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Online दुनिया आज सबसे बड़ा मौका है। अगर आप अपनी Income बढ़ाना चाहते हैं और Personal Brand बनाना चाहते हैं—तो सही System ज़रूरी है। मैंने Zero से शुरू किया और Consistency ने मुझे Growth, Leads और Team दी। अगर आप भी Digital में Grow करना चाहते हैं—तो Comment करें START या DM करें INFO.
Deenanath @official
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More news from Uttar Pradesh and nearby areas
- Post by Janta ki awaz 6471
- कानपुर के पुलिस वाले कर रहे मासूम जनता पर अत्याचार। मासूम बाप चीखता रहा चिल्लाता रहा आदेश सब बच्चे को लग जायेगा बच्चों को लग जायेगा उत्तर प्रदेश के पुलिस को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का डर नहीं रहा पुलिस वालों को आपको बताते चले कि यह पूरा मामला कानपुर के अकबरपुर थाना क्षेत्र का है।1
- *ब्रेकिंग लखनऊ* जनता के लिए मुसीबत बन रही हैं रोड़ किनारे लगी दुकानें। राजधानीं लखनऊ के थाना चौक अंतर्गत कुड़िया घाट वाली रोड़ पर लगा घंटों जाम। जाम में घंटों तक लोगों को खड़ा हो कर करना पड़ा इंतज़ार,जाम में एम्बुलेंस भी फँसी नज़र आई। फुटपाथ पर लगाये बेच रहे जैकेट की दुकानों की वजह से लोगों को घंटों खड़ा रहना पड़ा। जिसकी कल खबर चलने के बाद भी दुकानदारों पर नहीं पड़ा कोई फर्क। आख़िर किसकी सरपरस्ती में लग रही हैं ये दुकानें जिसकी वजह से जनता को करना पढ़ता है जाम का सामना। रोड़ किनारे लगी दुकानों की वजह से पूरा चौराहा जाम हो जाता है। अब देखने वाली बात ये होगी की पुलिस रोड़ पर लगी दुकाने हटवाती हैं,या फिर इसी तरह से जनता को जाम से हर रोज़ ख़ुद ही लड़ना पड़ेगा। *संवाददाता अनुराग द्विवेदी MAA ANANDI NEWS*1
- अयोध्या जिले की रामनगरी में नयाघाट पर सरयू स्नान को आने वाली महिलाओं के लिये कपड़े बदलने के लिए बनाया गया कमरा बना समान रखने का स्टोर रूम,रामनगरी में महिला सशक्तिकरण के नारे व महिला सुरक्षा को ठेंगा दिखाता हुआ युवक महिलाओं के स्नान के बाद कपड़े बदलने के कमरे को निडरता से बेझिझक सामान रखने का स्टोर रूम बनाता दिखा,अन्य कई कमरे को सामान रखने का स्टोर रूम बनाए जाने की खबर है,महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए बने कमरों"की व्यवस्था व देखरेख लगे लोग बेखबर दिखे, महिलाओं के कपड़े बदलने के कमरे किसके संरक्षण में स्टोर रूम बनाए जा रहे है, कमरे में किसका सामान स्टोर हो रहा हैऔर क्यों,जिम्मेदार मौन,महिलाएं बाहर स्नान के बाद कपड़े बदलने को मजबूर।1
- देवा महादेवा के तर्ज पर आयोजित पलिया विराट पशु मेला का शुभारंभ मेला में मनोरंजन के कई साधन होंगे उपलब्ध बाराबंकी। जनपद के तहसील हैदरगढ़ के सुबेहा क्षेत्र में पलिया पशु मेला एवं नुमाइश का सोमवार को शुभारंभ हुआ। देवा महादेवा महोत्सव की तर्ज पर आयोजित इस मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि महंत कृष्णानंद भारती और क्षेत्रीय विधायक दिनेश रावत ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि रामदेव सिंह, नगर अध्यक्ष सुबेहा देवीदीन रावत, चौधरी हुमायूं हुसैन, हैदरगढ़ चेयरमैन आलोक तिवारी, प्रधान प्रतिनिधि अनिल सिंह, मनोज मिश्रा और मंडल अध्यक्ष सुबेहा रणवीर सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पलिया पशु मेला के प्रबंधक जावेद आलम ने बताया कि यह मेला 30 दिसंबर तक चलेगा। मेला प्रबंधक जावेद आलम ने सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन का सहयोग लिया जा रहा है। मेला कमेटी ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। जिसमें जगह-जगह स्वयंसेवकों की तैनाती और सीसीटीवी कैमरे शामिल हैं। बाहर से आने वाले व्यापारियों और आगंतुकों के लिए भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। जावेद आलम ने बताया कि मेले में 24 और 25 दिसंबर को कुश्ती के मुकाबले आयोजित होंगे। इनमें सुविख्यात पहलवान जावेद गनी का मुकाबला भूटान के चिम चिम डोगरा से होगा। इसके अतिरिक्त, पहलवान मौसम अली और देवा थापा के बीच भी एक रोमांचक कुश्ती देखने को मिलेगी। मेले में उच्च प्रजाति के दुधारू पशु आकर्षण का केंद्र होंगे। इनमें अमृतसर की नस्लदार गायें, पंजाब की पड़िया और हरियाणा की भैंसें शामिल हैं। काबुल के बलूथरा नस्ल के घोड़े और उनके बच्चे, साथ ही जयपुर के बकरी के बच्चे भी यहां खरीद-फरोख्त के लिए उपलब्ध होंगे। मनोरंजन के लिए मौत का कुआं, नाच नौटंकी किस्सा और सर्कस भी मेले का हिस्सा होंगे। इसके अलावा,सहारनपुर के प्रसिद्ध फर्नीचर की दुकानें और तिब्बत के ऊनी वस्त्र भी यहां उपलब्ध होंगे। आपको बता दें कि मेला प्रबंधक जावेद आलम ने मेले में आए मुख्य अतिथि महंत कृष्णानंद भारती, व क्षेत्रीय विधायक दिनेश रावत का अंगवस्त्र भेंट देकर सम्मानित किया और उनका आभार व्यक्त किया। इस मौके पर प्रभारी निरीक्षक कृष्णकांत सिंह पुलिस बल के साथ सुरक्षा में मुस्तैद रहे।3
- आज अपने वार्ड में जनता जनार्दन को ट्राई साइकिल एवं विशाल कंबल वितरण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपका सेवक आशीष श्रीवास्तव सभासद।1
- Online दुनिया आज सबसे बड़ा मौका है। अगर आप अपनी Income बढ़ाना चाहते हैं और Personal Brand बनाना चाहते हैं—तो सही System ज़रूरी है। मैंने Zero से शुरू किया और Consistency ने मुझे Growth, Leads और Team दी। अगर आप भी Digital में Grow करना चाहते हैं—तो Comment करें START या DM करें INFO.1
- Post by Janta ki awaz 6471
- ब्लॉक टोडरपुर की ग्राम पंचायत बजरिया में मनरेगा घोटाले का खुलासा,साढे 5 लाख की लागत से निजी खेतों में बने तालाब कागजों तक सीमित हरदोई। ब्लॉक टोडरपुर की ग्राम पंचायत बजरिया में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कराए गए कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। निजी खेतों में तालाब खुदाई के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया, लेकिन मौके पर तालाब की जगह आज भी धूल उड़ती नजर आ रही है। तीन तालाबों के निर्माण में करीब साढ़े पांच लाख रुपये खर्च दिखाए गए, जबकि जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में ग्राम पंचायत बजरिया में पूर्व प्रधान द्वारा एक ही परिवार के तीन सगे भाइयों के खेतों में तालाब खुदाई का कार्य दिखाया गया। पहला तालाब कौशल किशोर पुत्र मगरे लाल के खेत में बनाया जाना दर्शाया गया,जिसकी लागत एक लाख 83 हजार 915 रुपये बताई गई। दूसरा तालाब प्रमोद कुमार पुत्र मगरे के खेत में दिखाया गया,जिस पर एक लाख 83 हजार 341 रुपये खर्च होने का उल्लेख है। तीसरा तालाब देशराज पुत्र मगरे के खेत में दर्शाया गया, जिसकी लागत एक लाख 74 हजार 870 रुपये दिखाई गई। इन तीनों कार्यों पर कुल मिलाकर लगभग साढ़े पांच लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया। हैरानी की बात यह है कि जिन खेतों में तालाब निर्माण दर्शाया गया है, वहां आज भी किसी प्रकार का तालाब मौजूद नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार,न तो कभी खुदाई मशीनें आईं और न ही मजदूरों ने वहां काम किया। केवल कागजों में तालाब खुदाई दिखाकर सरकारी धन का गबन कर लिया गया। खेतों में जहां तालाब होना चाहिए, वहां समतल जमीन और उड़ती धूल इस कथित विकास कार्य की पोल खोल रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस पूरे घोटाले को अंजाम तत्कालीन ग्राम प्रधान और तत्कालीन ग्राम सचिव की मिलीभगत से दिया गया। मनरेगा के नाम पर मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाई गई, मस्टर रोल तैयार किए गए और बिना काम कराए भुगतान करा लिया गया। जिन लाभार्थियों के नाम पर तालाब दिखाए गए, वे सभी आपस में सगे भाई हैं, जिससे पूरे प्रकरण पर सवाल और गहरे हो जाते हैं। मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराना और जल संरक्षण जैसे कार्यों को बढ़ावा देना है, लेकिन बजरिया ग्राम पंचायत में इस योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया। तालाब निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्य,जो किसानों और गांव के लिए जीवनरेखा साबित हो सकते थे,केवल फाइलों तक सीमित रह गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई तो ऐसे घोटाले आगे भी होते रहेंगे। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और उच्चाधिकारियों से मांग की है कि पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और गबन की गई धनराशि की रिकवरी की जाए। अब देखना यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं। यदि जांच हुई तो न केवल ग्राम पंचायत स्तर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठेंगे, बल्कि मनरेगा योजना के क्रियान्वयन की सच्चाई भी सामने आएगी। फिलहाल बजरिया ग्राम पंचायत में मनरेगा के नाम पर उड़ रही धूल सरकारी तंत्र की लापरवाही और भ्रष्टाचार की गवाही दे रही है।1