बिग ब्रेकिंग न्यूज : गोपालगंज में शनिवार की सुबह एनकाउंटर हुआ है। पुलिस थावे मंदिर में चोरी के आरोपी को पकडने पहुंची। आरोपी ने पुलिस टीम को देखते ही फायरिंग की,जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाई । पुलिस की गोली से आरोपी इजमामूल आलम जख्मी हुआ है। उसके पैर में गोली लगी है। पुलिस ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां से उससे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया। आरोपी की पहचान मोतिहारी जिले के राजेपुर थाना क्षेत्र के गोविंदगंज वार्ड नंबर 12 निवासी इजमामूल आलम (21) के रूप में हुई है। फिलहाल वो भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के रानी सागर गांव में रहता था। गोपालगंज के थावे भवानी मंदिर से 17 दिसंबर को 1.08 करोड की चोरी की घटना को आरोपी ने अंजाम दिया था। पुलिस चोरी के मास्टरमाइंड को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मूठभेड़ के बाद घटनास्थल पर गोपालगंज एसपी अवधेश दीक्षित पहंचे। उन्होंने पुलिस टीम से मामले की पूरी जानकारी ली और जख्मी आरोपी से पूछताछ की। SP ने बताया कि यह मुठभेड चोरी के आरोपी को पकडने की कार्रवाई के दौरान हुई। पुलिस ने मौके पर अपराधी के पास से चोरी के मुकुट का कुछ हिस्सा बरामद किया है। यह मुकुट पहले चोरी के बाद मंदिर से लगभग 1500 मीटर दर छिपाया गया था, जिसे आरोपी दोबारा लेने आया था। मास्टरमाइंड पहले हो चुका गिरफ्तार गोपालगंज के थावे भवानी मंदिर में हई 1.08 करोड़ रुपए के आभूषण चोरी मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड को पहले ही गिरफ्तार किया है। इस हार्ई-प्रोफाइल चोरी के मास्टरमाइंड को घटना से ठीक 6 दिन पहले पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन शक के बावजुद उसे छोड़ दिया गया। दरअसल. आरोपी 10-11 दिसंबर की रात थावे मंदिर परिसर में रेकी कर रहा था। पुलिस ने शक के आधार पर उसे हिरासत में लिया। करीब 5 घंटे तक थाने में बैठाकर पूछताछ की। इस दौरान आरोपी ने पूुलिस को गुमराह करते हुए कहा, वह अपनी प्रेमिका से मिलने यहां आया है। पुलिस की सख्ती और लगातार सवालों के बावजूद आरोपी अपनी कहानी पर अड़ा रहा। इसके बाद पुलिसकर्मियों से उसने अपने पिता से फोन पर बात कराई। पिता के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने आरोपी को सरकारी गाड़ी से रेलवे स्टेशन तक छोडा मास्टरमाइंड की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले दीपक राय के रूप में हई है। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में जानकारी दी कि उसने चोरी की प्लानिंग कैसे और कब की थी।पुलिस का कहना है कि 13 नवंबर को जेल से रिहा होने के बाद दीपक ने प्रयागराज में रहने वाली अपनी गर्लफ्रेंड से कहा था कि मैं बहुत बड़ा काम करने जा रहा हूं। अब लाइफ सेट है। अब सिलसिलेवार तरीके से समझिए मास्टरमाडंड की प्लानिंग... पहले पुणे के मंदिर पर थी दीपक की नजर SP अवधेश दीक्षित ने बताया. 'थावे मंदिर से पहले दीपक महाराष्ट्र के पुणे में एक फेमस मंदिर में चोरी की योजना बना रहा था। मास्टरमाइंड दीपक राय ने 6 से 8 दिसंबर तक लगातार गूगल और यूट्यूब पर मंदिरों से जुडी जानकारियां सर्च की थीं। उसके मोबाइल फोन से पुणे के एक प्रसिद्ध मंदिर की वेबसाइट, वहां के मुकुट, गर्भगृह और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े वीडियो और तस्वीरें देखे जाने के सबूत मिले हैं। हालांकि उस मंदिर का नाम पुलिस ने नहीं बताया है। आरोपी ने पुलिस को बताया, 8 दिसंबर की रात पुणे के उस मंदिर के बार में वो सर्च कर रहा था। इसी दौरान उसे थावे मंदिर से जूड़े कूछ वीडियोज मिले। जिसके बाद आरोपी ने सोचा पुणे उसके घर से ज्यादा दूर हो जाएगा। इस वजह से उसने ये प्लान ड्रॉप कर दिया। इसके बाद दीपक ने थावे मंदिर पर फोकस किया। गूगल-यूट्यूब से तैयार की गई चोरी की ब्लप्रिंट पुलिस के मूताबिक, आरोपी ने सिर्फ रेकी पर भरोसा नही किया. बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपना हथियार बनाया। उसने 9 से 13 दिसंबर तक करीब 10-12 यूट्यूब वीडियो देखे। मंदिर की वेबसाइट, यूट्यूब पर श्रद्धालुओं के वीडियो डोन और रील्स में दिख रहे कैमरा एंगल, गूगल मैप से रास्तों की जानकारी, इन सबको जोडकर उसने चोरी की पूरी ब्लूप्रिंट तैयार की। आरोपी के मोबाइल फोन से यह सर्च हिस्ट्री बरामद की गई है, जिसे पुलिस ने ठोस डिजिटल सबूत माना है। पूलिस जांच में सामने आया है कि 10-11 दिसंबर की रात दीपक ने निर्माणाधीन भवन. मंदिर की दीवार, रस्सी के सहारे चढने का तरीका सब तय कर लिया था। सीसीटीवी फ़ूटेज में भी 10-11 दिसंबर की रात चोर की मौजूदगी निर्माणाधीन भवन और मंदिर की दिशा में कैद हुई है। एक अज्ञात फोन कॉल से सुलझा पूरा केस : SP ने आगे बताया, थावे मंदिर आभूषण चोरी कांड को सुलझाने में सबसे अहम भूमिका एक अज्ञात फोन कॉल ने निभाई। चोरी के खुलासे के लिए एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। इसके बाद हमें एक अनजान नंबर से फोन कर एक व्यक्ति ने बताया, चोरी गाजीपुर का एक शातिर चोर करता है, उसी लाइन में छापेमारी करिए। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने गाजीपुर जिले में छापेमारी की और दीपक राय के घर तक पहुंची। इस दौरान दीपक घर से बाहर था। परिवार वालों से पुछताछ में पता चला कि दीपक पहले भी चोरी के आरोप में जेल जा चुका है। हमलोगों ने दीपक की तलाश के लिए बॉर्डर पर पुलिस टीम को एक्टिव किया। इसी दौरान 22 दिसंबर की रात आरोपी यूपी बॉर्डर के पास गोपालगंज से उसे अरेस्ट किया गया। तकनीकी जांच में मंदिर के लॉकर. दीवार, रस्सी पर मिले फिंगर प्रिंट भी दीपक राय से मैच कर गए। इससे यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि थावे मंदिर चोरी का मास्टरमाडंड वह है...
बिग ब्रेकिंग न्यूज : गोपालगंज में शनिवार की सुबह एनकाउंटर हुआ है। पुलिस थावे मंदिर में चोरी के आरोपी को पकडने पहुंची। आरोपी ने पुलिस टीम को देखते ही फायरिंग की,जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाई । पुलिस की गोली से आरोपी इजमामूल आलम जख्मी हुआ है। उसके पैर में गोली लगी है। पुलिस ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां से उससे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया। आरोपी की पहचान मोतिहारी जिले के राजेपुर थाना क्षेत्र के गोविंदगंज वार्ड नंबर 12 निवासी इजमामूल आलम (21) के रूप में हुई है। फिलहाल वो भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के रानी सागर गांव में रहता था। गोपालगंज के थावे भवानी मंदिर से 17 दिसंबर को 1.08 करोड की चोरी की घटना को आरोपी ने अंजाम दिया था। पुलिस चोरी के मास्टरमाइंड को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मूठभेड़ के बाद घटनास्थल पर गोपालगंज एसपी अवधेश दीक्षित पहंचे। उन्होंने पुलिस टीम से मामले की पूरी जानकारी ली और जख्मी आरोपी से पूछताछ की। SP ने बताया कि यह मुठभेड चोरी के आरोपी को पकडने की कार्रवाई के दौरान हुई। पुलिस ने मौके पर अपराधी के पास से चोरी के मुकुट का कुछ हिस्सा बरामद किया है। यह मुकुट पहले चोरी के बाद मंदिर से लगभग 1500 मीटर दर छिपाया गया था, जिसे आरोपी दोबारा लेने आया था। मास्टरमाइंड पहले हो चुका गिरफ्तार गोपालगंज के थावे भवानी मंदिर में हई 1.08 करोड़ रुपए के आभूषण चोरी मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड को पहले ही गिरफ्तार किया है। इस हार्ई-प्रोफाइल चोरी के मास्टरमाइंड को घटना से ठीक 6 दिन पहले पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन शक के बावजुद उसे छोड़ दिया गया। दरअसल. आरोपी 10-11 दिसंबर की रात थावे मंदिर परिसर में रेकी कर रहा था। पुलिस ने शक के आधार पर उसे हिरासत में लिया। करीब 5 घंटे तक थाने में बैठाकर पूछताछ की। इस दौरान आरोपी ने पूुलिस को गुमराह करते हुए कहा, वह अपनी प्रेमिका से मिलने यहां आया है। पुलिस की सख्ती और लगातार सवालों के बावजूद आरोपी अपनी कहानी पर अड़ा रहा। इसके बाद पुलिसकर्मियों से उसने अपने पिता से फोन पर बात कराई। पिता के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने आरोपी को सरकारी गाड़ी से रेलवे स्टेशन तक छोडा मास्टरमाइंड की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले दीपक राय के रूप में हई है। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में जानकारी दी कि उसने चोरी की प्लानिंग कैसे और कब की थी।पुलिस का कहना है कि 13 नवंबर को जेल से रिहा होने के बाद दीपक ने प्रयागराज में रहने वाली अपनी गर्लफ्रेंड से कहा था कि मैं बहुत बड़ा काम करने जा रहा हूं। अब लाइफ सेट है। अब सिलसिलेवार तरीके से समझिए मास्टरमाडंड की प्लानिंग... पहले पुणे के मंदिर पर थी दीपक की नजर SP अवधेश दीक्षित ने बताया. 'थावे मंदिर से पहले दीपक महाराष्ट्र के पुणे में एक फेमस मंदिर में चोरी की योजना बना रहा था। मास्टरमाइंड दीपक राय ने 6 से 8 दिसंबर तक लगातार गूगल और यूट्यूब पर मंदिरों से जुडी जानकारियां सर्च की थीं। उसके मोबाइल फोन से पुणे के एक प्रसिद्ध मंदिर की वेबसाइट, वहां के मुकुट, गर्भगृह और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े वीडियो और तस्वीरें देखे जाने के सबूत मिले हैं। हालांकि उस मंदिर का नाम पुलिस ने नहीं बताया है। आरोपी ने पुलिस को बताया, 8 दिसंबर की रात पुणे के उस मंदिर के बार में वो सर्च कर रहा था। इसी दौरान उसे थावे मंदिर से जूड़े कूछ वीडियोज मिले। जिसके बाद आरोपी ने सोचा पुणे उसके घर से ज्यादा दूर हो जाएगा। इस वजह से उसने ये प्लान ड्रॉप कर दिया। इसके बाद दीपक ने थावे मंदिर पर फोकस किया। गूगल-यूट्यूब से तैयार की गई चोरी की ब्लप्रिंट पुलिस के मूताबिक, आरोपी ने सिर्फ रेकी पर भरोसा नही किया. बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपना हथियार बनाया। उसने 9 से 13 दिसंबर तक करीब 10-12 यूट्यूब वीडियो देखे। मंदिर की वेबसाइट, यूट्यूब पर श्रद्धालुओं के वीडियो डोन और रील्स में दिख रहे कैमरा एंगल, गूगल मैप से रास्तों की जानकारी, इन सबको जोडकर उसने चोरी की पूरी ब्लूप्रिंट तैयार की। आरोपी के मोबाइल फोन से यह सर्च हिस्ट्री बरामद की गई है, जिसे पुलिस ने ठोस डिजिटल सबूत माना है। पूलिस जांच में सामने आया है कि 10-11 दिसंबर की रात दीपक ने निर्माणाधीन भवन. मंदिर की दीवार, रस्सी के सहारे चढने का तरीका सब तय कर लिया था। सीसीटीवी फ़ूटेज में भी 10-11 दिसंबर की रात चोर की मौजूदगी निर्माणाधीन भवन और मंदिर की दिशा में कैद हुई है। एक अज्ञात फोन कॉल से सुलझा पूरा केस : SP ने आगे बताया, थावे मंदिर आभूषण चोरी कांड को सुलझाने में सबसे अहम भूमिका एक अज्ञात फोन कॉल ने निभाई। चोरी के खुलासे के लिए एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। इसके बाद हमें एक अनजान नंबर से फोन कर एक व्यक्ति ने बताया, चोरी गाजीपुर का एक शातिर चोर करता है, उसी लाइन में छापेमारी करिए। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने गाजीपुर जिले में छापेमारी की और दीपक राय के घर तक पहुंची। इस दौरान दीपक घर से बाहर था। परिवार वालों से पुछताछ में पता चला कि दीपक पहले भी चोरी के आरोप में जेल जा चुका है। हमलोगों ने दीपक की तलाश के लिए बॉर्डर पर पुलिस टीम को एक्टिव किया। इसी दौरान 22 दिसंबर की रात आरोपी यूपी बॉर्डर के पास गोपालगंज से उसे अरेस्ट किया गया। तकनीकी जांच में मंदिर के लॉकर. दीवार, रस्सी पर मिले फिंगर प्रिंट भी दीपक राय से मैच कर गए। इससे यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि थावे मंदिर चोरी का मास्टरमाडंड वह है...
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- गोपालगंज जिला प्रशासन को बधाई,, थावे माता मंदिर में चोरी में दूसरे चोर का इनकाउंटर,,,1
- neya sal Mubarak1
- joun pur ladki ke khattir ma pita ko kiya 6tukde1
- गोपालगंज भोरे में प्रेमी प्रेमिका ने खाया जहर एक साथ गोरखपुर रेफरल हॉस्पिटल कर्नाटक से प्रेमिका पहुंचे थी गोपालगंज बिहार जब मां ने देखा बेटे का हालत मां 🙏🙏🙏🙏रोने लगी1
- थावे दुर्गा मंदिर चोरी कांड: दूसरे आरोपी इजमामूल आलम का पुलिस एनकाउंटर, सोने के मुकुट का हिस्सा बरामद बिहार के प्रमुख सिद्धपीठ थावे दुर्गा मंदिर में हुई चोरी कांड में गोपालगंज पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दूसरे आरोपी इजमामूल आलम का एनकाउंटर किया है। थावे थाना क्षेत्र के रिखई टोला के पास हुई मुठभेड़ में अपराधी घायल हो गया। घायल आरोपी इजमामूल आलम मोतिहारी के गोविंदगंज थाना क्षेत्र के राजेपुर निवासी अनवर अंसारी का पुत्र है, जो वर्तमान में भोजपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के रानी सागर गांव में रह रहा था। पुलिस ने आरोपी के पास से चोरी किए गए सोने के मुकुट का कुछ हिस्सा बरामद किया है, जबकि उसके अन्य साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। इससे पहले मुख्य आरोपी दीपक राय को पुलिस जेल भेज चुकी है। उल्लेखनीय है कि 17 दिसंबर की रात थावे मंदिर से आभूषणों की चोरी हुई थी, जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने चोरों पर इनाम घोषित किया था।1
- सासामुसा गन्ना फैक्ट्री को लेकर आंदोलनकारियों का आंदोलन तोड़वाने वाले है अमरेंद्र कुमार पांडेय,1