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सुनो कहानी..... सूनामी.

3 hrs ago
user_Shyam pokra
Shyam pokra
Ramganj Mandi, Kota•
3 hrs ago

सुनो कहानी..... सूनामी.

More news from Kota and nearby areas
  • सुनो कहानी..... सूनामी.
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    सुनो कहानी..... सूनामी.
    user_Shyam pokra
    Shyam pokra
    Ramganj Mandi, Kota•
    3 hrs ago
  • कोटा में हाड़ौती ट्रैवल मार्ट 2026 के आयोजन समिति संभागीय अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी द्वारा होटल जलसा छावनी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस उस समय विवादों में घिर गई जब वीआईपी पास को लेकर मीडिया कर्मियों में नाराजगी सामने आई। कुछ पत्रकारों ने आरोप लगाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में न तो पानी तक की व्यवस्था की गई और न ही भोजन की, जबकि पूर्व में इसी तरह के आयोजनों में पत्रकारों को बुलाकर तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते रहे हैं। आरोप है कि वीआईपी पास की मांग को लेकर कुछ पत्रकारों ने आयोजक को घेर लिया, जिसके बाद कथित रूप से गुपचुप तरीके से लेनदेन कर कुछ लोगों को पास दिए गए और शेष पत्रकारों को उपेक्षित कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आयोजकों के स्वयं के कुछ वीआईपी कार्ड भी गायब हो गए, जिससे आयोजन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं। पत्रकारों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पत्रकारों की मर्यादा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती हैं, यही कारण है कि कई वरिष्ठ पत्रकार ऐसे आयोजनों से दूरी बनाए रखते हैं। आरोप यह भी लगाया गया है कि आयोजक पहले पत्रकारों को बुलाकर उनका डाटा एकत्र करते हैं और बाद में उनमें आपसी फूट डालने की कोशिश की जाती है। मामले को गंभीर मानते हुए वरिष्ठ पत्रकार रमेश गांधी द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है। और हाड़ौती ट्रैवल मार्ट में आने वाले कथित करोड़ों रुपये के अनुदान, राजस्थान सरकार व केंद्र सरकार की भागीदारी तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा दिए गए सहयोग की पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह भी पूछा जा रहा है कि पर्यटन के नाम पर गठित नई-नई समितियां हाड़ौती क्षेत्र में वास्तव में क्या योगदान दे रही हैं। पत्रकारों का कहना है कि अब इस पूरे मामले की सरकारी स्तर पर जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में पत्रकारिता की गरिमा से खिलवाड़ न हो। विश्व सूत्रों का कहना है कि आज की पत्रकार वार्ता में कुछ प्रदेश स्तरीय स्वयंभू अध्यक्ष तथा कुछ वरिष्ठ पत्रकारो ने आई जोखन की बिना अनुमति के तीन-तीन चार-चार पास आए जोको की आंखों में धूल झोंक कर अपनी जेब में रखकर पत्रकार वार्ता के बीच में से ही पतली गली से निकल गए कुछ को पास नहीं मिले तो उन्होंने संभागीय अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी को घेर लिया वह घबरा गए और उन्होंने भी पीछे जाकर कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को दो ढाई हजार रुपए देकर मामले को शांत करने की कोशिश की। कुल मिलाकर कोटा के पत्रकारों की यह स्थिति को देखकर ही आला अफसर पत्रकार वार्ता नहीं करते हैं। वही राजनेता और उद्योगपति इन पत्रकारों को एक पेन डायरी एक समोसा चाय पिलाकर अपनी बात छपवा लेते हैं।
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    कोटा में हाड़ौती ट्रैवल मार्ट 2026 के आयोजन समिति संभागीय अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी द्वारा होटल जलसा छावनी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस उस समय विवादों में घिर गई जब वीआईपी पास को लेकर मीडिया कर्मियों में नाराजगी सामने आई। कुछ पत्रकारों ने आरोप लगाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में न तो पानी तक की व्यवस्था की गई और न ही भोजन की, जबकि पूर्व में इसी तरह के आयोजनों में पत्रकारों को बुलाकर तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते रहे हैं। आरोप है कि वीआईपी पास की मांग को लेकर कुछ पत्रकारों ने आयोजक को घेर लिया, जिसके बाद कथित रूप से गुपचुप तरीके से लेनदेन कर कुछ लोगों को पास दिए गए और शेष पत्रकारों को उपेक्षित कर दिया गया।
सूत्र बताते हैं कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आयोजकों के स्वयं के कुछ वीआईपी कार्ड भी गायब हो गए, जिससे आयोजन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं। पत्रकारों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पत्रकारों की मर्यादा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती हैं, यही कारण है कि कई वरिष्ठ पत्रकार ऐसे आयोजनों से दूरी बनाए रखते हैं। आरोप यह भी लगाया गया है कि आयोजक पहले पत्रकारों को बुलाकर उनका डाटा एकत्र करते हैं और बाद में उनमें आपसी फूट डालने की कोशिश की जाती है।
मामले को गंभीर मानते हुए वरिष्ठ पत्रकार रमेश गांधी द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है। और हाड़ौती ट्रैवल मार्ट में आने वाले कथित करोड़ों रुपये के अनुदान, राजस्थान सरकार व केंद्र सरकार की भागीदारी तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा दिए गए सहयोग की पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह भी पूछा जा रहा है कि पर्यटन के नाम पर गठित नई-नई समितियां हाड़ौती क्षेत्र में वास्तव में क्या योगदान दे रही हैं। पत्रकारों का कहना है कि अब इस पूरे मामले की सरकारी स्तर पर जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में पत्रकारिता की गरिमा से खिलवाड़ न हो।
विश्व सूत्रों का कहना है कि आज की पत्रकार वार्ता में कुछ प्रदेश स्तरीय स्वयंभू अध्यक्ष तथा कुछ वरिष्ठ पत्रकारो ने आई जोखन की बिना अनुमति के तीन-तीन चार-चार पास आए जोको की आंखों में धूल झोंक कर अपनी जेब में रखकर पत्रकार वार्ता के बीच में से ही पतली गली से निकल गए कुछ को पास नहीं मिले तो उन्होंने संभागीय अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी को घेर लिया वह घबरा गए और उन्होंने भी पीछे जाकर कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को दो ढाई हजार रुपए देकर मामले को शांत करने की कोशिश की।
कुल मिलाकर कोटा के पत्रकारों की यह स्थिति को देखकर ही आला अफसर पत्रकार वार्ता नहीं करते हैं।
वही राजनेता और उद्योगपति इन पत्रकारों को एक पेन डायरी एक समोसा चाय पिलाकर अपनी बात छपवा लेते हैं।
    user_Ramesh Gandhi
    Ramesh Gandhi
    Acupuncture school Ladpura, Kota•
    23 min ago
  • कोटा: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि कोटा को साल 2026 से स्लम फ्री बनाया जाएगा. सड़क और फुटपाथ पर सोने वाले गरीब लोगों को किराए से मकान देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि साल 2026 में कोटा को नशा फ्री बनाने का लक्ष्य है. इसको लेकर पुलिस काम कर रही है. उन्होंने कोटा-बूंदी को देश के अग्रणी लोकसभा क्षेत्र में शामिल करने की बात कही. कोटा दौरे पर आए ओम बिरला ने कहा कि कोटा कोचिंग कैपिटल है. ऐसे में इसका सट्टा, जुआ और नशा मुक्त शहर होना जरूरी है. एक्सीडेंट फ्री बनाने के लिए भी पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. बिरला ने कहा कि कोटा शहर को साल 2026 से स्लम फ्री करने का काम शुरू किया जाएगा. सड़क और फुटपाथ पर सोने वाले गरीब लोगों को किराए से मकान मिलेंगे, तो साफ-सफाई भी रहेगी. वह अच्छे से जीवनयापन कर पाएगा. कोटा में क्राइम को रोकने के लिए काफी कड़े कदम उठाए हैं, मैंने खुद अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं. अचानक होने वाले अपराध को नहीं रोका जा सकता, लेकिन अपराधियों को बक्शा नहीं जाएगा. कोटा से साल 2026 से नशा मुक्त कर देने का हमारा लक्ष्य है.
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    कोटा: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि कोटा को साल 2026 से स्लम फ्री बनाया जाएगा. सड़क और फुटपाथ पर सोने वाले गरीब लोगों को किराए से मकान देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि साल 2026 में कोटा को नशा फ्री बनाने का लक्ष्य है. इसको लेकर पुलिस काम कर रही है. उन्होंने कोटा-बूंदी को देश के अग्रणी लोकसभा क्षेत्र में शामिल करने की बात कही.
कोटा दौरे पर आए ओम बिरला ने कहा कि कोटा कोचिंग कैपिटल है. ऐसे में इसका सट्टा, जुआ और नशा मुक्त शहर होना जरूरी है. एक्सीडेंट फ्री बनाने के लिए भी पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. बिरला ने कहा कि कोटा शहर को साल 2026 से स्लम फ्री करने का काम शुरू किया जाएगा. सड़क और फुटपाथ पर सोने वाले गरीब लोगों को किराए से मकान मिलेंगे, तो साफ-सफाई भी रहेगी. वह अच्छे से जीवनयापन कर पाएगा. कोटा में क्राइम को रोकने के लिए काफी कड़े कदम उठाए हैं, मैंने खुद अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं. अचानक होने वाले अपराध को नहीं रोका जा सकता, लेकिन अपराधियों को बक्शा नहीं जाएगा. कोटा से साल 2026 से नशा मुक्त कर देने का हमारा लक्ष्य है.
    user_Dushyant singh gehlot (journalist)
    Dushyant singh gehlot (journalist)
    Journalist Ladpura, Kota•
    25 min ago
  • कोटा का सबसे पुराना यातायात पार्क… आज बदहाली का शिकार
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    कोटा का सबसे पुराना यातायात पार्क…
आज बदहाली का शिकार
    user_Mayur times news
    Mayur times news
    Journalist Ladpura, Kota•
    6 hrs ago
  • #protest उन्नाव रेप पीड़िता के समर्थन में विरोध करते प्रगतिशील महिला संगठन के सदस्य: चाहे उन्नाव रेप कांड हो या अरावली का मामला, इन दोनों मामलों ने ज्यूडिशियरी को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है, अरावली पर भी जनता के दबाव में ज्यूडिशियरी को अपना फैसला वापस लेना पड़ा है...
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    #protest उन्नाव रेप पीड़िता के समर्थन में विरोध करते प्रगतिशील महिला संगठन के सदस्य: चाहे उन्नाव रेप कांड हो या अरावली का मामला, इन दोनों मामलों ने ज्यूडिशियरी को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है, अरावली पर भी जनता के दबाव में ज्यूडिशियरी को अपना फैसला वापस लेना पड़ा है...
    user_Ahmed Siraj Farooqi
    Ahmed Siraj Farooqi
    रिपोर्टर Ladpura, Kota•
    8 hrs ago
  • श्री राम कथा राधा रानी पार्क सेक्टर 4 विकास समिति रंगबाड़ी कोटा पर आयोजित कथा वाचक श्री आचार्य तुलसीराम जी शर्मा श्री कामखेड़ा बालाजी कृपा पात्र पुजारी के मुखारविंद से समय 2:00 बजे से 5:00 बजे तक आयोजित होगी नियमित कथा 7 दिन तक सभी भक्तों आज 30 तारीख को कामखेड़ा मंदिर रंगबाड़ी से विधिवत पूजा अर्चना की गई श्री भा रामायण जी की रंगबाड़ी बालाजी यात्रा के रूप में बाजी में सवार होकर महाराज श्री आचार्य तुलसी राम जी कथा वाचक राधा रानी पार्क में कथा का शुभारंभ किया
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    श्री राम कथा राधा रानी पार्क सेक्टर 4 विकास समिति रंगबाड़ी कोटा पर आयोजित कथा वाचक श्री आचार्य तुलसीराम जी शर्मा श्री कामखेड़ा बालाजी कृपा पात्र पुजारी के मुखारविंद से समय 2:00 बजे से 5:00 बजे तक आयोजित होगी नियमित कथा 7 दिन तक सभी भक्तों आज 30 तारीख को कामखेड़ा मंदिर रंगबाड़ी से विधिवत पूजा अर्चना की गई श्री भा रामायण जी की रंगबाड़ी बालाजी यात्रा के रूप में बाजी में सवार होकर महाराज श्री आचार्य तुलसी राम जी कथा वाचक राधा रानी पार्क में कथा का शुभारंभ किया
    user_Sadbhavna sandesh news
    Sadbhavna sandesh news
    Voice of people कोटा, कोटा, राजस्थान•
    9 hrs ago
  • Dynamic meditation dance
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    Dynamic meditation dance
    user_Jagdish Chandra Sharma
    Jagdish Chandra Sharma
    Physiotherapist Chhipabarod, Baran•
    23 hrs ago
  • *कोटा देश का पहला शहर जहां कार्डियक अरेस्ट से जीवन बचाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगे जीवन रक्षक एईडी* - हार्टवाइज सोसायटी का 100वां सीपीआर सेशन, अब तक 20 हजार लोगों को दिया प्रशिक्षण - कार्डियक अरेस्ट से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगे पांच एईडी - *लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की एइडी स्थापना की शुरुआत, कहा-स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में कोटा देश के लिए उदाहरण* - टीम हार्टवाइज ने किया जीवन बचाने वाले जीवन रक्षकों का सम्मान कोटा. स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में कार्यरत हार्टवाइज सोसायटी ने मंगलवार को कोटा शहर को एक कदम और आगे बढ़ा दिया। अब तक सोसायटी द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता व जीवन रक्षण के लिए वॉक-ओ-रन, सेव ए हार्ट प्रोग्राम के तहत सीपीआर सेशन, ओपन जिम की स्थापना, हार्ट अटैक जीवन रक्षक किट वितरण जैसी पहल की गई। अब कोटा में रोड साइड पर हार्ट अटैक के मामलों में जीवन बचाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (एईडी) लगाए जाएंगे। कोटा देश का ऐसा पहला शहर होगा जहां रोड साइड पर हार्टअटैक की स्थिति में जीवन बचाने के लिए आमजन ही एईडी से सीपीआर देकर मरीज का जीवन बचा सकेंगे। यह घोषणा मंगलवार को पुरुषार्थ भवन में हार्टवाइज सोसायटी के सेव ए हार्ट कार्यक्रम के तहत आयोजित 100वें सीपीआर सेशन में की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सार्वजनिक स्थानों पर लगने वाली एईडी मशीनों का लोकार्पण किया। देश में पहली बार कोटा में सार्वजनिक स्थानों पर आमजन के उपयोग के लिए 5 एईडी स्थापित किए जाएंगे। कार्यक्रम में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, जिला कलक्टर पीयूष समारिया, सिटी एसपी तेजस्वनी गौतम भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोटा जिस क्षेत्र में कार्य करता है, उसमें श्रेष्ठता साबित करता है। स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में टीम हार्टवाइज के प्रयास सदैव सराहनीय हैं। यही कारण है कि यहां के लोग सीपीआर को लेकर ज्यादा जागरूक हैं और इसका उदाहरण कई बार सीपीआर देकर जान बचाने की सूचना से मिलता है। हृदयाघात के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य जागरूकता जरूरत बन गई है। कोटा में सार्वजनिक स्थानों पर एईडी की स्थापना एक सकारात्मक पहल है। इससे कोटा स्वास्थ्य जागरूकता और जीवन रक्षा के क्षेत्र में देश के सामने उदाहरण बनेगा। हार्टवाइज सोसायटी के संयोजक डॉ.साकेत गोयल ने कहा कि हृदयाघात के मामले बढ़ गए हैं। प्रारंभिक उपचार के अभाव में लोगों की मौतें हो रही है। ऐसे में सोसायटी का उद्देश्य हार्टअटैक से होने वाली मृत्युदर को कम करना है। इसके लिए समाज के साथ मिलकर “चेन ऑफ सर्वाइवल” को मजबूत बनाना है। हम चाहते हैं एम्बुलेंस के पहुंचने से पहले आम नागरिक द्वारा किया गया त्वरित हस्तक्षेप एक व्यक्ति का अनमोल जीवन बचाए। सड़क किनारे सीपीआर और एइडी की मदद से लोगों का जीवन बचाने के लिए टीम हार्टवाइज शहर में पांच स्थानों पर एइडी लगाएगी। इसका उपयोग कैसे करना है, इसके लिए सीपीआर सेशन में जागरूक भी किया जाएगा। हार्टवाइज के सेव ए हार्ट प्रोग्राम के तहत अब तक 100 सीपीआर सेशन में 20 हजार शहरवासियों को सीपीआर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिसमें स्कूल स्टूडेंट्स, सोशल वर्कर्स, पुलिस, फैकल्टीज, विभिन्न समाज संस्थाएं और जेल स्टाफ व कैदी भी शामिल हैं। इस अवसर पर टीम हार्टवाइज के डॉ.सुरभि गोयल, कमलदीप सिंह, तरुमित बेदी, अजय मित्तल, कपिल जैन, सुमित अग्रवाल, विनेश गुप्ता, निखिल जैन, अनीश बिरला, राहुल सेठी, दीपक मेहता, आशीष अरोड़ा, उमेश गोयल, हिमांशु अरोड़ा, रजत अजमेरा, प्रमोद मेवाड़ा सहित अन्य मौजूद रहे। तरुमित बेदी ने धन्यवाद दिया। ---- जीवन रक्षकों का सम्मान इस अवसर पर सीपीआर के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर सीपीआर देकर आमजन की जान बचाने वाले जीवन रक्षकों व सीपीआर ट्रेनर्स का सम्मान भी किया गया। इसमें हिमांशु अरोड़ा, गुरप्रीत कौर, डॉ.अशोक शर्मा, कैलाश के.गजराज, वरूण जैन, विष्णु श्रृंंगी, गोविंद शर्मा, विक्रम महावर और विकास पाटौदी शामिल हैं। इन लोगों ने हार्टवाइज या अन्य स्थानों से सीपीआर की ट्रेनिंग लेकर जीवन में समझ और धैर्य का परिचय दिया और सीपीआर के माध्यम से जीवन बचाया। इसके साथ ही सौम्य गोयल को हार्टवाइज की ओर से सबसे युवा सीपीआर ट्रेनर का अवार्ड दिया गया। सौम्य ने 17 वर्ष की आयु में सरकारी स्कूल्स में सीपीआर की ट्रेनिंग दी। ............. ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल डिवाइस हैं जो जानलेवा कार्डियक एक्टिविटी जैसे अनियमित दिल की धड़कन और पल्स न होना का पता लगाते हैं। यह डिफिब्रिलेशन या बिजली के झटके से दिल को फिर से चालू कर सकता है ताकि दिल की धड़कन सामान्य हो जाए। मेडिकल प्रोफेशनल की गैरमौजूदगी में इस उपकरण का इस्तेमाल कोई भी सामान्य व्यक्ति कर सकता है, क्योंकि इसमें आसान ऑडियो और विज़ुअल कमांड होते हैं। अनुमान है कि कार्डियक अरेस्ट के 4 से 6 मिनट के अंदर जान बचाने वाले डिफिब्रिलेशन न देने की वजह से 95 प्रतिशत अचानक कार्डियक मौतों होती हैं। कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और एइडी समय पर देने के अलावा, जान बचाने का कोई और तरीका नहीं है। .............. हार्टवाइज ग्रुप हार्टवाइज ग्रुप की स्थापना फरवरी 2015 में शहर के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.साकेत गोयल ने की। शुरूआत फेसबुक पेज पर स्वास्थ्य जागरूकता की पहल के साथ हुई। स्वास्थ्य के प्रति शहरवासियों को जागरूक करने के लिए शुरू किए गए इस ग्रुप से वर्तमान में 25 हजार से अधिक सदस्य जुडे़ हुए हैं। इसके बाद हार्टवाइज ग्रुप को रजिस्टर्ड करवाते हुए संस्था का रूप दिया गया। वर्तमान में स्वास्थ्य जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम किए गए।
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    *कोटा देश का पहला शहर जहां कार्डियक अरेस्ट से जीवन बचाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगे जीवन रक्षक एईडी*
- हार्टवाइज सोसायटी का 100वां सीपीआर सेशन, अब तक 20 हजार लोगों को दिया प्रशिक्षण
- कार्डियक अरेस्ट से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगे पांच एईडी
- *लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की एइडी स्थापना की शुरुआत, कहा-स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में कोटा देश के लिए उदाहरण*
- टीम हार्टवाइज ने किया जीवन बचाने वाले जीवन रक्षकों का सम्मान 
कोटा. स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में कार्यरत हार्टवाइज सोसायटी ने मंगलवार को कोटा शहर को एक कदम और आगे बढ़ा दिया। अब तक सोसायटी द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता व जीवन रक्षण के लिए वॉक-ओ-रन, सेव ए हार्ट प्रोग्राम के तहत सीपीआर सेशन, ओपन जिम की स्थापना, हार्ट अटैक जीवन रक्षक किट वितरण जैसी पहल की गई। अब कोटा में रोड साइड पर हार्ट अटैक के मामलों में जीवन बचाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (एईडी) लगाए जाएंगे। कोटा देश का ऐसा पहला शहर होगा जहां रोड साइड पर हार्टअटैक की स्थिति में जीवन बचाने के लिए आमजन ही एईडी से सीपीआर देकर मरीज का जीवन बचा सकेंगे। 
यह घोषणा मंगलवार को पुरुषार्थ भवन में हार्टवाइज सोसायटी के सेव ए हार्ट कार्यक्रम के तहत आयोजित 100वें सीपीआर सेशन में की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सार्वजनिक स्थानों पर लगने वाली एईडी मशीनों का लोकार्पण किया। देश में पहली बार कोटा में सार्वजनिक स्थानों पर आमजन के उपयोग के लिए 5 एईडी स्थापित किए जाएंगे। कार्यक्रम में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, जिला कलक्टर पीयूष समारिया, सिटी एसपी तेजस्वनी गौतम भी उपस्थित रहे। 
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोटा जिस क्षेत्र में कार्य करता है, उसमें श्रेष्ठता साबित करता है। स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में टीम हार्टवाइज के प्रयास सदैव सराहनीय हैं। यही कारण है कि यहां के लोग सीपीआर को लेकर ज्यादा जागरूक हैं और इसका उदाहरण कई बार सीपीआर देकर जान बचाने की सूचना से मिलता है। हृदयाघात के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य जागरूकता जरूरत बन गई है। कोटा में सार्वजनिक स्थानों पर एईडी की स्थापना एक सकारात्मक पहल है। इससे कोटा स्वास्थ्य जागरूकता और जीवन रक्षा के क्षेत्र में देश के सामने उदाहरण बनेगा। 
हार्टवाइज सोसायटी के संयोजक डॉ.साकेत गोयल ने कहा कि हृदयाघात के मामले बढ़ गए हैं। प्रारंभिक उपचार के अभाव में लोगों की मौतें हो रही है। ऐसे में सोसायटी का उद्देश्य हार्टअटैक से होने वाली मृत्युदर को कम करना है। इसके लिए समाज के साथ मिलकर “चेन ऑफ सर्वाइवल” को मजबूत बनाना है। हम चाहते हैं एम्बुलेंस के पहुंचने से पहले आम नागरिक द्वारा किया गया त्वरित हस्तक्षेप एक व्यक्ति का अनमोल जीवन बचाए। सड़क किनारे सीपीआर और एइडी की मदद से लोगों का जीवन बचाने के लिए टीम हार्टवाइज शहर में पांच स्थानों पर एइडी लगाएगी। इसका उपयोग कैसे करना है, इसके लिए सीपीआर सेशन में जागरूक भी किया जाएगा। हार्टवाइज के सेव ए हार्ट प्रोग्राम के तहत अब तक 100 सीपीआर सेशन में 20 हजार शहरवासियों को सीपीआर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिसमें स्कूल स्टूडेंट्स, सोशल वर्कर्स, पुलिस, फैकल्टीज, विभिन्न समाज संस्थाएं और जेल स्टाफ व कैदी भी शामिल हैं।  
इस अवसर पर टीम हार्टवाइज के डॉ.सुरभि गोयल, कमलदीप सिंह, तरुमित बेदी, अजय मित्तल, कपिल जैन, सुमित अग्रवाल, विनेश गुप्ता, निखिल जैन, अनीश बिरला, राहुल सेठी, दीपक मेहता, आशीष अरोड़ा, उमेश गोयल, हिमांशु अरोड़ा, रजत अजमेरा, प्रमोद मेवाड़ा सहित अन्य मौजूद रहे। तरुमित बेदी ने धन्यवाद दिया। 
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जीवन रक्षकों का सम्मान 
इस अवसर पर सीपीआर के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर सीपीआर देकर आमजन की जान बचाने वाले जीवन रक्षकों व सीपीआर ट्रेनर्स का सम्मान भी किया गया। इसमें हिमांशु अरोड़ा, गुरप्रीत कौर, डॉ.अशोक शर्मा, कैलाश के.गजराज, वरूण जैन, विष्णु श्रृंंगी, गोविंद शर्मा, विक्रम महावर और विकास पाटौदी शामिल हैं। इन लोगों ने हार्टवाइज या अन्य स्थानों से सीपीआर की ट्रेनिंग लेकर जीवन में समझ और धैर्य का परिचय दिया और सीपीआर के माध्यम से जीवन बचाया। इसके साथ ही सौम्य गोयल को हार्टवाइज की ओर से सबसे युवा सीपीआर ट्रेनर का अवार्ड दिया गया। सौम्य ने 17 वर्ष की आयु में सरकारी स्कूल्स में सीपीआर की ट्रेनिंग दी। 
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ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर 
ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल डिवाइस हैं जो जानलेवा कार्डियक एक्टिविटी जैसे अनियमित दिल की धड़कन और पल्स न होना का पता लगाते हैं। यह डिफिब्रिलेशन या बिजली के झटके से दिल को फिर से चालू कर सकता है ताकि दिल की धड़कन सामान्य हो जाए। मेडिकल प्रोफेशनल की गैरमौजूदगी में इस उपकरण का इस्तेमाल कोई भी सामान्य व्यक्ति कर सकता है, क्योंकि इसमें आसान ऑडियो और विज़ुअल कमांड होते हैं। अनुमान है कि कार्डियक अरेस्ट के 4 से 6 मिनट के अंदर जान बचाने वाले डिफिब्रिलेशन न देने की वजह से 95 प्रतिशत अचानक कार्डियक मौतों होती हैं। कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और एइडी समय पर देने के अलावा, जान बचाने का कोई और तरीका नहीं है।  
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हार्टवाइज ग्रुप
हार्टवाइज ग्रुप की स्थापना फरवरी 2015 में शहर के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.साकेत गोयल ने की। शुरूआत फेसबुक पेज पर स्वास्थ्य जागरूकता की पहल के साथ हुई। स्वास्थ्य के प्रति शहरवासियों को जागरूक करने के लिए शुरू किए गए इस ग्रुप से वर्तमान में 25 हजार से अधिक सदस्य जुडे़ हुए हैं। इसके बाद हार्टवाइज ग्रुप को रजिस्टर्ड करवाते हुए संस्था का रूप दिया गया। वर्तमान में स्वास्थ्य जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम किए गए।
    user_Dushyant singh gehlot (journalist)
    Dushyant singh gehlot (journalist)
    Journalist Ladpura, Kota•
    27 min ago
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