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अशोक नगर-किसी ने नहीं सुनी समस्या तो पीड़ित महिला ने कलेक्टर को किया कॉल,महिला बोली सर पैसे नहीं दिए तो 108 वापस लौट गई

on 11 August
user_DINESH RAJ PRAJAPATI
DINESH RAJ PRAJAPATI
Social Media Manager Ashoknagar•
on 11 August

अशोक नगर-किसी ने नहीं सुनी समस्या तो पीड़ित महिला ने कलेक्टर को किया कॉल,महिला बोली सर पैसे नहीं दिए तो 108 वापस लौट गई

  • user_Than Singh
    Than Singh
    Mungaoli, Ashoknagar
    राधे राधे जय श्री कृष्णा ,ऐ से मामले में श्रीमान कलेक्टर महोदय को ड्राइवर के ऊपर f.i.r. दर्ज करना चाहिए जिससे आगे यह समस्या कभी ना आ सके धन्यवाद
    on 13 August
  • user_Shuru User
    Shuru User
    Mungaoli, Ashoknagar
    🤝
    on 12 August
More news from Jhansi and nearby areas
  • तारबंदी में करेंट आने से युवक गई जान झांसी कटेरा यह मामला तहसील मऊरानीपुर थाना क्षेत्र कटेरा का है जहां पर ग्राम पडरा निवासी छोटे लाल (उम्र लगभग 32 वर्ष) अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए नदी में मछली पकड़ने जा रहा था। रास्ते में कुछ किसानों द्वारा खेतों की रखवाली के लिए कटीले तारों में करंट छोड़ा गया था। जानकारी के अभाव में छोटे लाल उसी तारबंदी की चपेट में आ गया, जिससे उसे तेज करंट लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। छोटे लाल अपने परिवार का एकमात्र सहारा था और उसके तीन छोटे बच्चे हैं, जिनकी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। परिवार के सामने अब जीवनयापन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि खेतों में इस तरह खुलेआम करंट छोड़ना बेहद खतरनाक है और पहले भी इसको लेकर आशंका जताई गई थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।
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    तारबंदी में करेंट आने से युवक गई जान 
झांसी कटेरा 
यह मामला तहसील मऊरानीपुर थाना क्षेत्र कटेरा का है जहां पर ग्राम पडरा निवासी छोटे लाल (उम्र लगभग 32 वर्ष) अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए नदी में मछली पकड़ने जा रहा था। रास्ते में कुछ किसानों द्वारा खेतों की रखवाली के लिए कटीले तारों में करंट छोड़ा गया था। जानकारी के अभाव में छोटे लाल उसी तारबंदी की चपेट में आ गया, जिससे उसे तेज करंट लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। छोटे लाल अपने परिवार का एकमात्र सहारा था और उसके तीन छोटे बच्चे हैं, जिनकी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। परिवार के सामने अब जीवनयापन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि खेतों में इस तरह खुलेआम करंट छोड़ना बेहद खतरनाक है और पहले भी इसको लेकर आशंका जताई गई थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।
    user_प्रदीप यादव दादा पत्रकार बबीना झांसी
    प्रदीप यादव दादा पत्रकार बबीना झांसी
    Journalist Jhansi•
    6 hrs ago
  • Post by विकास वर्मा
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    Post by विकास वर्मा
    user_विकास वर्मा
    विकास वर्मा
    Journalist Datia•
    2 hrs ago
  • ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा। अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा? प्रशासन से मांग: शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए। पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो। मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
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    ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर
ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है।
न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा।
अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा?
प्रशासन से मांग:
शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए।
पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए।
मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो।
मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
    user_मीडिया लाइन
    मीडिया लाइन
    Journalist Gwalior•
    4 hrs ago
  • लाडली बहनों को 2028 तक पांच हजार भी देने को तैयार हैं : मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कही ये बात.........
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    लाडली बहनों को 2028 तक पांच हजार भी देने को तैयार हैं : मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कही ये बात.........
    user_Shayar Ali
    Shayar Ali
    Journalist Datia•
    15 hrs ago
  • राजापुर से पढ़कर आ रहा है टीचर कि उनाव रोड पर हार्ट अटैक से मौत
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    राजापुर से पढ़कर आ रहा है टीचर कि उनाव रोड पर हार्ट अटैक से मौत
    user_राजेंद्र  पटवा
    राजेंद्र पटवा
    Journalist Datia•
    18 hrs ago
  • कई वर्षों से अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के संस्थापक अरविंद चौहान जी के द्वारा ग्वालियर चंबल संभाग में गरीबों की कर रहे निस्वार्थ सेवा...........👀🌹 ग्वालियर महाराज बाड़ा पर ठंड से राहत पहुंचाने के उद्देश्य से रोड पर सोए हुए ग़रीब जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरण ....। अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के द्वारा संस्थापक:- अरविंद चौहान ।
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    कई वर्षों से अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के संस्थापक अरविंद चौहान जी के द्वारा ग्वालियर चंबल संभाग में गरीबों की कर रहे निस्वार्थ सेवा...........👀🌹
ग्वालियर महाराज बाड़ा पर
ठंड से राहत पहुंचाने के उद्देश्य से रोड पर सोए हुए ग़रीब जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरण ....। अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के द्वारा 
संस्थापक:- 
अरविंद चौहान ।
    user_GWALIOR PRAVAH NEWS
    GWALIOR PRAVAH NEWS
    Voice of people Gwalior•
    2 hrs ago
  • झांसी के गुरसराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का निरीक्षण,वीडियो में क्या कहा उपमुख्यमंत्री ने, कौन-कौन सी कमियां है Yogi Adityanath Office We Support Brajesh Pathak Deputy CM DM Jhansi
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    झांसी के गुरसराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का निरीक्षण,वीडियो में क्या कहा उपमुख्यमंत्री ने, कौन-कौन सी कमियां है Yogi Adityanath Office We Support Brajesh Pathak Deputy CM DM Jhansi
    user_प्रदीप यादव दादा पत्रकार बबीना झांसी
    प्रदीप यादव दादा पत्रकार बबीना झांसी
    Journalist Jhansi•
    19 hrs ago
  • Post by विकास वर्मा
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    Post by विकास वर्मा
    user_विकास वर्मा
    विकास वर्मा
    Journalist Datia•
    2 hrs ago
  • ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा। अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा? प्रशासन से मांग: शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए। पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो। मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
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    ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर
ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है।
न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा।
अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा?
प्रशासन से मांग:
शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए।
पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए।
मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो।
मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
    user_मीडिया लाइन
    मीडिया लाइन
    Journalist Gwalior•
    4 hrs ago
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