*आराम उन्हें मिलता है जो राम के पास होते है* धर्म-ध्यान, आराधना करने से दोनों भव सुधरेंगे -- मुनिश्री सजग सागर मुनिराज वैराग्य की चिंगारी लग जाएं तो आपकी दशा और दिशा दोनों बदल जाएगी -- मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज साढ़े अठारह हजार साल का पंचम काल और शेष है। आजकल कुछ लोग धर्म से दूरी बनाए हुए हैं। धर्म के कारण मनुष्य भव और जैन कुल मिला है। इस भव में धर्म करोंगे तो अगला भव सुधर जाएगा। धर्म आराधना करने से पुण्य का संचय होगा।अधिक से अधिक समय धर्म आराधना में लगाएं।सोलहकारण भावना के माध्यम से मोक्ष की तैयारी कर रहे है हम मोक्ष मार्ग में चलकर भविजन मिथ्यात्व को त्याग कर सम्यकत्व प्राप्त कर लेते है। यह संसार अनादिकाल से इसी प्रकार से चलता आ रहा है। मोह को हटा कर समता लाना होगी। वैराग्य की चिंगारी लग जाएं तो आपकी दशा और दिशा दोनों बदल जाएगी। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजमान आचार्य आर्जव सागर मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री सजग सागर जी एवं मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने लोक कल्याण सोलह कारण महामंडल विधान के अवसर पर आशीष वचन देते हुए कही। बुधवार को राजेंद्र कुमार नरेंद्र कुमार गंगवाल के निवास से समाज के प्रमुखजन भादों मास की अष्ट द्रव्य की पूजा गाजे-बाजे के साथ निकालकर किला मंदिर पर पहुंचे। पंडित प्रदीप शास्त्री बीना वाले ने सभी को इस विधान में शामिल होने को कहा।मुनिश्री सजग सागर मुनिराज ने कहा लोक कल्याण सोलह कारण महामंडल विधान चल रहा है। शक्ति, तप-त्याग, भावना की आज आराधना की। जितना हो सके उतना त्याग अवश्य करें। सभी अपनी-अपनी शक्ति अनुसार त्याग करें, शक्ति को छुपाएं नहीं। आप अनुवर्ती, व्रती बनकर सम्यकदृष्टि बनों।सम्यकदृष्टि को भोजन कराने से पुण्य अर्जित होगा। अस्पताल में कोई दवा के अभाव में तड़प रहा हैं, उसे दवा दिला दी तो औषधि दान हो जाएगा। मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने सागर के वीरेंद्र कुमार का वृत्तांत सुनाते हुए कहा माता-पिता की सेवा करते हुए वैराग्य की भावना प्रज्जवलित हो रही थी। वह नैनागिर पहुंचे, आचार्य विद्यासागर मुनिराज के पास और बी टेक करने वाले इस युवक ने दीक्षा की भावना भाई। मुनिश्री सानंद सागर जी ने कहा जिसको वैराग्य आजाएं, उसे कोई नहीं रोक सकता है। भक्त की भक्ति के आगे भगवान को भी रुकना पड़ता है। वैराग्य में वह शक्ति है कि रुक नहीं सकते। आचार्य विद्यासागर मुनिराज ने मजबूरी में वीरेंद्र कुमार को क्षुल्लक दीक्षा दी। शरीर से परिपक्व नहीं थे, लेकिन अंतरंग से आप परिपक्व थे। मुनि बनकर अंतरंग से खूब तपस्या की। अनुष्ठान तो निमित्त है, उसके बाद भी नहीं जाग पाएं तो जीवन व्यर्थ है। वीरेंद्र कुमार ने सागर में समाधि मरण कर आत्म कल्याण किया। मुनिश्री ने राग से वैराग्य की और पर आशीष वचन दिए। ठगियो की टोली से मोह नही करना। देव, शास्त्र, गुरु से मोह करना है। इस पंचम काल मे मोक्ष नहीं है, फिर भी हम उनकी आराधना भक्ति पूजा करके उनके द्वारा बताये मार्ग पर चलकर उनके मार्ग को अनुशरण करते है। जो साधना कर रहा है, उसका फल उसे ही मिलेगा, किसी दूसरे को नही। संयम के प्रति अनुराग रखे, छोटी-छोटी सी घटना से भी वैराग्य हो जाता हैं। हमारे अंदर अनादिकाल से राग रूपी कर्म बैठा है वह हमे वैराग्य नही होने देता है। बहते पानी की तरह नदी की तरह रहो तालाब का रुका हुआ पानी सड़ जाता है, काम का नही होता रुकने में सार नही। जब तक अंतरंग में वैराग्य न आ जाये तब तक संयम के मार्ग को छोड़े नही। जिसके जीवन में गुरु नही उसका जीवन शुरू नही। कास्ट की नोका पर बैठ जाओ पत्थर की नाव डूबा देती है। विषयों के प्रति राग छोड़ दो, सबसे बड़ा दुःख शास्त्रों से राग नही होना है। सुख चाहते हो तो पंचेन्द्रिय के विषयों को छोड़ दो, उनका त्याग करने का कहा गया है। जब तक त्याग नही तब तक मुक्ति नही मिल सकती। हमारे पास त्याग करने लायक कुछ भी नही है।राग भी है, द्वेष भी है, मोह भी है और इन सभी के बीच मे हम उलझे हुए है। आत्मा की शक्ति तो वैरागी ही पहचान सकता है, जिस दिन आत्मा की शक्ति पहचान लोगे उस दिन यहां नही रहोगे। पुरुषार्थ करे जब जागो तब सवेरा, रागी व्यक्ति जीवन में कभी आराम नही पा सकता, आराम उन्हें मिलता है जो राम के पास होते है।
*आराम उन्हें मिलता है जो राम के पास होते है* धर्म-ध्यान, आराधना करने से दोनों भव सुधरेंगे -- मुनिश्री सजग सागर मुनिराज वैराग्य की चिंगारी लग जाएं तो आपकी दशा और दिशा दोनों बदल जाएगी -- मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज साढ़े अठारह हजार साल का पंचम काल और शेष है। आजकल कुछ लोग धर्म से दूरी बनाए हुए हैं। धर्म के कारण मनुष्य भव और जैन कुल मिला है। इस भव में धर्म करोंगे तो अगला भव सुधर जाएगा। धर्म आराधना करने से पुण्य का संचय होगा।अधिक से अधिक समय धर्म आराधना में लगाएं।सोलहकारण भावना के माध्यम से मोक्ष की तैयारी कर रहे है हम मोक्ष मार्ग में चलकर भविजन मिथ्यात्व को त्याग कर सम्यकत्व प्राप्त कर लेते है। यह संसार अनादिकाल से इसी प्रकार से चलता आ रहा है। मोह को हटा कर समता लाना होगी। वैराग्य की चिंगारी लग जाएं तो आपकी दशा और दिशा दोनों बदल जाएगी। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजमान आचार्य आर्जव सागर मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री सजग सागर जी एवं मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने लोक कल्याण सोलह कारण महामंडल विधान के अवसर पर आशीष वचन देते हुए कही। बुधवार को राजेंद्र कुमार नरेंद्र कुमार गंगवाल के निवास से समाज के प्रमुखजन भादों मास की अष्ट द्रव्य की पूजा गाजे-बाजे के साथ निकालकर किला मंदिर पर पहुंचे। पंडित प्रदीप शास्त्री बीना वाले ने सभी को इस विधान में शामिल होने को कहा।मुनिश्री सजग सागर मुनिराज ने कहा लोक कल्याण सोलह कारण महामंडल विधान चल रहा है। शक्ति, तप-त्याग, भावना की आज आराधना की। जितना हो सके उतना त्याग अवश्य करें। सभी अपनी-अपनी शक्ति अनुसार त्याग करें, शक्ति को छुपाएं नहीं। आप अनुवर्ती, व्रती बनकर सम्यकदृष्टि बनों।सम्यकदृष्टि को भोजन कराने से पुण्य अर्जित होगा। अस्पताल में कोई दवा के अभाव में तड़प रहा हैं, उसे दवा दिला दी तो औषधि दान हो जाएगा। मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने सागर के वीरेंद्र कुमार का वृत्तांत सुनाते हुए कहा माता-पिता की सेवा करते हुए वैराग्य की भावना प्रज्जवलित हो रही थी। वह नैनागिर पहुंचे, आचार्य विद्यासागर मुनिराज के पास और बी टेक करने वाले इस युवक ने दीक्षा की भावना भाई। मुनिश्री सानंद सागर जी ने कहा जिसको वैराग्य आजाएं, उसे कोई नहीं रोक सकता है। भक्त की भक्ति के आगे भगवान को भी रुकना पड़ता है। वैराग्य में वह शक्ति है कि रुक नहीं सकते। आचार्य विद्यासागर मुनिराज ने मजबूरी में वीरेंद्र कुमार को क्षुल्लक दीक्षा दी। शरीर से परिपक्व नहीं थे, लेकिन अंतरंग से आप परिपक्व थे। मुनि बनकर अंतरंग से खूब तपस्या की। अनुष्ठान तो निमित्त है, उसके बाद भी नहीं जाग पाएं तो जीवन व्यर्थ है। वीरेंद्र कुमार ने सागर में समाधि मरण कर आत्म कल्याण किया। मुनिश्री ने राग से वैराग्य की और पर आशीष वचन दिए। ठगियो की टोली से मोह नही करना। देव, शास्त्र, गुरु से मोह करना है। इस पंचम काल मे मोक्ष नहीं है, फिर भी हम उनकी आराधना भक्ति पूजा करके उनके द्वारा बताये मार्ग पर चलकर उनके मार्ग को अनुशरण करते है। जो साधना कर रहा है, उसका फल उसे ही मिलेगा, किसी दूसरे को नही। संयम के प्रति अनुराग रखे, छोटी-छोटी सी घटना से भी वैराग्य हो जाता हैं। हमारे अंदर अनादिकाल से राग रूपी कर्म बैठा है वह हमे वैराग्य नही होने देता है। बहते पानी की तरह नदी की तरह रहो तालाब का रुका हुआ पानी सड़ जाता है, काम का नही होता रुकने में सार नही। जब तक अंतरंग में वैराग्य न आ जाये तब तक संयम के मार्ग को छोड़े नही। जिसके जीवन में गुरु नही उसका जीवन शुरू नही। कास्ट की नोका पर बैठ जाओ पत्थर की नाव डूबा देती है। विषयों के प्रति राग छोड़ दो, सबसे बड़ा दुःख शास्त्रों से राग नही होना है। सुख चाहते हो तो पंचेन्द्रिय के विषयों को छोड़ दो, उनका त्याग करने का कहा गया है। जब तक त्याग नही तब तक मुक्ति नही मिल सकती। हमारे पास त्याग करने लायक कुछ भी नही है।राग भी है, द्वेष भी है, मोह भी है और इन सभी के बीच मे हम उलझे हुए है। आत्मा की शक्ति तो वैरागी ही पहचान सकता है, जिस दिन आत्मा की शक्ति पहचान लोगे उस दिन यहां नही रहोगे। पुरुषार्थ करे जब जागो तब सवेरा, रागी व्यक्ति जीवन में कभी आराम नही पा सकता, आराम उन्हें मिलता है जो राम के पास होते है।
- इंदौर-भोपाल राजमार्ग न्यू मंडी के पास श्री योगेन्द्र सिंह जी ठाकुर (अरनियाराम) के भव्य नानाघर रिसोर्ट का शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री राज्यसभा सदस्य श्री दिग्विजयसिंह ने फिता काटकर कियाl कार्यक्रम में विधायक श्री गोपाल सिंह इंजीनियर, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि सोनू गुणवान, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि राय सिंह मेवाडा, पूर्व नपाध्यक्ष द्वय श्री कैलाश परमार व डॉ.मीना विनीत सिंगी कॉंग्रेस नेता दशरथ सिंह मुरावर, नंदकिशोर जसाठी, सकल समाज पूर्व अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव सहित सभी शुभ चिन्तकों ने सम्मलित होकर बधाई शुभकामनाएं दी l1
- sunil_lahri 2025 का आखिरी दिन,पीछे मुड़कर देखें तो पाएंगे कि ये साल ट्रेजडी और हादसो से भरा था। भगवान से प्रार्थना है 2026 सभी के लिए सुख, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लेकर आए।2
- वेतन का भुगतान समय पर नहीं होने के कारण नगर पंचायत कर्मचारी ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम के नाम तहसीलदार अंजली गुप्ता को सोपा ज्ञापन कन्नौद, नगर परिषद कन्नौद के कर्मचारियों ने समय पर वेतन न मिलने के कारण बुधवार दोप,1 बजे एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम के नाम तहसीलदार अंजली गुप्ता को सोपा ज्ञापन ज्ञापन के वाचन में बताया कि माह अक्टूबर से दिसंबर तक तीन माह का वेतन नहीं दिया गया है जिसके कारण जीवन यापन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जैसे बच्चों की स्कूली फीस, बिजली बिल, ऋण की किस्त, बीमारी के कारण समय पर परिवार का इलाज करवाना जैसी समस्याऐ बताई,यदि समय पर भुगतान नहीं किया गया तो कलम बंद कर हड़ताल पर बैठने पर मजबूर होना पड़ेगा2
- indersingh parmar1
- इन को सुनना जरूरी है1
- इन्दौर में चार आदमी की दूषित पानी पीने से मौत को लेकर म,प्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक का बयान1
- मध्य प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री भिड़े एनडीटीवी के पत्रकार से शब्दों के चयन को लेकर1
- ★ *कोतवाली सीहोर पुलिस ने 10 किलो 610 ग्राम गांजा जप्त कर, आरोपी को गिरफ्तार किया* आगामी नव वर्ष को दृष्टिगत रखते हुये पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार कोतवाली थाना क्षेत्र में चेकिंग पोईट लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा रही है, की कोई अवैध शराब या मादक पदार्थ लेकर तो नही जा रहा , ढाबो की चेकिंग आदि कार्य पुलिस द्वारा किये जा रहे हैं, इसी तारतम्य में मुखबिर की सूचना पर दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर, मादक पदार्थ जप्त कर, अपराध पंजीबद्ध कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है| 30 दिसंबर 2025 को मुखबिर सूचना ग्राम पिपलिया मीरा बड़नगर रोड पर चंपालाल के खेत में एक व्यक्ति भारी मात्रा में गांजा रखे हैं, सूचना पर थाना कोतवाली पुलिस टीम ने दबिश देकर, जहां एक व्यक्ति अपने खेत पर एक बोरी लिए बैठा हुआ था, व्यक्ति संदिग्ध प्रतीत होने पर बोरी को चेक किया, जिसमें गांजा भरा हुआ था , आरोपी से लगभग 106000/-रुपए मूल्य का 10 किलो 610 ग्राम अवैध गांजा जप्त कर गिरफ्तार किया, आरोपी के विरुद्ध थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 837/25 धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी से विस्तृत पूछताछ कर. अन्य संभावित संलिप्त व्यक्तियों की तलाश की जा रही है। थाना प्रभारी रविन्द्र यादव, उप निरीक्षक रामबाबू राठौर, प्रधान आरक्षक पंकज यादव, आरक्षक वीरेंद्र सिंह, आरक्षक चेतन चौहान, आरक्षक दीपक जाट, आर. संजय शर्मा, सैनिक कमलेश की सराहनीय भूमिका रही2