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प्रतापगढ़ में मेडिकल स्टोर पर लूट और आगजनी का सनसनीखेज मामला! पुलिस पर गंभीर आरोप उदयपुर के ‘ऑक्सीजन हब’ में चंदन चोरों का हमला! एक ही रात में 10 पेड़ गायब… सुरक्षा पर सवाल"
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प्रतापगढ़ में मेडिकल स्टोर पर लूट और आगजनी का सनसनीखेज मामला! पुलिस पर गंभीर आरोप उदयपुर के ‘ऑक्सीजन हब’ में चंदन चोरों का हमला! एक ही रात में 10 पेड़ गायब… सुरक्षा पर सवाल"
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- प्रतिदिन सांवरिया सेठ के लाइव दर्शन के लिए हमारे चैनल को फॉलो करो1
- मंदसौर - दो बच्चों की माँ प्रेमी संग कोर्ट मैरिज करने पहुंची, ससुराल वालो ने किया हंगामा। 24वर्षीय युवक के साथ शादीशुदा महिला जो दो बच्चों की माँ है, जिला कोर्ट पहुंची। आरोप है की दोनों प्रेमी कोर्ट मैरिज करने वाले थे जिसकी सुचना परिजनों को लगने पर कोर्ट पहुंचे। दोनों पक्षो के बीच विवाद होने पर खूब हंगामा हुआ। शांतिभंग में जेल भेजा।1
- #protest #agitation कोटा में मंगलवार को सीटू की तरफ से रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट के बाहर रावतभाटा के परमाणु बिजली घर और अरावली पर्वतमाला को निजि हाथों में सौंपने की सरकार की साजिश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया...1
- कोटा का सबसे पुराना यातायात पार्क… आज बदहाली का शिकार है। मेंटेनेंस के नाम पर ज़ीरो काम, लेकिन काग़ज़ों में सब कुछ ठीक दिखाया जा रहा है। शहर के गणमान्य नागरिकों का गुस्सा अब खुलकर सामने आ रहा है। सवाल साफ है— जब बजट आता है, तो काम क्यों नहीं दिखता? यह सिर्फ एक पार्क की कहानी नहीं, यह सिस्टम की सच्चाई है। क्या प्रशासन जागेगा? या फिर यह मामला भी फाइलों में दब जाएगा? देखते रहिए… और अपनी आवाज़ हमारे साथ उठाइए।”1
- राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ का ताजा अपडेट। भूतपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज अपने गृह नगर झालावाड़ की पंचायत में महिला सशक्तिकरण का प्रदर्शन किया। और मुख्यमंत्री भजनलाल की तारीफ में कसीदे पड़े। और मुख्यमंत्री से झालावाड़ बारा में विकास की गुहार की। मुख्यमंत्री ने वसुंधरा राजे को अपने दो बष के विकास की गाथा सुनाई।1
- Dhurandhar Movie Scene https://youtube.com/shorts/wmE-apw8jx0?feature=share1
- एक पक्षीय कार्रवाई कर रही है पुलिस: भाया -अंता विधायक के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने का धरना-प्रदर्शन -आंकेड़ी में नरेश मीणा समर्थकों के पूर्व सरपंच के घर पर पथराव व कार में आग लगाने का मामला कोटा/ बारां। सदर थाना क्षेत्र के ग्राम आंकेड़ी में 20 दिसंबर को पूर्व सरपंच तोलाराम मीणा के घर पर नरेश मीणा के समर्थकों द्वारा की गई तोड़फोड़ व आगजनी की घटना को लेकर अंता विधायक प्रमोद जैन भाया के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से सोमवार को पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। अंता विधायक एवं पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने एसपी कार्यालय के बाहर धरना दिया और पुलिस प्रशासन पर इस मामले में दबाव में एक पक्षीय कार्रवाई करने के आरोप लगाए। धरने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी व निष्पक्ष कार्रवाई की मांग को लेकर एसपी व मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन दिया। अंता विधायक प्रमोद जैन भाया ने कहा कि ग्राम आंकेड़ी में तोलाराम मीणा के घर में घुसकर तोड़फोड़ व कार में आग लगाने की घटना निंदनीय है। इस मामले में पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए तोलाराम मीणा व उसके परिजनों को गिरफ्तार किया, जबकि दूसरे पक्ष जिसने यह घटना की है, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। साथ ही तोलाराम मीणा व उनके परिजनों की जमानत के बावजूद उन्हें रिहा नहीं किया। ये है मामला गौरतलब है कि 20 दिसंबर को आंकेड़ी गांव में नरेश मीणा के काफिले हमला हुआ था, जिसमें पूर्व सरपंच का हाथ बताया जा रहा है। हमलावरों ने नरेश मीणा की कार में तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद नरेश मीणा समर्थकों ने पूर्व सरपंच के घर पर पथराव कर उनकी कार को आग के हवाले कर दिया था।4
- दशहरा मैदान में क्रिकेट का महासंग्राम, मिक्स इलेवन एम.जी. जबलपुर ने जीता गरोठ क्रिकेट महाकुंभ 🏏🏆1
- संवाददाता - संतोष व्यास डूंगरपुर। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा (बीपीएमएम) प्रदेश प्रचारक मुकेश कलासुआ के नेतृत्व में अरावली बचाओ आंदोलन को लेकर बीपीएमएम कार्यकर्ता मंगलवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट गेट पर एकत्रित हुए तथा अरावली बचाओ आंदोलन का समर्थन करते हुए धरना देते हुए जमकर नारेबाजी की। वहीं, अतिरिक्त जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 20 नवंबर 2025 को पारित अरावली पर्वतमाला की नई परिभाषा पर पुनर्विचार की मांग की गई है। इस परिभाषा के अनुसार केवल 100 मीटर या उससे अधिक ऊँचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली का हिस्सा माना जाएगा, जिससे पर्वतमाला की लगभग 90 प्रतिशत पहाड़ियाँ कानूनी संरक्षण के दायरे से बाहर हो जाएंगी। ज्ञापन में चेताया गया कि यह तकनीकी हेरफेर अवैध खनन, वनों के विनाश और भू माफिया को खुली छूट देने के समान है। अरावली पर्वतमाला भूजल रिचार्ज, जल संरक्षण और मरुस्थलीकरण रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह जैव-विविधता और वन्यजीवों का प्रमुख आवास भी है। आदिवासी क्षेत्रों में यह जल, जंगल और जमीन का जीवनाधार रही है और स्थानीय समुदाय सदियों से इसकी रक्षा करता आया है। अधिकारियों ने कहा कि नई परिभाषा लागू होने से जलस्त्रोत सूखने, पर्यावरणीय असंतुलन और किसानों एवं पशुपालकों पर प्रतिकूल प्रभाव बढ़ेगा। ज्ञापन में केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया कि ऊँचाई आधारित तकनीकी दृष्टिकोण के बजाय भूवैज्ञानिक, पारिस्थितिक और ऐतिहासिक मानदंड अपनाए जाएँ। इसके साथ ही समस्त अरावली क्षेत्र को संरक्षित पारिस्थितिकी क्षेत्र मानते हुए खनन गतिविधियों पर रोक और कठोर निगरानी सुनिश्चित की जाए। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यह केवल पर्यावरण का मामला नहीं, बल्कि जनहित, आजीविका और भविष्य की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि आवश्यक कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद करना पड़ेगा। ज्ञापन में जोर देकर कहा गया कि अरावली पर्वतमाला को बचाना राष्ट्रीय और सांस्कृतिक दायित्व है, क्योंकि यह केवल भूगोल नहीं बल्कि जीवन, इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।1