यवाही में लिया गया है फिलहाल घटना के बाद शनिवार को पुलिस ने शव को फांसी के फंदे से उतरवाकर बिल्हा के चिर घर भिजवा दिया था जिसके शव का आज रविवार को 11 बजे से पीएम करवाने की कार्यवाही की जा रही हैं एवं महिला ने किस वजह से आत्महत्या की है इसकी जांच जारी है फिलहाल पति का कहना है की की मृतिका नीता की तबीयत कुछ दिनों से काफी खराब चल रहे थी जिसका इलाज भी चल रहा था सायद इस वजह से उसने आत्महत्या की हैं हिर्री पुलिस मामले की जांच मे जुटी हुई हैं1
- संत रामपाल जी महाराज जी के बारे में भविष्य वाणी1
- सिसई : *सिसई प्रखण्ड के पोटरो गांव में योग शिविर के पांचवे और अंतिम दिन; ध्यान व योग साधना के साथ हुआ समापन, साधकों के बीच कई प्रकार के औषधीय पौधों का किया गया वितरण* सिसई (गुमला)। भदौली पंचायत अंतर्गत पोटरो भंडार टोली में पांच दिनी योग शिविर के अंतिम दिन विभिन्न आसनों द्वारा कराया गया योगाभ्यास। पतंजलि योग समिति के प्रखण्ड योग प्रचारक सह योग गुरु गजराज महतो के सानिध्य में सभी ग्रामीणों ने योग किया। वहीं ग्रामीणों ने प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व उठकर सपरिवार योग के विभिन्न आसन व प्राणायाम का अभ्यास करने की बातें कही। शिविर के अंतिम सत्र में प्रतिदिन की तरह ध्यान मुद्रा में बैठने की विधि बताई गई और कहा गया कि सुबह दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर इस मुद्रा में बैठने से मन संयमित व एकाग्रचित होता है ध्यान शक्ति का विकास होता है। नकारात्मक विचार दूर होते हैं और स्मरण शक्ति का विकास होता है। योग गुरु जी ने पुनः सभी जीवनदायिनी प्राणायाम का अभ्यास कराते हुए सभी योग साधकों से कहा कि आपके अंदर के प्राण शक्ति को विकसित करने का उत्तम व सरल माध्यम है, ये प्राणायाम इनके निरंतर अभ्यास से तन मन की शुद्धि होती है तन के सभी नस- नाड़ियां सक्रिय रहती हैं जिससे कभी भी ब्रेन स्ट्रोक, पैरालाइसिस (लकवा) जैसे असाध्य रोग नहीं होते हैं साथ ही शरीर से वात, पित्त, कफ का नाश होता है जिसके कारण हमें कोई भी रोग जल्दी नहीं होते हैं हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है आगे बैठकर करने वाले आसनों में मुख्यतः वज्रासन, मंडुकासन,शशकासन, वक्रासन, अर्द्धमक्षिंद्रासन का अभ्यास कराया गया जिससे सुगर, बीपी जैसी असाध्य बीमारी से निजात मिलता है। मन की शुद्धि एवं प्रभु शरणागति के लिए योग भजन कराया गया और फिर पीठ के बल लेटकर श्वासन का अभ्यास कराया गया और बताया गया कि इस आसान को हमें सप्ताह या फिर 15 दिनों के अंतराल में अवश्य करना चाहिए ताकि इस अभ्यास से शरीर के सभी अंगों में सक्रियता बनी रहे। संयमित मन के साथ गहरी नींद भी आती है और अपने आप से साक्षात्कार हो जाती है। शिविर के समापन पर सभी योग साधकों के बीच औषधीय गुणों से युक्त पौधों का वितरण किया गया। साथ ही इनके सेवन विधि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। इनमें गिलोय, जिसे गुडुची व अमृता के नाम से भी जाना जाता है,पुनर्नवा जिसे स्थानीय भाषा में (खपड़ा साग) कहा जाता है, तुलसी एवं पत्थर चटा पौधा शामिल हैं तुलसी पौधा का वितरण करते हुए पूजनीय एवं इसके औषधीय गुणों को बताया और सभी साधकों से कहा कि तुलसी के पवित्र पौधे को अपने अपने आंगन में जरूर लगाएं। योग शिविर में शामिल होकर ग्रामीणों ने योग को अपनाकर निरोगी व आनंदमय जीवन जीने का संकल्प को दोहराया। शिविर में कृष्णा कुमार साहु, ओमप्रकाश साहु, शिवपूजन साहु, संदीप साहु, सत्यम साहु कमलेश साहु, अर्जुन उरांव, रीता देवी, दीपा अनुराधा कुमारी, मालती कुमारी, छोटी कुमारी, लालधर साहु, महावीर साहु, रामेश्वर साहु, राजू साहु सहित भारी संख्या में ग्रामीण महिला पुरुष व बच्चे शामिल थे।4