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नव आरक्षक प्रशिक्षुओ का जंगल कैम्प प्रारंभ उमरिया / अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण), राजा बाबू सिंह के कुशल मार्गदर्शन एवं पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय उमरिया के पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य के निर्देशन में 39वां नव आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण सत्र में प्रशिक्षणरत् प्रशिक्षुओं का जंगल कैंप का औपचारिक प्रारंभ पुलिस अधीक्षक पीटीएस उमरिया द्वारा लवली सोनी प्रभारी (बाह्य प्रशिक्षण) एवं बाह्य प्रशिक्षण की समस्त टीम की उपस्थिति में किया गया। पुलिस अधीक्षक पीटीएस उमरिया द्वारा प्रशिक्षुओं को पुलिस के कर्तव्य पालन में जंगल कैंप के महत्व के बारे में बताया गया उसके बाद प्रशिक्षुओं को कैंप अलर्ट के बारे में बताया गया एवं कैंप अलर्ट की कार्रवाई कराई गई।
Neeraj Singh Raghuvanshi
नव आरक्षक प्रशिक्षुओ का जंगल कैम्प प्रारंभ उमरिया / अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण), राजा बाबू सिंह के कुशल मार्गदर्शन एवं पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय उमरिया के पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य के निर्देशन में 39वां नव आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण सत्र में प्रशिक्षणरत् प्रशिक्षुओं का जंगल कैंप का औपचारिक प्रारंभ पुलिस अधीक्षक पीटीएस उमरिया द्वारा लवली सोनी प्रभारी (बाह्य प्रशिक्षण) एवं बाह्य प्रशिक्षण की समस्त टीम की उपस्थिति में किया गया। पुलिस अधीक्षक पीटीएस उमरिया द्वारा प्रशिक्षुओं को पुलिस के कर्तव्य पालन में जंगल कैंप के महत्व के बारे में बताया गया उसके बाद प्रशिक्षुओं को कैंप अलर्ट के बारे में बताया गया एवं कैंप अलर्ट की कार्रवाई कराई गई।
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- Post by Gendlal Rathour1
- 🔴 छत्तीसगढ़: नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन, रैली में बड़ा हादसा टला — VIDEO वायरल 》 छत्तीसगढ़ में नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान निकाली गई रैली में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब सिहावा विधायक अंबिका मरकाम और पूर्व विधायक लेख राम साहू अचानक सड़क पर गिर पड़े। 》 📹 घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। --- 📌 क्या है पूरा मामला? जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस कार्यकर्ता नेशनल हेराल्ड केस के विरोध में भाजपा कार्यालय की ओर मार्च कर रहे थे। रैली के दौरान नेताओं के हाथ में बैनर था, तभी अचानक बैनर में पैर फंस गया। 》 👉 संतुलन बिगड़ने से सिहावा विधायक अंबिका मरकाम पूर्व विधायक लेख राम साहू दोनों सड़क पर गिर पड़े। --- ⚠️ बड़ा हादसा टला गनीमत रही कि गिरने से दोनों नेताओं को कोई गंभीर चोट नहीं आई। मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने तुरंत उन्हें संभाला और रैली आगे बढ़ाई गई। --- 🗣️ राजनीतिक माहौल गरम नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर पहले से ही प्रदेश में सियासी माहौल गरम है। कांग्रेस इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, जबकि भाजपा इसे कानूनी प्रक्रिया करार दे रही है। --- 📌 वीडियो क्यों हो रहा वायरल? रैली के बीच अचानक गिरने का दृश्य वरिष्ठ नेताओं का सड़क पर गिरना सुरक्षा और अव्यवस्था पर सवाल इन्हीं वजहों से यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। --- ❓ आपकी राय क्या है? क्या ऐसे प्रदर्शनों में सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर होनी चाहिए? 》 👇 कमेंट में अपनी राय ज़रूर लिखें। --- 📰 Sach Tak Patrika News ✒️ संवाददाता दीपक विश्वकर्मा जबलपुर, : 🗣️ “हमारी सबसे बड़ी ताकत — सच ही हमारी ताकत है।”1
- महात्मा गांधी रोजगार गारंटी से छेड़छाड़ का विरोध, पीर बाबा में सपा का प्रदर्शन कटनी। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना को कमजोर करने और उसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ के विरोध में समाजवादी पार्टी ने पीर बाबा स्थित कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। इस विरोध का नेतृत्व समाजवादी पार्टी की कटनी जिला अध्यक्ष एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. खान ने किया। डॉ. खान ने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना गांव, खेत और गरीब मजदूरों के लिए जीवनरेखा है, लेकिन शासन द्वारा इस योजना को बंद करने या अलग-अलग नामों में बदलने से इसका वास्तविक लाभ कटनी जिले की जनता को नहीं मिल पा रहा है। खेत-मजदूर आज भी काम और मजदूरी के लिए परेशान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार पुरानी और सफल योजनाओं को समाप्त कर नई योजनाओं की घोषणाएं कर रही है, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस परिणाम दिखाई नहीं दे रहा। गांधीवादी सोच पर आधारित योजनाएं समाज को आत्मनिर्भर बनाती हैं, और इन्हें कमजोर करना सामाजिक न्याय के खिलाफ है। इस दौरान “गांधीवाद जिंदाबाद” के नारे लगाए गए और शासन की नीतियों को किसान-मजदूर विरोधी बताया गया। समाजवादी पार्टी ने मांग की कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना को पूरी क्षमता के साथ लागू किया जाए, ताकि गांवों में रोजगार मिले, पलायन रुके और समाज सशक्त हो। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि योजना को कमजोर करने की कोशिशें बंद नहीं हुईं, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।1
- *खुलेआम शराब की हो रही पैकारी विभाग ने साधी चुप्पी रुद्र एसोसिएट कमपोजिट शराब दुकान टिकुरिया टोला* *सतना के टिकुरिया टोला* में संचालित रुद्र एसोसिएट कंपोजिट शराब दुकान जिन्हें अपने दुकान से शराब की बिक्री करने का अधिकार है लेकिन ज्यादा आमदनी की फिराक में ठेकेदार गांव-गांव शराब की पैकारी कर जनता को नशे की लत लगाकर उनका और उनके परिवार का जीवन बर्बाद करने में लगे हुए हैं जिसे देखने और सुनने वाला कोई नहीं है प्रशासन की मूक दर्शन बनकर बस देखती रहती है आबकारी विभाग की पूरी छूट की वजह से शासन प्रशासन का भय नहीं खुले आम चल रहा है अवैध शराब बिक्री को देखकर प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा होता है। गांव-गांव में खपाई जा रही अवैध शराब1
- IPL ऑक्शन का कड़वा सच 😳 Green 25 करोड़… Conway ZERO! IPL अब नाम नहीं, रोल खरीदता है 🔥 #IPLAuction #CricketUpdate #IPLTruth #IndianCricket1
- प्रधानमंत्री से प्रेरित होकर बिहार का युवा रील पर रील बना रहा है ना कोई कानून ना कोई ट्रैफिक नियम ना जान की फ़िक्र सब दावं पर लगा रहा है जब प्रधानमंत्री ही रील बनाने को कहेंगे कोई युवा बेरोजगार और क्या करेगा1
- rewa1
- अत्याचार राहत – तत्काल प्रार्थना अनुरोध छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिले की अंतागढ़ तहसील के अमाबेड़ा गांव में एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है। गांव के एक पादरी एवं स्थानीय पंचायत प्रमुख (सरपंच) राजमन सलाम के पिता का निधन हो गया। उनके पिता ईसाई धर्म को नहीं मानते थे। इस कारण, गांव के मुखिया होने के नाते राजमन ने स्थानीय निकाय से अनुरोध किया कि गांव की परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाए और अंत में हमें बुला लिया जाए, ताकि हम केवल शव पर मिट्टी डाल सकें। इस पर एक स्थानीय व्यक्ति ने आपत्ति जताई। तब पादरी राजमन ने कहा कि यदि आपत्ति है तो कोई समस्या नहीं, वे शव को ले जाकर अपने धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार कर देंगे। परिवार और चर्च के सदस्यों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। लेकिन 17 तारीख को, पहले आपत्ति जताने वाले उसी व्यक्ति के नेतृत्व में कुछ अन्य ग्रामीणों ने मिलकर शव को कब्र से निकालने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पादरी से शव को बाहर निकालने की अनुमति देने का अनुरोध किया। पादरी ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। इस झड़प में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। वर्तमान में गांव का माहौल बेहद तनावपूर्ण है। हम सभी विश्वासियों से शांति, सुरक्षा और न्याय के लिए प्रार्थना करने का विनम्र अनुरोध करते हैं।1
- “हम मर जाएंगे, लेकिन अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे” — दमोह के आदिवासियों की आख़िरी आवाज़1