पब्लिक लोकल न्यूज़ शुरू ऐप्प ला रहा है इंडियन न्यूज़ में डिजिटल क्रांति - जाने कैसे।
दुनिया बोहोत तेज़ी से बदल रही है। युथ लोकल अख़बार नहीं पढता, युथ टीवी पर न्यूज़ भी नहीं देखता - तो क्या युथ को न्यूज़ नहीं जाननी ? पब्लिक लोकल न्यूज़ शुरू ऐप्प के किये हुए एक सुर्वे के अनुसार, भारतीय युथ न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम जैसे व्हाट्सप्प, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से सबसे ज़्यादा उपभोग कर रहा है।
आप माने या ना माने, हमारे सर्वे के अनुसार व्हाट्सप्प स्टेटस और ग्रुप्स के माध्यम से ९८% पब्लिक न्यूज़ प्राप्त कर रही है, फेसबुक के माध्यम से ५३%, इंस्टाग्राम के माध्यम से ३४%, और ट्विटर के माध्यम से ९%। जब लोगो से पूछा गया की क्या वह न्यूज़ पेपर या टीवी के माध्यम से न्यूज़ सुनते है, उनके उत्तरो के हिसाब से सिर्फ १३% ऐसी पब्लिक है जिन्होंने महीने मे एक या अधिक बार अख़बार हाथ में लिया और १७% ने कहा की उन्होंने चलते फिरते टीवी पर न्यूज़ देखी।
व्हाट्सप्प सबसे बड़ा न्यूज़ चैनल बन चूका है, जी हा। लेकिन सोचने वाली बात यह है की क्या एडवरटाइजर इस बात को समझ पाया है - जी नहीं, हमारे सर्वे के हिसाब से ब्रांड्स और छोटे व्यापारियों को लगता है न्यूज़ पेपर और टीवी ही सबसे बड़े न्यूज़ डिस्ट्रीब्यूटर है।
इस सर्वे के बाद हमने दूसरा कंस्यूमर रिसर्च किया जिसमे यह सामने आया की टीवी देखने वाले बड़े एरिया मे फैले हुए है इसलिए टीवी न्यूज़ प्रोडूसर्स सिर्फ ऐसी ही न्यूज़ दिखला पाते हो जो नेशनल हो या एक प्रदेश की हो। उसी तरह अखभार छप कर कुछ डिस्ट्रिक्ट मे बटता है, जिसकी वजह से वह गांव या तहसील की लोकल न्यूज़ को अच्छे से नहीं कवर कर पाते। ऐसा करने पर दूसरे गांव के लोग बोरियत महसूस करेंगे। रिसर्च से यह सामने आया की लोकल न्यूज़ आदान प्रदान करना बोहोत मुश्किल है।
व्हाट्सप्प, जो की न्यूज़ जानने का सबसे बढ़ा तरीका है उस पर प्रश्न करने पर ढेरो समस्याए सामने आई। पहली, खबर आने का निश्चित समय नहीं है, तो जब आप चाहे तब आप को न्यूज़ नहीं मिलती। दूसरी समस्या, फ़ोन नंबर नेटवर्क की सीमितता। हर व्यक्ति का नेटवर्क अलग है और उसी के अनुसार खबरे, फॉरवर्ड्स और मनोरंजन के वीडियोस मिलते है। तीसरी समस्या है न्यूज़ की वैद्यता, लोग अक्सर बकवास और फ़र्ज़ी न्यूज़ और ज्ञान को व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी माध्यम बता कर व्यंग्य करते है - इससे यह साफ़ प्रतीत होता है की व्हाट्सप्प न्यूज़ का बड़ा डिस्ट्रीब्यूटर तो है, परन्तु बोहोत मज़बूत नहीं।
इसी आधार पर पब्लिक लोकल न्यूज़ शुरू एप्प द्वारा बेहतरीन लोकल सोशल नेटवर्क बनाया गया। इस एप्प पर आपके जुड़ते ही आप की लोकेशन आपसे पूछी जाती है और इसी के आधार पर आप दुसरो से जुड़ जाते है। एक गांव के सभी लोग एक कुटुंब की तरह है जिनकी बोहोत सारी ज़रूरते होती है। जैसे की जानकारी लेना देना, क्षेत्रीय न्यूज़ देखना, मदद ढूंढ़ना, नेताओ से जुड़ना, अपने एरिया में जॉब ढूंढ़ना, अपने आस पास सामन या सर्विस बेचना। शुरू एप्प पर एहि सब हो प् रहा है - लोग अपनी प्रोफाइल बना कर फोटो, टेक्स्ट, वीडियो या बोल कर अपनी बात अपने करीब के लोगो तक पोहोचा रहे है। लाइव वीडियो के माध्यम से बोहोत सारे लोकल रिपोर्टर अपने एरिया की न्यूज़ सबसे तेज़ पोहोचा रहे है। वीडियो लाइव होने के कारन न्यूज़ फेक होने का तो सवाल ही नहीं उठता, लोकल न्यूज़ की क्वालिटी भी सबसे बेहतरीन है कुकी यह रिपोर्टर उसी क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा है - तो जवाबदारी पूरी है।
शुरू एप्प के माध्यम से ना सिर्फ न्यूज़, आप सभी लोकल दुकाने अच्छे से खोज पाते है। सभी लोकल दुकानों, सरकारी अफसर, और विभिन्न सर्विस प्रोवाइडर्स के नंबर पब्लिक लोकल न्यूज़ शुरू एप्प पर उपलब्ध है। साथ ही साथ यह भी देखा जा रहा है की लोग मिल झूल कर बात चीत करके अपनी क्षेत्र की समस्याओ को सुलझा रहे है और आला अफसरों तक अपनी बात पोहोचा रहे है।
सबसे बढ़िया यह बात है की इस एप्प पर फेसबुक और इंस्टाग्राम की तरह आप को दूसरे व्यक्ति को पहले से जानने की ज़रूरत नहीं है, इससे आप अपने एरिया मे नए दोस्त या ग्राहक आसानी से बना सकते है।