तारबंदी में करेंट आने से युवक गई जान झांसी कटेरा यह मामला तहसील मऊरानीपुर थाना क्षेत्र कटेरा का है जहां पर ग्राम पडरा निवासी छोटे लाल (उम्र लगभग 32 वर्ष) अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए नदी में मछली पकड़ने जा रहा था। रास्ते में कुछ किसानों द्वारा खेतों की रखवाली के लिए कटीले तारों में करंट छोड़ा गया था। जानकारी के अभाव में छोटे लाल उसी तारबंदी की चपेट में आ गया, जिससे उसे तेज करंट लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। छोटे लाल अपने परिवार का एकमात्र सहारा था और उसके तीन छोटे बच्चे हैं, जिनकी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। परिवार के सामने अब जीवनयापन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि खेतों में इस तरह खुलेआम करंट छोड़ना बेहद खतरनाक है और पहले भी इसको लेकर आशंका जताई गई थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।
तारबंदी में करेंट आने से युवक गई जान झांसी कटेरा यह मामला तहसील मऊरानीपुर थाना क्षेत्र कटेरा का है जहां पर ग्राम पडरा निवासी छोटे लाल (उम्र लगभग 32 वर्ष) अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए नदी में मछली पकड़ने जा रहा था। रास्ते में कुछ किसानों द्वारा खेतों की रखवाली के लिए कटीले तारों में करंट छोड़ा गया था। जानकारी के अभाव में छोटे लाल
उसी तारबंदी की चपेट में आ गया, जिससे उसे तेज करंट लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। छोटे लाल अपने परिवार का एकमात्र सहारा था और उसके तीन छोटे बच्चे हैं, जिनकी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। परिवार के सामने अब जीवनयापन का गंभीर
संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि खेतों में इस तरह खुलेआम करंट छोड़ना बेहद खतरनाक है और पहले भी इसको लेकर आशंका जताई गई थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।
- तारबंदी में करेंट आने से युवक गई जान झांसी कटेरा यह मामला तहसील मऊरानीपुर थाना क्षेत्र कटेरा का है जहां पर ग्राम पडरा निवासी छोटे लाल (उम्र लगभग 32 वर्ष) अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए नदी में मछली पकड़ने जा रहा था। रास्ते में कुछ किसानों द्वारा खेतों की रखवाली के लिए कटीले तारों में करंट छोड़ा गया था। जानकारी के अभाव में छोटे लाल उसी तारबंदी की चपेट में आ गया, जिससे उसे तेज करंट लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। छोटे लाल अपने परिवार का एकमात्र सहारा था और उसके तीन छोटे बच्चे हैं, जिनकी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। परिवार के सामने अब जीवनयापन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि खेतों में इस तरह खुलेआम करंट छोड़ना बेहद खतरनाक है और पहले भी इसको लेकर आशंका जताई गई थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।3
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- । फोंटो : सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा को ज्ञापन सौंपते किसान। संवाद जालौन। हरी मटर के व्यापारियों द्वारा हरी मटर की बोली शाम तीन बजे होने के निर्णय को लेकर किसान मंडी परिसर में एकत्रित हुए और विरोध करते हुए सुबह बोली लगवाने की मांग की। बाद में मौके पर पहुंचे सदर विधायक को ज्ञान सौंपा जिसमें सदर विधायक ने सुबह बोली लगवाने का आश्वासन दिया। कुछ दिन पूर्व हरी मटर के व्यापारियों ने एसडीएम को ज्ञापन देते हुए बताया था कि हरी मटर की बोली नगर में कोंच मंडी के हिसाब से तय की जाती है। ऐसे में नगर की मंडी में ही हरी मटर की बोली लगाई जाएगी और यह बोली शाम तीन बजे लगाई जाएगी। इसको लेकर किसानों में रोष था। गुरूवार को शाम के समय होने वाली बोली के विरोध में किसान एकत्रित हुए। किसान सौरभ सेंगर, बृजेंद्र सेंगर, कैलाश बाबू, अरविंद, ललित पाल आदि कहा कि शाम के समय मटर की तुड़ाई शुरू हो जाती है। ऐसे में किसान माल लेकर जब मंडी में पहुंचेगा तो उसके पास माल बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। क्योंकि तोड़ी गई मटर को रखा नहीं जा सकता है। मटर रखने पर वह मुरझा जाती है और उसकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। यदि बोली सुबह होती है तो किसान के पास विकल्प होता है कि वह फली को तुड़वाए या नहीं। यदि बोली किसान के मुताबिक न हो तो वह तुड़ार्इ्र अगले दिन भी करा सकता है। शाम के समय बोली होने पर यह विकल्प किसान के पास बचेगा ही नहीं। इस दौरान मंडी परिसर में पहुंचे सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा को किसानों ने ज्ञापन भी सौंपा। साथ ही उन्होंने मटर की झल्ली पर कटौती को कम किए जाने एवं 70 से 75 किग्रा भरती की झल्ली को शुरू कराने की मांग की। जिस सदर विधायक ने बोली को सुबह ही कराने का आश्वासन दिया साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान की भी बात कही।1
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