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- Post by INDIANEWS 9LIVE1
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक स्पीच जो उन्होंने महाराष्ट्र में दी थी वह आजकल खूब वायरल हो रही है जिसमें वह कहते सुने जा सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में अतिक्रमण भी खत्म हो चुका है और मस्जिदों से लाउडस्पीकर भी..... देखिए राजपथ न्यूज़ पर.... https://www.facebook.com/share/v/2o6ASVhJNkRNBwwo/?mibextid=oFDknk1
- जयगुरुदेव 06.09.2024 प्रेस नोट बावल (हरियाणा) *कबीर साहब ने कहा जो एक साल में वक़्त के मौजूदा गुरु का दर्शन नहीं करता, उसका मुक्ति-मोक्ष नहीं होता* *सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया गुरु का अंदर में नूरी रूप दिखाई पड़ने का तरीका* जिनके दर्शन किये हुए व्यक्ति के दर्शन करने मात्र से ही भरपूर दया कृपा जीवों को मिल जाती है, अंदर साधना में जिनके नूरानी रूप को देखने के बाद साधक को परमार्थ के, गुरु के रास्ते से कोई नहीं हटा पाता, ऐसे इस वक़्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि देखो प्रेमियो! सन्तमत में गुरु ही सब कुछ होते हैं। गुरु ही सिरजनहार, रखवाले, देने वाले, इस भवसागर में डूबते हुए का सहारा होते हैं। गुरु का ध्यान कर प्यारे, बिना इसके नहीं छूटना। गुरु का ध्यान हम करते हैं लेकिन ध्यान मूलम गुरु मूर्ति, गुरु का चेहरा सामने नहीं आता है। यहां तक की जो गुरु का दर्शन करते हैं, किये हुए, वह भी चेहरा भूल जाता है। वह तेज वह प्रकाश वह आभा जो मौजूदा गुरु में रहती है, जब उनकी आंखों से आंखें मिला करके दर्शन करते हैं, धार एक-दूसरे से जुड़ती है, वह फोटो में तो मिलता नहीं है क्योंकि फोटो जड़ होता है। इसलिए जब गुरु मौजूद रहते हैं तब कहा जाता है कि उनका दर्शन हो सके तो रोज करो, दूसरे-तीसरे दिन करो, 15 दिन में, महीने में एक बार करो, 3 महीना, 6 महीना में एक बार करो। बरस दिनों में दरस न कीन्हा, ताकौ लागे दोष। कह कबीर वाकौ, कभी न होवे मोक्ष।। कबीर साहब ने कहा गुरु का दर्शन जिन्होंने एक साल में नहीं किया फिर उसकी मुक्ति-मोक्ष नहीं होती है। कर्मों के अनुसार दोष लगता चला जाता है। क्योंकि गुरु बिन मैलो मन को धोई, गुरु ही अंतरात्मा की सफाई करते हैं तो गुरु का दर्शन बराबर करते रहना चाहिए। *रोशनी जहां-जहां रहती है, सब जगह गुरु मौजूद रहते हैं* मान लो गुरु चोला छोड़कर के दुनिया से चले गए, अब गुरु का दर्शन कैसे होगा? जब गुरु के नूरी रूप का, प्रकाश मय गुरु का दर्शन करेंगे, रोशनी जहां-जहां रहती है, सब जगह गुरु मौजूद रहते हैं। गुरु इस काल के अंधेरे से शरीर छोड़कर के उस प्रकाश नगरी में चले जाते हैं, जहां से काल की नगरी मृत्यु लोक खत्म होता है और अंड लोक, ब्रह्मांड लोक शुरू होता है, सब जगह गुरु का दर्शन हो जाता है। गुरु वहां मिलते हैं, प्रकाश रूप में मिलते हैं। जब जीव को प्रकाश मिल जाता है तब वो गुरु को समझ जाता है, गुरु का हाथ पकड़ लेता है तब वो साधक को छोड़ते नहीं है। *अंदर में गुरु का नूरी रूप कैसे दिखेगा* देखो बाहर दर्शन किया जाता है। लेकिन अंतर में गुरु का दर्शन होना जरूरी है। नूरी रूप का दर्शन करना चाहिए। बाहर अगर किसी को एक नजर से देख लोगे तो पहचान जाओगे, लेकिन अंतर में ऐसा नहीं होता है। अंतर में तो एक जगह पर दोनों आंखों को टिकाना पड़ता है। बाहर में भी अगर एक ही आदमी के दो-तीन रूप हो तो कोई-कोई पहचान में जल्दी नहीं आता है तो उसको देर तक देखते हैं तब पहचान में आता है। दोनों आंखों से दृष्टि को टिकाना पड़ता है। ऐसे अंदर में भी एक जगह पर दोनों आंखों से दृष्टि को टिकाना, रोकना पड़ता है तब उसमें गुरु का नूरी रूप दिखाई पड़ता है। इसका अभ्यास करना जरूरी है। https://youtu.be/sJims0S-qIM?t=3851
- India main raep karne walon ko bhi yahi saza milni chahiy1
- apne Teej ki aap logon Ko Hardik shubhkamnaen is video ko jyada se jyada share Karen1
- Badarpur !! मिडिया के सवालों मे उलझें विधानसभा अध्यक्ष !! 10 News Network1
- #mehrauli: हद हो गई बेशर्मी की, #दिल्ली में तो ऐसा प्रतीत हो रहा है की #MCD_महरौली का सिस्टम बिल्कुल बरबाद हो चूका है,1
- Mehrauli Jamali Kamali front of Azim Khan maqbara mugal dharohar1