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रमेश सिंह
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- Post by रमेश सिंह1
- राजस्थानी भाषा में कालजयी रचनाकार "सुरेश सोनी सिंथेलियन" का सम्मान राष्ट्रीय कवि चौपाल में जीभ ने जब तर्क छीले,आंख बोली थी अहा। औरत हूं मैं, जग की सृष्टा वृष्टा बन सिखलाती जाना,... रात रात भर जागे यारों बारूदों के ढेरों पे, पौधे अब वृक्ष हुए, वृक्ष बने ठूंठ से.. राष्ट्रीय कवि चौपाल की 548 वीं कड़ी महा कवि, सरस्वती पुत्र, भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को महाकवि को कवि के नमन* समर्पित रही .. आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता में श्री मती इन्दिरा व्यास, मुख्य अतिथि में सुरेश सोनी सिंथेलियन, विशिष्ट अतिथि में डाॅ बसन्ती हर्ष, सरोज भाटी व सरदार अली परिहार आदि मंचासीन हुए आज कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए रामेश्वर साधक ने स्व बौद्धिक में कहा कि यथार्थ साहित्य समर्पित नेतृत्वधारी (नेता) न्यायकारी ही होगा, यथार्थ साहित्यकार में ही राष्ट्र धर्म के मर्म को समझ है, व नेतृत्व करने का अधिकारी भी है, उसका हृदय स्वार्थ राग द्वैष से परे रहकर.. ईश्वरीय कार्य में उद्धत रहता है,... आज की साहित्य सभा की अध्यक्ष इंन्द्रा व्यास ने अटल जी के अनुशासन को कालजयी आदर्श में स्थायित्व हो गये, साथ ही कविता में औरत हूं मैं, जग की सृष्टा वृष्टा बन सिखलाती जाना,... आज के मुख्य अतिथि सुरेश सोनी सिंथेलियन ने काव्य धर्म पर केन्द्रित स्व उद्बोधन के बाद अपनी काव्य रचना "जीभ ने जब तर्क छीले,आंख बोली थी "अहा।" पांख भर पुलकी थी पुतली, न्याय मिलता है कहां ?" शानदार रचना सुनाई... विशिष्ट अतिथि डॉ बसन्ती हर्ष ने ऐसा जीना भी क्या जीना आंतकवाद पर केन्द्रित नव रचना का लोकार्पण किया,.. विशिष्ट अतिथि योद्धा जननी सरोज भाटी ने : तूम नारी नहीं नारायणी हो,.. योद्धा की पत्नी जीवन चर्या पर केन्द्रित नवाचार भरी रचना सुनाई, सरदार अली परिहार : मां म्हारी हे.. थां बिन जीणो दोरो.. थां बिन रेणो दोरो,... इससे पूर्व साधक ने ईश वंदना की आज विशेष कार्यक्रम में राजस्थानी भाषा में कालजयी रचनाकार सुरेश सोनी सिंथेलियन का शाॅल, श्री फल माल्यार्पण के द्वारा सम्मान किया गया, डॉ हरिदास हर्ष : पौधे अब वृक्ष हुए, वृक्ष बने ठूंठ से.. दर्शन भरी रचना से सभी कवि हृदय का मन मोह लिया शिव दाधीच बीकानेरी : रात रात भर जागे यारों बारूदों के ढेरों पे, सीने पर जब गोली खाई भारत मां के बेटों ने।... पम्मी कोचर आचार्य : इधर की बात उधर की बात बनाउं कैसे, उन बातों बिना रिश्ते रिझाऊं कैसे,.. लीलाधर सोनी : सजग रहना वीर सिपाही सरहद आठों प्रहर, सरहद आठों प्रहर बरसादो दुश्मनों पे कहर, कैलाश टाक : जहां मौत का है, तांडव वहां जीना भी कोई जीना है। खतरे में है हिन्दू, महफूज यहां हसीना हैं।।... जुगल किशोर पुरोहित : इस जमीं पर थे अटल जी, वीरता की शान थे, थे रत्न इस देश के, वीरता की शान थे राजकुमार ग्रोवर : अटल जी का निर्मल मन था, निर्मल धन था, कार्य उनका कविता लेखन था, उनका घर जनता का मन था,... कृष्णा वर्मा : राष्ट्र नव निर्माण की नींव धरी समभाव, सामंजस्य की बनाई नई मिसाल मधुरिमा सिंह : भारत की राजनीति के, व्योम के पटल के, ध्रुव तारा चमक उठा एक सितारा,... के के व्यास : ता उम्र मिल सके नहीं, कयामत तक मेरी जरूरत बाकी है, .. हरिकिशन व्यास : हे नो जवानों देश ने गीत गाया है, बढ़ते चलो बढ़ते चलो, पैगाम आया है, सिराजुद्दीन भुट्टा : नव वर्ष 2026 की दें शुभकामनाएं, सद् व्यवहार में सबको रिझांएं,.. कैलाश चारण देशनोक : संसार है एक नदियां सुख दूख दो किनारे है गीत सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया आज कार्यक्रम में 20 साहित्य वृंद ने नव रचना का लोकार्पण किया कार्यक्रम में घनश्याम सोलंकी, महेश हर्ष, भवानी सिंह, साकिर पत्रकार, परमेश्वर सोनी, छोटू खां, नत्थू, बृज गोपाल सोनी, शिव प्रकाश शर्मा, आदि कई गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन रसीले - चुटिले अंदाज में मय दृष्टांत शेरों शायरी के साथ शिव प्रकाश दाधिच बीकानेरी ने किया, जबकि आभार साधक ने व्यक्त किया1
- पुराने सिक्के बेचने-खरीदने के लिए बीकानेर में उमड़ा जनसैलाब1
- jodhpur :- जोधपुर से बड़ी खबर, जोधपुर के सुरपुरा बांध रोड़ नंदपुरी बस स्टैंड पर सांवरिया पानी पुरी भेलपुरी की लारी पर अब चाट भी मिलने लग गयी हैं ।1
- Post by Salim painter1
- सड़क पर पड़ा मिला ब्लड सैंपलिंग की शीशी यों से भरा थेला CMHO जिला फलोदी ने फोन पर दी जानकारी फलोदी के निकट एनएच 11 हिंडाल गोल सड़क मार्ग का मामला।1
- बाली की सरज़मीं पर ख्वाजा गरीब नवाज़ के 814वें उर्स पर अज़ीमुशान नातिया जलसा आयोजित। बाली। पाली बाली। अजमेर शरीफ के ख्वाजा गरीब नवाज़ के 814वें उर्स के मुबारक मौके पर बाली की सरज़मीं पर शनिवार रात नमाज़-ए-ईशा के बाद एक अज़ीमुशान नात, मनकबत व शेरो-शायरी का कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह भव्य आयोजन मौला अली कमेटी बाली की ओर से अकरम खांजी की गली, बाल उद्यान के पास रखा गया, जिसमें बड़ी शानो-शौकत के साथ श्रद्धालुओं की मौजूदगी रही। जलसे का आगाज़ जमा मस्जिद के पेश इमाम हज़रत मौलाना सिराजुद्दीन अशरफी ने कुरान-ए-पाक की तिलावत से किया। इसके पश्चात बाली के मशहूर नातख्वां सैयद इम्तियाज अली एवं सैयद इमरान अली ने ख्वाजा गरीब नवाज़ की शान में नात-ए-पाक पेश कर माहौल को रूहानी बना दिया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए नामी नातख्वानों ने शिरकत की। हिम्मतनगर (गुजरात) से आए महमूद-ए-मुस्तजाब साहब, जनाब मेहबूब साहब, बुलबुले मुस्तजाब जनाब मोईनुद्दीन साहब, गुजरात से नक़ीब-ए-हिंदोस्तान ज़ीशान बरकाती साहब तथा मुंबई से बुलबुले बाग़-ए-मदीना सलमान रज़ा अशरफी ने अपने कलाम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। नातिया कलाम के माध्यम से हज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सीरत, अली शेर-ए-ख़ुदा, गौस-ए-पाक एवं ख्वाजा गरीब नवाज़ की शान को बेहद खूबसूरत अंदाज़ में बयान किया गया। नातों और मनकबत के दौरान मुस्लिम समाज के लोग झूम उठे। मौला अली कमेटी के सदस्यों के नेतृत्व में नारे-ए-तकबीर, नारे-ए-रिसालत और अली हैदर के गगनभेदी नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। आयोजन में बड़ी संख्या में अकीदतमंदों की मौजूदगी रही और अंत में मुल्क में अमन-चैन व खुशहाली की दुआ की गई।4
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