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AI के सहारे चल रही है देश की बयानबाजी, तू डाल डाल तो मैं पात पात, कांग्रेस ने मोदी का चाय वाला वीडियो बनाया तो बीजेपी ने राहुल के आलू से सोना बनाने और अखिलेश को टोटी चोर दिखलाया.... पूरी डिबेट देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें:- https://www.facebook.com/share/v/16nsXfNCEP/
Rajpath News
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- उत्तर गोवा के अर्पोरा गांव में एक नाइटक्लब में सिलेंडर ब्लास्ट से भयानक आग लग गई, जिसमें दर्जनों लोगों की जान चली गई. घटना पर पीएमओ ने मुआवजे का ऐलान किया है. यह हादसा राज्य की राजधानी पणजी से लगभग 25 किलोमीटर दूर बिर्च बाय रोमियो लेन में आधी रात के बाद हुआ1
- *15 साल बाद नहर की सफाई, लेकिन 15 लाख की लीपापोती का आरोप* लोकेशन -- सालीवाड़ा/भोमा संवाददाता - मोहित यादव जिला ब्यूरो चीफ़ सिवनी *9584667143* *किसानों ने किया खुलासा—ग्राउंड जीरो पर साफ दिखी अनियमितताएँ, विभाग पर उठे सवाल* *भोमा/सिवनी*। जिले के ग्राम सालीवाड़ा में नहर की सफाई को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। ग्रामीणों के अनुसार करीब 15 वर्षों बाद नहर की सफाई के नाम पर लगभग 15 लाख रुपये का कार्य दिखाया गया, लेकिन मौके की स्थिति इस दावे से बिल्कुल उलट दिखाई देती है।जब हमारे संवाददाता ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर हालात का जायज़ा लिया, तो किसानों ने अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रखा। स्थानीय किसानों का कहना है कि नहरों में सिर्फ ऊपर-ऊपर से सफाई का काम दिखाया गया है, वहीं कई हिस्सों में तो मिट्टी और झाड़ियां जस की तस पड़ी हुई हैं। किसानों के मुताबिक, विभाग द्वारा दावा किए गए खर्च और कार्य की वास्तविक स्थिति के बीच बड़ा अंतर दिखाई देता है।ग्रामीणों ने बताया कि पानी की सप्लाई वर्षों से बाधित है, और नहरों में जमा सिल्ट हटाने के बजाय सिर्फ सीमित हिस्सों में औपचारिकता निभाई गई। कई जगहों पर नहर की दीवारें टूटी हुई हैं, जिससे पानी का रिसाव लगातार होता है। किसानों का कहना है कि यदि नहर की सही तरीके से सफाई व मरम्मत होती, तो खेतों तक पानी पहुंचने में काफी सुधार हो सकता था।इस मामले में ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा है कि खर्च का वास्तविक विवरण सार्वजनिक किया जाए तथा स्थल निरीक्षण कर वास्तविक स्थिति का आकलन किया जाए।ग्रामीण अब उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नहर की वास्तविक सफाई और मरम्मत कराए, ताकि आगामी रबी सीजन में सिंचाई सुचारू रूप से हो सके।1
- पेंच टाइगर रिजर्व में बाघों का बढ़ता कुनबा—जुगनू बाघिन पाँच शावकों संग कैमरे में कैद..1
- नरसिंहपुर जिला कलेक्टर रजनी सिंह के निर्देश में, धान तुलाई केंद्रों पर कार्य जारी हुआ,, गाडरवारा तहसील के अंतर्गत,1
- https://youtu.be/kieSPvJQolM?si=qZWTa_GBqpPxCe86 Gadarwara सांईखेड़ा पुलिस ने 2 लाख 20 हजार रु, का गांजा जप्त कर एक आरोपी को हिरासत में लिया1
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- भोपाल बड़े तालाब में सौगात दी गई मुख्यमंत्री द्वारा महापौर मालती राय का भी अच्छा कार्य।।।1
- नशा मुक्त भारत—संस्कारों की उस पाठशाला की ओर एक कदम समाज का भविष्य स्कूलों की चारदीवारी में पनपता है। बच्चे केवल पाठ्यपुस्तक से नहीं, बल्कि आसपास दिखने वाले आचरण, प्रेरणा और वातावरण से सीखते हैं। ऐसे समय में जब नशा नई पीढ़ी के लिए एक मूक खतरे की तरह फैल रहा है, गाडरवारा तहसील के विद्यालयों में आयोजित नशा मुक्त भारत अभियान एक महत्वपूर्ण पहल बनकर उभरा है। ओम शांति प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सहयोगी संस्थान राजयोग एंड रिसर्च फाउंडेशन का मेडिकल विंग जब कुंभकरण की झांकी, प्रेरक वीडियो और आध्यात्मिक संदेशों के साथ न्यू एरा, न्यू एज, आदित्य पब्लिक स्कूल और पी.जी. कॉलेज पहुंचा, तो यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था—यह बच्चों के हृदय में बोया गया जागरूकता का बीज था। कुंभकरण की झांकी ने एक महत्वपूर्ण संकेत दिया—नशा मनुष्य को भीतर से सोता हुआ बना देता है। इच्छाशक्ति समाप्त होती है, लक्ष्य धुंधले हो जाते हैं, और जीवन दिशाहीन। आदरणीय प्रीति दीदी द्वारा कराई गई प्रतिज्ञाएँ उस नींद से जागने का आह्वान थीं—कि स्वयं भी नशे से दूर रहें और परिवार व समाज को भी नशामुक्त बनाने का संकल्प लें।पी.एस. कौरव, प्राचार्य—पी.जी. कॉलेज—ने अपने उद्बोधन में इसी चिंता को स्वर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि युवा पीढ़ी को अगर सुरक्षित भविष्य देना है तो उन्हें अभी से सही दिशा में प्रेरित करना होगा। शिक्षा तभी सार्थक है जब वह जीवन को बचाने और संवारने का कार्य करे। आज आवश्यकता केवल अभियानों की नहीं, बल्कि निरंतर प्रेरणा की है—स्कूलों में, घरों में, समाज में। नशे के खिलाफ लड़ाई केवल कानून या अस्पतालों की नहीं है; यह हर परिवार, हर शिक्षक, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यदि यह जागरूकता बच्चों के मन में थोड़ी भी हलचल पैदा करती है, तो यह अभियान सफल माना जाएगा। क्योंकि परिवर्तन हमेशा छोटे कदमों से शुरू होता है—और गाडरवारा से उठाया गया यह कदम आने वाले समय में कई जीवन बचा सकता है।4