घर घर रावण पनप रहे हैं, इनका क्या कर पाओगे। बे जुवान पुतलों को बोलो, कब तक और जलाओगे । मांग रही बेटी हिसाब है, जिसकी इज्जत चली गई। कलयुग के रावण के हाथों, वह बेबस होकर छली गई। क्या उसकी अस्मत को बोलो, कैसे तुम लौटाओगे। बेजुबान............. वहशी दरिंदे घूम रहे हैं, आज शहर की गलियों में। उपवन क्यों शोर मचा है, दहशत है क्यों कलियों में। उन आवारा भंवरों को, बोलो तुम क्या सजा सुनाओगे। बेजुबान............. झूठ ढिंढोरा पीट रहे हो, तुम नारी के सम्मान का। है इतिहास साक्षी मित्रो, हर सत्ता के अभिमान का। नग्न हुई द्रोपदी आज फ़िर, माधव क्या फ़िर आओगे। बेजुबान................. रक्षक ही भक्षक बन बैठे, कैसी न्याय व्यवस्था है। है अन्याय चरम सीमा पर, ये शायद युवा अवस्था है। कब तक जनता को बोलो, अब कितना तुम भरमाओगे। बेजुबान............ घर पर रावण पनप रहे हैं, इनका क्या कर पाओगे। स्वरचित/मौलिक सोनी शुक्ला, लखनऊ
घर घर रावण पनप रहे हैं, इनका क्या कर पाओगे। बे जुवान पुतलों को बोलो, कब तक और जलाओगे । मांग रही बेटी हिसाब है, जिसकी इज्जत चली गई। कलयुग के रावण के हाथों, वह बेबस होकर छली गई। क्या उसकी अस्मत को बोलो, कैसे तुम लौटाओगे। बेजुबान............. वहशी दरिंदे घूम रहे हैं, आज शहर की गलियों में। उपवन क्यों शोर मचा है, दहशत है क्यों कलियों में। उन आवारा भंवरों को, बोलो तुम क्या सजा सुनाओगे। बेजुबान............. झूठ ढिंढोरा पीट रहे हो, तुम नारी के सम्मान का। है इतिहास साक्षी मित्रो, हर सत्ता के अभिमान का। नग्न हुई द्रोपदी आज फ़िर, माधव क्या फ़िर आओगे। बेजुबान................. रक्षक ही भक्षक बन बैठे, कैसी न्याय व्यवस्था है। है अन्याय चरम सीमा पर, ये शायद युवा अवस्था है। कब तक जनता को बोलो, अब कितना तुम भरमाओगे। बेजुबान............ घर पर रावण पनप रहे हैं, इनका क्या कर पाओगे। स्वरचित/मौलिक सोनी शुक्ला, लखनऊ
- रोटी खाने वाले हो जाएं सावधान देखें इस वीडियो को। क्या आपने कभी सोचा था की रोटी से भी कैंसर हो सकता है? अगर नहीं सोचा था तो इस वीडियो को देखिए और उन सभी लोगों को भेज दीजिए जिन्हें आप प्यार करते हैं।। WhatsApp se jude https://chat.whatsapp.com/EnJlLDKhdq900fBNU3JT4P1
- *संभल जाने के लिए बहन प्रियंका के साथ निकले थे राहुल गांधी* गाजियाबाद पुलिस ने बेरीकेट्स लगा रोका। जाम में फंसे लोगों की , कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से हुई नोकझोक और हॉट टॉक गाजियाबाद के यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी। गाजियाबाद पुलिस ने राहुल गांधी के काफिले को रोका। यूपी गेट बॉर्डर डीएमई पर गाजियाबाद पुलिस ने की बेरिकेटिंग। जाम में फंसे रहे घंटे भर से ज्यादा समय तक हजारों वाहन। महिलाओं और बच्चों के साथ साथ विदेशी नागरिक भी फंसे रहे लंबे जाम में। जाम में फंसे लोग हुए परेशान।1
- Post by #MAA ANANDI NEWS (Anurag Dwivedi)1
- 'असम के होटल, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर बीफ बैन', असम सीएम हिमंता बिस्वा का ऐलान असम के किसी भी होटल या रेस्टोरेंट में अब बीफ नहीं परोसा जा सकेगा. यही नहीं, किसी भी तरह के पब्लिक फंक्शन में भी बीफ की डिशेज नहीं सर्वे की जा सकेंगी. हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने बुधवार को इस बाबत प्रतिबंधों की घोषणा की हिमंता बिस्वा सरमा ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि 'पहले हमारा फैसला मंदिरों के पास गोमांस खाने पर रोक लगाने का था, लेकिन अब हमने इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया है. यानी आप किसी भी सामुदायिक स्थान, सार्वजनिक स्थान, होटल या रेस्तरां में गोमांस नहीं खा सकेंगे.' असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'हमने फैसला किया है कि किसी भी रेस्तरां या होटल में गोमांस नहीं परोसा जाएगा। इसलिए आज से हमने होटलों, रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस की खपत को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है.' राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गोमांस सेवन पर मौजूदा कानून में संशोधन कर नए प्रावधानों को शामिल करने का निर्णय लिया गया.1
- गुमसुदा की तलाश नाम : हर्ष पिताजी का नाम : हरबश कुमार, पता : 113,बलॉक-बी, आदर् कॉलोनी, बलोंगी, एसएएस नगर (मोहाली), पंजाब - 140301 जिस किसी को भी व्यक्ति को कहीं पर भी दिखे तो दिए गए नंबर पर संपर्क करें (95924 03502) सुचना देने वाले को इनाम दिया जाएगा4
- घर घर रावण पनप रहे हैं, इनका क्या कर पाओगे। बे जुवान पुतलों को बोलो, कब तक और जलाओगे । मांग रही बेटी हिसाब है, जिसकी इज्जत चली गई। कलयुग के रावण के हाथों, वह बेबस होकर छली गई। क्या उसकी अस्मत को बोलो, कैसे तुम लौटाओगे। बेजुबान............. वहशी दरिंदे घूम रहे हैं, आज शहर की गलियों में। उपवन क्यों शोर मचा है, दहशत है क्यों कलियों में। उन आवारा भंवरों को, बोलो तुम क्या सजा सुनाओगे। बेजुबान............. झूठ ढिंढोरा पीट रहे हो, तुम नारी के सम्मान का। है इतिहास साक्षी मित्रो, हर सत्ता के अभिमान का। नग्न हुई द्रोपदी आज फ़िर, माधव क्या फ़िर आओगे। बेजुबान................. रक्षक ही भक्षक बन बैठे, कैसी न्याय व्यवस्था है। है अन्याय चरम सीमा पर, ये शायद युवा अवस्था है। कब तक जनता को बोलो, अब कितना तुम भरमाओगे। बेजुबान............ घर पर रावण पनप रहे हैं, इनका क्या कर पाओगे। स्वरचित/मौलिक सोनी शुक्ला, लखनऊ1
- अजित पवार- मैं तो ले रहा… एकनाथ शिंदे- दादा को तो अनुभव है, सुबह भी लेना का,शाम को भी लेने का1
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