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कलेक्टर पहुंचे हटा एसडीएम कार्यालय विधायक से विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा हटा रिपोर्ट - पुष्पेंद्र रैकवार

8 hrs ago
user_Pushpendra hatta  Press reporter
Pushpendra hatta Press reporter
हटा, दमोह, मध्य प्रदेश•
8 hrs ago

कलेक्टर पहुंचे हटा एसडीएम कार्यालय विधायक से विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा हटा रिपोर्ट - पुष्पेंद्र रैकवार

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  • दमोह कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत घर में घुसकर मारपीट करने वाले आरोपियों का निकला पुलिस ने जुलूस
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    दमोह कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत घर में घुसकर मारपीट करने वाले आरोपियों का निकला पुलिस ने जुलूस
    user_Vikas Soni
    Vikas Soni
    हटा, दमोह, मध्य प्रदेश•
    14 hrs ago
  • लो देख लो मप्र की लाडली बहनाओं आप का भी यही हाल होगा आने वाले समय में #वायरल
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    लो देख लो मप्र की लाडली बहनाओं आप का भी यही हाल होगा आने वाले समय में #वायरल
    user_Arun Lodhi
    Arun Lodhi
    Journalist Amanganj, Panna•
    9 hrs ago
  • आदिवासियों की जमीन पर कब्जा, सरकारी भूमि भी हड़पी! फूलाबाई को संरक्षण दे रहा सिस्टम? पटवारी से लेकर उच्च अधिकारियों तक पर गंभीर आरोप भोपाल। समाजवादी पार्टी के आदिवासी समाज प्रकोष्ठ के नेताओं ने राजधानी भोपाल पहुँचकर प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज यादव जी से मुलाकात कर ग्राम टेढ़ी की भयावह स्थिति से अवगत कराया। नेताओं ने बताया कि गांव में फूलाबाई नामक महिला का आतंक इस कदर बढ़ चुका है कि आदिवासी समाज का जीना दूभर हो गया है। आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि फूलाबाई न केवल आदिवासियों की निजी जमीनों पर जबरन कब्जा कर रही है, बल्कि सरकारी जमीन पर भी अवैध अतिक्रमण कर चुकी है। जब ग्रामीण विरोध करते हैं तो उनके साथ मारपीट, गाली-गलौज और धमकी दी जाती है। प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में ग्रामीणों ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस, पटवारी और कुछ उच्च अधिकारी फूलाबाई का खुला संरक्षण कर रहे हैं। कई बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होना, प्रशासन की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। अवैध शराब और जंगल कटाई का नेटवर्क फूलाबाई पर अवैध शराब सप्लाई, अवेदा जंगल से लकड़ी कटवाकर बेचने और गांव में अराजकता फैलाने के आरोप भी लगाए गए हैं। इन गतिविधियों से गांव का माहौल पूरी तरह भयभीत हो चुका है। गांव छोड़ने को मजबूर आदिवासी परिवार लगातार हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर कई आदिवासी परिवार गांव छोड़ने की तैयारी में हैं। ग्रामीणों का कहना है— “प्रशासन अगर साथ न दे तो हम कहां जाएं? हमारा जीना मुश्किल हो गया है।” भोपाल पहुँची आदिवासी समाज की आवाज इन्हीं तमाम मुद्दों को लेकर आदिवासी समाज के लोग भोपाल पहुँचे और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव जी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि फूलाबाई के खिलाफ तत्काल एफआईआर, जमीन कब्जा हटाने की कार्रवाई और प्रशासनिक संरक्षण की जांच कराई जाए। समाजवादी पार्टी ने उठाया मुद्दा प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव जी ने पूरे मामले को गंभीर और चिंताजनक बताते हुए कहा कि यदि आदिवासियों को न्याय नहीं मिला तो समाजवादी पार्टी सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी।
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    आदिवासियों की जमीन पर कब्जा, सरकारी भूमि भी हड़पी!
फूलाबाई को संरक्षण दे रहा सिस्टम?
पटवारी से लेकर उच्च अधिकारियों तक पर गंभीर आरोप
भोपाल।
समाजवादी पार्टी के आदिवासी समाज प्रकोष्ठ के नेताओं ने राजधानी भोपाल पहुँचकर प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज यादव जी से मुलाकात कर ग्राम टेढ़ी की भयावह स्थिति से अवगत कराया। नेताओं ने बताया कि गांव में फूलाबाई नामक महिला का आतंक इस कदर बढ़ चुका है कि आदिवासी समाज का जीना दूभर हो गया है।
आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा
आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि फूलाबाई न केवल आदिवासियों की निजी जमीनों पर जबरन कब्जा कर रही है, बल्कि सरकारी जमीन पर भी अवैध अतिक्रमण कर चुकी है। जब ग्रामीण विरोध करते हैं तो उनके साथ मारपीट, गाली-गलौज और धमकी दी जाती है।
प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में
ग्रामीणों ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस, पटवारी और कुछ उच्च अधिकारी फूलाबाई का खुला संरक्षण कर रहे हैं। कई बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होना, प्रशासन की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
अवैध शराब और जंगल कटाई का नेटवर्क
फूलाबाई पर अवैध शराब सप्लाई, अवेदा जंगल से लकड़ी कटवाकर बेचने और गांव में अराजकता फैलाने के आरोप भी लगाए गए हैं। इन गतिविधियों से गांव का माहौल पूरी तरह भयभीत हो चुका है।
गांव छोड़ने को मजबूर आदिवासी परिवार
लगातार हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर कई आदिवासी परिवार गांव छोड़ने की तैयारी में हैं। ग्रामीणों का कहना है—
“प्रशासन अगर साथ न दे तो हम कहां जाएं? हमारा जीना मुश्किल हो गया है।”
भोपाल पहुँची आदिवासी समाज की आवाज
इन्हीं तमाम मुद्दों को लेकर आदिवासी समाज के लोग भोपाल पहुँचे और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव जी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि फूलाबाई के खिलाफ तत्काल एफआईआर, जमीन कब्जा हटाने की कार्रवाई और प्रशासनिक संरक्षण की जांच कराई जाए।
समाजवादी पार्टी ने उठाया मुद्दा
प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव जी ने पूरे मामले को गंभीर और चिंताजनक बताते हुए कहा कि यदि आदिवासियों को न्याय नहीं मिला तो समाजवादी पार्टी सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी।
    user_Balkishan Namdev
    Balkishan Namdev
    Electrician कटनी (मुरवारा), कटनी, मध्य प्रदेश•
    3 hrs ago
  • Post by User1023
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    Post by User1023
    user_User1023
    User1023
    Baldeogarh, Tikamgarh•
    6 hrs ago
  • खुल गई पोल: सरकारी 'तिजोरी' से अपनी 'चौखट' तक विकास! ग्रामवासियो ने कलेक्टर से की जांच की मांग। ​क्या आपने कभी सुना है कि सरकारी बजट से किसी के घर का प्राइवेट दरवाजा चमक जाए? लेकिन पन्ना जिले के बसौरा ग्राम पंचायत से एक ऐसा ही 'अजीबोगरीब' कारनामा सामने आया है। यहाँ के सरपंच साहब पर आरोप लगा है कि उन्होंने गांव की गलियां सुधारने के बजाय, सरकारी खजाने का मुंह अपने चहेते वृन्दावन कुशवाहा के घर की तरफ मोड़ दिया! ​हैरानी की बात तो ये है कि जनता के पैसे से सड़क और पुलिया तो बनी, लेकिन उस पर 'सरकारी ठप्पा' नहीं बल्कि निजी गेट लटक रहा है। यानी पैसा सरकार का, और राज उस व्यक्ति का! गांव वाले बाहर खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं क्योंकि साहब ने वहां ताला जड़ दिया है। अब ग्रामीणों ने आज दिन मंगलवार 30 दिसम्बर को शाम 5 बजे कलेक्टर की चौखट खटखटाकर गुहार लगाई है कि 'विकास' की इस बंदरबांट की जांच हो और सरपंच की जेब से पाई-पाई वसूली जाए।
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    खुल गई पोल: सरकारी 'तिजोरी' से अपनी 'चौखट' तक विकास!
ग्रामवासियो ने कलेक्टर से की जांच की मांग।
​क्या आपने कभी सुना है कि सरकारी बजट से किसी के घर का प्राइवेट दरवाजा चमक जाए? लेकिन पन्ना जिले के बसौरा ग्राम पंचायत से एक ऐसा ही 'अजीबोगरीब' कारनामा सामने आया है। यहाँ के सरपंच साहब पर आरोप लगा है कि उन्होंने गांव की गलियां सुधारने के बजाय, सरकारी खजाने का मुंह अपने चहेते वृन्दावन कुशवाहा के घर की तरफ मोड़ दिया! ​हैरानी की बात तो ये है कि जनता के पैसे से सड़क और पुलिया तो बनी, लेकिन उस पर 'सरकारी ठप्पा' नहीं बल्कि निजी गेट लटक रहा है। यानी पैसा सरकार का, और राज उस व्यक्ति का! गांव वाले बाहर खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं क्योंकि साहब ने वहां ताला जड़ दिया है। अब ग्रामीणों ने आज दिन मंगलवार 30 दिसम्बर को शाम 5 बजे कलेक्टर की चौखट खटखटाकर गुहार लगाई है कि 'विकास' की इस बंदरबांट की जांच हो और सरपंच की जेब से पाई-पाई वसूली जाए।
    user_Media panna atul Raikwar
    Media panna atul Raikwar
    Journalist पन्ना, पन्ना, मध्य प्रदेश•
    16 hrs ago
  • महाराजपुर में अनोखा नजारा पहले कभी नहीं देखा गया
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    महाराजपुर में अनोखा नजारा पहले कभी नहीं देखा गया
    user_Sumit chaurasiya
    Sumit chaurasiya
    Journalist महाराजपुर, छतरपुर, मध्य प्रदेश•
    6 hrs ago
  • घोघरा गॉव पहुचे कलेक्टर आज ग्राम मे शिविर बच्चों से लेकर बड़ों तक की हर छोटी से छोटी समस्या सुनेंगे।
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    घोघरा गॉव पहुचे कलेक्टर आज ग्राम मे शिविर बच्चों से लेकर बड़ों तक की हर छोटी से छोटी समस्या सुनेंगे।
    user_Pushpendra hatta  Press reporter
    Pushpendra hatta Press reporter
    हटा, दमोह, मध्य प्रदेश•
    14 hrs ago
  • झांसी गरोठा #अज्ञात कारणों से ग्राम निमगहना में लगी आग, दो बकरियों की जिंदा जलकर मौत
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    झांसी गरोठा #अज्ञात कारणों से ग्राम निमगहना में लगी आग, दो बकरियों की जिंदा जलकर मौत
    user_Arun Lodhi
    Arun Lodhi
    Journalist Amanganj, Panna•
    14 hrs ago
  • *लोकेसन कटनी* *एमजीएम हॉस्पिटल के मलिक और मैनेजर के द्वारा कर्मचारी को बंधक बनाने गंभीर आरोप* कटनी। शहर से एक सनसनीखेज और गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ एमजीएम हॉस्पिटल प्रबंधन पर अपने ही कर्मचारियों को घंटों बंधक बनाकर रखने के आरोप लगे हैं। 15 लाख रुपये की कथित हेराफेरी के शक के आधार पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई इस कथित गैरकानूनी कार्रवाई से पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। पीड़ित युवक के परिजन न्याय की गुहार लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एमजीएम हॉस्पिटल के संचालक दीपक गुप्ता और मैनेजर संजय तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल के मेडिकल स्टोर में कार्यरत कर्मचारियों को एक कमरे में बंद कर घंटों तक मानसिक दबाव में रखा। पीड़ित पक्ष का कहना है कि यदि किसी प्रकार का संदेह था तो उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत सुलझाया जा सकता था, लेकिन इसके बजाय कर्मचारियों को डराया-धमकाया गया और जबरन स्वीकारोक्ति का दबाव बनाया गया। *23 दिसंबर से 24 दिसंबर तक अवैध रूप से कैद रखने का आरोप* बरही थाना क्षेत्र के ग्राम मोहनी निवासी बालकिशन पटेल ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे शिकायती आवेदन में बताया कि वे पिछले आठ वर्षों से एमजीएम अस्पताल के मेडिकल स्टोर में कार्यरत हैं। बालकिशन के अनुसार, 23 दिसंबर की दोपहर से 24 दिसंबर की रात करीब 11 बजे तक उन्हें और उनके तीन अन्य साथियों—यशवंत पटेल, राहुल पटेल और राहुल रजक—को अस्पताल प्रबंधन द्वारा अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा गया। शिकायत में कहा गया है कि चारों कर्मचारियों पर 60 लाख रुपये की चोरी का झूठा आरोप लगाया गया और प्रत्येक से 15-15 लाख रुपये देने का दबाव बनाया गया। आरोप है कि डर के माहौल में परिजनों ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री अस्पताल प्रबंधन को सौंप दी, जिसके बाद कर्मचारियों को छोड़ा गया। *मेडिकल स्टोर में फर्जी बिलिंग के भी आरोप* बालकिशन पटेल ने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि मेडिकल स्टोर में एक रुपये के सामान का फर्जी बिल 25 हजार रुपये तक बनाया जाता था। जब उन्होंने इस कथित गड़बड़ी का विरोध किया, तो उन्हें झूठे चोरी के मामले में फंसाने की धमकी दी गई। पीड़ित बालकिशन ने कहा, "मुझ पर और मेरे साथियों पर 15-15 लाख रुपये देने का दबाव बनाया जा रहा है। मेरी जमीन की रजिस्ट्री भी अस्पताल प्रबंधन के कब्जे में है। मैं पूरी तरह निर्दोष हूँ और मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।" *पुलिस ने शुरू की जांच* मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिकायत प्राप्त हो चुकी है और इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है। सभी संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किए जाएंगे और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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    *लोकेसन कटनी*
*एमजीएम हॉस्पिटल के मलिक और मैनेजर के द्वारा कर्मचारी को  बंधक बनाने गंभीर आरोप*
कटनी।
शहर से एक सनसनीखेज और गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ एमजीएम हॉस्पिटल प्रबंधन पर अपने ही कर्मचारियों को घंटों बंधक बनाकर रखने के आरोप लगे हैं। 15 लाख रुपये की कथित हेराफेरी के शक के आधार पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई इस कथित गैरकानूनी कार्रवाई से पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। पीड़ित युवक के परिजन न्याय की गुहार लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एमजीएम हॉस्पिटल के संचालक दीपक गुप्ता और मैनेजर संजय तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल के मेडिकल स्टोर में कार्यरत कर्मचारियों को एक कमरे में बंद कर घंटों तक मानसिक दबाव में रखा। पीड़ित पक्ष का कहना है कि यदि किसी प्रकार का संदेह था तो उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत सुलझाया जा सकता था, लेकिन इसके बजाय कर्मचारियों को डराया-धमकाया गया और जबरन स्वीकारोक्ति का दबाव बनाया गया।
*23 दिसंबर से 24 दिसंबर तक अवैध रूप से कैद रखने का आरोप*
बरही थाना क्षेत्र के ग्राम मोहनी निवासी बालकिशन पटेल ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे शिकायती आवेदन में बताया कि वे पिछले आठ वर्षों से एमजीएम अस्पताल के मेडिकल स्टोर में कार्यरत हैं। बालकिशन के अनुसार, 23 दिसंबर की दोपहर से 24 दिसंबर की रात करीब 11 बजे तक उन्हें और उनके तीन अन्य साथियों—यशवंत पटेल, राहुल पटेल और राहुल रजक—को अस्पताल प्रबंधन द्वारा अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा गया।
शिकायत में कहा गया है कि चारों कर्मचारियों पर 60 लाख रुपये की चोरी का झूठा आरोप लगाया गया और प्रत्येक से 15-15 लाख रुपये देने का दबाव बनाया गया। आरोप है कि डर के माहौल में परिजनों ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री अस्पताल प्रबंधन को सौंप दी, जिसके बाद कर्मचारियों को छोड़ा गया।
*मेडिकल स्टोर में फर्जी बिलिंग के भी आरोप*
बालकिशन पटेल ने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि मेडिकल स्टोर में एक रुपये के सामान का फर्जी बिल 25 हजार रुपये तक बनाया जाता था। जब उन्होंने इस कथित गड़बड़ी का विरोध किया, तो उन्हें झूठे चोरी के मामले में फंसाने की धमकी दी गई।
पीड़ित बालकिशन ने कहा,
"मुझ पर और मेरे साथियों पर 15-15 लाख रुपये देने का दबाव बनाया जा रहा है। मेरी जमीन की रजिस्ट्री भी अस्पताल प्रबंधन के कब्जे में है। मैं पूरी तरह निर्दोष हूँ और मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।"
*पुलिस ने शुरू की जांच*
मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिकायत प्राप्त हो चुकी है और इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है। सभी संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किए जाएंगे और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
    user_Balkishan Namdev
    Balkishan Namdev
    Electrician कटनी (मुरवारा), कटनी, मध्य प्रदेश•
    6 hrs ago
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