आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी का 3.5 किमी का एरिया सफर के लिए पूरी तरह से असुरक्षित है। यहां बीच में लगे अस्थाई डिवाइडर (आरसीसी क्रास बैरियर) के दोनों ओर न ही चमकदार सफेद पट्टी है और न ही लाइटिंग की कोई व्यवस्था है। घने कोहरे में रफ्तार पर ब्रेक न लगने से मंगलवार तड़के 3:30 बजे हवाई पट्टी के अस्थाई डिवाइडर से टकराई फार्च्यूनर कार की हालत जिसने भी देखी वह हादसे की भयावहता के बारे में सोचकर कांप उठा। टक्कर इतनी जोरदार थी कि 15.5 फीट लंबी कार का आगे का दाहिना भाग महज चार फीट का ही बचा। छत फटकर लटक गई। आधा हिस्सा फटते हुए पीछे के गेट तक चला गया। इंजन और बोनट भी बीच से फटकर तहस नहस हो गया। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर भी शवों की दुर्दशा देख सहम गए। सबसे गंभीर चोट अशोक अग्रवाल व अवनेश को आई। अशोक का मत्था फटकर नीचे लटक गया। नाक में बड़ा छेद होने के साथ हड्डी टूटी व लिवर फटा। सिर की भी हड्डी टूटी मिली। वहीं अवनेश का फेफड़ा फटने के साथ सिर गर्दन, सीने पेट में कई गंभीर चोटें मिलीं। डॉक्टर के अनुसार चारों व्यक्तियों के लिवर, पसली व हड्डियां टूटी मिलीं। अधिक खून बहने से मौत की पुष्टि हुई है। एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी कोहरे में बनती खतरनाक हवाई पट्टी को छोड़ एक्सप्रेसवे पर सफर में हादसों की रोकथाम के लिए कई उपाय किए गए हैं। डिवाइडर वाली लेन के पास चमकदार सफेद पट्टी लगाई गई है। कोहरा होने पर वाहन चालक इसी सफेद पट्टी के सहारे आगे बढ़ता है। जगह-जगह लाइटिंग खतरे को मात देती है। कैट आई भी लगी हैं। वाहन की लाइट पड़ने पर इनके चमकने से चालक को रास्ते का अनुमान लग जाता है। हवाई पट्टी पर इस तरह के कोई इंतजाम नहीं है। यह एरिया पूरा सपाट है। अस्थाई बैरियर भी पतले हैं, जो कोहरे में दिखाई नहीं देते हैं। अस्थायी बैरियर (आरसीसी क्रास बैरियर) के बगल में रिफलेक्टर नहीं लगे हैं। इसी के साथ हवाई पट्टी पर रोशनी के लिए कही भी लाइट नहीं लगी है। फाइटर प्लेन की लैंडिंग के वक्त सड़क पर की गई सफेद मार्किंग भी मिट गई है। जिससे कोहरे में वाहन चालक लेन से भटक जाते हैं और रात व कोहरे के समय भ्रम की स्थिति बनने से हादसे का शिकार हो जाते हैं। दहशत के बीच कोहरे में चला रेस्क्यू अभियान जिस समय हादसा हुआ घना कोहरा था। रेस्क्यू अभियान चलाने के दौरान यूपीडा व पुलिस कर्मियों को इस बात का डर सता रहा था कि कोहरे में पीछे से कोई वाहन आकर टक्कर न मार दे। इसके लिए 2 किमी दूर दोनों लेन पर पुलिस कर्मी टार्च की रोशनी से वाहनों की रफ्तार कम कराते रहे। इसके अलावा यूपीडा और पुलिस टीम ने सावधानी बरतते हुए फ्लैश लाइट और संकेतक लगाकर रेस्क्यू कार्य पूरा किया।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी का 3.5 किमी का एरिया सफर के लिए पूरी तरह से असुरक्षित है। यहां बीच में लगे अस्थाई डिवाइडर (आरसीसी क्रास बैरियर) के दोनों ओर न ही चमकदार सफेद पट्टी है और न ही लाइटिंग की कोई व्यवस्था है। घने कोहरे में रफ्तार पर ब्रेक न लगने से मंगलवार तड़के 3:30 बजे हवाई पट्टी के अस्थाई डिवाइडर से टकराई फार्च्यूनर कार की हालत जिसने भी देखी वह हादसे की भयावहता के बारे में सोचकर कांप उठा। टक्कर इतनी जोरदार थी कि 15.5 फीट लंबी कार का आगे का दाहिना भाग महज चार फीट का ही बचा। छत फटकर लटक गई। आधा हिस्सा फटते हुए पीछे के गेट तक चला गया। इंजन और बोनट भी बीच से फटकर तहस नहस हो गया। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर भी शवों की दुर्दशा देख सहम गए। सबसे गंभीर चोट अशोक अग्रवाल व अवनेश को आई। अशोक का मत्था फटकर नीचे लटक गया। नाक में बड़ा छेद होने के साथ हड्डी टूटी व लिवर फटा। सिर की भी हड्डी टूटी मिली। वहीं अवनेश का फेफड़ा फटने के साथ सिर गर्दन, सीने पेट में कई गंभीर चोटें मिलीं। डॉक्टर के अनुसार चारों व्यक्तियों के लिवर, पसली व हड्डियां टूटी मिलीं। अधिक खून बहने से मौत की पुष्टि हुई है। एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी कोहरे में बनती खतरनाक हवाई पट्टी को छोड़ एक्सप्रेसवे पर सफर में हादसों की रोकथाम के लिए कई उपाय किए गए हैं। डिवाइडर वाली लेन के पास चमकदार सफेद पट्टी लगाई गई है। कोहरा होने पर वाहन चालक इसी सफेद पट्टी के सहारे आगे बढ़ता है। जगह-जगह लाइटिंग खतरे को मात देती है। कैट आई भी लगी हैं। वाहन की लाइट पड़ने पर इनके चमकने से चालक को रास्ते का अनुमान लग जाता है। हवाई पट्टी पर इस तरह के कोई इंतजाम नहीं है। यह एरिया पूरा सपाट है। अस्थाई बैरियर भी पतले हैं, जो कोहरे में दिखाई नहीं देते हैं। अस्थायी बैरियर (आरसीसी क्रास बैरियर) के बगल में रिफलेक्टर नहीं लगे हैं। इसी के साथ हवाई पट्टी पर रोशनी के लिए कही भी लाइट नहीं लगी है। फाइटर प्लेन की लैंडिंग के वक्त सड़क पर की गई सफेद मार्किंग भी मिट गई है। जिससे कोहरे में वाहन चालक लेन से भटक जाते हैं और रात व कोहरे के समय भ्रम की स्थिति बनने से हादसे का शिकार हो जाते हैं। दहशत के बीच कोहरे में चला रेस्क्यू अभियान जिस समय हादसा हुआ घना कोहरा था। रेस्क्यू अभियान चलाने के दौरान यूपीडा व पुलिस कर्मियों को इस बात का डर सता रहा था कि कोहरे में पीछे से कोई वाहन आकर टक्कर न मार दे। इसके लिए 2 किमी दूर दोनों लेन पर पुलिस कर्मी टार्च की रोशनी से वाहनों की रफ्तार कम कराते रहे। इसके अलावा यूपीडा और पुलिस टीम ने सावधानी बरतते हुए फ्लैश लाइट और संकेतक लगाकर रेस्क्यू कार्य पूरा किया।
- अत्याचार राहत – तत्काल प्रार्थना अनुरोध छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिले की अंतागढ़ तहसील के अमाबेड़ा गांव में एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है। गांव के एक पादरी एवं स्थानीय पंचायत प्रमुख (सरपंच) राजमन सलाम के पिता का निधन हो गया। उनके पिता ईसाई धर्म को नहीं मानते थे। इस कारण, गांव के मुखिया होने के नाते राजमन ने स्थानीय निकाय से अनुरोध किया कि गांव की परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाए और अंत में हमें बुला लिया जाए, ताकि हम केवल शव पर मिट्टी डाल सकें। इस पर एक स्थानीय व्यक्ति ने आपत्ति जताई। तब पादरी राजमन ने कहा कि यदि आपत्ति है तो कोई समस्या नहीं, वे शव को ले जाकर अपने धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार कर देंगे। परिवार और चर्च के सदस्यों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। लेकिन 17 तारीख को, पहले आपत्ति जताने वाले उसी व्यक्ति के नेतृत्व में कुछ अन्य ग्रामीणों ने मिलकर शव को कब्र से निकालने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पादरी से शव को बाहर निकालने की अनुमति देने का अनुरोध किया। पादरी ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। इस झड़प में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। वर्तमान में गांव का माहौल बेहद तनावपूर्ण है। हम सभी विश्वासियों से शांति, सुरक्षा और न्याय के लिए प्रार्थना करने का विनम्र अनुरोध करते हैं।1
- Post by User33591
- 18❤️12🌹2025❤️🙏1
- देखे बिजली की अवैध वसूली के प्रमाण पूरा यूट्यूब चैनल पर जाकर वीडियो देख सकते हैं आप इस प्रकार उनकी अवैध वसूली रोकी जा सकती है1
- धान खरीदी केन्द्रों में तय मानक अधिक धान तौल1
- सी-टाइम्स का असर *सुकतरा एयरस्ट्रिप पर प्रशासन की सख्ती, मेस्को एयरोस्पेस की हवाई पट्टी सील* सरवन वर्मा (रिपोर्टर) कुरई - ग्राम सुकतरा में स्थित मेस्को एयरोस्पेस द्वारा संचालित हवाई पट्टी को लेकर सी-टाइम्स द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित की गई खबरों का सीधा असर सामने आया है। मध्य प्रदेश शासन भोपाल एवं कलेक्टर सिवनी के निर्देश पर गुरुवार को प्रशासन ने एयरस्ट्रिप को सील कर दिया। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कुरई, थाना प्रभारी कुरई, तहसीलदार कुरई, राजस्व निरीक्षक सुकतरा एवं पटवारियों की उपस्थिति में की गई कार्रवाई के दौरान हवाई पट्टी से जुड़ी समस्त संपत्ति को सील करते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) को प्रभार सौंपा गया। हाल ही में रेडवर्ड कंपनी का प्रशिक्षण विमान उड़ान के दौरान 33 केवी हाईटेंशन लाइन से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे बड़े हादसे की आशंका गहरा गई थी। इससे पहले भी दो बार प्रशिक्षण विमान उड़ान से पहले क्रैश होते-होते बचा था। इन घटनाओं के बावजूद हवाई पट्टी का संचालन जारी रहना कई सवाल खड़े कर रहा था। प्रशासनिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी द्वारा निर्धारित विमानन नियमों एवं सुरक्षा मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा था। लगातार सामने आ रही लापरवाहियों को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से संचालन पर रोक लगा दी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सभी नियमों की पूर्ति एवं सुरक्षा मानकों की जांच पूरी होने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।2
- कटनी। बरही में कृषि विभाग कि कार्यवाही1
- सिवनी में दिल को झकझोर देने वाला हादसा, मौत के बीच जन्म… और हमारे कचरे की सच्चाई अब्दुल काबिज़ खान सिवनी। आज सुबह सिवनी–नागपुर रोड स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने हर संवेदनशील व्यक्ति की आत्मा को हिला दिया। ट्रेन की चपेट में आने से एक गाय की दर्दनाक मौत हो गई। लेकिन इस हादसे के बीच एक चमत्कार भी हुआ। मृत गाय के पेट में मौजूद उसका बच्चा जीवित था। मौके पर मौजूद लोगों ने साहस और संवेदनशीलता दिखाते हुए उसे सुरक्षित बाहर निकाला। यह दृश्य देखकर वहां खड़े लोगों की आंखें नम हो गईं—मौत के सन्नाटे में जीवन की एक हल्की सी सांस। इसी दौरान एक और भयावह सच्चाई सामने आई। गौमाता के पेट से लगभग 10 से 15 किलो पॉलिथीन का गुच्छा निकला। यही वह पॉलिथीन थी, जिसे हम रोज़ लापरवाही से सड़कों, बाजारों और नालियों में फेंक देते हैं—यह जाने बिना कि वह अंततः निरीह जीवों की मौत बन जाती है। यह केवल एक हादसा नहीं, 👉 यह हमारे व्यवहार पर कठोर सवाल है। 👉 यह हमारे शहर की स्वच्छता और जिम्मेदारी की परीक्षा है। घटना की सूचना मिलते ही गौभक्त धनराज माना ठाकुर अपनी टीम के साथ तथा वार्ड पार्षद पं. विजय मिश्रा (गोलू पंडित) मौके पर पहुंचे। नगर पालिका के संसाधन बुलाकर विधिवत गड्ढा खुदवाया गया और गौमाता का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। ल⁰। यह घटना हमें झकझोरती है… ❓ क्या हम अब भी नहीं समझेंगे? ❓ क्या एक और ऐसी मौत का इंतजार करेंगे? आज यह गौमाता थी, कल कोई और निर्दोष जीवन हो सकता है। अब समय है कि— ♻️ पॉलिथीन का बहिष्कार करें 🐄 बेसहारा पशुओं के प्रति संवेदनशील बनें 🌱 अपने शहर और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाएं कभी-कभी एक तस्वीर पूरी सोच बदलने के लिए काफी होती है। #Seoni #दिल_दहला_देने_वाली_घटना #गौमाता #संवेदनशील_घटना #मौत_के_बीच_जिंदगी #पॉलिथीन_बन_होगा #SayNoToPlastic #गौ_संरक्षण #मानवता_जिंदा_है #जागरूक_सिवनी #स्वच्छ_सिवनी #पर्यावरण_बचाओ #निरीह_जीवों_की_आवाज़ #सोच_बदलिए #एक_हादसा_एक_सबक1