Suresh Chandra Agrawal: सदा जपिये हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे I हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे और हमेशा खुश रहिये Ii हमेशा प्रसन्न रहो 🌹🙏🏾 प्रभाव से नहीं अपितु स्वभाव से ही व्यक्ति किसी के हृदय में अपना स्थाई स्थान बना पाता है। स्वभाव से ही किसी के व्यक्तित्व का वास्तविक चित्रांकन किया जा सकता है। अच्छा स्वभाव व्यक्ति को किसी के दिल में उतार देता है तो बुरा स्वभाव व्यक्ति को किसी के दिल से भी उतार देता है। इसलिए अपने स्वभाव को मृदु बनाओ ताकि आपका पूरा जीवन मधुरता से भर सके।स्वभाव की मधुरता जीवन को सुखमय बनाती है। जिसका स्वभाव मधुर है, उसका जीवन भी मधुर बन जाता है। आज मनुष्य दु:खी रहता है क्योंकि वो मकान, शहर, देश, मित्र , संबंध सब कुछ बदलता है, लेकिन अपना स्वभाव नहीं बदल पाता। जीवन की सत्यता तो यही है, कि अपने स्वभाव से ही मनुष्य सुखी और दुःखी रहता है। अच्छा स्वभाव अच्छे संबधों को जन्म देते हैं और अच्छे संबंध जीवन को और अच्छा बना देते हैं। जो मनुष्य अपने बुरे स्वभाव को नहीं बदल सकता उसके लिए ये दुनिया भी कभी अच्छी नहीं बन सकती है। 🙏 *जय श्री कृष्ण 🙏 *राजा की तीन सीखें* 〰️〰️🔸🔸〰️〰️ बहुत समय पहले की बात है , सुदूर दक्षिण में किसी प्रतापी राजा का राज्य था . राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में आया कि पुत्रों को को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें। इसी विचार के साथ राजा ने सभी पुत्रों को दरबार में बुलाया और बोला , *“पुत्रों , हमारे राज्य में नाशपाती का कोई वृक्ष नहीं है , मैं चाहता हूँ तुम सब चार-चार महीने के अंतराल पर इस वृक्ष की तलाश में जाओ और पता लगाओ कि वो कैसा होता है ?”* राजा की आज्ञा पा कर तीनो पुत्र बारी-बारी से गए और वापस लौट आये। सभी पुत्रों के लौट आने पर राजा ने पुनः सभी को दरबार में बुलाया और उस पेड़ के बारे में बताने को कहा। पहला पुत्र बोला , “ पिताजी वह पेड़ तो बिलकुल टेढ़ा – मेढ़ा , और सूखा हुआ था ” “ नहीं -नहीं वो तो बिलकुल हरा –भरा था , लेकिन शायद उसमे कुछ कमी थी क्योंकि उसपर एक भी फल नहीं लगा था .”, दुसरे पुत्र ने पहले को बीच में ही रोकते हुए कहा। फिर तीसरा पुत्र बोला , “ भैया , लगता है आप भी कोई गलत पेड़ देख आये क्योंकि मैंने सचमुच नाशपाती का पेड़ देखा , वो बहुत ही शानदार था और फलों से लदा पड़ा था” और तीनो पुत्र अपनी -अपनी बात को लेकर आपस में विवाद करने लगे कि तभी राजा अपने सिंघासन से उठे और बोले, “पुत्रों, तुम्हे आपस में बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है , दरअसल तुम तीनो ही वृक्ष का सही वर्णन कर रहे हो . मैंने जानबूझ कर तुम्हे अलग-अलग मौसम में वृक्ष खोजने भेजा था और तुमने जो देखा वो उस मौसम के अनुसार था. मैं चाहता हूँ कि इस अनुभव के आधार पर तुम तीन बातों को गाँठ बाँध लो पहली , किसी चीज के बारे में सही और पूर्ण जानकारी चाहिए तो तुम्हे उसे लम्बे समय तक देखना-परखना चाहिए . फिर चाहे वो कोई विषय हो ,वस्तु हो या फिर कोई व्यक्ति ही क्यों न हो। दूसरी , हर मौसम एक सा नहीं होता , जिस प्रकार वृक्ष मौसम के अनुसार सूखता, हरा-भरा या फलों से लदा रहता है उसी प्रकार मनुषय के जीवन में भी उतार चढाव आते रहते हैं , अतः अगर तुम कभी भी बुरे दौर से गुजर रहे हो तो अपनी हिम्मत और धैर्य बनाये रखो , समय अवश्य बदलता है। और तीसरी बात , अपनी बात को ही सही मान कर उस पर अड़े मत रहो, अपना दिमाग खोलो , और दूसरों के विचारों को भी जानो। यह संसार ज्ञान से भरा पड़ा है , चाह कर भी तुम अकेले सारा ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते , इसलिए भ्रम की स्थिति में किसी ज्ञानी व्यक्ति से सलाह लेने में संकोच मत करो। 〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️ *⏹️ बाजरे का सूप* ठंड के मौसम में शरीर को सिर्फ़ बाहर से ही नहीं, बल्कि अंदर से भी गर्म रखने की ज़रूरत होती है। इसके लिए बाजरे का सूप एक बढ़िया ऑप्शन है। बाजरे के सूप में मौजूद फाइबर जल्दी भूख लगने से रोकता है। बाजरे का सूप पीने से शरीर में एनर्जी बनती है। बाजरे के सूप से आयरन और फॉस्फोरस जैसे ज़रूरी तत्व मिलते हैं। इससे शरीर में खून बढ़ता है। जब ठंड बढ़ने लगती है, तो अलमारी से स्वेटर बाहर निकल आते हैं। चूल्हे पर खाना बनना शुरू हो जाता है। शरीर को गर्म रखने के लिए हम गर्म ऑप्शन ढूंढने की जल्दी में रहते हैं। लेकिन ठंड के मौसम में शरीर को सिर्फ़ बाहर से ही नहीं, बल्कि अंदर से भी गर्म रखने की ज़रूरत होती है। इसीलिए ठंड में गर्म, ताज़ी चीज़ें खाने पर ज़ोर दिया जाता है। ठंड में बाजरे का सूप पिएं, क्योंकि बाजरे का सूप डाइजेशन में मदद करता है, और इसमें इनसॉल्युबल फाइबर होता है। यह फाइबर प्रोबायोटिक की तरह काम करता है जो पेट में डाइजेस्टिव एंजाइम बनाने में मदद करता है। साथ ही, बाजरे के सूप में मौजूद यह फाइबर भूख लगने से रोकता है। बाजरे के सूप में इनसॉल्युबल फाइबर और धीरे-धीरे पचने वाले स्टार्च की वजह से, यह सूप पीने से ब्लड शुगर तुरंत नहीं बढ़ता है। इसलिए, वज़न कम करने के साथ-साथ यह सूप डायबिटीज़ में भी फायदेमंद है। बाजरे में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं, इसलिए वे धीरे-धीरे पचते हैं। इस वजह से, जब आप बाजरे का सूप पीते हैं, तो आपका पेट जल्दी भरा हुआ महसूस होता है और आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। यह सूप पीने से शरीर में एनर्जी बनती है। बाजरे का सूप शरीर को ओमेगा-3 फैटी एसिड देता है। यह तत्व दिल को हेल्दी और सुरक्षित रखने के लिए बहुत ज़रूरी है। बाजरे के सूप से आयरन और फॉस्फोरस जैसे ज़रूरी तत्व मिलते हैं। इससे शरीर में खून बढ़ता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने से कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ता है और सेल्स को होने वाले नुकसान से बचाव होता है। ठंड में रेगुलर एक कटोरी बाजरे का सूप पीने से याददाश्त और एनर्जी बढ़ती है। बाजरी का सूप जितना पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है, उतना ही इसे बनाना भी बहुत आसान और जल्दी बन जाता है। बाजरी का सूप बनाने के लिए आपको 2 बड़े चम्मच बाजरी का आटा, आधा कप दही, 1 छोटा चम्मच अदरक का पेस्ट करी पत्ता, 1 बारीक कटी हरी मिर्च, एक चुटकी मिर्च पाउडर, 1 चुटकी हींग, स्वादानुसार नमक, थोड़ी सी हल्दी, 1 छोटा चम्मच जीरा, एक से डेढ़ छोटा चम्मच घी या मक्खन और 2 कप पानी चाहिए। सबसे पहले एक पैन में थोड़ा सा घी या मक्खन (बेहतर होगा कि सादा घी) डालें और बाजरी के आटे को कुरकुरा होने तक भूनें। फिर इसे एक कटोरे में निकाल लें। एक कटोरे में दही लें, उसमें पानी डालकर फेंट लें। जब बाजरी का आटा ठंडा हो जाए तो उसे दही में मिला दें। इसे अच्छे से मिलाएं ताकि गुठलियां न पड़ें। फिर से पैन में थोड़ा सा घी डालें और उसमें जीरा, करी पत्ता, हल्दी और हींग डालें। उन्हें अच्छे से भूनें। मिर्च के टुकड़े डालें। फिर अदरक पेस्ट डालकर भूनें। फिर इसमें दही-बाजरे का मिक्सचर डालें। इसे धीमी आंच पर दो से तीन मिनट तक उबलने दें। स्वादानुसार नमक डालें और सूप को अच्छी तरह से चलाएं। इसे फिर से दो से तीन मिनट तक उबालें और आंच बंद कर दें। इस सूप को गर्मागर्म पिएं। *कृपया इस मैसेज को पढ़ने के लिए समय निकालें और दूसरों की जानकारी बढ़ाने के लिए इसे और शेयर करें 📲* 👆👆👆👆👆👆👆👆
Suresh Chandra Agrawal: सदा जपिये हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे I हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे और हमेशा खुश रहिये Ii हमेशा प्रसन्न रहो 🌹🙏🏾 प्रभाव से नहीं अपितु स्वभाव से ही व्यक्ति किसी के हृदय में अपना स्थाई स्थान बना पाता है। स्वभाव से ही किसी के व्यक्तित्व का वास्तविक चित्रांकन किया जा सकता है। अच्छा स्वभाव व्यक्ति को किसी के दिल में उतार देता है तो बुरा स्वभाव व्यक्ति को किसी के दिल से भी उतार देता है। इसलिए अपने स्वभाव को मृदु बनाओ ताकि आपका पूरा जीवन मधुरता से भर सके।स्वभाव की मधुरता जीवन को सुखमय बनाती है। जिसका स्वभाव मधुर है, उसका जीवन भी मधुर बन जाता है। आज मनुष्य दु:खी रहता है क्योंकि वो मकान, शहर, देश, मित्र , संबंध सब कुछ बदलता है, लेकिन अपना स्वभाव नहीं बदल पाता। जीवन की सत्यता तो यही है, कि अपने स्वभाव से ही मनुष्य सुखी और दुःखी रहता है। अच्छा स्वभाव अच्छे संबधों को जन्म देते हैं और अच्छे संबंध जीवन को और अच्छा बना देते हैं। जो मनुष्य अपने बुरे स्वभाव को नहीं बदल सकता उसके लिए ये दुनिया भी कभी अच्छी नहीं बन सकती है। 🙏 *जय श्री कृष्ण 🙏 *राजा की तीन सीखें* 〰️〰️🔸🔸〰️〰️ बहुत समय पहले की बात है , सुदूर दक्षिण में किसी प्रतापी राजा का राज्य था . राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में आया कि पुत्रों को को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें। इसी विचार के साथ राजा ने सभी पुत्रों को दरबार में बुलाया और बोला , *“पुत्रों , हमारे राज्य में नाशपाती का कोई वृक्ष नहीं है , मैं चाहता हूँ तुम सब चार-चार महीने के अंतराल पर इस वृक्ष की तलाश में जाओ और पता लगाओ कि वो कैसा होता है ?”* राजा की आज्ञा पा कर तीनो पुत्र बारी-बारी से गए और वापस लौट आये। सभी पुत्रों के लौट आने पर राजा ने पुनः सभी को दरबार में बुलाया और उस पेड़ के बारे में बताने को कहा। पहला पुत्र बोला , “ पिताजी वह पेड़ तो बिलकुल टेढ़ा – मेढ़ा , और सूखा हुआ था ” “ नहीं -नहीं वो तो बिलकुल हरा –भरा था , लेकिन शायद उसमे कुछ कमी थी क्योंकि उसपर एक भी फल नहीं लगा था .”, दुसरे पुत्र ने पहले को बीच में ही रोकते हुए कहा। फिर तीसरा पुत्र बोला , “ भैया , लगता है आप भी कोई गलत पेड़ देख आये क्योंकि मैंने सचमुच नाशपाती का पेड़ देखा , वो बहुत ही शानदार था और फलों से लदा पड़ा था” और तीनो पुत्र अपनी -अपनी बात को लेकर आपस में विवाद करने लगे कि तभी राजा अपने सिंघासन से उठे और बोले, “पुत्रों, तुम्हे आपस में बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है , दरअसल तुम तीनो ही वृक्ष का सही वर्णन कर रहे हो . मैंने जानबूझ कर तुम्हे अलग-अलग मौसम में वृक्ष खोजने भेजा था और तुमने जो देखा वो उस मौसम के अनुसार था. मैं चाहता हूँ कि इस अनुभव के आधार पर तुम तीन बातों को गाँठ बाँध लो पहली , किसी चीज के बारे में सही और पूर्ण जानकारी चाहिए तो तुम्हे उसे लम्बे समय तक देखना-परखना चाहिए . फिर चाहे वो कोई विषय हो ,वस्तु हो या फिर कोई व्यक्ति ही क्यों न हो। दूसरी , हर मौसम एक सा नहीं होता , जिस प्रकार वृक्ष मौसम के अनुसार सूखता, हरा-भरा या फलों से लदा रहता है उसी प्रकार मनुषय के जीवन में भी उतार चढाव आते रहते हैं , अतः अगर तुम कभी भी बुरे दौर से गुजर रहे हो तो अपनी हिम्मत और धैर्य बनाये रखो , समय अवश्य बदलता है। और तीसरी बात , अपनी बात को ही सही मान कर उस पर अड़े मत रहो, अपना दिमाग खोलो , और दूसरों के विचारों को भी जानो। यह संसार ज्ञान से भरा पड़ा है , चाह कर भी तुम अकेले सारा ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते , इसलिए भ्रम की स्थिति में किसी ज्ञानी व्यक्ति से सलाह लेने में संकोच मत करो। 〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️ *⏹️ बाजरे का सूप* ठंड के मौसम में शरीर को सिर्फ़ बाहर से ही नहीं, बल्कि अंदर से भी गर्म रखने की ज़रूरत होती है। इसके लिए बाजरे का सूप एक बढ़िया ऑप्शन है। बाजरे के सूप में मौजूद फाइबर जल्दी भूख लगने से रोकता है। बाजरे का सूप पीने से शरीर में एनर्जी बनती है। बाजरे के सूप से आयरन और फॉस्फोरस जैसे ज़रूरी तत्व मिलते हैं। इससे शरीर में खून बढ़ता है। जब ठंड बढ़ने लगती है, तो अलमारी से स्वेटर बाहर निकल आते हैं। चूल्हे पर खाना बनना शुरू हो जाता है। शरीर को गर्म रखने के लिए हम गर्म ऑप्शन ढूंढने की जल्दी में रहते हैं। लेकिन ठंड के मौसम में शरीर को सिर्फ़ बाहर से ही नहीं, बल्कि अंदर से भी गर्म रखने की ज़रूरत होती है। इसीलिए ठंड में गर्म, ताज़ी चीज़ें खाने पर ज़ोर दिया जाता है। ठंड में बाजरे का सूप पिएं, क्योंकि बाजरे का सूप डाइजेशन में मदद करता है, और इसमें इनसॉल्युबल फाइबर होता है। यह फाइबर प्रोबायोटिक की तरह काम करता है जो पेट में डाइजेस्टिव एंजाइम बनाने में मदद करता है। साथ ही, बाजरे के सूप में मौजूद यह फाइबर भूख लगने से रोकता है। बाजरे के सूप में इनसॉल्युबल फाइबर और धीरे-धीरे पचने वाले स्टार्च की वजह से, यह सूप पीने से ब्लड शुगर तुरंत नहीं बढ़ता है। इसलिए, वज़न कम करने के साथ-साथ यह सूप डायबिटीज़ में भी फायदेमंद है। बाजरे में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं, इसलिए वे धीरे-धीरे पचते हैं। इस वजह से, जब आप बाजरे का सूप पीते हैं, तो आपका पेट जल्दी भरा हुआ महसूस होता है और आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। यह सूप पीने से शरीर में एनर्जी बनती है। बाजरे का सूप शरीर को ओमेगा-3 फैटी एसिड देता है। यह तत्व दिल को हेल्दी और सुरक्षित रखने के लिए बहुत ज़रूरी है। बाजरे के सूप से आयरन और फॉस्फोरस जैसे ज़रूरी तत्व मिलते हैं। इससे शरीर में खून बढ़ता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने से कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ता है और सेल्स को होने वाले नुकसान से बचाव होता है। ठंड में रेगुलर एक कटोरी बाजरे का सूप पीने से याददाश्त और एनर्जी बढ़ती है। बाजरी का सूप जितना पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है, उतना ही इसे बनाना भी बहुत आसान और जल्दी बन जाता है। बाजरी का सूप बनाने के लिए आपको 2 बड़े चम्मच बाजरी का आटा, आधा कप दही, 1 छोटा चम्मच अदरक का पेस्ट करी पत्ता, 1 बारीक कटी हरी मिर्च, एक चुटकी मिर्च पाउडर, 1 चुटकी हींग, स्वादानुसार नमक, थोड़ी सी हल्दी, 1 छोटा चम्मच जीरा, एक से डेढ़ छोटा चम्मच घी या मक्खन और 2 कप पानी चाहिए। सबसे पहले एक पैन में थोड़ा सा घी या मक्खन (बेहतर होगा कि सादा घी) डालें और बाजरी के आटे को कुरकुरा होने तक भूनें। फिर इसे एक कटोरे में निकाल लें। एक कटोरे में दही लें, उसमें पानी डालकर फेंट लें। जब बाजरी का आटा ठंडा हो जाए तो उसे दही में मिला दें। इसे अच्छे से मिलाएं ताकि गुठलियां न पड़ें। फिर से पैन में थोड़ा सा घी डालें और उसमें जीरा, करी पत्ता, हल्दी और हींग डालें। उन्हें अच्छे से भूनें। मिर्च के टुकड़े डालें। फिर अदरक पेस्ट डालकर भूनें। फिर इसमें दही-बाजरे का मिक्सचर डालें। इसे धीमी आंच पर दो से तीन मिनट तक उबलने दें। स्वादानुसार नमक डालें और सूप को अच्छी तरह से चलाएं। इसे फिर से दो से तीन मिनट तक उबालें और आंच बंद कर दें। इस सूप को गर्मागर्म पिएं। *कृपया इस मैसेज को पढ़ने के लिए समय निकालें और दूसरों की जानकारी बढ़ाने के लिए इसे और शेयर करें 📲* 👆👆👆👆👆👆👆👆
- भिलाई शहर में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। महज तीन घंटे के भीतर धारदार हथियार से हमले की दूसरी घटना सामने आई है। स्मृतिनगर चौकी क्षेत्र में नेहरूनगर के पास खाने गए युवकों पर हमला हुआ, जिसमें तीन घायल हो गए—एक की हालत गंभीर है। हमले के बाद इलाके में तोड़फोड़ और दहशत फैल गई। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।1
- SIR 2026 voter नायन ग्राम पंचायत मे वोट कुल 3282 200 वोट और बढ़ सकते हैं 13 सरपंच उम्मीदवार जीतने के लिए 300 वोटो से विजय मिशन 20261
- 🚨 राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन की आवाज़ – लेकिन सुनवाई शून्य! 🚨 आज राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन के सैकड़ों ड्राइवर और मालिक राजस्थान सरकार की नीतियों से परेशान हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि अब तक उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। 👉 इस गंभीर मुद्दे पर ऑल राजस्थान टूरिस्ट अध्यक्ष श्री दिलीप सिंह महरौली जी ने स्पष्ट शब्दों में जानकारी दी है और सरकार से ड्राइवरों के हित में ठोस निर्णय लेने की मांग की है। ❓ सवाल यह है कि क्या मेहनतकश टूरिस्ट ड्राइवरों की आवाज़ यूँ ही अनसुनी रहेगी? ✊ अब ज़रूरत है एकजुट होने की 📢 अपनी बात सरकार तक पहुँचाने की 📌 वीडियो देखें, सच्चाई जानें और ड्राइवर भाइयों की आवाज़ को आगे बढ़ाएं। #राजस्थानटूरिस्टकार #DriverKiAwaaz #DilipSinghMehrauli #TouristDriverProblem #JustJaipurLive #RajathanGovernment1
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- श्रीमाधोपुर तहसीलदार पद पर कार्यरत रहे जगदीश प्रसाद बैरवा को एसडीएम पद पर पदोन्नति एवं बहरोड़ में सहायक कलेक्टर नियुक्त होने पर समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर अधिकारियों व कर्मचारियों ने भावभीनी विदाई देते हुए सम्मान किया। सभी ने उनके उज्ज्वल कार्यकाल और नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं।1
- दौसा सैंथल उपखंड क्षेत्र की कुंडल तहसील के ग्राम पंचायत बडोली में बुधवार को ग्रामीणों ने सड़क चौड़ीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि 24 फीट चौड़े रास्ते को संकरा कर केवल 10 फीट का बनाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क के दोनों ओर दीवारें बनाई जा रही हैं, जिससे आवागमन में परेशानी होगी। उनका यह भी कहना है कि बडोली स्टैंड से खैरला की ढाणी तक जाने वाला 1 किलोमीटर लंबा यह रास्ता, जिसमें से आधा किलोमीटर नीचे होने के कारण अक्सर पानी भर जाता है। इस स्थिति में संकरा रास्ता ग्रामीणों के लिए और भी समस्या पैदा करेगा। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने विशेष रूप से अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें अपना 24 फीट चौड़ा रास्ता वापस चाहिए, क्योंकि छोटे बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत होगी। एक महिला ने यह भी बताया कि उन्हें नाले के बीच से रास्ता नहीं चाहिए, बल्कि एक तरफ रास्ता और दूसरी तरफ नाला होना चाहिए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर चौड़े रास्ते को संकरा कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो वे दौसा कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर उगंती देवी, चंदों देवी, आशा देवी, कैला देवी, रसेल देवी, राजनती देवी सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।2
- नायन ग्राम पंचायत सरकारी अस्पताल के पास कचरा भरे डिब्बे 10 दिन से ऊपर हो गए प्रशासन द्वारा कचरा टेंडर दे रखा व्यक्ति के द्वारा उठाया नहीं गया यह भी सरकारी अस्पताल के पास नायन ग्राम पंचायत नायन पंचायत समिति शाहपुरा जिला जयपुर1