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Sandeep Kumar Sandeep
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- Sandeep Kumar SandeepAmethi, Uttar Pradesh🙏on 23 August
- Sandeep Kumar SandeepAmethi, Uttar Pradesh🙏on 10 August
More news from उत्तर प्रदेश and nearby areas
- चीता का हमला कितना *भयानक* होता है चीता ने घर में घुसकर कई लोगों को किया घायल जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है दो लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है।1
- राष्ट्र प्रेरणा स्थल में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 65 फीट ऊँची कांस्य प्रतिमाएँ स्थापित हैं।1
- रायबरेली पुलिस अधीक्षक ने एक बार फिर किया कमाल, 200 वर्ष प्राचीन मूर्तियों की चोरी का खुलासा — चोर गिरफ्तार1
- कलियर शरीफ को लेकर बड़ा दावा हिंदू स्वाभिमान परिषद का आरोप है कि दो युवकों ने खुलासा किया है कि कलियर शरीफ में बनने वाली बिरयानी में मांस के इस्तेमाल को लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा था। परिषद के गोरखा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के अनुसार, धार्मिक प्रतीकों और पद्धतियों का सहारा लेकर लोगों को ठगने की कोशिश की जा रही थी। आस्था से खिलवाड़ नहीं, सच्चाई सामने आनी चाहिए। प्रशासन से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग। #CowMeatIssue #BeefAllegation #KaliyarSharif #ReligiousFraud #FoodAdulteration #PublicSentiment #YogiAdityanath #LawAndOrderUP #InvestigationDemand #HinduSwabhiman #MuslimYouth #TruthMatters #IndiaNews #BreakingClaim1
- BREAKING गुजरात NEWS अहमदाबाद में एक नर्सिंग छात्र को लंबी दाढ़ी होने की वजह से गुजरात यूनिवर्सिटी की GNM परीक्षा देने से रोक दिया गया। यह परीक्षा एल.जी. अस्पताल में होनी थी। इस घटना के बाद धार्मिक भेदभाव के आरोप लगाए जा रहे हैं।* छात्र का नाम हाफ़िज़ अबू बकर है। आरोप है कि परीक्षा हॉल के बाहर परीक्षक सरयू राज पुरोहित ने उन्हें रोक लिया और पूरी तरह दाढ़ी हटाने को कहा। दाढ़ी न हटाने पर उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया।1
- *दुबग्गा कूल कॉर्नर पर खाने में कीड़े मिलने का आरोप* *लखनऊ* दुबग्गा स्थित मशहूर कूल कॉर्नर (पूड़ी वाले) पर परोसे गए खाने में कीड़े-मकोड़े मिलने का आरोप लगा है, जिससे ग्राहकों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि अच्छी क्वालिटी की उम्मीद में आने के बावजूद उन्हें खराब और अस्वच्छ भोजन परोसा गया। स्थानीय लोगों ने इसे लापरवाही का गंभीर मामला बताते हुए फूड विभाग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि महंगे दाम लेने के बावजूद साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा, जिससे सेहत को खतरा है।1
- दबंग के आगे बेबस सिस्टम सार्वजनिक रास्ता चढ़ा कब्जे की भेंट सरकार के बुलडोज़र पर सवाल—क्या कार्रवाई सिर्फ़ कमज़ोरों और धर्म विशेष तक सीमित है? जनापुर गांव में सार्वजनिक रास्ते पर हुआ अवैध कब्जा अब सिर्फ एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई नीति पर बड़ा सवाल बन चुका है। वर्ष 2018 से लगातार दी जा रही शिकायतों के बावजूद गांव के दबंग द्वारा किए गए पक्के अवैध निर्माण पर आज तक कोई बुलडोज़र नहीं चला। दबंग ने सार्वजनिक रास्ते को खुलेआम कब्जे में लेकर उसे निजी जागीर बना लिया, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना रहा । यही वजह है कि अब यह मामला सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बहुचर्चित “बुलडोज़र एक्शन” पर सवाल उठा रहा है। ग्रामीणों का सवाल साफ है— क्या बुलडोज़र सिर्फ़ कमज़ोरों, गरीबों और धर्म विशेष के लोगों के लिए ही है? क्या रसूखदार और दबंग कानून से ऊपर हैं? यह रास्ता दर्जनों परिवारों के लिए जीवनरेखा था। किसानों के खेत इसी रास्ते से जुड़े थे, स्कूली बच्चे इसी से आते-जाते थे। रास्ता बंद होने से खेती प्रभावित हुई, बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ी, लेकिन अफसरों की फाइलें वर्षों से धूल फांक रही हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध कब्जे की जानकारी प्रशासन को समय-समय पर दी गई। अधिकारी मौके पर पहुंचे, निरीक्षण भी किया गया, मगर कार्रवाई सिर्फ काग़ज़ों तक सीमित रही। इससे यह आशंका और गहरी होती जा रही है कि दबंग को सत्ता और सिस्टम का संरक्षण प्राप्त है। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जब ग्रामीणों ने कब्जे का विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। सवाल उठता है कि जब आम आदमी बोले तो मुकदमे, और जब दबंग कब्जा करे तो खामोशी—यह कैसा कानून का राज है? अगर सरकार ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर सच में अमल करती है, तो फिर 2018 से चले आ रहे इस अवैध कब्जे पर अब तक बुलडोज़र क्यों नहीं चला? क्या कानून की धार रसूख के आगे कुंद हो जाती है? सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि यदि रास्ता बंद होने के कारण किसी दिन कोई बड़ा हादसा होता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा—स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन या प्रदेश सरकार? ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि सार्वजनिक रास्ते को तत्काल अतिक्रमण मुक्त कराया जाए और दोषियों के साथ-साथ उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो, जिन्होंने वर्षों तक आंखें मूंदे रखीं। अब सवाल सिर्फ जनापुर का नहीं है, सवाल यह है कि उत्तर प्रदेश में बुलडोज़र न्याय समान है या चयनित? अब देखना यह है कि सरकार इस सवाल का जवाब कार्रवाई से देती है या चुप्पी से।2
- अहमदाबाद में तेज रफ्तार कार ने एक स्कूटी को उड़ा दिया सड़क पर चले तो दाएं बाएं देखकर चलें गलती किसकी है इसका पता सीसीटीवी कैमरे में देखकर पता चल सका है सीसीटीवी फुटेज देखकर खुद ही समझ जाए। एक चीज बोली जाती है “सावधानी हटी दुर्घटना घटी”1