पन्ना टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों पर जानलेवा हमला, सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल पन्ना टाइगर रिजर्व से वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताजनक मामला सामने आया है। वनों की सुरक्षा में तैनात फॉरेस्ट गार्ड और सुरक्षा श्रमिक पर जानलेवा हमला किया गया। अवैध कटाई की सूचना पर मौके पर पहुँची टीम को आधा दर्जन हमलावरों ने घेरकर लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इस हमले में दोनों वनकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए पन्ना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना 26 दिसंबर की रात की है। पन्ना टाइगर रिजर्व की गुमानगंज बीट में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई और इमारती लकड़ी ले जाने की सूचना पर बीट गार्ड दिनेश कुमार चक्रवर्ती और सुरक्षा श्रमिक चेला यादव मौके पर पहुँचे थे। इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने दोनों वनकर्मियों पर अचानक हमला कर दिया। हमले में बीट गार्ड दिनेश कुमार चक्रवर्ती के हाथ में फ्रैक्चर हो गया, वहीं आंख के पास गंभीर चोट आई है। बीच-बचाव करने पहुंचे सुरक्षा श्रमिक चेला यादव के हाथ में कुल्हाड़ी लगने से गहरा जख्म हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अन्य कर्मचारी मौके पर पहुँचे और दोनों घायलों को पहले अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें पन्ना जिला अस्पताल रेफर किया गया। फिलहाल दोनों का इलाज जारी है। मामले में वन विभाग की शिकायत पर चार नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, हालांकि सभी आरोपी घटना के बाद से फरार बताए जा रहे हैं। इधर, लगातार हो रहे हमलों से वनकर्मियों में भारी आक्रोश है। टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील और संरक्षित क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों पर जानलेवा हमला, सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल पन्ना टाइगर रिजर्व से वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताजनक मामला सामने आया है। वनों की सुरक्षा में तैनात फॉरेस्ट गार्ड और सुरक्षा श्रमिक पर जानलेवा हमला किया गया। अवैध कटाई की सूचना पर मौके पर पहुँची टीम को आधा दर्जन हमलावरों ने घेरकर लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इस हमले में दोनों वनकर्मी गंभीर रूप से
घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए पन्ना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना 26 दिसंबर की रात की है। पन्ना टाइगर रिजर्व की गुमानगंज बीट में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई और इमारती लकड़ी ले जाने की सूचना पर बीट गार्ड दिनेश कुमार चक्रवर्ती और सुरक्षा श्रमिक चेला यादव मौके पर पहुँचे थे। इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने दोनों वनकर्मियों पर अचानक
हमला कर दिया। हमले में बीट गार्ड दिनेश कुमार चक्रवर्ती के हाथ में फ्रैक्चर हो गया, वहीं आंख के पास गंभीर चोट आई है। बीच-बचाव करने पहुंचे सुरक्षा श्रमिक चेला यादव के हाथ में कुल्हाड़ी लगने से गहरा जख्म हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अन्य कर्मचारी मौके पर पहुँचे और दोनों घायलों को पहले अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें पन्ना
जिला अस्पताल रेफर किया गया। फिलहाल दोनों का इलाज जारी है। मामले में वन विभाग की शिकायत पर चार नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, हालांकि सभी आरोपी घटना के बाद से फरार बताए जा रहे हैं। इधर, लगातार हो रहे हमलों से वनकर्मियों में भारी आक्रोश है। टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील और संरक्षित क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।
- पन्ना टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों पर जानलेवा हमला, सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल पन्ना टाइगर रिजर्व से वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताजनक मामला सामने आया है। वनों की सुरक्षा में तैनात फॉरेस्ट गार्ड और सुरक्षा श्रमिक पर जानलेवा हमला किया गया। अवैध कटाई की सूचना पर मौके पर पहुँची टीम को आधा दर्जन हमलावरों ने घेरकर लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इस हमले में दोनों वनकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए पन्ना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना 26 दिसंबर की रात की है। पन्ना टाइगर रिजर्व की गुमानगंज बीट में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई और इमारती लकड़ी ले जाने की सूचना पर बीट गार्ड दिनेश कुमार चक्रवर्ती और सुरक्षा श्रमिक चेला यादव मौके पर पहुँचे थे। इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने दोनों वनकर्मियों पर अचानक हमला कर दिया। हमले में बीट गार्ड दिनेश कुमार चक्रवर्ती के हाथ में फ्रैक्चर हो गया, वहीं आंख के पास गंभीर चोट आई है। बीच-बचाव करने पहुंचे सुरक्षा श्रमिक चेला यादव के हाथ में कुल्हाड़ी लगने से गहरा जख्म हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अन्य कर्मचारी मौके पर पहुँचे और दोनों घायलों को पहले अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें पन्ना जिला अस्पताल रेफर किया गया। फिलहाल दोनों का इलाज जारी है। मामले में वन विभाग की शिकायत पर चार नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, हालांकि सभी आरोपी घटना के बाद से फरार बताए जा रहे हैं। इधर, लगातार हो रहे हमलों से वनकर्मियों में भारी आक्रोश है। टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील और संरक्षित क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।4
- अमानगंज नर्मदा वेयरहाउस पगारा में 41.100 किलो किसानों से ली जा रही धान और ग्रेड का ₹60 किशनौ ले रहे हैं किसानों को परेशानी झेलनी पड़ती है और अधिकारी बने मौन क्यों नहीं होगी जांच क्या किसानों को मोटा पैसा देना अनिवार्य है क्या1
- Post by User42881
- #Live_coverage बड़ी खबर | ग्राम ढड़ारी से गंभीर मामला जिला मुख्यालय के समीप ग्राम ढड़ारी में शासकीय भूमि क्रमांक 1207 एवं पहाड़ी क्षेत्र में एमकेसी कंपनी के ठेकेदार द्वारा रात के अंधेरे में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन किए जाने का मामला सामने आया है। 👉 जिस भूमि पर ग्राम पंचायत द्वारा खेल मैदान निर्माण का प्रस्ताव पहले से स्वीकृत है, उसी भूमि से मुरम निकालकर सड़क निर्माण में उपयोग किया जा रहा है। 👉 ग्रामीणों के अनुसार अब तक करीब 600 डंपर मिट्टी निकाली जा चुकी है। 👉 विरोध करने पर ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर काम रुकवाया, जिसके बाद गांव में भारी आक्रोश है। 👉 खनन वाली पहाड़ी पर प्राचीन मंदिर स्थित है और मंदिर से सटी भूमि पर ही खेल मैदान प्रस्तावित था। 👉 अवैध उत्खनन से करीब 40 फीट गहरे गड्ढे बन चुके हैं, जिससे खेल मैदान निर्माण पर संकट खड़ा हो गया है। ❗ ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों ने साफ कहा है कि एमकेसी कंपनी को किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी गई, फिर भी रात में चोरी-छिपे उत्खनन जारी रहा। अब सवाल यह है ❓ 🔹 शासकीय भूमि पर अवैध उत्खनन की अनुमति किसने दी? 🔹 प्रशासन कब करेगा कार्रवाई? 🔹 क्या खेल मैदान और धार्मिक स्थल की सुरक्षा होगी? 📢 ग्रामीणों की मांग – दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो! #ढड़ारी #अवैधउत्खनन #शासकीयभूमि #खेलमैदान #ग्रामीणआक्रोश #MKCCompany #रातमेंखनन #प्रशासनजवाबद 96442899431
- अरावली पर वार! अब क्या होगा? अरावली बची तो हम बचेंगे। #Aravalli #SaveNature #DelhiNCR #AirPollution1
- *चित्रकूट की गुप्त गोदावरी में अवैध वसूली जारी, प्रतिदिन 40–50 हजार की काली कमाई की चर्चा!* चित्रकूट। पवित्र धार्मिक और पर्यटन स्थल गुप्त गोदावरी में अवैध वसूली का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का आरोप है कि नगर परिषद चित्रकूट के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) और गुप्त गोदावरी के प्रभारी की अनदेखी के चलते यहां खुलेआम अवैध वसूली हो रही है। आरोप है कि गुप्त गोदावरी परिसर में अनाधिकृत व्यक्तियों को तैनात कर श्रद्धालुओं को “शॉर्टकट दर्शन” कराने के नाम पर प्रति व्यक्ति 100 से 300 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस अवैध वसूली से प्रतिदिन लगभग 15 से 20 हजार रुपये की कमाई हो रही है, जिसे आपस में बांटा जा रहा है। बताया जाता है कि इस पूरे लेन-देन का हिसाब-किताब संभालने के लिए चित्रकूट का एक व्यक्ति सक्रिय भूमिका निभा रहा है। *पंडों का जबरन चढ़ावा जारी* वहीं, प्रथम गुफा में सीता कुंड क्षेत्र में भी कथित तौर पर कोर्ट परिसर की आड़ में कुछ पंडा किस्म के लोग श्रद्धालुओं से जबरन चढ़ावे के नाम पर वसूली कर रहे हैं। यहां से प्रतिदिन 20 से 25 हजार रुपये तक की राशि निजी हाथों में जाने का आरोप है। श्रद्धालुओं का कहना है कि शासकीय परिसर में बैठकर इस तरह की गतिविधियां बिना किसी डर के की जा रही हैं, जो प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। *सीढी में मूर्ति रख हो रही वसूली* इसके अलावा, पानी वाली गुफा की सीढ़ियों के पास अवैध रूप से एक छोटी मूर्ति स्थापित कर धर्म के नाम पर वसूली किए जाने की भी शिकायतें सामने आई हैं। पानी वाली गुफा के अंदर भी 2 से 3 अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग लोग श्रद्धालुओं से पैसे वसूलते देखे जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर परिषद के वर्तमान सीएमओ इन गतिविधियों पर कार्रवाई करने से बचते नजर आ रहे हैं, जबकि पूर्व सीएमओ के कार्यकाल में इन अवैध गतिविधियों पर काफी हद तक रोक लगाई गई थी। जनता सवाल उठा रही है कि आखिर 40 से 50 हजार रुपये प्रतिदिन की यह कथित अवैध कमाई किसकी जेब में जा रही है और किनके संरक्षण में यह सब हो रहा है। बताया जा रहा है कि इन दिनों गुप्त गोदावरी में प्रतिदिन 9 से 12 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। सामान्य दर्शन में जहां 2 से 3 घंटे का समय लग रहा है, वहीं पैसे देकर मात्र 5 मिनट में दर्शन कराए जाने की शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं। अब सवाल यह उठता है कि पवित्र धार्मिक स्थल पर इस तरह की अवैध वसूली आखिर क्यों और किसके इशारे पर हो रही है? जनता प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है।1
- Satna mein jaam Jaise halat1
- Post by User42881