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Raju Yadav
More news from Prayagraj and nearby areas
- prayagraj se shebu Shah ki report1
- Post by Raju Yadav1
- बिहार के प्रसिद्ध थावे वाली माता के मंदिर में चोरी, मां दुर्गा का सोने का मुकुट लेकर चोर फरार👣💔| #Thawe #थावे #Gopalganj थावे मंदिर थावे मंदिर, बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्ति पीठ है, जो देवी माँ थावे वाली को समर्पित है। यह मंदिर भक्तों के बीच अपनी चमत्कारी शक्ति और मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। #bihar #thawebhawani #thawedurgamandir1
- हेराल्ड मामले में भाजपा कार्यालय का घेराव को लेकर कांग्रेसियों और पुलिस में झड़प1
- कौशाम्बी | बड़ी घटना ग्राम उस्मानपुर में बीती रात अराजक तत्वों ने सत्यम कुशवाहा की इलेक्ट्रिक दुकान में आग लगा दी। आग लगने से दुकान में रखा पूरा इलेक्ट्रिक सामान जलकर राख हो गया। पीड़ित के अनुसार इस घटना में करीब ₹10 लाख का नुकसान हुआ है। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत और आक्रोश का माहौल है। पीड़ित ने थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। 🔥 आगजनी की घटना की जांच शुरू 👮♂️ पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी1
- Post by Jagram1
- सरकारी तालाब पर कब्जे का खेल: लेखपाल की निष्क्रियता से फल-फूल रहे भूमाफिया, प्रशासनिक संरक्षण के गंभीर आरोप सिराथू तहसील क्षेत्र के ग्राम करेटी में सरकारी तालाब की भूमि पर चल रहा अवैध कब्जे का खेल अब प्रशासनिक व्यवस्था की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। गाटा संख्या 265, जो राजस्व अभिलेखों में स्पष्ट रूप से सरकारी जलमग्न (तालाब) भूमि दर्ज है, उस पर दबंग भूमाफियाओं द्वारा खुलेआम कब्जा किया जा रहा है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से जिम्मेदार लेखपाल की भूमिका अब तक पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि सतीश पुत्र रामभवन द्वारा तालाब की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। इस संबंध में लेखपाल और कानूनगो को बार-बार अवगत कराया गया, बावजूद इसके न तो मौके पर कोई सख्त कार्रवाई हुई और न ही कब्जा रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए। इससे ग्रामीणों के बीच यह चर्चा आम हो चली है कि क्या राजस्व अमले की चुप्पी भूमाफियाओं को परोक्ष संरक्षण दे रही है? स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला केवल जमीन कब्जाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी संपत्ति की लूट, पर्यावरण के विनाश और ग्रामीण भविष्य के साथ खिलवाड़ है। तालाब को पाटे जाने से गांव की जल निकासी व्यवस्था चरमरा गई है और आने वाले समय में गंभीर जल संकट की आशंका गहरा गई है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि लेखपाल की भूमिका की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा भूमाफियाओं के साथ-साथ लापरवाह अथवा संदिग्ध भूमिका निभाने वाले अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए। लोगों का साफ कहना है कि यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला प्रशासनिक संरक्षण का जीता-जागता उदाहरण बन जाएगा। अब सवाल प्रशासन के सामने सीधा और तीखा है— सरकारी तालाब बचेगा या लेखपाल की खामोशी में भूमाफियाओं का कब्जा स्थायी रूप ले लेगा?1
- मोर भईया हो तो हो गए हो अगर ना हो गए उनके लिए1