हिंदी दिवस: हमारी राष्ट्रीय भाषा का गौरव
हिंदी दिवस (Hindi Diwas) भारत में हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व को सबके सामने लाना और इसे प्रोत्साहित करना है। इस दिन का महत्व इसलिए है क्योंकि 1949 में भारत संघ में हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकृति दी गई थी।
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हिंदी भाषा का उत्थान संस्कृत से हुआ। संस्कृत हिंदी की मूल भाषा है और हिंदी व्याकरण और शब्दावली में संस्कृत के प्रभाव को दिखाया जा सकता है। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए देवनागरी लिपि का प्रयोग किया जाता है, जिसका उपयोग वेदों से लेकर पुराणों और भारतीय साहित्य में किया जाता है। यह लिपि हिंदी की शिक्षा, संचालन, और सार्थक संवाद के लिए महत्वपूर्ण है। हिंदी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आधिकारिक तौर पर हिंदी भाषा को स्वतंत्रता संग्राम के एक और उपकरण के रूप में उठाया गया और हिंदी के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम की सार्थकता को बढ़ावा दिया गया।
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हिंदी दिवस का महत्व:
राष्ट्रीय एकता का प्रतीक:
हिंदी दिवस राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है, क्योंकि यह भारत में कई भाषाओं और क्षेत्रों से लोगों को एक साथ जोड़ता है।
हिंदी की प्रमोशन:
इस दिन के जरिए हिंदी की प्रमोशन और बढ़ावा दिया जाता है, जिससे यह बढ़ती हुई भाषा के रूप में अपनी गुणवत्ता और महत्व को स्थायी प्राप्त करती है।
भाषा समृद्धि का संकेत:
हिंदी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारी भाषा हमारी सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें इसका संरक्षण करना है।
सार्थक संवाद की स्थापना:
हिंदी की समझ और बोलचाल करने के माध्यम से भाषा के माध्यम से सार्थक संवाद की स्थापना करने का अवसर प्राप्त होता है, जिससे समृद्धि और सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है।
शिक्षा का साधन:
हिंदी भाषा का महत्व शिक्षा के क्षेत्र में भी है, क्योंकि इसके माध्यम से बच्चों को शिक्षा दी जाती है और वे अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
हिंदी दिवस के इस महत्वपूर्ण दिन पर, हम सभी को हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी के महत्व को समझने और साझा करने का अवसर मिलता है। हिंदी हमारे देश की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है और यह भारतीय समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्से की प्रतीति करती है।
हिंदी दिवस के मौके पर हमें हिंदी के महत्व को समझने के साथ-साथ हमें इसे बढ़ावा देने का काम भी करना चाहिए। हमें हिंदी को सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि एक संवैधानिक और सांस्कृतिक अरूप के रूप में देखना चाहिए, जिसमें हमारे देश के विविध क्षेत्रों के लोग एक साथ आने का बाध्य होते हैं। हिंदी की सशक्ति केवल भाषा के क्षेत्र में ही नहीं है, बल्कि यह हमारे एक एक नागरिक की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा भी है।
इस हिंदी दिवस पर, हम सभी को हिंदी के प्रति और अपनी भाषा के प्रति समर्पित रहने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हम इसे और भी महत्वपूर्ण बना सकें। हमारे देश की भाषा के महत्व को समझने और इसे समर्थन देने के साथ, हम अपने आस-पास के लोगों को भी हिंदी का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।