आज इन्दिरा गांधी कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधित करते हुए जन नायक - राहुल गाँधी जी ने मोहन भागवत को देशद्रोही करार देकर बिल्कुल सही किया है, जो मानते हैं कि देशभक्ति और राष्ट्रवाद का ठेका उन्हीं ने ले रखा है। भागवत ने राम मंदिर की स्थापना को ही सच्ची आज़ादी बताया था। उसी दिन को प्रतिष्ठा द्वादशी मनाने के लिए कहा था, वो 1947 में मिली आज़ादी को केवल राजनीतिक आज़ादी बता रहे हैं। लेकिन राहुल गाँधी जी ने इसे आज़ादी के लिए लड़ने वालों का अपमान बताया है, उन्होंने साफ़ कहा है कि ये भागवत का मतलब है कि संविधान अवैध है और अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई भी अवैध है। वास्तव में भागवत ने जाने-अनजाने अपनी और अपने संघ परिवार की पोल खोल दी है। उनके बयान ने जगज़ाहिर कर दिया है कि संघ परिवार आज़ादी की लड़ाई को नहीं स्वीकारते और न ही संविधान को। ये भागवत के पुरखों की ही सोच था और इतने सालों बाद भी उनके मन में ना केवल ज़िंदा है बल्कि अब वे उसे लागू करने के लिए उतावले हो रहे हैं। यानी संविधान और आरक्षण को ख़तरे के बारे में जो संदेह प्रकट किए जा रहे थे वे सौ फ़ीसदी सही हैं। - पराग प्रसाद रावत राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय राजीव गांधी विचार मंच
आज इन्दिरा गांधी कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधित करते हुए जन नायक - राहुल गाँधी जी ने मोहन भागवत को देशद्रोही करार देकर बिल्कुल सही किया है, जो मानते हैं कि देशभक्ति और राष्ट्रवाद का ठेका उन्हीं ने ले रखा है। भागवत ने राम मंदिर की स्थापना को ही सच्ची आज़ादी बताया था। उसी दिन को प्रतिष्ठा द्वादशी मनाने के लिए कहा था, वो 1947 में मिली आज़ादी को केवल राजनीतिक आज़ादी बता रहे हैं। लेकिन राहुल गाँधी जी ने इसे आज़ादी के लिए लड़ने वालों का अपमान बताया है, उन्होंने साफ़ कहा है कि ये भागवत का मतलब है कि संविधान अवैध है और अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई भी अवैध है। वास्तव में भागवत ने जाने-अनजाने अपनी और अपने संघ परिवार की पोल खोल दी है। उनके बयान ने जगज़ाहिर कर दिया है कि संघ परिवार आज़ादी की लड़ाई को नहीं स्वीकारते और न ही संविधान को। ये भागवत के पुरखों की ही सोच था और इतने सालों बाद भी उनके मन में ना केवल ज़िंदा है बल्कि अब वे उसे लागू करने के लिए उतावले हो रहे हैं। यानी संविधान और आरक्षण को ख़तरे के बारे में जो संदेह प्रकट किए जा रहे थे वे सौ फ़ीसदी सही हैं। - पराग प्रसाद रावत राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय राजीव गांधी विचार मंच
- कई विभाजनकारी ताकतें, जिनका आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था, उन्होंने बाद में संविधान, तिरंगा, अशोक चक्र से लेकर समाज की प्रगति के लिए बन रहे कायदे-कानूनों तक का विरोध किया। RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- जब राम मंदिर बना, तब देश को आजादी मिली। वहीं नरेंद्र मोदी को लगता है कि जब 2014 में वे प्रधानमंत्री बने, तब देश को आजादी मिली। यह शर्म की बात है। RSS-BJP के लोगों को आजादी का दिन इसलिए याद नहीं, क्योंकि उन लोगों ने देश की आजादी में कोई योगदान नहीं दिया। कांग्रेस को आजादी इसलिए याद है, क्योंकि हमारे लोगों ने आजादी के लिए अपनी जान दी, ठोकरें खाईं और घर छोड़े। इसलिए मैं मोहन भागवत जी के बयान की निंदा करता हूं - मल्लिकार्जुन खड़गे जी1
- मथुरा के वृंदावन में पर्यटक सुविधा केंद्र में खड़ी टूरिस्ट बस में मंगलवार को अचानक आग लग गई। जिसमें तेलंगाना निवासी द्रुपद की मौत हो गई और कई यात्री बुरी तरह से झुलस गए हैं। शीशा तोड़कर यात्रियों ने जान बचाई है। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। फायर सेफ्टी सिस्टम से आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। बस तेलंगाना के श्रद्धालुओं को महाकुंभ में स्नान कराकर लौट रही थी। बताया जा रहा वृंदावन में सिगरेट जलाने से यह हादसा हुआ है। बस में खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर रखे थे, जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। दमकल कर्मियों ने बस की आग बुझाई और अंदर देखा तो एक श्रद्धालु का कंकाल मिला। बस के समीप यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था में लगे बस मालिक के भाई ने बताया कि बुजुर्ग श्रद्धालु बीमार था, इस वजह से वह 50 अन्य यात्रियों के साथ मंदिर दर्शन करने नहीं जा सका। वह पीछे की सीट पर बैठकर बीड़ी पी रहा था तभी अचानक बस में आग लग गई और उसे निकालने का मौका नहीं मिला।1
- Post by Sameer ahmad1
- Post by Balvant singh Press1
- मानो या न मानो मैं समय (Ten+sion=Tension) हूँ (AWGP, रायबरेली🇮🇳 उत्तर प्रदेश भारत वर्ष) INDIA🇮🇳🇮🇳🇮🇳1
- श्री शीतला माता मंदिर प्रांगण अहिया रायपुर रायबरेली उत्तर प्रदेश प्रथम खाटू श्याम मंदिर निर्माण1
- Dosti sabse hae but yakeen kishi pr nhi karta may💪 Follow me for more fitness tips 🙌1
- आज इन्दिरा गांधी कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधित करते हुए जन नायक - राहुल गाँधी जी ने मोहन भागवत को देशद्रोही करार देकर बिल्कुल सही किया है, जो मानते हैं कि देशभक्ति और राष्ट्रवाद का ठेका उन्हीं ने ले रखा है। भागवत ने राम मंदिर की स्थापना को ही सच्ची आज़ादी बताया था। उसी दिन को प्रतिष्ठा द्वादशी मनाने के लिए कहा था, वो 1947 में मिली आज़ादी को केवल राजनीतिक आज़ादी बता रहे हैं। लेकिन राहुल गाँधी जी ने इसे आज़ादी के लिए लड़ने वालों का अपमान बताया है, उन्होंने साफ़ कहा है कि ये भागवत का मतलब है कि संविधान अवैध है और अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई भी अवैध है। वास्तव में भागवत ने जाने-अनजाने अपनी और अपने संघ परिवार की पोल खोल दी है। उनके बयान ने जगज़ाहिर कर दिया है कि संघ परिवार आज़ादी की लड़ाई को नहीं स्वीकारते और न ही संविधान को। ये भागवत के पुरखों की ही सोच था और इतने सालों बाद भी उनके मन में ना केवल ज़िंदा है बल्कि अब वे उसे लागू करने के लिए उतावले हो रहे हैं। यानी संविधान और आरक्षण को ख़तरे के बारे में जो संदेह प्रकट किए जा रहे थे वे सौ फ़ीसदी सही हैं। - पराग प्रसाद रावत राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय राजीव गांधी विचार मंच1