उप तहसील पपौंध का भवन बना खंडहर! प्रणाली की खुली पोल, तहसीलदार ग्राम पंचायत में बैठने को मजबूर शहडोल ब्यौहारी से दुर्गेश कुमार गुप्ता पत्रकार शहडोल जिले के अंतिम छोर पपौंध क्षेत्र में सरकारी लापरवाही का बड़ा उदाहरण सामने आया है। यहां उप तहसील भवन तो बना दिया गया, लेकिन आज इसकी हालत खंडहर जैसी हो चुकी है। स्थिति यह है कि तहसीलदार को उप तहसील भवन होने के बावजूद ग्राम पंचायत भवन में बैठकर लोगों की समस्याएं सुननी पड़ रही हैं, क्योंकि मूल भवन जर्जर, वीरान और उपयोग योग्य नहीं है। सरकारी भवन खंडहर—न कुर्सियां, न सुविधा, न व्यवस्था उप तहसील भवन में न कुर्सियां बची हैं, न बैठने की व्यवस्था। पूरा परिसर वीरान पड़ा है। सरकारी पैसे से बना भवन आज उपयोग में नहीं आ रहा, जिससे क्षेत्रीय लोगों में भारी आक्रोश है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मौन—क्यों नहीं हो रही मरम्मत? ग्रामीणों का सवाल है कि विधायक और स्थानीय नेता आखिर कब तक आंखें बंद किए रहेंगे? क्या सरकारी पैसों की कोई कीमत नहीं? यदि भवन बनाया गया था, तो उसे सुरक्षित रखकर उपयोग में लेना शासन-प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए थी। हफ्ते में एक दिन तहसीलदार की सुनवाई फिर भी भवन वीरान तहसीलदार सप्ताह में एक दिन टीम सहित पपौंध पहुंचकर सुनवाई करते हैं, लेकिन उप तहसील भवन बदहाल होने के कारण उन्हें ग्राम पंचायत में ही बैठना पड़ता है। इससे कामकाज पर असर पड़ रहा है और ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासन–प्रशासन की बड़ी चूक उजागर उप तहसील भवन बनने के बाद भी उसका उपयोग न होना, ग्रामीण विकास और प्रशासनिक गंभीरता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि खंडहर बने भवन की तत्काल मरम्मत कर इसे उपयोग योग्य बनाया जाए, ताकि सरकारी व्यवस्था सही दिशा में काम कर सके।
उप तहसील पपौंध का भवन बना खंडहर! प्रणाली की खुली पोल, तहसीलदार ग्राम पंचायत में बैठने को मजबूर शहडोल ब्यौहारी से दुर्गेश कुमार गुप्ता पत्रकार शहडोल जिले के अंतिम छोर पपौंध क्षेत्र में सरकारी लापरवाही का बड़ा उदाहरण सामने आया है। यहां उप तहसील भवन तो बना दिया गया, लेकिन आज इसकी हालत खंडहर जैसी हो चुकी है। स्थिति यह है कि तहसीलदार को उप तहसील भवन होने के बावजूद ग्राम पंचायत भवन में बैठकर लोगों की समस्याएं सुननी पड़ रही हैं, क्योंकि मूल भवन जर्जर, वीरान और उपयोग योग्य नहीं है। सरकारी भवन खंडहर—न कुर्सियां, न सुविधा, न व्यवस्था उप तहसील भवन में न कुर्सियां बची हैं, न बैठने की व्यवस्था। पूरा परिसर वीरान पड़ा है। सरकारी पैसे से बना भवन आज उपयोग में नहीं आ रहा, जिससे क्षेत्रीय लोगों में भारी आक्रोश है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मौन—क्यों नहीं हो रही मरम्मत? ग्रामीणों का सवाल है कि विधायक और स्थानीय नेता आखिर कब तक आंखें बंद किए रहेंगे? क्या सरकारी पैसों की कोई कीमत नहीं? यदि भवन बनाया गया था, तो उसे सुरक्षित रखकर उपयोग में लेना शासन-प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए थी। हफ्ते में एक दिन तहसीलदार की सुनवाई फिर भी भवन वीरान तहसीलदार सप्ताह में एक दिन टीम सहित पपौंध पहुंचकर सुनवाई करते हैं, लेकिन उप तहसील भवन बदहाल होने के कारण उन्हें ग्राम पंचायत में ही बैठना पड़ता है। इससे कामकाज पर असर पड़ रहा है और ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासन–प्रशासन की बड़ी चूक उजागर उप तहसील भवन बनने के बाद भी उसका उपयोग न होना, ग्रामीण विकास और प्रशासनिक गंभीरता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि खंडहर बने भवन की तत्काल मरम्मत कर इसे उपयोग योग्य बनाया जाए, ताकि सरकारी व्यवस्था सही दिशा में काम कर सके।
- *खिरहनी फाटक ओवरब्रिज के नीचे ओवरलोड ट्रक फंसा, बड़ा हादसा टला* कटनी – शहर के खिरहनी फाटक ओवरब्रिज के नीचे आज एक ओवरलोड ट्रक के फँस जाने से कुछ समय के लिए आवागमन प्रभावित हुआ। ट्रैफिक ज्यादा न होने के कारण बड़ी परेशानी नहीं हुई, लेकिन व्यस्त समय में यह घटना गंभीर यातायात अवरोध और दुर्घटना का कारण बन सकती थी। *ओवरलोडिंग बनी बड़ी समस्या* शहर में लगातार बढ़ती ओवरलोडिंग से न केवल सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं बल्कि पुल–पुलियों पर भी भार बढ़ रहा है। ऐसे वाहनों के कारण * यातायात बाधित होता है * दुर्घटनाओं की आशंका रहती है * पुलों की संरचना पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है * खिरहनी फाटक पर हुआ इस तरह का मामला पहली बार नहीं है। ओवरलोड वाहनों के चलते शहर का यातायात व्यवस्था अक्सर प्रभावित होती है। *ट्रैफिक पुलिस पर सवाल* स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक पुलिस नियमित कार्रवाई नहीं करती, जिसके कारण ओवरलोड वाहनों के संचालकों में किसी प्रकार का भय नहीं दिखाई देता। नियमित चेकिंग और कड़ी कार्रवाई की कमी इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है।1
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- Post by महेश लाल रौतेल लमसरई4
- Post by Manishkumar1
- देश की मां बहनों का अपमान करने वाला बागेश्वर का बाबा धीरेंद्र गर्ग अपनी मां बहन से लेकर संपूर्ण देश की माता बहनों को बोल रहा था जिन की शादी हो चुकी है वह प्लांट उसकी रजिस्ट्री हो चुकी है जिन माता बहनों को मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र ना हो तो वह प्लाट खाली है उसकी रजिस्ट्री नहीं हुई जिसके मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र हो वह प्लाट बिक चुका उसकी रजिस्ट्री हो चुकी जो भाषण खोल मंच से लाखों की भीड़ में दिया इसके खिलाफ छात्र सड़कों पर उतर आए1
- गुप्त रोग शीघ्रपतन शुक्राणु स्वप्नदोष मर्दाना ताकत संपर्क करें डॉक्टर पंकज कुमार 9572291304, 70910778981
- *नशे में धुत्त चालक चला रहा था यात्रियों से भरी बस, रीठी पुलिस की समय रहते कार्रवाई से टली बड़ी दुर्घटना* कटनी – जिले में आज उस समय हड़कंप मच गया जब 25 से अधिक यात्रियों को लेकर जा रही एक यात्री बस शराब के नशे में धुत्त चालक के हाथों सड़क पर लहराती हुई पाई गई। यदि रीठी पुलिस समय रहते सक्रिय नहीं होती, तो एक गंभीर सड़क हादसा होना तय था। *कैसे सामने आई पूरी घटना?* कटनी–दमोह मुख्यमार्ग पर कटनी से पन्ना की ओर जा रही यात्री बस क्रमांक MP41 R 0747 दोपहर के समय तेज रफ्तार में बार–बार सड़क पर असंतुलित होती दिखी। बस में मौजूद यात्रियों ने भी बताया कि चालक की हरकतें बेहद संदिग्ध थीं — ब्रेक अचानक लगाना, बस को बेतरतीब ढंग से मोड़ना, सड़क के किनारे जाकर वापस मुख्य लेन में आना। यात्रियों को साफ महसूस हो रहा था कि चालक गंभीर नशे की स्थिति में है। कई यात्री डर के कारण सीटों पर चिपक कर बैठ गए, तो कुछ ने एक-दूसरे को पकड़कर संतुलन बनाए रखा। बस में बच्चे, महिलाएँ और बुजुर्ग भी सवार थे, जिनकी जान हर पल खतरे में थी। *रीठी पुलिस को मिली सूचना, तत्काल घेराबंदी* रीठी कस्बे में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर वाहनों की नियमित चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान राहगीरों और कुछ वाहन चालकों ने पुलिस को सूचना दी कि एक बस लहराती हुई आ रही है और उसका चालक नशे में लग रहा है। सूचना मिलते ही थाना रीठी की पुलिस टीम ने चेक पोस्ट पर बस को रोकने की तैयारी की और जैसे ही बस पहुंची, पुलिस ने उसे सुरक्षा के साथ साइड में रुकवाया। *जांच में चौंकाने वाला खुलासा — चालक गहन नशे में* बस रोके जाने के तुरंत बाद पुलिस ने चालक की जांच की। परीक्षण में यह स्पष्ट हो गया कि चालक गंभीर शराब सेवन की अवस्था में था। उसकी चाल-ढाल, बोलने का तरीका और ब्रेथ एनालाइज़र की रिपोर्ट सभी यह साबित कर रहे थे कि वह सुरक्षित ड्राइविंग की स्थिति में बिल्कुल नहीं था। पुलिस टीम ने यह भी पाया कि चालक ने यात्रियों की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं की और शराब पीकर लंबी दूरी की बस को बेखौफ चला रहा था। *पुलिस की तुरंत और कड़ी कार्रवाई* यात्रियों की जिन्दगी दांव पर लगी हुई थी। इसलिए रीठी पुलिस ने बिना देर किए कार्रवाई की— बस को तुरंत जप्त कर लिया गया।चालक को मौके पर ही हिरासत में लेकर उसके खिलाफ धारा 185 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। बस से सभी यात्रियों को सुरक्षित उतारकर पास ही दूसरी बस की व्यवस्था कराई गई, ताकि उनका सफर बाधित न हो और वे सुरक्षित अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सकें। यात्रियों ने राहत की सांस लेते हुए पुलिस का आभार जताया। कई यात्रियों ने कहा कि यदि बस कुछ किलोमीटर और आगे बढ़ती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।1
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