युवराज सिंह मीणा गुना/मधुसूदनगढ़ दिनदहाड़े सागौन तस्करों ने वनकर्मियों पर किया जानलेवा हमला: मधुसूदनगढ़ वन मंडल में बड़ी वारदात, सेफ्टी जाल ने बचाई जान स्थान: मधुसूदनगढ़, जिला गुना मधुसूदनगढ़ वन मंडल के उकावद–सुठालिया मार्ग पर दिन के समय उस वक्त हड़कंप मच गया जब सागौन तस्करी की सूचना पर कार्रवाई करने गई वन विभाग की दो गाड़ियों पर लगभग 16 से 19 बाइक सवार तस्करों ने घात लगाकर जानलेवा हमला कर दिया। तस्करों ने धारदार हथियारों और सागौन काटने वाली कुल्हाड़ियों से कर्मचारियों पर हमला किया। सेफ्टी जाल बना जीवन रक्षक हमले के समय वन विभाग की दो सरकारी गाड़ियाँ मौके पर मौजूद थीं। तस्करों ने इन गाड़ियों को चारों ओर से घेरकर हमला किया। सेफ्टी जाल की वजह से वनकर्मियों की जान बच सकी, वरना हमला जानलेवा हो सकता था। जंगल में तस्करी की सूचना के बाद पहुंची थी टीम वन विभाग को जानकारी मिली थी कि नसीरपुर, करोंदी और संग्रामपुर के जंगलों में बड़े पैमाने पर सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई हो रही है। बताया गया कि तस्कर हर दो दिन में करीब 300 पेड़ काट रहे थे। इसी सूचना के आधार पर बनवीबाग रेंज के वनकर्मी दो विभागीय गाड़ियों से मौके पर रवाना हुए थे। सागौन काटने वाली कुल्हाड़ी से किया हमला तस्करों ने वही धारदार कुल्हाड़ियाँ और लाठियाँ वनकर्मियों पर इस्तेमाल कीं, जिनसे वे सागौन के पेड़ काटते हैं। यह पूरी घटना दिनदहाड़े हुई, जब मार्ग से लोग आना-जाना कर रहे थे। पूरा जंगल हो चुका है साफ, संगठित गिरोह सक्रिय स्थानीय सूत्रों के अनुसार, करोंदी, नसीरपुर और संग्रामपुर के जंगलों में सैकड़ों सागौन के पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं। यह कोई सामान्य तस्करी नहीं, बल्कि संगठित गिरोह का काम है जो बाइक के माध्यम से जंगल में आता है और तेजी से कटाई कर लेता है। वन विभाग एवं पुलिस प्रशासन की पुष्टि – हमलावरों की पहचान हुई, जल्द होगी कार्रवाई वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि तस्करों की पहचान हो गई है और जल्द ही पुलिस के सहयोग से गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों पर इस प्रकार का हमला गंभीर अपराध है और इसमें सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा। जनता में आक्रोश, NSA जैसी कड़ी कार्रवाई की मांग इस घटना के बाद ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और पर्यावरण प्रेमियों में भारी आक्रोश है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि हमलावर तस्करों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और भारतीय वन अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की जाए। 📢 जनता से अपील: यदि आपको सागौन तस्करी से जुड़ी कोई भी सूचना मिले, तो तत्काल वन विभाग या पुलिस को सूचित करें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने जंगल और पर्यावरण को सुरक्षित रखें।
युवराज सिंह मीणा गुना/मधुसूदनगढ़ दिनदहाड़े सागौन तस्करों ने वनकर्मियों पर किया जानलेवा हमला: मधुसूदनगढ़ वन मंडल में बड़ी वारदात, सेफ्टी जाल ने बचाई जान स्थान: मधुसूदनगढ़, जिला गुना मधुसूदनगढ़ वन मंडल के उकावद–सुठालिया मार्ग पर दिन के समय उस वक्त हड़कंप मच गया जब सागौन तस्करी की सूचना पर कार्रवाई करने गई वन विभाग की दो गाड़ियों पर लगभग 16 से 19 बाइक सवार तस्करों ने घात लगाकर जानलेवा हमला कर दिया। तस्करों ने धारदार हथियारों और सागौन काटने वाली कुल्हाड़ियों से कर्मचारियों पर हमला किया। सेफ्टी जाल बना जीवन रक्षक हमले के समय वन विभाग की दो सरकारी गाड़ियाँ मौके पर मौजूद थीं। तस्करों ने इन गाड़ियों को चारों
ओर से घेरकर हमला किया। सेफ्टी जाल की वजह से वनकर्मियों की जान बच सकी, वरना हमला जानलेवा हो सकता था। जंगल में तस्करी की सूचना के बाद पहुंची थी टीम वन विभाग को जानकारी मिली थी कि नसीरपुर, करोंदी और संग्रामपुर के जंगलों में बड़े पैमाने पर सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई हो रही है। बताया गया कि तस्कर हर दो दिन में करीब 300 पेड़ काट रहे थे। इसी सूचना के आधार पर बनवीबाग रेंज के वनकर्मी दो विभागीय गाड़ियों से मौके पर रवाना हुए थे। सागौन काटने वाली कुल्हाड़ी से किया हमला तस्करों ने वही धारदार कुल्हाड़ियाँ और लाठियाँ वनकर्मियों पर इस्तेमाल कीं, जिनसे वे
सागौन के पेड़ काटते हैं। यह पूरी घटना दिनदहाड़े हुई, जब मार्ग से लोग आना-जाना कर रहे थे। पूरा जंगल हो चुका है साफ, संगठित गिरोह सक्रिय स्थानीय सूत्रों के अनुसार, करोंदी, नसीरपुर और संग्रामपुर के जंगलों में सैकड़ों सागौन के पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं। यह कोई सामान्य तस्करी नहीं, बल्कि संगठित गिरोह का काम है जो बाइक के माध्यम से जंगल में आता है और तेजी से कटाई कर लेता है। वन विभाग एवं पुलिस प्रशासन की पुष्टि – हमलावरों की पहचान हुई, जल्द होगी कार्रवाई वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि तस्करों की पहचान हो गई है और जल्द ही पुलिस के सहयोग से
गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों पर इस प्रकार का हमला गंभीर अपराध है और इसमें सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा। जनता में आक्रोश, NSA जैसी कड़ी कार्रवाई की मांग इस घटना के बाद ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और पर्यावरण प्रेमियों में भारी आक्रोश है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि हमलावर तस्करों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और भारतीय वन अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की जाए। 📢 जनता से अपील: यदि आपको सागौन तस्करी से जुड़ी कोई भी सूचना मिले, तो तत्काल वन विभाग या पुलिस को सूचित करें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने जंगल और पर्यावरण को सुरक्षित रखें।
- User1852Jamui, Bihar🙏on 4 August
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- सीहोर: निजी कंपनी ने लाखों खर्च कर नदी पर बनाया रास्ता, जिम्मेदारों पर उठे सवाल कोलार नदी पर जर्जर पुल की मरम्मत नहीं, निजी कंपनी ने कर दिया कार्य भैरुंदा । जब जिम्मेदार विभाग आंख मूंदे बैठे रहे, तब एक निजी कंपनी ने सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए मिसाल पेश की है। भैरुंदा तहसील से करीब 15 किलोमीटर दूर कोलार नदी पर निजी कंपनी यूफोरिया माइंस एंड मिनरल्स कंसोर्टियम एवं पावर मैक प्रा.लि. द्वारा लगभग करीब ₹25 से 30 लाख रुपये की लागत से अस्थायी रास्ता तैयार किया गया है। यह अस्थायी मार्ग करीब 500 मीटर लंबा है। जो ग्राम छिदगांव, बड़गांव, आंबा, बाबरी, डीमावर, खडग़ांव को तहसील मुख्यालय से जोड़ता है। वर्ष 2009 में यह पुल बना था। लेकिन अब यह पुल के पूरी तरह जर्जर हो जाने के बावजूद संबंधित विभाग द्वारा आज तक कोई ठोस मरम्मत नहीं कराई गई। जिससे ग्रामीणों को हर वर्ष बारिश के मौसम में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। कंपनी द्वारा खोपरा, मिट्टी, मुरम और गिट्टी डालकर चार लाइन का मार्ग बनाया गया है। साथ ही पानी की निकासी के लिए 24 पुलियों का निर्माण भी किया गया है। कंपनी ने यह कार्य मात्र 24 घँटे में कर दिया। जिसके बाद अब कंपनी के इस कार्य की सराहना हो रही है। इस कार्य मे कंपनी के जनरल मैनेजर विनोद कुमार, मैनेजर दिनेश कुमार, मैनेजर रमेश अन्ना, राहुल रघुवंशी की महत्वपूर्ण भूमिका है। ग्राम पंचायत छिदगांव काछी के सरपंच उदयराम कुशवाह ने भी बताया कि नदी पर बना पुराना पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है जिसे आवागमन में परेशानी होती है। वही रेत कंपनी ने रास्ता बनाया गया यह काबिलेतारीफ है। वही कंपनी के जनरल मैनेजर विनोद कुमार ने बताया कि कोलार नदी पर बना पुल पूरी तरह खराब हो चुका है। ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए कंपनी ने यह अस्थायी व्यवस्था की है। ताकि आवागमन बाधित न हो। उन्होंने बताया कि 2022 में भी कंपनी द्वारा इस मार्ग की मरम्मत कराई गई थी। बारिश के दौरान नदी का जलस्तर बढ़ने से यह मार्ग हर साल बंद हो जाता है। जिससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक कार्यों के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कंपनी की इस पहल से क्षेत्र में राहत मिली है और स्थानीय लोग इसकी सराहना कर रहे हैं, वहीं जिम्मेदार विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।1
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- कितना पैसा कमाना है की आप को मरे 30 दिन 😭 हो गए आपकी पत्नी मानसिक रोगी उसको मरे 4 दिन हो चुके आपके कोई हाल चाल लेने नहीं आ रहा😭😭 ओर आपके शवों की इतनी बुरी हालत की आपके अंदर कुछ नहीं बचा।। भगवान ऐसी मौत कभी किसी पति पत्नी को ना दे।। दो बच्चे दोनों अमेरिका लाखों डॉलर का पैकेज, पर मां बाप के लिए समय नहीं करोड़ों के घर में एक ही कमरे में दोनों पति पत्नी की लाश इतनी भयावह हालत में की हर किसी की रूह कांप जाए देख कर।।दाह संस्कार भी लोगो ने किया । 😭इंदौर की दिल दहला देने वाली घटना 😭।। वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें लाइक करें और कमेंट में अपनी राय जरुर दें।1
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