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प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम “सेवातीर्थ” किए जाने पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विरोध जताया है। शंकराचार्य का कहना है कि धार्मिक शब्दावली का इस तरह प्रयोग सनातन परंपरा की मूल भावना के अनुरूप नहीं है। पत्र में उन्होंने अपने तर्क रखते हुए इसे धार्मिक शब्दों के दुरुपयोग से जोड़ा है और इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है। उनके अनुसार, यह विषय आस्था और परंपरा से जुड़ा है, इसलिए सनातनियों को उनके तर्क अवश्य सुनने चाहिए।
Ajay shukla
प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम “सेवातीर्थ” किए जाने पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विरोध जताया है। शंकराचार्य का कहना है कि धार्मिक शब्दावली का इस तरह प्रयोग सनातन परंपरा की मूल भावना के अनुरूप नहीं है। पत्र में उन्होंने अपने तर्क रखते हुए इसे धार्मिक शब्दों के दुरुपयोग से जोड़ा है और इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है। उनके अनुसार, यह विषय आस्था और परंपरा से जुड़ा है, इसलिए सनातनियों को उनके तर्क अवश्य सुनने चाहिए।
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