रवि रावत की रिपोर्ट जनपद बाराबंकी बाराबंकी: पुलिस व विपक्षियों के उत्पीड़न से तंग आकर युवक ने की आत्महत्या, परिवार ने लगाए गंभीर आरोप बाराबंकी। जनपद के थाना जैदपुर क्षेत्र के ग्राम मऊबरी में पुलिस और विपक्षियों के कथित उत्पीड़न से आहत होकर एक मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के परिजनों ने थानाध्यक्ष जैदपुर व उपनिरीक्षक निर्मल सिंह सहित कई लोगों पर ₹75,000 की अवैध मांग और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी का आरोप लगाया है।मामूली विवाद से बढ़ा मामला मृतक अशोक कुमार पुत्र केशवराम मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे। परिजनों के मुताबिक, 25 सितंबर 2025 को गांव के ही रामू पुत्र नौमी लाल से पैसों के लेन-देन को लेकर उनका विवाद हुआ। आरोप है कि इसके बाद विपक्षियों ने थाना जैदपुर पुलिस से मिलीभगत कर अशोक पर गंभीर धाराओं में झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया।घर में घुसकर मारपीट व अभद्रता परिजनों का कहना है कि उसी रात विपक्षियों ने घर में घुसकर मारपीट की और अशोक कुमार की पत्नी लक्ष्मीवती के साथ अभद्र व्यवहार किया। अगले दिन (26 सितंबर) जब लक्ष्मीवती थाना पहुंचकर तहरीर देने गईं तो पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उसे थाने में ही रोक लिया और अशोक को पकड़कर जेल भेज दिया।75 हजार की मांग और धमकी का आरोप परिवार का आरोप है कि जमानत पर छूटने के बाद जब उन्होंने उच्चाधिकारियों से शिकायत की, तो थानाध्यक्ष जैदपुर व दरोगा निर्मल सिंह नाराज़ हो गए। इसके बाद अशोक से ₹75,000 की मांग की गई और रुपये न देने पर उन्हें NDPS एक्ट जैसे संगीन मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई। आत्महत्या से पहले छोड़ा मैसेज लगातार उत्पीड़न और रुपये की व्यवस्था न कर पाने से अशोक मानसिक दबाव में आ गए। 1 अक्टूबर की रात उन्होंने गांव के बाहर पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उन्होंने एक कागज पर लिखकर और व्हाट्सएप मैसेज भेजकर अपनी मौत के लिए विपक्षी रामू, अरविंद, अमित कुमार (पत्रकार), इंस्पेक्टर संतोष कुमार और दरोगा निर्मल सिंह को जिम्मेदार ठहराया। परिवार की गुहार मृतक के बेटे ने पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को प्रार्थनापत्र देकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने, दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने और परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है। परिजनों का आरोप है कि उन्हें थाना जैदपुर पुलिस से खतरा है, इसलिए थानाध्यक्ष संतोष कुमार व दरोगा निर्मल सिंह को तत्काल हटाया जाए और किसी अन्य थाना प्रभारी को तैनात किया जाए।पोस्टमार्टम हाउस पर हंगामा घटना के बाद मृतक का परिवार पोस्टमार्टम हाउस पर न्याय की उम्मीद लगाए बैठा रहा। उनकी मांग है कि संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर लाइन हाजिर किया जाए। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि त्योहारों की वजह से फिलहाल किसी को हटाया नहीं जा सकता, लेकिन जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। भारी पुलिस बल की तैनाती मौके पर एडिशनल एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी, एडिशनल एसपी उत्तरी रितेश कुमार सिंह, एडिशनल एसपी दक्षिणी, सीओ जैदपुर सौरभ सिंह सहित कई थाना प्रभारी मौजूद रहे। पोस्टमार्टम हाउस और गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। भीम आर्मी बाराबंकी के जिला अध्यक्ष सुभाष चंद्र रावत ने बताया भीम आर्मी बाराबंकी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है
रवि रावत की रिपोर्ट जनपद बाराबंकी बाराबंकी: पुलिस व विपक्षियों के उत्पीड़न से तंग आकर युवक ने की आत्महत्या, परिवार ने लगाए गंभीर आरोप बाराबंकी। जनपद के थाना जैदपुर क्षेत्र के ग्राम मऊबरी में पुलिस और विपक्षियों के कथित उत्पीड़न से आहत होकर एक मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के परिजनों ने थानाध्यक्ष जैदपुर व उपनिरीक्षक निर्मल सिंह सहित कई लोगों पर ₹75,000 की अवैध मांग और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी का आरोप लगाया है।मामूली विवाद से बढ़ा मामला मृतक अशोक कुमार पुत्र केशवराम मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे। परिजनों के मुताबिक, 25 सितंबर 2025 को गांव के ही रामू पुत्र नौमी लाल से पैसों के लेन-देन को लेकर उनका विवाद हुआ। आरोप है कि इसके बाद विपक्षियों ने थाना जैदपुर पुलिस से मिलीभगत कर अशोक पर गंभीर धाराओं में झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया।घर में घुसकर मारपीट व अभद्रता परिजनों का कहना है कि उसी रात विपक्षियों ने घर में घुसकर मारपीट की और अशोक कुमार की पत्नी लक्ष्मीवती के साथ अभद्र व्यवहार किया। अगले दिन (26 सितंबर) जब लक्ष्मीवती थाना पहुंचकर तहरीर देने गईं तो पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उसे थाने में ही रोक लिया और अशोक को पकड़कर जेल भेज दिया।75 हजार की मांग और धमकी का आरोप परिवार का आरोप है कि जमानत पर छूटने के बाद जब उन्होंने उच्चाधिकारियों से शिकायत की, तो थानाध्यक्ष जैदपुर व दरोगा निर्मल सिंह नाराज़ हो गए। इसके बाद अशोक से ₹75,000 की मांग की गई और रुपये न देने पर उन्हें NDPS एक्ट जैसे संगीन मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई। आत्महत्या से पहले छोड़ा मैसेज लगातार उत्पीड़न और रुपये की व्यवस्था न कर पाने से अशोक मानसिक दबाव में आ गए। 1 अक्टूबर की रात उन्होंने गांव के बाहर पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उन्होंने एक कागज पर लिखकर और व्हाट्सएप मैसेज भेजकर अपनी मौत के लिए विपक्षी रामू, अरविंद, अमित कुमार (पत्रकार), इंस्पेक्टर संतोष कुमार और दरोगा निर्मल सिंह को जिम्मेदार ठहराया। परिवार की गुहार मृतक के बेटे ने पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को प्रार्थनापत्र देकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने, दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने और परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है। परिजनों का आरोप है कि उन्हें थाना जैदपुर पुलिस से खतरा है, इसलिए थानाध्यक्ष संतोष कुमार व दरोगा निर्मल सिंह को तत्काल हटाया जाए और किसी अन्य थाना प्रभारी को तैनात किया जाए।पोस्टमार्टम हाउस पर हंगामा घटना के बाद मृतक का परिवार पोस्टमार्टम हाउस पर न्याय की उम्मीद लगाए बैठा रहा। उनकी मांग है कि संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर लाइन हाजिर किया जाए। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि त्योहारों की वजह से फिलहाल किसी को हटाया नहीं जा सकता, लेकिन जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। भारी पुलिस बल की तैनाती मौके पर एडिशनल एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी, एडिशनल एसपी उत्तरी रितेश कुमार सिंह, एडिशनल एसपी दक्षिणी, सीओ जैदपुर सौरभ सिंह सहित कई थाना प्रभारी मौजूद रहे। पोस्टमार्टम हाउस और गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। भीम आर्मी बाराबंकी के जिला अध्यक्ष सुभाष चंद्र रावत ने बताया भीम आर्मी बाराबंकी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है
- Post by Anoopshukla1
- Post by Rakesh kumar Rakesh1
- मिट्टी के बने इंसान आज़ Filter की खुबसूरती पर गुरुर करते हैं..!!1
- Post by Brijesh Kumar Singh2
- बृजभूषण शरण सिंह को मिला अनोखा उपहार कीमत जानकर चौंक जाएंगे आप1
- मा.हाईकोर्ट केआदेश(डायरेक्शन )को नहीं मानते तहसीलदार( न्यायिक) - गोण्डा-ग्राम सालपुर सेमरा निवासी अरूणकुमार ने बताया कि हमारे चक के बगल गाटा सं.542 चकमार्ग के रूप में स्थित है।जिसको ग्राम के मलखान पुत्र तिलक राम व मालिक राम पुत्र बैज्जू ने पक्का मकान बनवाकर चकमार्ग पर अतिक्रमण कर लिया। के विरुद्ध चकमार्ग गाटा संख्या 542 /0.032 हेक्टर स्थित ग्राम सालपुर सेमरा परगना तहसील गोंडा तहसीलदार न्यायिक गोंडा सदर के यहां 67(1) / 115C की कार्यवाही का मुकदमा विचाराधीन है । जिसमें हाईकोर्ट का डायरेक्शन (Direction)लगा हैं। डायरेक्शन की अवधि समाप्त हुए डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी तहसीलदार न्यायिक द्वारा अतिक्रमण हटाने का आदेश नहीं किया गया। तथा अवैध कब्जेदारो से अनुचित लाभ लेकर विवादित गाटा संख्या 542 पर अवैध निर्माण नहीं हटवाया गया। जिसमें ग्राम प्रधान और हल्का लेखपाल संदीप वर्मा की भी संलिप्तता है। जिसमें ग्राम प्रधान मुन्नालाल तिवारी द्वारा खङंजा निर्माण कराया जा रहा है। मा. हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन जानबूझकर तहसील न्यायिक व सम्बंधित हल्का लेखपाल संदीप वर्मा आदि मिलकर कर रहे हैं। रिपोर्टर अजीत यादव4
- Post by Anoopshukla1
- बृजभूषण शरण सिंह को मिला अनोखा उपहार कीमत जानकर चौंक जाएंगे आप1
- kya Karen yaar tum to chha gaye ho1