हिमाचल प्रदेश मंडी भाव फसल का सही दाम तय करता है, इसलिए किसानों और व्यापारियों को इसकी जानकारी होना बेहद ज़रूरी है। पहाड़ों की गोद में बसा यह राज्य सेब, आलू, मटर और अदरक जैसी फसलों के लिए मशहूर है। हिमाचल प्रदेश की लगभग 79% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। ऐसे में मंडियों का महत्व और बढ़ जाता है। मंडी, कुल्लू, और सोलन जैसी मंडियां यहाँ के किसानों को पारदर्शी मूल्य जानने में मदद करती है। जैसे-जैसे मौसम बदलता है, हिमाचल प्रदेश में फसलों की कीमतों में भी अंतर आने लगता है; जैसे- सेब की फसल, जो दिसंबर से शुरू होकर जुलाई-अगस्त तक बाज़ार में आती है, और गर्मियों का सीजन आने तक इसकी कीमत बढ़ जाती है। वहीं, सर्दियों के मौसम में मटर और फूलों की मांग बढ़ जाती है। इसलिए इनके भाव में उछाल आता है। शुरू ऐप (Shuru App) पर आप इन रुझानों को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं।
| सामान | न्यूनतम मूल्य (Rs./क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (Rs./क्विंटल) | मंडी | प्रकार | अंतिम अपडेट | संपर्क करें |
|---|---|---|---|---|---|---|
| ख़ुरमा (जापानी फाल) | ₹7000 | ₹10000 | कांगड़ा(जयसिंहपुर) | अन्य | 28 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
| बादाम | ₹10000 | ₹15000 | शिमला | बादाम | 28 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
| नींबू | ₹5000 | ₹6000 | कांगड़ा | अन्य | 28 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
| शकरकंद | ₹3000 | ₹3500 | पीएमवाई ऊना | शकरकंद | 28 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
| स्पंज लौकी | ₹4500 | ₹5000 | कांगड़ा | अन्य | 28 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
| आड़ू | ₹4000 | ₹8000 | कांगड़ा | अन्य | 28 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
| पत्तेदार सब्जी | ₹700 | ₹1500 | मंडी (मंडी) | पत्तीदार शाक भाजी | 30 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
| जैक फल | ₹6000 | ₹7000 | एक प्रकार का हंस | जैक फल | 29 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
| स्क्वैश (चप्पल कडू) | ₹1000 | ₹1500 | धनोटू (मंडी) | अन्य | 30 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
| भारतीय बीन्स (सीम) | ₹2800 | ₹3200 | कांगड़ा(जयसिंहपुर) | भारतीय बीन्स (सीम) | 29 दिसंबर 2025 | डाउनलोड करें |
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हिमाचल प्रदेश में मंडी में नीलामी की प्रक्रिया पारदर्शी होती है। किसान अपनी फसल को मंडी यार्ड में लाते हैं और आढ़ती या मंडी सचिव से एंट्री स्लिप बनवाते हैं। इसके बाद मंडी परिसर में बोली लगाई जाती है। व्यापारी, आढ़ती की मदद से बोली लगाते हैं और अलग-अलग व्यापारी अपनी-अपनी कीमत बोलते हैं। जिस व्यापारी ने सबसे ऊँची बोली लगाई होती है, उसे किसान की उपज बेच दी जाती है। इसके बाद तौल होती है, रसीद बनती है और भुगतान तय समय में किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया पर APMC (Agricultural Produce Market Committee) के कर्मचारी नजर रखते हैं, ताकि किसी भी तरह की धांधली न हो।
हिमाचल प्रदेश बागवानी और सब्ज़ियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की मंडियों में सबसे ज्यादा सेब बिकते हैं, जो राज्य की प्रमुख नकदी फसल है। इसके अलावा टमाटर, जो सोलन और कांगड़ा जैसे जिलों में बड़ी मात्रा में होता है, मंडी में सबसे अधिक बिकता है। मटर, शिमला मिर्च, फूलगोभी, बंदगोभी और अदरक जैसी सब्ज़ियाँ भी खूब बिकती हैं। लहसुन और अदरक की आपूर्ति पहाड़ी क्षेत्रों से पंजाब, दिल्ली जैसे बड़े बाजारों में होती है, इसलिए इनका भी मंडियों में बड़ा हिस्सा रहता है।
अगर मंडी यार्ड में रखा हुआ माल किसी प्राकृतिक आपदा, भारी बारिश, आगजनी या अन्य आकस्मिक दुर्घटना से खराब हो जाता है तो किसान को नुकसान की भरपाई के लिए APMC के तहत बीमा योजना या मंडी निधि से आंशिक मुआवजा दिया जा सकता है। इसके लिए किसान को मंडी सचिव के पास आवेदन करना होता है और नुकसान का निरीक्षण मंडी अधिकारी द्वारा किया जाता है। इसके बाद तय नियमों के अनुसार कुछ प्रतिशत मुआवजा भुगतान किया जाता है।
हिमाचल प्रदेश की मंडियों में अधिकतर लेन-देन पारदर्शी तरीके से किया जाता है। किसान बोली लगने के बाद आढ़ती या व्यापारी से मंडी रसीद प्राप्त करते हैं। यह रसीद तौल और रेट का प्रमाण होती है। उसके आधार पर किसान को भुगतान नकद, RTGS या बैंक ट्रांसफर से मिल जाता है। बड़ी मात्रा में फसल बेचने पर व्यापारी आमतौर पर बैंक ट्रांसफर को ही प्राथमिकता देते हैं। कई मंडियों में भुगतान की अधिकतम अवधि भी तय होती है, जैसे 7 दिन या 14 दिन के अंदर भुगतान अनिवार्य है।
हिमाचल की मंडियों में किसानों को अपनी फसल मंडी यार्ड तक लाने के लिए ठेला, पिकअप, जीप या ट्रैक्टर का उपयोग करना पड़ता है। इस पर मंडी द्वारा कोई अलग टैक्स नहीं लिया जाता है। केवल फसल पर मंडी शुल्क (आमतौर पर 1% से 2%) ही लगता है, जो फसल की कुल कीमत के हिसाब से होता है। हाँ, कुछ जगहों पर नगर निगम या ग्राम पंचायत सीमा में प्रवेश शुल्क लग सकता, जो परिवहन वाहन के हिसाब से लिया जाता है।
आप Shuru ऐप पर हिमाचल प्रदेश की बिलासपुर और बिलासपुर, हमीरपुर, एसएमवाई बैजनाथ, पीएमवाई बिलासपुर, पांवटा साहिब मंडियों में ख़ुरमा (जापानी फाल) की कीमत काफ़ी आसानी से चेक कर सकते हैं। हमारी लिस्ट दिसंबर 2025 को अपडेट की गई है और ख़ुरमा (जापानी फाल) का भाव ₹10000.00 प्रति क्विंटल है।
हिमाचल प्रदेश की मंडियां, जैसे बिलासपुर मंडी और इसके आसपास की बिलासपुर, हमीरपुर, एसएमवाई बैजनाथ, पीएमवाई बिलासपुर, पांवटा साहिब मंडियां किसानों को उनकी फसलों, जैसे ख़ुरमा (जापानी फाल), के लिए सही कीमत दिलाने में मदद करती है। Shuru ऐप आपको किसी भी फसल जैसे ख़ुरमा (जापानी फाल) के ताजा भाव के बारे में बताता है, जो e-NAM डेटा पर आधारित हैं। यह किसानों को व्यापारियों से जोड़ता है और बिक्री का सही समय चुनने में आपकी मदद करता है। हिमाचल प्रदेश की मंडियां डिजिटल व्यापार को बढ़ावा देती हैं, जिससे किसान अपने मुनाफे को अधिकतम कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश की मंडियों, जैसे बिलासपुर और बिलासपुर, हमीरपुर, एसएमवाई बैजनाथ, पीएमवाई बिलासपुर, पांवटा साहिब, में ख़ुरमा (जापानी फाल) की कीमतें मांग, आपूर्ति, और परिवहन लागत के कारण बदलती हैं। आज दिसंबर 2025 को ख़ुरमा (जापानी फाल) की कीमत 10000.00/क्विंटल है, और यह कल बदल सकती है। आप अपने हिसाब से अलग-अलग मंडियों में Shuru ऐप से कीमतों की तुलना भी कर सकते हैं।
e-NAM पोर्टल के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में कुल 73 मंडियां है।