कल हरदोई एक साथ गूंजेंगे मंत्र और आयतें, एक-दूजे के होंगे 600 जोड़े गायत्री प्रज्ञा पीठ पिहानी पर मुख्यमंत्री विवाह योजना को सफल बनाने के लिए आचार्यों का चल रहा प्रशिक्षण कल आईटीआई हरदोई में मुख्यमंत्री विवाह योजना में हिंदू व मुस्लिम के 600 जोड़ों की निकाह व शादी होना है। हिंदू रीति रिवाज की का विवाह जिलाधिकारी हरदोई एमपी सिंह ने गायत्री प्रज्ञापीठ पिहानी के प्रमुख ट्रस्टी अतुल कपूर व उनकी टीम को संपन्न कराने को दी है। गायत्री पद्धति से विवाह संपन्न करने के लिए 40 आचार्य गण व तीन संगीत टोली का प्रशिक्षण गायत्री प्रज्ञा पीठ पर प्रमुख ट्रस्टी श्री अतुल कपूर के नेतृत्व में चल रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गायत्री परिवार के परिजन पूरी लगन मेहनत से तैयारी में जुटे हैं। श्री अतुल कपूर ने आचार्य गानों को प्रशिक्षित करते हुए कहा कि विवाह वेदी पर वर और कन्या दोनों को बुलाया जाए, प्रवेश के साथ मंगलाचरण 'भद्रं कणेर्भिः.......' मन्त्र बोलते हुए उन पर पुष्पाक्षत डाले जाएंगे। कन्या दायीं ओर तथा वर बायीं ओर बैठेंगी। कन्यादान करने वाले प्रतिनिधि कन्या के पिता, भाई जो भी हों, उन्हें पत्नी सहित कन्या की ओर बिठाया जाएगा। पत्नी दाहिने और पति बायीं ओर बैठेगी। श्री कपूर ने गायत्री परिजनों को बताया किसभी के सामने आचमनी, पंचपात्र आदि उपकरण हों। पवित्रीकरण, आचमन, शिखा-वन्दन, प्राणायाम, न्यास, पृथ्वी-पूजन आदि षट्कर्म सम्पन्न करा लिये जाएँ। वर-सत्कार- (अलग से द्वार पूजा में वर सत्कार कृत्य हो चुका हो, तो दुबारा करने की आवश्यकता नहीं है।) श्री गणदिपत गणपति गुंगवा महे, गणतुआ गुंगवा महे, वर कन्यायाम गुंगवा महे! सभी परिजन कन्यादान के समय नाम्ने, विष्णुरूपिणे वराय, भरण-पोषण-आच्छादन-पालनादीनां, स्वकीय उत्तरदायित्व-भारम्, अखिलं अद्य तव पत्नीत्वेन, तुभ्यं अहं सम्प्रददे। वर उन्हें स्वीकार करते हुए कहें- ॐ स्वस्ति इस मंत्र का सूर्य और ले के साथ उच्चारण करेंगे। उन्होंने बताया कि मंच सेविवाह के 7 पवित्र वचनों के मंत्र और अर्थ, सुंदर जीवन के लिए जरूरी है, उपस्थित लोगों को बतायाजाए। तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्या: ... पुज्यो यथा स्वौ पितरौ ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्या: ... जीवनम अवस्थात्रये पालनां कुर्यात ... कुटुम्बसंपालनसर्वकार्य कर्तु प्रतिज्ञां यदि कातं कुर गौरी मंत्र प्रस्तुत कर करते हुए मंच से काजय जय गिरिबरराज किसोरी ! जय महेश मुख चंद चकोरी।। जय गजबदन षदानन माता इस मंच का उच्चारण करें। श्री कपूर ने आचार्यों को बताया कि शादी में सात फेरों में पहला फेरा भोजन व्यवस्था के लिए, दूसरा शक्ति, आहार तथा संयम के लिए, तीसरा धन प्रबंधन के लिए, चौथा आत्मिक सुख के लिए, पांचवां पशुधन संपदा के लिए, छटा हर ऋतुओं में सही रहन-सहन के लिए तथा अंतिम सातवें फेरे में पत्नी अपने पति का अनुसरण करते हुए जीवनभर साथ चलने का वचन लेती है।
कल हरदोई एक साथ गूंजेंगे मंत्र और आयतें, एक-दूजे के होंगे 600 जोड़े गायत्री प्रज्ञा पीठ पिहानी पर मुख्यमंत्री विवाह योजना को सफल बनाने के लिए आचार्यों का चल रहा प्रशिक्षण कल आईटीआई हरदोई में मुख्यमंत्री विवाह योजना में हिंदू व मुस्लिम के 600 जोड़ों की निकाह व शादी होना है। हिंदू रीति रिवाज की का विवाह जिलाधिकारी हरदोई एमपी सिंह ने गायत्री प्रज्ञापीठ पिहानी के प्रमुख ट्रस्टी अतुल कपूर व उनकी टीम को संपन्न कराने को दी है। गायत्री पद्धति से विवाह संपन्न करने के लिए 40 आचार्य गण व तीन संगीत टोली का प्रशिक्षण गायत्री प्रज्ञा पीठ पर प्रमुख ट्रस्टी श्री अतुल कपूर के नेतृत्व में चल रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गायत्री परिवार के परिजन पूरी लगन मेहनत से तैयारी में जुटे हैं। श्री अतुल कपूर ने आचार्य गानों को प्रशिक्षित करते हुए कहा कि विवाह वेदी पर वर और कन्या दोनों को बुलाया जाए, प्रवेश के साथ मंगलाचरण 'भद्रं कणेर्भिः.......' मन्त्र बोलते हुए उन पर पुष्पाक्षत डाले जाएंगे। कन्या दायीं ओर तथा वर बायीं ओर बैठेंगी। कन्यादान करने वाले प्रतिनिधि कन्या के पिता, भाई जो भी हों, उन्हें पत्नी सहित कन्या की ओर बिठाया जाएगा। पत्नी दाहिने और पति बायीं ओर बैठेगी। श्री कपूर ने गायत्री परिजनों को बताया किसभी के सामने आचमनी, पंचपात्र आदि उपकरण हों। पवित्रीकरण, आचमन,
शिखा-वन्दन, प्राणायाम, न्यास, पृथ्वी-पूजन आदि षट्कर्म सम्पन्न करा लिये जाएँ। वर-सत्कार- (अलग से द्वार पूजा में वर सत्कार कृत्य हो चुका हो, तो दुबारा करने की आवश्यकता नहीं है।) श्री गणदिपत गणपति गुंगवा महे, गणतुआ गुंगवा महे, वर कन्यायाम गुंगवा महे! सभी परिजन कन्यादान के समय नाम्ने, विष्णुरूपिणे वराय, भरण-पोषण-आच्छादन-पालनादीनां, स्वकीय उत्तरदायित्व-भारम्, अखिलं अद्य तव पत्नीत्वेन, तुभ्यं अहं सम्प्रददे। वर उन्हें स्वीकार करते हुए कहें- ॐ स्वस्ति इस मंत्र का सूर्य और ले के साथ उच्चारण करेंगे। उन्होंने बताया कि मंच सेविवाह के 7 पवित्र वचनों के मंत्र और अर्थ, सुंदर जीवन के लिए जरूरी है, उपस्थित लोगों को बतायाजाए। तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्या: ... पुज्यो यथा स्वौ पितरौ ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्या: ... जीवनम अवस्थात्रये पालनां कुर्यात ... कुटुम्बसंपालनसर्वकार्य कर्तु प्रतिज्ञां यदि कातं कुर गौरी मंत्र प्रस्तुत कर करते हुए मंच से काजय जय गिरिबरराज किसोरी ! जय महेश मुख चंद चकोरी।। जय गजबदन षदानन माता इस मंच का उच्चारण करें। श्री कपूर ने आचार्यों को बताया कि शादी में सात फेरों में पहला फेरा भोजन व्यवस्था के लिए, दूसरा शक्ति, आहार तथा संयम के लिए, तीसरा धन प्रबंधन के लिए, चौथा आत्मिक सुख के लिए, पांचवां पशुधन संपदा के लिए, छटा हर ऋतुओं में सही रहन-सहन के लिए तथा अंतिम सातवें फेरे में पत्नी अपने पति का अनुसरण करते हुए जीवनभर साथ चलने का वचन लेती है।
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपनी बेटी अंजलि की शादी अनीस राजानी से करवा दी है आखिर क्या वजह है जितने मुस्लिम विरोधी नेता है अपने देश मे वे अपने दामाद अनीस और मुख्तार चुनते है।1
- श्री खाटू श्याम के जन्म दिवस पर जगह जगह प्रसाद किया गया वितरण cp Maurya मानवी समय न्यूज़ मंडल ब्यूरो हरदोई , संडीला संडीला नगर पालिका के अंतर्गत पुरानी गल्ला मंडी के पास नवनिर्मित खाटू श्याम बाबा जी का मंदिर पर आज उनके जन्म दिवस पर भव्य साज सज्जा के साथ जन्म दिवस मनाया गया साथ ही जगह-जगह पर श्री श्याम परिवार के सदस्यों के द्वारा प्रसाद वितरण का कार्यक्रम रखा गया जिसमे भक्तों ने बड़ी श्रद्धा भक्ति भाव से प्रसाद को ग्रहण किया और श्री श्याम बाबा के जयकारे लगे इसी के बीच श्री श्याम परिवार के सदस्य से मानवी समय न्यूज़ चैनल के सदस्य से हुई वार्ता आप भी देखें चैनल के माध्यम से1
- कल हरदोई एक साथ गूंजेंगे मंत्र और आयतें, एक-दूजे के होंगे 600 जोड़े गायत्री प्रज्ञा पीठ पिहानी पर मुख्यमंत्री विवाह योजना को सफल बनाने के लिए आचार्यों का चल रहा प्रशिक्षण कल आईटीआई हरदोई में मुख्यमंत्री विवाह योजना में हिंदू व मुस्लिम के 600 जोड़ों की निकाह व शादी होना है। हिंदू रीति रिवाज की का विवाह जिलाधिकारी हरदोई एमपी सिंह ने गायत्री प्रज्ञापीठ पिहानी के प्रमुख ट्रस्टी अतुल कपूर व उनकी टीम को संपन्न कराने को दी है। गायत्री पद्धति से विवाह संपन्न करने के लिए 40 आचार्य गण व तीन संगीत टोली का प्रशिक्षण गायत्री प्रज्ञा पीठ पर प्रमुख ट्रस्टी श्री अतुल कपूर के नेतृत्व में चल रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गायत्री परिवार के परिजन पूरी लगन मेहनत से तैयारी में जुटे हैं। श्री अतुल कपूर ने आचार्य गानों को प्रशिक्षित करते हुए कहा कि विवाह वेदी पर वर और कन्या दोनों को बुलाया जाए, प्रवेश के साथ मंगलाचरण 'भद्रं कणेर्भिः.......' मन्त्र बोलते हुए उन पर पुष्पाक्षत डाले जाएंगे। कन्या दायीं ओर तथा वर बायीं ओर बैठेंगी। कन्यादान करने वाले प्रतिनिधि कन्या के पिता, भाई जो भी हों, उन्हें पत्नी सहित कन्या की ओर बिठाया जाएगा। पत्नी दाहिने और पति बायीं ओर बैठेगी। श्री कपूर ने गायत्री परिजनों को बताया किसभी के सामने आचमनी, पंचपात्र आदि उपकरण हों। पवित्रीकरण, आचमन, शिखा-वन्दन, प्राणायाम, न्यास, पृथ्वी-पूजन आदि षट्कर्म सम्पन्न करा लिये जाएँ। वर-सत्कार- (अलग से द्वार पूजा में वर सत्कार कृत्य हो चुका हो, तो दुबारा करने की आवश्यकता नहीं है।) श्री गणदिपत गणपति गुंगवा महे, गणतुआ गुंगवा महे, वर कन्यायाम गुंगवा महे! सभी परिजन कन्यादान के समय नाम्ने, विष्णुरूपिणे वराय, भरण-पोषण-आच्छादन-पालनादीनां, स्वकीय उत्तरदायित्व-भारम्, अखिलं अद्य तव पत्नीत्वेन, तुभ्यं अहं सम्प्रददे। वर उन्हें स्वीकार करते हुए कहें- ॐ स्वस्ति इस मंत्र का सूर्य और ले के साथ उच्चारण करेंगे। उन्होंने बताया कि मंच सेविवाह के 7 पवित्र वचनों के मंत्र और अर्थ, सुंदर जीवन के लिए जरूरी है, उपस्थित लोगों को बतायाजाए। तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्या: ... पुज्यो यथा स्वौ पितरौ ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्या: ... जीवनम अवस्थात्रये पालनां कुर्यात ... कुटुम्बसंपालनसर्वकार्य कर्तु प्रतिज्ञां यदि कातं कुर गौरी मंत्र प्रस्तुत कर करते हुए मंच से काजय जय गिरिबरराज किसोरी ! जय महेश मुख चंद चकोरी।। जय गजबदन षदानन माता इस मंच का उच्चारण करें। श्री कपूर ने आचार्यों को बताया कि शादी में सात फेरों में पहला फेरा भोजन व्यवस्था के लिए, दूसरा शक्ति, आहार तथा संयम के लिए, तीसरा धन प्रबंधन के लिए, चौथा आत्मिक सुख के लिए, पांचवां पशुधन संपदा के लिए, छटा हर ऋतुओं में सही रहन-सहन के लिए तथा अंतिम सातवें फेरे में पत्नी अपने पति का अनुसरण करते हुए जीवनभर साथ चलने का वचन लेती है।2
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